Oct 1-10 2014 Hindi

10-NOV-2014

भारत और भूटान ने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 7 नवंबर 2014 को सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और भूटान नरेश ने थिम्पू में इस संबंध में सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किये. भारत के राष्ट्रपति भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर गए थे. पिछले 26 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली भूटान यात्रा है.

सहमतिपत्रकीमुख्यविशेषताएं

  • सहमति पत्र के अनुसार अंतरराष्ट्रीय संस्था के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय के उद्देश्यों और कार्यों में लिंग, जाति, धर्म, विकलांगता, नस्ल या सामाजिक, आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बगैर एक साथ सभी देशों से प्रतिभाशाली और समर्पित छात्रों को शिक्षा देना सर्वोपरि लक्ष्य होगा.
  • समझौते के अनुसार, नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में राजगीर में स्थापित किया जाएगा और डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र प्रदान करने में समर्थ होगा.
  • यहाँ शिक्षा एशियाई समुदाय को विकसित करने पर केंद्रित होगी. जहाँ हर छात्र की बौद्धिक क्षमता को विकसित किया जा सकेगा.
  • समझौते के अनुसार, भारत अध्ययन या विश्वविद्यालय में काम करने हेतु भारत की यात्रा के लिए छात्रों, संकाय और स्टाफ के लिए उपयुक्त वीजा प्रदान करेगा. विश्वविद्यालय की स्थापना और संचालन के लिए धन का प्रबंध स्वैच्छिक दान के आधार पर किया जाएगा.

उपराष्ट्रपतिडॉ.एम.हामिदअंसारीने ‘मातृभूमि’ दिल्लीपुस्तकमेलेकाउद्घाटनकिया

10-NOV-2014

उप राष्ट्रपति डॉ. एम.हामिद अंसारी ने 9 नवंबर 2014 को 'मातृभूमि’ दिल्ली पुस्तक मेले का उद्घाटन किया. इसका आयोजन केरल के मातृभूमि प्रकाशन समूह ने ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी और संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से किया.

मातृभूमि की ओर से इस पुस्तंक मेले में विभिन्नी प्रकाशकों के 10000 टाइटि‍ल लाए गए. जिनमें मलयालम एवं अंग्रेजी भाषा की पुस्तकों की संख्या सवाधिक रही.

एंटीबायोटिकदवाओंकीजगहलेनेकेलिएवैज्ञानिकोंनेएकनईदवास्टाफेफेक्टबनाई

10-NOV-2014

पहली बार वैज्ञानिकों ने एंटीबायोटिक के विकल्प के दौर पर एक एंटीबायोटिक मुक्त दवा बनाई है. इस दवा का नाम स्टाफेफेक्ट (Staphefekt) रखा है. यह नई दवा MRSA (मिथिसिलीन– रोधी स्टाफिलोकोक्कस ऑरियस) जैसे एंटीबायोटिक्स– रोधी सुपरबग्स का मुकाबला करने में मदद करेगी.

अध्ययन में यह देखा गया कि यह दवा त्वचा संक्रमण वाले छह में से पांच मरीजों में MRSA को खत्म करने में कामयाब रही.

स्टाफेफेक्ट (Staphefekt) के बारे में

स्टाफेफेक्ट वायरस द्वारा उत्पादित प्राकृति एंजाइम एंडॉल्सिन्स पर आधारित है और यह संक्रमण पर एंटीबायोटिक्स की तुलना में अलग तरह से आक्रमण करता है. एंटीबायोटिक्स दवाओं के इतर, यह हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट नहीं करता. इंडॉल्सिन्स (एंजाइम) प्रकृति में मौजूद है लेकिन वैज्ञानिकों ने इसकी एक संशोधित संस्करण को बनाया है जो कि बिट को जोड़ता है जो कि दूसरे बिट के साथ बैक्टीरिया को बांधने में सर्वश्रेष्ठ है इसलिए यह उसे मारने में भी सर्वश्रेष्ठ हो जाता है.

परंपरागत एंटिबायोटिक्स को काम करने के लिए कोशिका के भीतर पहुंचना होता था और MRSA जैसे कुछ बैक्टीरिया ने अभेद्य झिल्ली विकसित कर ली थी ताकि वह कम प्रभावी हो जाए. इसके अलावा, इंडॉल्सिन्स के एंटीबायोटिक्स की तुलना में कम प्रतिरोधी होने की उम्मीद है और यह सिर्फ अपने लक्षित बैक्टीरिया प्रजातियों को ही नष्ट करता है.

स्टाफेफेक्ट का प्रयोग पहले से ही त्वचा संक्रमण के इलाज मे किया जाता है और शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में वे इसकी गोली या इंक्शन रूप का विकास कर सकेगें.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंटीबायोटिक्स के विकल्प की तलाश में थे क्योंकि एक वर्ष में होने वाली 5000 मौतों का संबंध दवा प्रतिरोधी रोगों से जुड़ी हैं

सुजलॉनएनर्जीनेदुनियाकासबसेउंचाहाइब्रिडपवनटर्बाइनजनरेटरकच्छमेंलगाया

10-NOV-2014

सबसे बड़ी पवन टर्बाइन विनिर्माता सुजलॉन एनर्जी ने 6 नवंबर 2014 को गुजरात के कच्छ में दुनिया का सबसे उंचा हाइब्रिड पवन जनरेटर स्थापित किया. यह टर्बाइन 12–15 फीसदी अधिक ऊर्जा पैदा करेगा.

कुल 120 मीटर की ऊँचाई वाला यह हाइब्रिड टर्बाइन 40 मीटर उंचे परंपरागत पवन टर्बाइन टावरों की तुलना में बहुत उंचा है. इस नए टर्बाइन के साथ ही गुजरात के कच्छ क्षेत्र में लगाई गई पवन ऊर्जा क्षमता 1100 मेगावाट तक पहुंच गई है. यह इसे एक ही स्थान पर एशिया का सबसे पड़ा पवन ऊर्जा पार्क का दर्जा दिलाता है.

यह टावर कम पवन क्षेत्रों के लिए आदर्श है और इसकी क्षमता भी बहुत अधिक है. आगामी तीन वर्षों में इस इलाके की पवन ऊर्जा क्षमता 2000 मेगावाट की होगी.

वर्ष 2008 में सुजलॉन एनर्जी ने राज्य में 2000 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता का सेट–अप लगाने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता किया था.

सुजलॉन एनर्जी

वर्ष 1995 में स्थापित सुजलॉन पवन ऊर्जा उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कंपनी है. पश्चिमी भारतीय राज्य गुजरात और राजस्थान में विश्व के सबसे बड़े पवन ऊर्जा फॉर्म विकसित करने का श्रेय सुजलॉन को है.

कंपनी की उपस्थिति छह महाद्वीपों– उत्तर और दक्षिण अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका में है. सुजलॉन समूह ने अपनी उपस्थिति 31 देशों में दर्ज कराई है और विश्व भर में इसने 25000 मेगावॉट से भी अधिक के पवन ऊर्जा प्रतिष्ठानों की स्थापना की है.

केंद्रीयसांख्यिकीकार्यालयनेवुमेनएंडमेनइनइंडिया 2014 रिपोर्टजारीकी

10-NOV-2014

केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने 02 नवंबर 2014 को वुमेन एंड मेन इन इंडिया 2014 नाम की रिपोर्ट जारी की.

जनसंख्या और संबंधित आंकड़े

•    2011 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी 121 करोड़ से भी अधिक है. इसमें 48.5 फीसदी महिलाएं हैं जिसका अर्थ है कि ग्रामीण भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर 949 महिलाएं है जबकि शहरी भारत में महिलाओं की संख्या प्रति 1000 पुरुषों पर 929 ही है.

•    केरल, पुड्डुचेरी, मणिपुर, गोवा और छत्तिगढ़ में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है जबकि दमन और दीव और चंडीगढ़ में प्रति 100 पुरुष के मुकाबले महिलाओं की संख्या 80 से भी कम है.

•    बालिकाओं (0–19 वर्ष) के लिए लिंगानुपात सबसे कम है लेकिन 60+ आयु वर्ग में 100 पुरुषों पर 103 महिलाओं का आंकड़ा एक बड़ी आबादी का आर्थिक गतिविधियों के लिए खतरे का संकेत देता है.

•    आर्थिक तौर पर सक्रिए आयु वर्ग (15–59) में प्रति 100 पुरुषों पर 94 महिलाएं हैं. 2012 में लिंगानुपात 908 था जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में मामूली रूप से कमी आई थी.

•    साल 2012 में महिलाओं के विवाह की औसत आयु 21.2 वर्ष थी. शहरी औसत आयु 22.4 वर्ष और ग्रामीण औसत आयु 20.8 वर्ष थी.

•    राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (2011–12) के 68वें राउंड के मुताबिक, ग्रामीण इलाके के कुल 1.5 फीसदी और शहरी इलाके के 12.4 फीसदी परिवारों में जहां महिलाएं परिवार की प्रमुख थी. 1993– 94 में यही आंकड़ा ग्रामीण इलाके के लिए 9.7 फीसदी और शहरी इलाके के लिए 10.6 फीसदी था. 
स्वास्थ्य

•    समय से पहले जन्मे बच्चों की जन्म दर (क्रूड बर्थ रेट) में 2011 में 21.8 थी. इसमें कमी हुई और 2012 में यह 21.6 हो गई. सामान्य प्रजनन दर (जेनरल फर्टिलिटी रेट– जीएफआर) में भी कमी दर्ज की गई. साल 2011 के 81.2 के मुकाबले यह 2012 में 80.3 रही.

•    कुल प्रजनन दर (टोटल फर्टिलिटी रेट– टीएफआर) में भी कमी हुई और 2011 के 2.8 के मुकाबले यह 2012 में 2.2 रही.

•     उम्र विशेष प्रजनन दर 20– 24 आयु– वर्ग (191.9) की महिलाओं में सबसे अधिक थी. इसके बाद 25– 29 आयु वर्ग की महिलाओं  (154.6) का स्थान है और फिर 30– 34 वर्ष (64.5)  वाली आयु वर्ग की महिलाओं का स्थान आता है.

•    महिला शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) पुरुष शिशु मृत्यु दर– 39 की तुलना में 42 थी और 2013 में समग्र आईएमआर 40 था.

•    आईएमआर में काफी हद तक कमी आई. साल 2003 में जहां यह 60 था वहीं 2013 में 40 हो गया. इससे यह पता चलता है कि शिशुओं की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है. प्रमुख राज्यों में सबसे अधिक आईएमआर मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया जबकि गोवा में सबसे कम आईएमआर दर्ज हुआ.

•    आयु –वर्ग 10–14 वर्ष में पुरुषों और महिलाओँ के लिए मृत्यु दर सबसे कम है लेकिन महिला मृत्यु दर अभी भी कम है, यह पुरुषों के 0.8 की तुलना में 0.6 है. साल 2012 में सभी उम्र की महिलाओं के बीच मृत्यु दर 6.4 थी जबकि पुरुषों की मृत्यु दर 7.7.

•    साल 2010–12 मातृत्व मृत्यु अनुपात (एमएमआर) साल 1999– 2001 के 327 की तुलना में कम होकर 178 रह गई, इसमें बड़ा योगदान शायद सरकार की मातृत्व एवं शिशु योजनाओं और संस्थागत जन्मों का है. राज्यों में सबसे अधिक एमएमआर असम (328) और सबसे कम तमिलनाडु (90) में दर्ज किया गया.

साक्षरता और शिक्षा

•    साल 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की साक्षरता दर 2001 की तुलना में 14 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 74.04 फीसदी थी, पिछले दशक में इसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी ग्रामीण महिलाओं (26 फीसदी) में दर्ज की गई.  2011 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता स्तर 65.46 फीसदी था जबकि पुरुष साक्षरता की दर 80 फीसदी से भी अधिक थी.

•    94 फीसदी की साक्षरता दर के साथ केरल सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य रहा जबकि 63.82 फीसदी की साक्षरता दर के साथ बिहार सबसे कम साक्षर राज्य रहा.

•    15 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष युवाओं में साक्षरता दर में 73.4 से इजाफा हुआ और वह 78.8 हो गया जबकि युवा महिलाओं में साक्षरता में अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह 2001 के 47.8 से 2011में 59.3 पर पहुंच गया. दशकों से समग्र व्यस्क साक्षरता में बढ़ोतरी हुई है.

•    साथ 2013– 14 में प्राथमिक स्तर के स्कूलों में पुरुषों के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)  100.20 की तुलना में महिलाओं की जीईआर 102.65 रहा.

•    साल 2013– 14 में प्राथमिक कक्षाओं में प्रति 100 लड़कों पर 93, माध्यिमक (मिडिल) कक्षाओं में 95 और माध्यमिक (सेकेंडरी) कक्षाओं में 90 लड़कियां थीं.

•    कक्षा 1– 5  में स्कूल बीच में ही छोड़ने वाले बच्चों की दर (ड्रॉप आउट रेट) बालिकाओं और बालकों के लिए क्रमशः 4.66 और 4.68 एवं कक्षा 1–7 में ड्रॉप– आउट होने वाले बच्चों (बालिकाओं और बालकों के लिए) की दर क्रमशः 4.01 और 2.3 थी.

अर्थव्यवस्था में भागीदारी

•    2011 की जनगणना के अनुसार, पुरुषों के 53.26 फीसदी के कार्यबल भागीदारी की तुलना में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी 25.51 फीसदी थी. शहरी इलाकों में 53.03 फीसदी के पुरुषों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर महिला कार्यबल भागीदारी दर (30.02 फीदसी) रही.

•    मुख्य और सीमांत महिला श्रमिकों में से 41.1 फीसदी कृषि श्रमिक हैं, 24.0 फीसदी किसान, 5.7 फीसदी घरेलू उद्योग श्रमिक और 29.2 फीसदी अन्य कार्यों में संलिप्त हैं.

•    राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (68वां राउंड) के परिणाम इस बात की ओर इशारा करते हैं कि 2011– 2012 में ग्रामीण क्षेत्र में महिला श्रमिकों की आबादी का अनुपात 24.8 था जबकि पुरुषों का 54.3

•    साल 2011 में सिर्फ 20.5 फीसदी महिलाएं ही संगठित क्षेत्र में काम कर रही थीं. इनमें से 18.1फीसदी सार्वजनिक क्षेत्र में और 24.3 फीसदी निजी क्षेत्र में काम कर रही थीं.

•    2011–12 के दौरान सक्रिय आयु वर्ग के नियमित मजदूरी/ वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलने वाली मजदूरी/ वेतन ग्रामीण इलाके में महिलाओं को दैनिक 428.6 रुपये और पुरुषों के दैनिक 550.23 रुपये थे. शहरी इलाके के लिए यही आंकड़ा महिलाओं के लिए दैनिक 609.7 रुपये और पुरुषों के लिए 805.52 रुपये दैनिक था.

फैसला करने (डिसीजन मेकिंग) में भागीदारी

•    साल 2014 में केंद्रीय मंत्री परिषद के 45 मंत्री पदों में से सिर्फ 7 पदों पर महिलाएं थी, जो कि साल 2004 के करीब 10 फीसदी के मुकाबले थोड़ा सा ही अधिक (15 फीसदी) है. साल 2014 के चुनावों में 62 महिलाएं निर्वाचित हुईं और लोकसभा में इनकी हिस्सेदारी एक फीसदी से थोड़ी अधिक है.

•    पंद्रहवें आम चुनावों में महिलाओं की भागीदारी 6 फीसदी बढ़ी और यह कुल मतदान का 56 फीसदी रही. इसी अवधि में पुरुषों की भागीदारी 60 फीसदी से बढ़कर 67 फीसदी हो गई.

•    राज्यों की विधानसभाओं में महिलाएं सिर्फ 8 फीसदी और राज्य परिषदों में 4 फीसदी की हिस्सेदारी रखती हैं.

•    पंचायतों में कुल 46.7 फीसदी महिलाएं हैं. 1 मार्च 2013 की स्थिति के अनुसार सबसे अधिक महिलाएं झारखंड में (58.6 सदी) और सबसे कम गोवा में (32.2 फीसदी) हैं.

•    सुप्रीम कोर्ट के 30 जजों में सिर्फ दो महिला जज हैं और विभिन्न उच्च न्यायालयों के 609 जजों में सिर्फ 58 महिला जज हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय में सबसे अधिक 25 फीसदी महिला जज हैं.

•    अखिल भारतीय और केंद्रीय समूह ए सेवाओं में भारतीय आर्थिक सेवा में 30 फीसदी महिलाएं हैं और भारतीय व्यापार सेवा में सिर्फ 12 फीसदी महिलाएं.

महिला सशक्तिकरण में सामाजिक बाधाएं

•    पति और रिश्तेदारों की निर्दयता की भागीदारी अभी भी सबसे अधिक बनी हुई है. इसके बाद महिलाओं पर बलात्कार की होने वाली घटनाओं का स्थान है. महिलाओं के साथ अश्लीलता के  मामलों की रिपोर्टिंग में साल 2012 के मुकाबले 2013 में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है.

•    50 वर्ष से अधिक उम्र समूह में बलात्कार की शिकार महिलाओं की संख्या में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि 10 वर्ष से कम उम्र समूह की सभी बलात्कार पीड़ितों में 5फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है. साल 2013 में बलात्कार के 13 फीसदी  मामले मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए और 2013 मे भारत में कुल बलात्कार पीड़ितों का 46 फीसदी 18–30 वर्ष के उम्र समूह का था.

महिलाओं में आत्महत्या की दर पुरुषों की तुलना में लगभग आधी है और पिछले दस वर्षों में आत्महत्या की दर में बहुत अधिक बदलाव नहीं देखा गया है.

भारतीयजनतापार्टीकेनेतालक्ष्मीकांतपारसेकरनेगोवाकेमुख्यमंत्रीकेपदकीशपथली

08-NOV-2014

भारतीय जनता पार्टी के नेता लक्ष्मीकांत पारसेकर ने गोवा के 11वें मुख्यमंत्री के पद की शपथ 8 नवंबर 2014 को ली. गोवा की राज्यपाल मदुला सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. लक्ष्मीकांत पारसेकर के साथ 9 मंत्रियों ने भी शपथ ली.

लक्ष्मीकांत पारसेकर ने मनोहर पार्रिकर का स्थान लिया. मनोहर पार्रिकर ने केंद्रीय मंत्रिमडल में शामिल होने के कारण गोवा के मुख्यमंत्री पद से 8 नवंबर 2014 को इस्तीफा दे दिया. इसके पहले गोवा के बीजेपी विधायकों की बैठक में लक्ष्मीकांत पार्सेकर को विधायक दल का नया नेता चुना गया. लक्ष्मीकांत पारसेकर मनोहर पर्रिकर सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे.

गोवा विधान सभा चुनाव 2012
गोवा विधान सभा चुनाव 2012 में भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी गठबंधन ने कुल 40 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी के कुल 21 विधायकों ने जीत हासिल की. पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव पूर्व गठबंधन पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ ही सरकार बनाने का निर्णय किया. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर की सरकार को कुल 26 विधायकों का समर्थन प्राप्त था. इसमें दो विधायक निर्दलीय दल से रहे.
गोवा विधान सभा चुनाव 2012 में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन को मात्र आठ सीटों पर जीत मिली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं की, जबकि कांग्रेस पार्टी को आठ सीटें मिलीं.

मनोहरपर्रिकरकागोवाकेमुख्यमंत्रीपदसेइस्तीफा

08-NOV-2014

मनोहर पार्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री पद से 8 नवंबर 2014 को इस्तीफा दे दिया. मनोहर पार्रिकर ने राजभवन में प्रदेश की राज्यपाल मदुला सिन्हा को अपना इस्तीफा फैक्स के माध्यम से भेजा. 
पार्रिकर के इस्तीफा देने के साथ ही राज्य मंत्रिमंडल भंग हो गई. इस मंत्रिमंडल में 12 मंत्री शामिल थे. इनमें से दो महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के रहे. मनोहर पार्रिकर ने दिगंबर कामत का स्थान लिया था.

मनोहर पार्रिकर से संबंधित मुख्य तथ्य 
• मनोहर पार्रिकर ने तीसरे कार्यकाल के लिए गोवा के मुख्यमंत्री के पद की शपथ 9 मार्च 2012 को ली थी. 
• मनोहर पार्रिकर इससे पूर्व वर्ष 2000 से 2005 तक गोवा के दो बार मुख्यमंत्री रहे थे.
• मनोहर पार्रिकर आइआइटी बांबे से स्नातक हैं.
• उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी. 
• पार्रिकर उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने पेट्रोल की कीमत 11 रुपये तक कम कर दी थी.
• पार्रिकर ने दो महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की जिसमें एक, घर में रहने वाली महिलाओं (हाउसवाइफ) के लिए मासिक आय योजना ‘गृह आधार’ और लड़कियों के विवाह के लिए वित्तीय मदद के रूप में एक लाख रुपये की ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ शामिल है.
गोवा विधान सभा चुनाव 2012 
गोवा विधान सभा चुनाव 2012 में भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी गठबंधन ने कुल 40 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी के कुल 21 विधायकों ने जीत हासिल की. पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव पूर्व गठबंधन पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ ही सरकार बनाने का निर्णय किया. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर की सरकार को कुल 26 विधायकों का समर्थन प्राप्त था. इसमें दो विधायक निर्दलीय दल से रहे.
गोवा विधान सभा चुनाव 2012 में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन को मात्र आठ सीटों पर जीत मिली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं की, जबकि कांग्रेस पार्टी को आठ सीटें मिलीं

भारतीयमूलकेब्रिटिशराजनीतिज्ञकीथवाज ‘लेबरएमपीऑफईयर’ अवार्डहेतुचयनित

08-NOV-2014

भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनीतिज्ञ कीथ वाज को ‘वर्ष 2014 का लेबर सांसद’ (लेबर एमपी ऑफ द ईयर) पुरस्कार के लिए चुना गया. इस पुरस्कार के लिए उनका चयन देश के वंचितों और अल्पसंख्यक वर्गो के लिए उल्लेखनीय कार्य करने हेतु किया गया.

पैचवर्क फाउंडेशन एमपीज ऑफ द ईयर-2014 पुरस्कार की घोषणा स्पीकर जॉन बेर्को ने स्पीकर्स हाउस में 7 नवंबर 2014 को की. यह अवार्ड उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने देश भर में कमजोर, वंचित और अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व किया हो और उनके लिए काम किया हो.
कीथ वाज लीसेस्टर ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित किए गए.

विश्वकीतीसरीबड़ीहेलीकॉप्टरप्रदर्शनी-‘दुबईहैलीशो 2014’ संपन्न

08-NOV-2014

विश्व की तीसरी बड़ी हेलीकॉप्टर प्रदर्शनी-‘दुबई हैली शो 2014’ (Dubai Helishow 2014) दुबई में संपन्न हुई. इस तीन दिवसीय हेलीकाप्टर प्रौद्योगिकी और संचालन प्रदर्शनी का आयोजन ग्रांड स्टैंड मैदान होटल, मैदान रेसकोर्स (Grand Stand, Meydan Hotel, Meydan Racecourse, Dubai, United Arab Emirates) में 4-6 नवंबर 2014 के मध्य किया गया. इसका नाम ‘दुबई हैली शो 2014’ रखा गया. यह इसका छठां संस्करण है.

इस बार प्रदर्शनी का विषय था ‘वे चीजें और सेवाएं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी हैं.’ प्रदर्शनी का दूसरा विषय था, ‘हवाई चिकित्सा सेवा और सुरक्षा.’ प्रदर्शनी में 20 देशों की कंपनियों ने हिस्सा लिया. रूसी हेलीकॉप्टर निर्यात करने वाली कंपनी ‘वेरत्याल्योती रस्सी’ने भी इस प्रदर्शनी में रूसी हेलीकॉप्टरों के कुछ नए मॉडल पेश किए. ‘दुबई हैली शो-2014’ में रूसी कंपनी के अलावा अमेरिकी कंपनियों सिकोरस्की और लॉकहीड मार्टनि ने भी हिस्सा लिया. 
‘वेरत्याल्योती रस्सी’ कंपनी ने प्रदर्शनी में आग बुझाने के काम आने वाला हेलीकॉप्टर ‘केए-32ए011’ बीएस प्रदर्शित किया था, जिसका इस्तेमाल विश्व के 30 से ज्यादा देशों में किया जाता है और जो गगनचुम्बी इमारतों की अंतिम मंजिलों में लगी आग भी बुझा सकता है. इसके अलावा रूस ने नवीनतम बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर ‘एमआई-171ए2’ भी इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया था. आजकल इस हेलीकॉप्टर के लिए प्रमाणपत्र लेने की कार्रवाई चल रही है.
यह प्रदर्शनी हर दो वर्ष बाद दुबई में आयोजित की जाती है. पहली बार इसका आयोजन वर्ष 2002 में किया गया था.

आर्थिकसहयोगएवंविकाससंगठननेआर्थिकआउटलुक 2014 जारीकी

08-NOV-2014

आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने 6 नवंबर 2014 को आर्थिक आउटलुक 2014 जारी की. आर्थिक आउटलुक 2014 के अनुसार वैश्विक जीडीपी विकास का वर्ष 2016 में 3.9 प्रतिशत और वर्ष 2015 में 3.7 प्रतिशत की तेजी प्राप्त करने से पहले वर्ष 2014 में 3.3 प्रतिशत दर पर पहुंचने का अनुमान है.

पूर्व– संकट अवधि की तुलना की जाए तो  वैश्विक विकास दर मामूली है. यह पूर्वानुमान सितंबर 2014 में किए गए पूर्वानुमान से थोड़ा कम है.
आर्थिक आउटलुक 2014 के मुख्य तथ्य 
• वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंद स्थित में रहने की संभावना है लेकिन यह धीरे– धीरे तेज हो सकता है यदि दुनिया के देश विकास– समर्थन नीतियों को लागू करते हैं. इसके अलावा, देशों और इलाकों के बीच चौड़ी होती खाई प्रमुख जोखिम हैं. 
• वित्तीय जोखिम उच्च बना रहेगा और भविष्य में बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है और यूरो क्षेत्र में विकासहीनता के जोखिम के बढ़ने की संभावना है. देशों को इन जोखिम और समर्थन विकास से निपटने के लिए सभी प्रकार के मौद्रिक, वित्तीय और संरचनात्मक सुधार नीतियों को लागू करना चाहिए. 
विकसित अर्थव्यवस्थाओं में विकास 
• प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में संयुक्त राज्य अमेरिका की रिकवरी मजबूत बनी हुई है, वर्ष 2014 में इसके 2.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. वर्ष 2015 और 2016 में यह करीब 3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. 
• यूरो जोन के विकास में धीरे– धीरे तेजी आने की उम्मीद है. यह वर्ष 2014 में 0.8 प्रतिशत से 2015 में 1.1 प्रतिशत और 2016 में 1.7 प्रतिशत होने संभावना है. 
• जापान का विकास वर्ष 2014 में 0.9 प्रतिशत,  2015 में 1.1 प्रतिशत और 2016 में 0.8 प्रतिशत की दर से होने का अनुमान है और विकास खपत कर वृद्धि से प्रभावित होना जारी रहेगा.
ब्रिक्स (BRIC) देशों में विकास 
• ब्राजील का विकास कम होगा. इसकी अर्थव्यवस्या वर्ष 2014 में मात्र 0.3 प्रतिशत,  2015 में 1.5 प्रतिशत और 2016 में 2 प्रतिशत की दर से विकास करेगी. 
• रूस की अर्थव्यवस्था तेल की कम कीमतों और कमजोर व्यापार की वजह से 2014 में सिर्फ 0.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और 2016 में 2 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने से पहले 2015 में इसके विकास दर के शून्य होने की संभावना है. 
• वर्ष 2014 में बढ़ते निवेश के कारण भारत का विकास दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, 2015 में इसके 6.4 प्रतिशत और 2016 में 6.6 प्रतिशत होने का अनुमान किया गया है. 
• वित्तवर्ष 2015– 16 में चीन का विकास 7 प्रतिशत की दर से होना अनुमानित है, जो कि 2014 के 7.4 प्रतिशत से थोड़ा सा कम है. अधिक स्थायी विकास दर के लिए नियंत्रित मंदी की स्थिति प्राप्त करने की कोशिश में यह अपनी अर्थव्यवस्था का पुनर्संतुलन है. 
वैश्विक अर्थव्यवस्था के जोखिम का नकारात्मक पक्ष
• यूरो इलाके में मांग की कमी की वजह से महत्वपूर्ण जोखिम के नकारात्मक पक्ष और प्रमुख चिंताएं हैं, जो कि दीर्धकालिक स्थिरता और कम मुद्रास्फीति की तरफ इशारा करता है. 
• अमेरिका की कठोर मौद्रिक नीति उभरते बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए वित्तीय बाजार की अस्थिरता पैदा कर सकती है.  
• कुछ उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्ताओं में उच्च ऋण स्तर भी वित्तीय स्थिरता संबंधी चिंताएं पैदा कर सकते हैं. 
• एक प्रमुख जोखिम संभावित उत्पादन वृद्धि में मंदी है जो अनुमान की तुलना में कमजोर विकास ट्रेंड की ओर जाता है.

आर्थिक आउटलुक 2014 की सिफारिशें
• मौद्रिक नीति को अभी भी सभी प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मांग का समर्थन करने की जरूरत है विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका में, सतत विकास और कठोर श्रम बाजारों में वर्ष 2015 से नीतिगत दरों को बढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए.  
• बैंक ऑफ जापान को मात्रात्मक सहजता तब तक जारी रखनी चाहिए जब तक कि मुद्रास्फिति लक्ष्य हासिल न हो जाए. साथ ही जापान में राजकोषीय समेकन तेजी से आगे बढ़ना चाहिए. 
• यूरो जोन क्षेत्र मुद्रास्फीति लक्ष्य से बहुत दूर है और नीचे की ओर जा रहा है इसिलए यूरोपीयन सेंट्रल बैंक को अपनी मौद्रिक नीति में विस्तार करना चाहिए. 
• उन्नत और विकासशील देशों मेंमहत्वाकांक्षी ढांचागत सुधार जो कि पूरक माइक्रोइकोनॉमिक नीतियां को बढ़ावा दे सकते हैं, अलग– अलग हैं. इन मुद्दों पर गौर करने के लिए G-20 देशों ने ब्रिसबेन शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय विकास रणनीति देना तय किया था जो कि सामूहिक रूप से G20 देशों के सकल घरेलू उत्पाद को 2013 के स्तर की तुलना में 2018 तक 2 प्रतिशत की दर से बढ़ाएगा. 
• कर, व्यापार, श्रम और उत्पाद बाजारों में सुधार घरेलू निवेश और वैश्विक बाजार को लाभ पहुंचा सकेंगे और अधिक रोजगार एवं विश्व में खपत को बढ़ावा देंगे. 
• विचाराधीन संरचनात्मक सुधार एजेंडे से संभावित लाभ जबरदस्त हैं, लेकिन देशों को उन उपायों को लागू करना होगा जिन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था को उच्च गियर में ले जाने के लिए माना गया है.

भारतऔररूसमुक्तव्यापारजोनकेलिएसंयुक्तअध्ययनसमूहकेगठनपरसहमतहुए

08-NOV-2014

भारत और रूस, यूरेशियाई कस्टम संघ के साथ मिलकर मुक्त व्यापार जोन के लिए संयुक्त अध्ययन समूह (JSG) के गठन पर सहमत हुए. यूरेशियाई  कस्टम संघ में रूस, बेलारूस और कजाकिस्तान शामिल हैं. 
दोनों पक्षों ने संयुक्त अध्ययन समूह के गठन का यह निर्णय 5 नवंबर 2014 को नई दिल्ली में हुई 20 वें भारत– रूस अंतर– सराकरी आयोग बैठक में किया. इस बैठक की सह–अध्यक्षता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने की.

बैठक के दौरान, दोनों ही पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार को अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण कॉरिडोर परियोजना (INSTC) जो कि विशेष रुप से कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में ईरान के माध्यम से चलता है, के द्वारा बढ़ाने का भी फैसला किया.
दोनों ही पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार एवं आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए भी एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए.
भारत और रूस ने भारत में मीडियम– हाउल एयरलाइनर सुखोई सुपरजेट– 100 के संयुक्त उत्पादन शुरु करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की. 
बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी यात्रा की तैयारियों की समीक्षा भी की गई. पुतिन 15वें भारत– रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आने वाले हैं. उनकी यात्रा दिसंबर 2014 के दूसरे सप्ताह में होगी.
यूरेशियाई कस्टम संघ
यूरेशियाई कस्टम संघ या बेलारूस, कजाकिस्तान औऱ रूस का कस्टम संघ 1 जनवरी 2010 को अस्तित्व में आया था. इसका गठन व्यापक यूरोपीय संघ–प्रकार के आर्थिक गठबंधन बनाने की दिशा में पूर्व सोवियत राज्यों द्वारा शुरु किया गया पहला कदम था

अरुणाचलप्रदेशमेंसड़कनिर्माणपरियोजनाओंहेतु 90 करोड़रुपयेकीमंजूरी

08-NOV-2014

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग– DONER) ने वित्त वर्ष 2014–15 के लिए अरुणाचल प्रदेश में सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए 90 करोड़ रुपये 3 नवंबर 2014 को मंजूर किए. निवेश कुल 120.41 करोड़ रुपये वाली 17 सड़क परियोजनाओं का हिस्सा होगी जिसके लिए राज्य की हिस्सेदारी स्पष्ट कर दी गई है और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा करा दिया गया है.

त्वांग में हवाई अड्डे का निर्माण उपरोक्त परियोजना का ही हिस्सा है जो कि न सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से मदद करेगा बल्कि वहां के लोगों के सामाजिक– आर्थिक स्थिति  को भी सुधारेगा. यह वैसे सुदूर सीमावर्ती जिलों में सड़क संपर्क को बेहतर बनाएगा जो अब भी भारत के मुख्य भूमि से अलग बने हुए हैं.
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DONER) 
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग की स्थापना सितंबर 2001 में की थी और मई 2004 में इसे अपग्रेड कर मंत्रालय बना दिया था. पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की स्थापना पूर्वोत्तर के मानव और प्राकृतिक संसाधनों का भागीदारी के साथ लाभ दिलाना सुनिश्चित करने के लिए की गई थी.
मंत्रालय की गतिविधियां क्षेत्रीय हैं. इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशेष जरूरतों को अन्य मंत्रालयों/ विभागों और नीति निर्माताओं के सामने वकालत करना.

पहलेचीन– जापानीयुद्धकेदौरानडूबेचीनीजहाजझीयुआनकामलबाखोजागया

08-NOV-2014

प्रथम चीन– जापानी युद्ध ( 1 अगस्त 1894-17 अप्रैल 1895) के दौरान 120 वर्ष पहले डूबे चीनी जहाज का मलबा नवंबर 2014 के पहले सप्ताह में खोज निकाला गया.
फिलहाल इस मलबे को डैंडोंग नं. 1 का कोड दिया गया है, यह पीले सागर में बंदरगाह निर्माण के लिए पानी के नीचे पर्यवेक्षण के दौरान मिला और यह डैंडोंग बंदरगाह से दक्षिण-पश्चिम में 10 नॉटिकल मील पर स्थित है.

युद्धपोत का 50 मीटर उंचा ढांचा अभी भी बरकार है लेकिन इसे अंदर की हालत बहुत बुरी है.
खोजा गया पोत 1600 टन वजनी है. यह क्विंग राजवंश के शाही बलों बीयांग बेड़े के चार युद्धपोतों में से एक था. जापान की नौसेना ने 17 सितंबर 1894 को पीले सागर के युद्ध में क्विंग राजवंश के शाही बलों को हराया था. 
हालांकि, आग की वजह से बुरी तरह टूट चुके और डूबने की स्थिति में आ जाने के बाद भी जहाज के कप्तान डींग शीचांग जहाज– झींयुआन को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए थे. इसी वजह से पिछले 100 वर्षों से डेंग शीचांग चीन में देशभक्ति का प्रतीक माने जाते रहे हैं.
प्रथम चीन– जापान युद्ध 
पहला चीन– जापान युद्ध क्विंग राजवंश चीन और मुख्य रुप से कोरिया के नियंत्रण वाला मीजी जापान के बीच 1 अगस्त 1894- 17 अप्रैल 1895 के दौरान लड़ा गया था. यह युद्ध शिमोन्से की संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद 17 अप्रैल 1895 को समाप्त हुआ था. 
शिमोन्से की संधि के तहत चीन ने कोरिया के पूर्ण स्वतंत्रा को मान्यता दी और जापान के लिए लियाओडोंग प्रायद्वीप (वर्तमान में लिओनिंग प्रांत के दक्षिण में), ताइवान और पेंघु द्वीप को सौंप दिया. विवादित सेनकाकू/डियाओयू द्वीप संधि में नहीं थे लेकिन जापान ने 1895 में ओकिनावा प्रांत के लिए इन निर्जन द्वीपों पर कब्जा कर लिया था.

चीननेस्वदेशीलेजररक्षाहथियारप्रणालीविकसितकी

08-NOV-2014

चीन ने एक ऐसे उच्च सटीकता वाले स्वदेशी लेजर रक्षा हथियार प्रणाली का विकास किया है जो कम उंचाई पर उड़ने वाले छोटे– स्तर के ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है. इसकी जानकारी समाचार एजेंसी झिन्हुआ ने नवंबर 2014 के पहले सप्ताह में दी.
इस नई हथियार प्रणाली की विशेषता है कि यह 50 मीटर प्रति सेकेंड की गति से काम कर सकती है, सटीक है और कम शोर पैदा करती है. यह 500 मीटर (1.2 मील)  के दायरे में मानवरहित, छोटे– स्तर के ड्रोनों को 50 मीटर प्रति सेकेंड से कम गति पर मार गिराने में सक्षम है.
यह नई लेजर प्रणाली वाहनों में या तो लगाई जा सकती है या उसमें ले कर जाई जा सकती है. यह घरेलू राजनीतिक बैठकों, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और खेल प्रतियोगिताओं की सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रख सकेगी. यह जनता के विरोध के साथ– साथ प्रतिभागियों पर किसी भी प्रकार के खतरे को रोकने का भी काम करेगी. 
नई हथियार प्रणाली ने अब तक 30 से ज्यादा ड्रोनों को शत प्रतिशत सफलता दर से मार गिराया है. उम्मीद की जा रही है कि यह शहरी इलाकों में होने वाले प्रमुख घटनाओं में सुरक्षा को सुनिश्चित करने और गैर– लाइसेंसी मैपिंग गतिविधियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

अलीबाबासमूहसमर्थितक्वेक्सीनेडेक्सट्राखरीदनेकीघोषणाकी

08-NOV-2014

चीन की ई– कॉमर्स की कंपनी अलीबाबा समूह समर्थित क्वेक्सी (Quixey) ने 6 नवंबर 2014 को बेंगलुरु की मोबाइल एप्लीकेशन स्टार्टअप डेक्सट्रा (Dexetra) को खरीदने की घोषणा की. क्वेक्सी (Quixey) ने यह अधिग्रहण 10–15 मिलियन अमेरिकी डॉलर (60– 90 करोड़ रुपयों) में किया.

समझौते के हिस्से के रूप में, अमेरिका की मोबाइल एप्प सर्च इंजन क्वेक्सी (Quixey)  बेंगलुरु में अपना कार्यालय खोलेगी औऱ डेक्सट्रा (Dexetra) के सभी 15 कर्मचारी भारत में उसके अभियान का हिस्सा होंगे.
इस सौदे के होने में भारतीय सॉफ्टवेर प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री राउंडटेबल (iSirt) ने मदद की थी.
यह अधिग्रहण याहू द्वारा बेंगलुरु स्थित देशी स्टार्टअप बुकपैड के अधिग्रहण के एक महीने के बाद हुआ.
क्वेक्सी (Quixey) के बारे में
क्वेक्सी (Quixey) की स्थापना वर्ष 2009 में तोमर कगन औऱ लीरोन शापिरा ने की थी. यह लोगों को मोबाइल, डेस्कटॉप, वेब, और ब्राउजर एप की भीड़ में लोगों को खोजने में मदद करता है. क्वेक्सी (Quixey)  की विश्वस्तर पर सर्च को मजबूत बनाने के लिए एप स्टोर, सर्च इंजनों, विनिर्माताओं, वाहक और वेब प्लेटफॉर्म के साथ भागीदारी है.
डेक्सट्रा (Dexetra) 
डेक्सट्रा (Dexetra) की स्थापना वर्ष 2010 में छह टेक्नोलॉजी पेशेवरों – नारायण बाबू, यासीर हमीद, नीतिन जॉन, एबी चेमबोला, एबिनि वर्गिस और बीनिल एंटनी ने की थी.
यह कंपनी आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और प्राकृतिक भाषा संसाधन का प्रयोग करने वाली सीरी– लाइक एंड्रॉयड एप्लीकेशन Iris के लांच से प्रसिद्ध हुई थी

रिवरबेडटेक्नोलॉजीनेरिवरबेडस्टीलहेड 9.0 औररिवरबेस्टीलसेंट्रलएप्परिस्पॉन्स 9.5 लॉन्चकिया

08-NOV-2014

रिवरबेड टेक्नोलॉजी ने अपने दो प्रमुख उत्पाद रिवरबेड स्टीलहेड 9.0 (Riverbed SteelHead 9.0) और रिवरबे स्टीलसेंट्रल एप्परिस्पॉन्स 9.5 (Riverbed SteelCentral AppResponse 9.5) के लॉन्च की घोषणा 4 नवंबर 2014 को की. 
अगली– पीढ़ी के ये दो उत्पाद ऑन–प्रेमाइसेस, क्लाउड और सॉस (SaaS) एप्लीकेशनों के प्रदर्शन में तेजी लाने के लिए पूर्ण दृश्यता, नियंत्रण और अनुकूलन समाधान प्रदान करना चाहते हैं. 
स्टीलहेड 9.0 हाईब्रिड नेटवर्क पर किसी भी एप्लीकेशन की डिलीवरी को अनुकूल (ऑप्टिमाइज), स्वचालित (ऑटोमेट) और सुरक्षित बनाता है. दूसरा उत्पाद स्टीलसेंट्रल एप्परिस्पॉन्स 9.5 अनुकूलित सॉस (SaaS) एप्लीकेशनों  के लिए उपयोगकर्ता अनुभव की निगरानी और ट्रबलशूट (विघ्न निवारण) का एक मात्र समाधान पेश करता है. 
स्टीलहेड और स्टीलसेंट्रल के बीच ये दो नए नवाचार और सुदृढ़ एककीरण रिवरबेड एप्लीकेशन प्रदर्शन प्लेटफॉर्म –पूर्ण प्लेटफॉर्म, जो CIOs को हाइब्रिड एंटरप्राइजेज भर में प्रदान करने, नियंत्रित करने और अनुकूल बनाने के लिए सक्षम बनाता है, को बढ़ाएगा.
रीवरबेड टेक्नोलॉजी के बारे में
रीवरबेड की स्थापना 2002 में हुई थी और इसका मुख्यालय अमेरिकी के सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में स्थित है. इसकी स्थापना जेरी एम. केनली ने की थी जो कि कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. 
1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के राज्यव वाली रीवरबेड एप्लीकेशन परफोर्मेंस इंफ्रास्ट्रक्चर की लीडर है और यह लोकेशन– इंडिपेंडेंट कंप्यूटिंग के लिए सबसे पूर्ण प्लेफॉर्म प्रदान करता है.

भारत-रूसअंतरसरकारीआयोगकाबीसवांसत्रनईदिल्लीमेंआयोजित

07-NOV-2014

व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग का बीसवां सत्र 5 नवंबर 2014 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया. यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर तक ले जाने का अवसर प्रदान करेगी. अंतर-सरकारी आयोग बैठक की सह अध्यक्षता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रूसी उप प्रधानमंत्री दमित्री रोगोजिन ने की. आयोग ने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग सहित व्यापक द्विपक्षीय मुद्दों के विकास की समीक्षा की. अंतर-सरकारी आयोग में व्यापार, आर्थिक सहयोग, ऊर्जा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित कई उपसमूह हैं. भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग का अगला सत्र वर्ष 2015 में मास्को में आयोजित किया जाएगा.

मुंबईनेभारतमेंवर्ष 2014 मेंसबसेअधिकइंटरनेटउपयोगकर्ताओंकीसंख्यादर्जकराई

07-NOV-2014

मुंबई ने भारत में वर्ष 2014 में सबसे अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या दर्ज कराई. इस बात का खुलासा इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमआईए) के अध्ययन से हुआ और इसे 04 नवंबर 2014 को जारी किया गया. अध्ययन के मुताबिक मुंबई ने 16.4 मिलियन इंटनेट उपयोगकर्ताओं के साथ दिल्ली और कोलकाता को पीछे छोड़ दिया. दिल्ली में 12.15 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता और कोलकाता में 6.27 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता दर्ज किए गए.

अध्ययनकीमुख्यबातें

  • बैंगलोर में 5.99 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता और चेन्नई में 5.58 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता है. ये दोनों शहर क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर हैं.
  • वर्ष 2013 में मुंबई में 12 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता थे जबकि दिल्ली में 8.1 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता. इसी वर्ष कोलकाता में 4.7 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता थे जबकि बैंगलोर में 4.4 मिलियन और चेन्नई में 4.5 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता थे.
  • इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी के लिहाज से, दिल्ली में सबसे अधिक साल– दर– साल पचास फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है. इसके बाद मुंबई है जहां 37 फीसदी और बैंगलोर जहां 36 फीसदी की दर से इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है.
  • 34 फीसदी की विकास दर से हैदराबाद औऱ पुणे चौथे स्थान पर हैं जबकि कोलकाता और अहमदाबाद 33 फीसदी की विकास दर के साथ पांचवें स्थान पर हैं. 
    24 फीसदी की इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी दर के साथ चेन्नई आठ शीर्ष शहरों में सबसे कम विकास दर वाला शहर है.
  • हालांकि, अध्ययन से इस बात का भी खुलासा हुआ कि चार प्रमुख महानगरों– मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर और कोलकाता में इंटरनेट की पैठ सिर्फ 23 फीसदी ही है. अन्य चार महानगरों में तो यह इससे भी बुरी स्थिति में है औऱ यहां सिर्फ यह 11 फीसदी है. इनमें सबसे अधिक बैंगलोर में वृद्धि दर्ज की गई है.
  • दस लाख से अधिक आबादी वाले छोटे महानगरों – सूरत, जयपुर, लखनउ, वडोदरा और नागपुर  सबसे अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ शीर्ष पांच शहर हैं.छोटे महानगरों में भारत में कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का 11 फीसदी है, जिसमें से शीर्ष पांच छोटे महानगर भारत में कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओँ का 6 फीसदी हैं.

निष्कर्ष
अक्टूबर 2013 से भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी एक शुभ संकेत है हालांकि, भारत में इंटरनेट प्रवेश की कम दर अच्छी नहीं है क्योंकि एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहले से ही भारत की इंटरनेट प्रवेश दर कम है.

इसके अलावा, सक्रिय उपयोगकर्ता वह है जो एक महीने में कम–से–कम एक बार इंटरनेट का प्रयोग करता हो. इसलिए ये आंकड़े अनिवार्य रूप से देश के डिजिटल स्पेस के लिए अच्छी खबर नहीं हैं, क्योंकि इन आंकड़ों का महत्वपूर्ण हिस्सा ऑनलाइन समाचारों, समानों की खरीदारी के लिए ई–कॉमर्स की वेबसाइटों को प्रयोग नहीं करते या सोशल मीडिया या नेटवर्किंग साइटों से दूर रहते हैं.

एंजेलोमैथ्यूजवर्ष 2014 कीआईसीसीटेस्टटीमकेकप्ताननामित

07-NOV-2014

श्रीलंका क्रिकेट टीम के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज को वर्ष 2014 की आईसीसी टेस्ट टीम का कप्तान 5 नवंबर 2014 को नामित किया गया.

वर्ष 2014 की आईसीसी टेस्ट टीम (बल्लेबाजी क्रम में)
• डेविड वार्नर (ऑस्ट्रेलिया)
• केन विलियमसन (न्यूजीलैंड)
• कुमार संगकारा (श्रीलंका)
• एबी डिविलियर्स (दक्षिण अफ्रीका)
• जो रूट (इंग्लैंड)
• एंजेलो मैथ्यूज (श्रीलंका) (कप्तान)
• मिशेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया)
• स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड)
• डेल स्टेन (दक्षिण अफ्रीका)
• रंगना हेराथ (श्रीलंका)
• टिम साउथी (न्यूजीलैंड)
• रॉस टेलर (न्यूजीलैंड) (12 वें खिलाड़ी)

इस वर्ष की आईसीसी टेस्ट टीम को आईसीसी की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्षता में विशेष नियुक्त चयन समिति द्वारा चुना गया. चयन समिति में इंग्लैंड के पूर्व अंतरराष्ट्रीय पत्रकार जोनाथन एग्न्यू, श्रीलंका के पूर्व सलामी बल्लेबाज रसेल अर्नोल्ड, न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग और आईसीसी महिला समिति की पूर्व अध्यक्ष बेट्टी टिमर शामिल थे. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने चयनित टीम की घोषणा दुबई में आईसीसी मुख्यालय में की.

परम्बिकुलमबाघअभयारण्यमेंमकड़ियोंकीआठनईप्रजातियांप्राप्तहुई

07-NOV-2014

‘क्राइस्ट कॉलेज’ में जंतु वर्गीकरण और पारिस्थितिकी केंद्र के अध्ययनकर्ताओं को परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य, केरल में मकड़ियों की आठ नई प्रजातियां प्राप्त हुई.

बाघ अभयारण्य एवं वन्य विभाग के अधिकारियों के सहयोग से जंतु वर्गीकरण और पारिस्थितिकी केंद्र ‘सीएटीई’ के हालिया ‘मकड़ी विविधता खोज सर्वेक्षण’ के दौरान नई प्रजातियों का पता चला.

 

सीएटीई’ अध्ययनकर्ताओं की टीम नेतृत्व कर्ता एवी सुधीर कुमार ने बताया कि उन्होंने 200 से ज्यादा मकड़ियों की सूची तैयार की है. कुछ प्रजातियां पश्चिमी घाट पर पाई जाती हैं तो कुछ अफ्रीकी क्षेत्र तथा अन्य मलाया क्षेत्र में. 
परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य ‘पीटीआर’ में मकड़ियों की इन नई प्रजातियों का पता चला.
परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य 
परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य भारत के दक्षिणी राज्य केरल के पालक्कड जिले के चित्तूर तालुके में विस्तृत एक संरक्षित क्षेत्र है. वर्ष 1973 में स्थापित यह अभयारण्य तमिलनाडु के अनामलई पर्वत श्रृंखलाओं और पालक्कड जिले में नेल्लियमपथी पाहड़ियों के बीच सुगम पर्वतमाला में स्थित है. परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य पश्चिमी घाट के 285 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला हुआ है. यह पार्क 2009 में टाइगर रिजर्व के रूप में नामित किया गया था.
यह अभयारण्य केरल के दुर्लभ पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं से जुड़े अनोखे अनुभव प्रदान करता है. मलयर, कादर और मुथुवन जैसी कुछ पहाड़ी जनजातियां भी परम्बिकुलम के जंगलों में निवास करती हैं. यहां पाए जाने वाले प्राणियों में शामिल हैं- नीलगिरि लंगूर, शेर-पुंछ मकाक, बाघ, नीलगिरि टार, एशियायी हाथी, चित्तीदार मृग, भारतीय जंगली कुत्ते और सांपों एवं मकड़ियों की अनेक प्रजातियों सहित चिड़ियों की अनेक किस्में.   
अभयारण्य में अनेक प्रजातियों के वृक्ष जैसे- टीक, नीम, चंदन और रोजवुड भी पाए जाते हैं. आप यहां प्राचीनतम टीक ‘कन्निमरी’ के ऊंचे वृक्ष भी देख सकते हैं.

रिपब्लिकनपार्टीकीअमेरिकीमध्यावधिचुनाव 2014 मेंजीत

07-NOV-2014

संयुक्त राज्य अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी ने अमेरिकी मध्यावधि चुनाव 2014 में 05 नवंबर 2014 को डेमोक्रेट पर जीत हासिल कर सिनेट का नियंत्रण जीता. रिपब्लिकन पार्टी का अब 52 सीटों पर नियंत्रण है.

पार्टी ने अब अरकंसास, कोलाराडो, लोवा, मोंटाना, नार्थ कैरोलिना, साउथ डाकोटा और वेस्ट वर्जिनिया के अधिकांश सीटों पर कब्जा कर लिया. रिपब्लिकन को अरकंसास और कोलाराडो में डेमोक्रेटों पर जीत मिली और मोंटाना, साउथ डाकोटा और वेस्ट वर्जिनिया में उसने विरोधियों की सींटें अपने हक में कर लीं. केंटकी से रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनल ने डेमोक्रेट एलिसन लॉन्डरगेन ग्रिम्स के खिलाफ छठी बार जीत हासिल की. जनवरी 2015 में जब नई कांग्रेस सत्ता में आएगी, वर्ष 2006 में हुए चुनावों के बाद, यह पहली बार होगा कि रिपब्लिकन के पास कांग्रेस के दोनों ही चैम्बर्स का प्रभार होगा.

अमेरिकीमध्यावधिचुनाव 2014 कीमुख्यबातें

  • मध्यावधि चुनाव को राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीतियों पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है और इनमें रिपब्लिकन की जीत यह बताती है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के आखिरी दो वर्ष कठिनाईयों से भरे होंगे.
  • वहां मतपत्र पर 36 चुनाव हुए और कई पदाधिकारियों को अपने पदों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. टॉम वुल्फ ने रिपब्लिकन गवर्नर टॉम कॉर्बेट को हरा कर डेमोक्रेट्स के लिए पेन्सिलवेनिया स्टेटहाउस की सीट जीती. डेमोक्रेट गवर्नर पैट क्विन इल्लिनोइस में हार गए.
  • कॉलेज के प्रोफेसर डेव ब्राट वर्जिनिया से हाउस के लिए कई महीने पहले ही चुने गए थे. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के मेजोरिटी लीडर एरिक कैन्टर को हराया था.
  • रिपब्लिकन ने 19 बार के डेमोक्रेट विजेता निक राहल को वेस्ट वर्जिनिया में और जॉन बैरो को जार्जिया में हराया, और नॉर्थ कैरोलीना में एक खाली सीट पर जीत हासिल की.
  • न्यू हैम्पशायर में डेमोक्रेट सीनेटर जीन शाहीन ने मैसाचुसेट्स के भूतपूर्व सीनेटर स्कॉट ब्राउन को कठिन चुनौती के बाद हराया और फिर से निर्वाचित हुईं.
  • जार्जिया में, डेमोक्रेट मिशेल नन व्यापारी डेविड परडू से हार गईं. कंसास में सिनेटर पैट रॉबर्ट्स डेमोक्रेट ग्रेग ओर्मन के खिलाफ सीट जीतने में कामयाब रहे.
  • लोवा के स्टेट सीनेटर जोडी अर्नेस्ट ने भी सीट जीता. स्टेटहाउस की दौड़ में, न्यूयॉर्क के डेमोक्रेटिक गवर्नर एंड्रू काउमो ने दूसरी बार चुनाव जीता.
  • भूतपूर्व रिपब्लिकन प्रतिनिधि एशा हचकिन्सन अरकंसास की गवर्नर चुनीं गई और फ्लोरिडा के गवर्नर रिक स्कॉट नए कार्यकाल के लिए जीत हासिल की

भारतीयनौसेनाकाटॉरपीडोरिकवरीजहाज़टी.आर.वी. -72 विशाखापत्तनमकेसमुद्रतटकेपासडूबा

07-NOV-2014

भारतीय नौसेना का एक टॉरपीडो रिकवरी जहाज़ टी.आर.वी.-72  नौसैनिक अभ्यास के दौरान विशाखापत्तनम के समुद्रतट के पास 6 नवंबर 2014 को डूब गया. इसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और चार अन्य लापता हो गए. 23 लोगों को बचा लिया गया. इस घटना के समय जहाज पर 28 लोग थे. नौसेना के अनुसार, ‘टीआरवी-72 जहाज एक नियमित अभ्यास के दौरान इस्तेमाल नकली टॉरपीडो एकत्रित करके बंदरगाह की ओर लौट रहा था तब उसके स्टेरिंग गियर कक्ष में पानी भर गया. कुछ पानी भर जाने की वजह से जलपोत डूब गया. ‘घटना विशाखापत्तनम पोस्ट से 10-15 किलोमीटर के दायरे में घटी.

टॉरपीडो रिकवरी वैसल 
टॉरपीडो रिकवरी वैसल (टीआरवी) एक सहायक जहाज होता है जिसका इस्तेमाल बेड़े के जहाजों और पनडुब्ब्यिों से अभ्यास के दौरान दागे गए टॉरपीडो को एकत्रित करने के लिए किया जाता है. 23 मीटर लंबे इस जहाज का निर्माण वर्ष 1983 में गोवा शिपयार्ड द्वारा किया गया था और इसने पिछले 31 साल तक भारतीय नौसेना की सेवा की है. 
विदित हो कि गत कुछ महीनों में नौसेना की आईएनएस सिन्धुरत्न और आईएनएस कोरा दुर्घटना ग्रस्त हुई थी. आईएनएस सिन्धुरत्न के दुर्घटना ग्रस्त हो जाने के बाद एडमिरल डीके जोशी ने नौसेनाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इनके इस्तीफे के बाद 17 अप्रैल 2014 को एडमिरल आरके धवन ने नौसेना प्रमुख का पद संभाला

लेनोवोनेमोटोरोलामोबिलिटीकाअधिग्रहणपूराकिया

07-NOV-2014

चीन की पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) निर्माता कंपनी लेनोवो ने 30 अक्टूबर 2014 को  गूगल से मोटोरोला मोबिलिटी का अधिग्रहण पूरा कर लिया. लेनोवो ने इस वर्ष फरवरी में जनवरी में मोटोरोला मोबिलिटी का 2.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर में गूगल से अधिग्रहण करने की घोषणा की थी. यह एक चीनी कंपनी द्वारा सबसे बड़े अधिग्रहण सौदों में से एक है.

घाटे में चल रही मोटोरोला कंपनी को सबसे पहले गूगल ने खरीदा था. इससें पहले गूगल ने वर्ष 2012 में मोटोरोला को 12.5 अरब डॉलर में खरीदा था और यह गूगल का यह सबसे बड़ा अधिग्रहण था.

अधिग्रहण के बाद गूगल ने मोटोरोला के साथ मिलकर मोटो ई, मोटो जी, मोटो एक्स जैसे पॉपुलर हेंडसेट लॉन्च किए थे. हालांकि अभी गूगल ने मोटोरोला के कई मोबाइल पेटेंट्स अपने पास रखे हैं. इनमें एंड्रॉयड स्मार्टफोन और टैबलट साम्फ्टवेयर शामिल हैं.

भौतिकशास्त्रीडॉफाबियोलागियनोत्तीसर्नकीपहलीमहिलामहानिदेशकनियुक्त

07-NOV-2014

इटली की महिला भौतिकशास्त्री डॉ.फाबियोला गियनोत्ती (Fabiola Gianotti) को सर्न (In French "Conseil Européen pour la Recherche Nucléaire", or European Council for Nuclear Research, सीईआरएन) पार्टिकल फिजिक्स रिसर्च सेंटर का महानिदेशक 4 नवंबर 2014 को नियुक्त किया गया. इस नियुक्ति के साथ ही वह शीर्ष वैश्विक वैज्ञानिक संस्थान की महानिदेशक नियुक्ति होने वाली पहली महिला बन गईं.

फाबियोला गियनोत्ती ने रॉल्फ ह्यूर का स्थान लिया. उन्हें पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए  1 जनवरी 2016 को पदभार ग्रहण करना है. उनका लक्ष्य ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में और अधिक खोज करना है. 
उनकी नियुक्ति का फैसला केंद्र के सत्तारूढ़ परिषद की बैठक में किया गया. इस परिषद में इसके 20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि होते हैं.
फाबियोला गियनोत्ती से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
फाबियोला गियनोत्ती ने वर्ष 2012 में सर्न द्वारा हिग्गस बोसन पार्टिकल की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
गियनोत्ती ने 1987 में मिलान यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट किया और उसके बाद जिनेवा के निकट सर्न से जुड़ गईं. वे तब से अब तक सर्न की एक शोधकर्ता हैं. 
वर्ष 2009 में गियनोत्ती एटलस कोलैबोरेशन – एलएचसी डाटा में  हिग्गस को इंगित करने के लिए काम करने वाली दो टीमों में से एक की प्रोजेक्ट लीडर बनीं. 
सीएमएस टीम के अपने समक्ष के साथ उन्होंने जुलाई 2012 में वैश्विक टेलीविजन दर्शकों के समक्ष हिग्गस– इसका नाम ब्रिटिश भौतिकशास्त्री के नाम पर रखा गया जिन्होंने 1964 में इसकी भविष्यवाणी की थी– पर खोज का ब्यौरा पेश किया था. 
सर्न (European Organization for Nuclear Research)
सर्न(In French "Conseil Européen pour la Recherche Nucléaire", or European Council for Nuclear Research, सीईआरएन) परमाणु अनुसंधान, भौतिकविदों और इंजीनियरों का यूरोपीय संघ ब्रह्मांड की मूल संरचना की जांच कर रहे हैं. उन्होंने विश्व के सबसे बड़े और सबसे जटिल वैज्ञानिक उपकरणों का प्रयोग बुनियादी घटकों – मौलिक कण, के बारे में अध्ययन करने के लिए किया है. इन कणों को प्रकाश की गति के लगभग बराबर गति से टकराया गया. इस प्रक्रिया ने भौतिकविदों को इस बारे में सुराग दिया कि आखिर कैसे कण एक दूसरे से मिलते हैं और प्रकृति के मूल नियमों के बारे में अंतर्दृष्टि भी प्रदान की है. 
मशीन मुख्य रूप से हिग्गस – एक सैद्धांतिक कण और संबंधित ऊर्जा क्षेत्र जिसे सोचा गया था कि सामग्री को पिंड में बदलकर भौतिक ब्रह्मांड बना है, को प्राप्त करने के लिए बनाया गया था. 
इस खोज ने पीटर हिग्गस – ब्रिटिश विचारक और बेल्जियम के भौतिकशास्त्री फ्रैंकोइस एंगलर्ट – जो एक ही विचार पर दो अन्य सहयोगियों के साथ 1960 के दशक की शुरुआत में काम कर रहे थे और जिन्होंने बोसोन की मौजूदगी को माना था, को 2013 में नोबेल पुरस्कार दिलाया.

सांसकेजरिएलीजासकनेवालीदुनियाकेपहलेइबोलाटीकाकापशुओंपरपरीक्षणसफलहुआ

07-NOV-2014

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के वैज्ञानिकों ने दुनिया के पहले सांस के जरिए ली जा सकने वाली इबोला टीका का पशुओं पर सफल परीक्षण किया. प्रोफेसर मारिया क्रोएल के साथ डॉ. ग्रे कोबिंगर ने विन्निपेग के नेशनल माइक्रोबायोलोजी लैबोरेटरी में परीक्षण के सफल होने की पुष्टि 4 नवंबर 2014 को की.

इस टीके ने घातक इबोला वायरस के खिलाफ नॉन– ह्यूमन प्राइमेट ( गैर– मानव प्राइमेट्स) के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा के लक्षण दिखाए. हाल ही में हुए एक प्री– क्लीनिकल अध्ययन ने इस बात का सबूत दिया कि गैर– इंजेक्शन वाले इस वैक्सीन की एक खुराक का प्रभाव इबोला वायरस पर लंबे समय तक रहता है जो कि भविष्य में होने वाले प्रकोप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
टीका 
वायरस से सबसे अधिक पीड़ित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में यह सांस द्वारा ली जा सकने वाली वैक्सीन भंडारण, परिवहन और प्रशासन की बाधाओं को दूर कर सकता है. 
वैज्ञानिक क्रोएल ने इबोला जायरे के 1000 प्लाक गठन इकाइयों पर टीकाकरण के 150 दिनों के बाद की स्थिति का अध्ययन कर सांस के जरिए ली जा सकने वाली एक ऐसी दवा को विकसित करने के लिए जो कि नॉन– ह्यूमन प्राइमेट्स के अस्तित्व में 67% से 100% का इजाफा करता है, पर सात वर्षों से भी अधिक काम किया. यह विकास सांख्यिकीय रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इंट्रामस्क्यूलर इंजेक्शन की मानक पद्धति से टीका दिए गए सिर्फ 50% प्राइमेट्स ही बच पाए. 
हालांकि प्रगति वायरस के जीव विज्ञान को समझने में बनाया गया है, फिलहाल इस बीमारी से बचने के लिए किसी भी प्रकार का लाइसेंसी टीका या उपचार मौजूद नहीं है. 
क्रोएल की टीम के शोध का अगला चरण होगा क्लीनिकल ट्रायल का चरण– 1 जिसमें टीके का मानव पर प्रभाव का परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद वे उन प्रारंभिक आंकड़ों का पता लगाएंगे जिन्हें उन्होंने नॉन– ह्यूमन प्रइमेट्स में एक पतली फिल्म के रूप में उनकी जीभ के नीचे रखकर वैक्सीन देने के लिए इक्ट्ठा किया है

प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीदुनियाकेसबसेप्रभावशालीहस्तियोंमें 15वेंस्थानपरफोर्ब्ससूची

07-NOV-2014

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली हस्तियों में 15वें स्थान पर हैं. फोर्ब्स पत्रिका द्वारा 5 नवंबर 2014 को जारी सूची (वर्ष 2014 हेतु) में यह जानकारी दी गई. वह पहली बार इस सूची में शामिल हुए. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सूची में पहले स्थान पर हैं.

दुनिया के 72 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 36वें, आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन लक्ष्मी मित्तल 57वें तथा माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्य नाडेला 64वें स्थान पर हैं. इस वर्ष की सूची में 12 नई हस्तियां हैं जिनमें मोदी व मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल अलसिसि शामिल हैं. इस सूची में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम नहीं है जबकि इससे पहले वाली सूची में उनका नाम था.

फोर्ब्स पत्रिका द्वारा जारी सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूचीं
•    व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति
•    बराक ओबामा, अमेरिका के राष्ट्रपति
•    शी जिनपिंग, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव
•    पोप फ्रांसिस, रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख
•    एंजेला मार्केल, जर्मनी की चांसलर
•    जैनेट येलेन, संयुक्त राज्य अमेरिका फेडरल रिजर्व सिस्टम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष
•    बिल गेट्स, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष
•    मारियो द्रागी, यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष
•    सेर्गेई ब्रिन और लैरी पेज, गूगल के सह-संस्थापक
•    डेविड कैमरून, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
•    अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज अल सउद, सऊदी अरब के किंग
•    वारेन बफेट, बर्कशायर हैथवे के सीईओ
•    ली किकांग, चीन के प्रीमियर
•    कार्लोस स्लिम, अमेरिका मोविल के अध्यक्ष
•    नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री
•    जेफ बेजोस, अमेज़न के सीईओ
•    फ्रेंकोइस होलेंड, फ्रांस के राष्ट्रपति
•    जेमी डिमन, जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ
•    अली होसिनी, ईरान के ग्रैंड अयातुल्ला
•    रेक्स टिलरसन, एक्सॉन मोबिल के सीईओ
•    जेफरी इम्मेल्ट, जनरल इलेक्ट्रिक के सीईओ
•    मार्क ज़ुकेरबर्ग, फेसबुक के सीईओ
•    माइकल ब्लूमबर्ग, ब्लूमबर्ग के सीईओ
•    चार्ल्स कोच और डेविड कोच, कोच इंडस्ट्रीज के सीईओ
•    टिमोथी कुक, एप्पल के सीईओ

भारतीयमूलकीनिक्कीहेलीदूसरीबारसाउथकैरोलिनाकीगवर्नरबनीं

07-NOV-2014

भारतीय मूल की अमेरिकी निक्की हेली 5 नवंबर 2014 को दूसरी बार साउथ कैरोलिना की गवर्नर बनीं. निक्की हेली को 57.8 फीसदी वोट के साथ निर्वाचित घोषित किया गया. निक्की ने निकटतम डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी विन्सेन्ट शेहीन को हराया. विन्सेन्ट शेहीन को 40 फीसदी वोट ही मिले.

बाबी जिंदल के बाद हेली अमेरिका में दूसरी भारतीय अमेरिकी गवर्नर हैं. जिंदल लुइसियाना के गवर्नर हैं. हेली के चुनाव प्रचार में फ्लोरिडा के पूर्व गवर्नर जेब बुश, लुइसियाना और न्यू जर्सी के गवर्नर क्रमश: बॉबी जिंदल और क्रिस क्रिस्टी सहित कई रिपब्लिकन नेताओं ने हिस्सा लिया था. इस जीत के बाद रिपब्लिकन पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर हेली का ग्राफ और उपर उठ गया. इस चुनाव में अन्य 30 भारतवंशी उम्मीदवारों के निर्वाचन क्षेत्र के नतीजे अभी सामने नहीं आए हैं.

इनमें डेमोक्रैट के अमरीश अमी बेरा, रोहित रो खन्ना, रिपब्लिकन के नील काशकरी, कैलिफोर्निया के तीन बार के गवर्नर डेमोक्रेट के जेरी ब्राउन और कमला हैरिस प्रमुख हैं. अमेरिका में सर्वाधिक लोकप्रिय गवर्नर में से एक हेली ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान 80 लाख डॉलर से अधिक राशि जुटाई जबकि शेहीन ने 35 लाख डॉलर जुटाए.

निक्की हेली के बारे में
निक्की हेली साउथ कैरोलिना की गवर्नर बनने वाली पहली महिला हैं. वर्तमान में हेली (42 वर्षीय) संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे कम उम्र की गवर्नर हैं. निक्की हेली भारत से अमेरिका आकर बसे सिख परिवार से ताल्लुक रखती हैं और वह चार साल पहले राज्य की पहली महिला और अल्पसंख्यक गवर्नर बनीं थीं.
वह संयुक्त राज्य अमेरिका में दो भारतीय अमेरिकी गवर्नर में से एक हैं. बाबी जिंदल के बाद हेली अमेरिका में दूसरी भारतीय अमेरिकी गवर्नर हैं. बाबी जिंदल लुइसियाना के गवर्नर हैं. वर्जीनिया के गवर्नर एल डगलस वाइल्डर और लुइसियाना के गवर्नर बाबी जिंदल के बाद निक्की हेली तीसरी गैर यूरो अमेरिकी जो अमेरिका के दक्षिणी राज्य की गवर्नर निर्वाचित की गईं

एचडीएफसीएफआईआईद्वारा 75% हिस्सेदारीप्राप्तकरनेवालीपहलीसूचीबद्धभारतीयकंपनीबनी

07-NOV-2014

बंधक निवेशक (mortgage financier) एचडीएफसी 30 सेंसेक्स कंपनियों के बीच पहली ऐसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी बन गई जिसमें 75 प्रतिशत विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors, एफआईआई) की हिस्सेदारी है.
यह जुलाई– सितंबर 2014 के तिमाही में एफआईआई (Foreign Institutional Investors) द्वारा कंपनी में रिकॉर्ड करीब 78% हिस्सेदारी बढ़ाने से हुआ है.

कंपनी में संचयी एफआईआई होल्डिंग (कम्युलेटिव होल्डिंग) जुलाई– सितंबर 2013 के 73.02 प्रतिशत के मुकाबले जुलाई– सितंबर 2014 में 77.85 प्रतिशत  हो गई. अप्रैल– जून 2014 तिमाही में एचडीएफसी में एफआईआई होल्डिंग 77.36 प्रतिशत थी.
इसके अलावा, एचडीएफसी में एफआईआई की हिस्सेदारी सितंबर 2013 से लगातार स्थिर दर से बढ़ रही है. एफआईआई में बढ़ोत्तरी कंपनी द्वारा दिए जाने वाले स्मार्ट रिटर्न का परिणाम हैं.
बंधक ऋणदाता में विदेशी हिस्सेदारी में वृद्धि भारतीय शेयर बाजार में कुल विदेशी संस्थाओं द्वारा दिखाए गए उठान के रूझान से मेल खाता है.
जुलाई– सितंबर 2014 की अवधि के दौरान, एफआईआई ने भारतीय शेयरों में 23000 करोड़ रुपयों से भी अधिक का निवेश किया है. यह केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे सुधार पहलों की वजह से हुआ है.
इसके अलावा, एफआईआई की समग्र होल्डिंग भी 30 जून 2014 के 88.01% के मुकाबले बढ़कर  जुलाई– सितंबर 2014 में 88.17% हो गई. यह बढ़ोत्तरी ज्यादातर एफआईआई द्वारा शेयरों की खरीद से हुई है.
घरेलू संस्थागत होल्डिंग्स 30 सितंबर 2014 को 10.32% पर थी जो कि अप्रैल– जून 2014 के 10.65% के मुकाबले कम है.

भारत-नाइजीरियाकेबीचसजाकाटरहेव्यक्तियोंकेस्थानांतरणपरसंधिकोकेंद्रीयमंत्रिमंडलकीमंजूरी

06-NOV-2014

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भारत और नाइजीरिया के बीच सजा काट रहे व्यक्तियों के स्थानांतरण संबंधी संधि पर हस्ताक्षर किए जाने को 5 नवंबर 2014 को मंजूरी दी गई.

संधि के प्रावधान 
• इस संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद नाइजीरिया की जेलों में बंद भारतीय कैदी और भारत में बंद नाइजीरियाई कैदी बाकी की सजा अपने देश की जेलों में काट सकेंगे. 
• इससे वह अपने परिवार के पास रह सकेंगे. 
• इससे उनको सामाजिक पुनर्वास की सुविधा होगी.
अन्य देश जिनके साथ इस तरह की संधि हुई है. 
भारत सरकार युनाइटेड किंगडम, मॉरिशियस, बुल्गेरिया, ब्राजील, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, साउदी अरब, ईरान, कुवैत, श्रीलंका, यूएई, मालदीव, थाइलैंड, टर्की, इटली, बोसनिया और हर्जेगोविना, इजराइल, रूस और वियतनाम की सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर चुकी है.
इसके अलावा कनाडा, होंगकोंग, ऑस्ट्रेलिया और स्पेन की सरकारों के साथ समझौता वार्ताएं संपन्न कर चुकी हैं.

जलवायुपरिवर्तनपरप्रधानमंत्रीकीपरिषदकापुनर्गठन

06-NOV-2014

मौसम में बदलाव को नियंत्रित करने संबंधी राष्ट्रीय स्तरीय कार्यों में तालमेल स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री की परिषद का पुनर्गठन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पुनर्गठन को  5 नवंबर 2014 को स्वीकृति प्रदान की.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस 18 सदस्यीय समिति में आरके पचौरी को बनाए रखा गया है, जबकि सीएससी की निदेशक सुनीता नारायण और उद्योगपति रतन टाटा को जगह नहीं मिली है.

पचौरी उस समय जलवायु परिवर्तन संबंधी उस अंतर-सरकारी पैनल के अध्यक्ष थे, जब इस संस्था को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
जलवायु परिवर्तन परिषद का कार्य 
यह परिषद, जलवायु परिवर्तन के आकलन, परिवर्तित जलवायु के अनुकूल ढांचा तैयार करने और कार्बन उत्‍सर्जन में कमी के लिए कार्य योजना तैयार करने के काम पर निगरानी करेगी. परिषद, राष्‍ट्रीय स्‍तर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों से कारगर ढंग से निपटने के उपायों पर ध्‍यान देगी.
जलवायु परिवर्तन परिषद 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में पुनर्गठित जलवायु परिवर्तन परिषद में 18 सदस्‍य होंगे.
जिसमें कुल आठ मंत्री होंगे, जो जलवायु परिवर्तन के बारे में राष्ट्रीय स्तरीय पहलों में समन्वय स्थापित करेंगे.
पुनर्गठित परिषद के सदस्यों में विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, पर्यावरण, वन्य एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्री, कृषि मंत्री, शहरी विकास मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, ऊर्जा और कोयला अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री सदस्यों में शामिल हैं. अन्य सदस्यों में कैबिनेट सचिव, विदेश सचिव, पर्यावरण, वन्य एवं जलवायु परिवर्तन सचिव, डॉ. आरके पचौरी, डॉ. नितिन देसाई, चंद्रशेखर दास गुप्ता और अजय माथुर के नाम हैं.
इस उच्च स्तरीय समूह से हटाए गए अन्य सदस्यों में आर. चिदंबरम, वी. कृष्णामूर्ति, सी. रंगराजन, प्रोदिप्तो घोष और पत्रकारों में राज चेंगप्पा व आर रामचंद्रन हैं. चिदंबरम, कृष्णमूर्ति और रंगराजन तत्कालीन मनमोहन सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पैनल में शामिल थे. प्रोदिप्तो घोष और दोनों पत्रकारों में राज चेंगप्पा व आर रामचंद्रन को गैर-सरकारी सदस्यों के रूप में शामिल किया गया था

अनिताकपूरकोकेंद्रीयप्रत्यक्षकरबोर्डकाअध्यक्षनियुक्तगया

06-NOV-2014

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की अधिकारी अनिता कपूर को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का अध्यक्ष 5 नवंबर 2014 को नियुक्त किया गया.  इस नियुक्ति से पहले आयकर कैडर की 1978 बैच की अधिकारी कपूर अभी तक सीबीडीटी में सदस्य (कानून और कंप्यूटरीकरण तथा आयकर) थीं.

अनिता कपूर ने 31 अक्टूबर 2014 को सीबीडीटी के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त केवी चौधरी का स्थान लिया. अनिता कपूर का कार्यकाल नवंबर 2015 तक है. 
केवी चौधरी को काले धन पर उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमबी शाह की नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) में सलाहकार नियुक्त किया गया है. 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की स्थापना केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के एक हिस्से के रूप में की गई. इसने 1 जनवरी 1964 से कार्य करना प्रारंभ किया.  इसे राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त है. सीबीडीटी जहां एक ओर भारत में प्रत्यक्ष कर की नीतियों और योजनाओं के लिए आवश्यक निविष्टियां प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन की जिम्मेदारी भी उठाता है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का अध्यक्ष भारत सरकार का पदेन विशेष सचिव होता है तथा इसके सदस्य भारत सरकार के पदेन अपर सचिव होते हैं. सीबीडीटी के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस), भारत की प्रमुख सिविल सर्विस, से की जाती है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर विभाग का शीर्ष निकाय है. सीबीडीटी में अध्यक्ष के अलावा छह सदस्य होते हैं.

सचिनतेंदुलकरकीआत्मकथा ‘प्लेइंगइटमाइवे’ कामुंबईमेंविमोचन

06-NOV-2014

सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माइ वे’ का मुंबई में 5 नवंबर 2014 को विमोचन किया गया. इस पुस्तक का अनावरण सचिन के कुछ पूर्व साथी खिलाड़ी, हस्तियों और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में किया गया. सचिन ने इस पुस्तक में अपने करियर के कई कहे-अनकहे लम्हों को शामिल किया.

इससे पहले, सचिन ने अपनी मां रजनी को पुस्तक की पहली प्रति दी. पुस्तक के अनावरण के दौरान तेंदुलकर ने अपने मेंटर और बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर को अपनी बेटी सारा की मौजूदगी में किताब की प्रति दी. इस विमोचन कार्यक्रम में कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जैसे सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड भी मौजूद थे.

पुस्तक के विमोचन से पहले क्रिकेट विशेषज्ञ और कार्यक्रम के होस्ट हर्षा भोगले ने तेंदुलकर के टीम के पूर्व साथियों और परिवार के सदस्यों के साथ तीन पैनल चर्चा की. इस किताब में सचिन के बारे में विस्तृत जिक्र किया गया. पहली पैनल चर्चा में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर, रवि शास्त्री और तेंदुलकर के करियर को ढालने में अहम भूमिका निभाने वाले मुंबई के पूर्व क्रिकेटर वासु परांजपे ने हिस्सा लिया.

सचिनतेंदुलकरसेसम्बंधितमुख्यतथ्य

  • सचिन तेंदुलकर को यूनीसेफ ने वर्ष 2015 (2 वर्ष) तक के लिए दक्षिण एशिया के लिए अपना पहला ब्रांड एंबेसडर नवंबर 2013 को नामित किया.
  • सचिन तेंदुलकर के सम्मान में 23 जून 2014 को ब्रिटेन की विलासिता का सामान निर्माता कंपनी ‘ईस्ट इंडिया’ ने सोने का विशिष्ट सिक्का जारी किया.
  • सचिन तेंदुलकर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया.
  • भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने सचिन को अप्रैल 2012 में राज्यसभा के लिए मनोनित किया.
  • सचिन तेंदुलकर का ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया की सदस्यता से सम्मानित किए जाने हेतु चयन 16 अक्टूबर 2013 को किया गया.
  • भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने सचिन तेंदुलकर को अप्रैल 2012 में राज्यसभा के लिए मनोनित किया.
  • सचिन तेंदुलकर को 26 फरवरी 2012 को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की आजीवन मानद सदस्यता दी गई.

सचिनतेंदुलकरकेक्रिकेटकरियरकीउपलब्धि

  • 1989: पाकिस्तान के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत
  • 1990: पहला टेस्ट शतक (नाबाद 119 रन) ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ
  • 1993: भारत में पहला टेस्ट शतक (163 रन) चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ
  • 1994: पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक अपने करियर के 79वें मैच में कोलंबो में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिंगर कप में
  • 1997: सर्वश्रेष्ठ विजडन क्रिकेटर चयनित
  • 2001: एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस हजार रन बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज बने
  • 2002: पोर्ट आफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 117 बनाकर सर डान ब्रेडमैन के 29 टेस्ट शतक की बराबरी की और फिर इंग्लैंड के खिलाफ 193 रन बनाकर डॉन ब्रेडमैन का रिकार्ड तोड़ा
  • 2003: आइसीसी विश्व कप के 11 मैचों में 673 बना कर टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने.
  • 2004: सुनील गावस्कर के 34 शतक के रिकार्ड की बराबरी करने वाले विश्व के पहले खिलाड़ी बने
  • 2004: एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 50 मैन आफ द मैच हासिल करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने
  • 2005: टेस्ट क्रिकेट में अपने करियर के 122वें मैच में दस हजार रन पूरे किए
  • 2006: एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 14 हजार रन पूरे कर नया विश्व रिकार्ड बनाया
  • 2008: एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 16 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने
  • 2008: टेस्ट क्रिकेट में ब्रायन लारा के 11,953 रन के रिकार्ड को तोड़ा
  • 2010: एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बने
  • 2010: स्टीव वा के 168 टेस्ट खेलने के रिकार्ड को तोड़ा
  • 2011: क्रिकेट विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ पहला मैच खेलने के साथ ही सबसे ज्यादा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने वाले खिलाड़ी बने और सनथ जयसूर्या के 444 मैचों के रिकार्ड को पीछे छोड़ा.
  • 2011: क्रिकेट विश्व कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा 482 रन बनाने वाले बल्लेबाज बने
  • 2012: एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 114 रन बनाकर अपने क्रिकेट करियर का 100वां शतक पूरा किया.
  • 2012: सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास (23 दिसंबर 2012) लिया.

आईसीसीनेभुवनेश्वरकुमारकोवर्ष 2014 केआईसीसीपीपल्सचॉइसअवार्डकाविजेताघोषितकिया

06-NOV-2014

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने भारत के मध्यम गति के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को वर्ष 2014 के आईसीसी पीपल्स चॉइस अवार्ड का विजेता घोषित किया. सचिन तेंदुलकर (2010), श्रीलंका के कुमार संगकारा (2011, 2012), और भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (2013) के बाद भुवनेश्वर इस पुरस्कार को जीतने वाले चौथे क्रिकेट खिलाड़ी हैं.

इंग्लैंड की महिला क्रिकेट कप्तान कार्लोटे एडवार्डस, ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन, श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज और दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन भी इस पुरस्कार की दौड़ भी शामिल थे.

इस पुरस्कार की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा वर्ष 2010 में की गई थी. यहां प्रशंसकों द्वारा दिए गए मत के आधार पर विजेता की घोषणा की जाती है. इस पुरस्कार के लिए मत देने की प्रक्रिया 8 अक्टूबर को शुरू हुई थी और 30 तारीख को वोटिंग लाइन बंद कर दी गई थी. इससे पहले, आईसीसी क्रिकेट समिति के अध्यक्ष तथा पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले, इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी जोनाथन एग्न्यू, श्रीलंकाई रसेल आर्नोल्ड, पूर्व कीवी कप्तान स्टीफन प्लेमिंग और आईसीसी महिला समिति की पूर्व अध्यक्षा बेट्टी टिमर की विशेष पैनल ने पुरस्कार के लिए नामांकित खिलाड़ियों की सूची जारी की थी.

भुवनेश्वर कुमार के बारे में
भुवनेश्वर कुमार मावी का जन्म 5 फ़रवरी 1990 को मेरठ में हुआ था. वह भारत के टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी हैं. भुवनेश्वर कुमार प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं. इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू के लिए खेल चुके कुमार ने इस प्रतियोगिता के छठें संस्करण में पुणे वारियर्स इंडिया की टीम का प्रतिनिधित्व किया. भुवनेश्वर कुमार दाँयें हाथ की मध्यम तेज गेंदबाजी करने के साथ ही मध्यक्रम में दाँयें हाथ से बल्लेबाजी भी करते हैं. उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में गुर्जर परिवार में जन्में भुवनेश्वर कुमार का बुलंदशहर के लुहरली गाँव से भी संबंध रहा है. वर्तमान में भुवनेश्वर कुमार मेरठ में रहते हैं.

भुवनेश्वर कुमार ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ 30 दिसंबर 2012 को चेन्नई में की थी. भुवनेश्वर कुमार ने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 फरवरी 2013 को चेन्नई में की थी. भुवनेश्वर कुमार ने 11 टेस्ट मैचों में 28 और 42 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 44 विकेट प्राप्त किए.

महेंद्रसिंहधोनीआईसीसीवनडेटीमकेकप्तानचुनेगये

06-NOV-2014

महेंद्र सिंह धोनी को 5 नवंबर 2014 को आईसीसी की वर्ष की वनडे टीम का कप्तान चुना गया. आईसीसी की वर्ष की टेस्ट टीम में कोई भी भारतीय जगह नहीं बना सका जिसकी कप्तानी श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज को सौंपी गयी.

पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने दोनों टीमों की घोषणा की जिनमें 12-12 खिलाड़ी शामिल हैं. टीमों का चयन वर्ष 2014 के दौरान खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर किया गया. वनडे टीम में धोनी कप्तान हैं. उनके अलावा भारतीय टीम में उनके साथ उप कप्तान विराट कोहली और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को भी इस टीम में जगह मिली है. सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को 12वां खिलाड़ी चुना गया.

यह लगातार सातवां वर्ष है जबकि धोनी ने आईसीसी वनडे टीम में जगह बनायी जबकि डेल स्टेन लगातार सातवीं बार टेस्ट टीम में जगह बनाने में सफल रहे. बारह सदस्यीय वनडे टीम में चार भारतीय, तीन दक्षिण अफ्रीकी, दो आस्ट्रेलियाई, एक पाकिस्तानी और एक श्रीलंकाई खिलाड़ी शामिल है. टेस्ट टीम में ऑस्ट्रेलिया के दो, न्यूजीलैंड के तीन, इंग्लैंड के दो, श्रीलंका के तीन और दक्षिण अफ्रीका के दो खिलाड़ी शामिल हैं.

टीमें इस प्रकार हैं:-
आईसीसी की वर्ष 2014 की वनडे टीम :-
मोहम्मद हफीज (पाकिस्तान), क्विंटन डिकॉक (दक्षिण अफ्रीका), विराट कोहली (भारत), जॉर्ज बेली (ऑस्ट्रेलिया), एबी डीविलियर्स (दक्षिण अफ्रीका), एम एस धोनी (भारत) (विकेटकीपर, कप्तान), ड्वेन ब्रावो (वेस्टइंडीज), जेम्स फॉकनर (ऑस्ट्रेलिया), डेल स्टेन (दक्षिण अफ्रीका), मोहम्मद शमी (भारत), अजंता मेंडिस (श्रीलंका), रोहित शर्मा (भारत) (12वां खिलाड़ी).

आईसीसी की वर्ष 2014 की टेस्ट टीम :-
डेविड वार्नर (ऑस्ट्रेलिया), केन विलियमसन, कुमार संगकारा (श्रीलंका), एबी डिविलियर्स (दक्षिण अफ्रीका), जो रूट (इंग्लैंड), एंजेलो मैथ्यूज (श्रीलंका), (कप्तान), मिशेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया), स्टुअर्ट ब्राड (इंग्लैंड), डेल स्टेन (दक्षिण अफ्रीका), रंगना हेराथ(श्रीलंका), टिम साउथी (न्यूजीलैंड) और रोस टेलर (न्यूजीलैंड) (12वां खिलाड़ी).

विधिआयोगने 73 औरपुरानेकानूनोंकोनिरस्तकरनेकीसिफारिशकी

06-NOV-2014

न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह की अध्यक्षता में विधि आयोग ने 3 नवंबर 2014 को 73 और पुराने कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की. इसके साथ ही इस प्रकार के कानूनों की संख्या बढ़कर 258 हो गई है. 
विधि आयोग ने अपनी तीसरी अंतरिम रिपोर्ट केंद्रीय कानून मंत्रालय के समक्ष पेश की. पैनल ने ऐसे 258 कानूनों  को निरस्त करने की सिफारिश की जो अपनी प्रासंगितकता खोने के बावजूद विधि की किताबों में अब भी बने हुए हैं.

इसमें वह कानून भी शामिल है जो उन लोगों के लिए सजा का प्रावधान करता है जो कि ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा लड़ी जाने वाली लड़ाईयों का हिस्सा बनने से लोगों को रोकते थे. निरसन के लिए सिफारिश किए गए कानूनों में से एक है आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1938. ये द्वितीय विश्व युद्ध के शुरु होने से कुछ ही समय पहले लागू किया गया था. 
इससे पहले, विधि आयोग ने अपनी पहली अंतरिम रिपोर्ट सितंबर 2014 में पेश की थी. आयोग ने पुराने 72 अधिनियमों के निरसन की सिफारिश की थी.
अपनी दूसरी अंतरिम रिपोर्ट जो कि अक्टूबर 2014 में पेश की, में पैनल ने 113 और कानूनों को जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध युग के 11 अध्यादेश भी थे, के निरसन का सुझाव दिया था.
विधि आयोग की ये सिफारिशें अवांछित कानूनों को हटाने में सरकार की मदद करने के लिए चल रहे अभियान का हिस्सा है. 
केंद्रीय विधि मंत्रालय ने विधि आयोग को ऐसे कानूनों को हटाने की सिफारिश करने का जिम्मा सौंपा था जिन्हें निरस्त किया जा सकता है. वर्ष 2001 के बाद यह पहली बार है जब कानून मंत्रालय ने इस प्रकार का कोई कदम उठाया है.
पुराने कानूनों के हटाने के लिए केंद्रीय सरकार ने अगस्त 2014 में कदम उठाए थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैसे पुराने कानूनों को हटाने के लिए एक अलग आयोग का गठन किया था जो भ्रम पैदा कर शासन में बाधा पहुंचा रहे थे.

यह समिति 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासनिक कानूनों की समीक्षा संबंधी समिति द्वारा निरसन के लिए सिफारिश की गई सभी अधिनियमों की जांच करेंगे. वाजपेयी सरकार द्वारा नियुक्त समिति द्वारा निरसन के लिए सिफारिश की गईं कुल 1382 अधिनियमों में से अब तक 415 को निरस्त किया जा चुका है.

जुलाई 2014 के बजट सत्र में केंद्र सरकार ने 32 अधिनियमों के निरसन के लिए निरसन एवं संशोधन विधेयक, 2014 पेश किया था. 
इसमें अपनी उपयोगिता खो चुके कुछ संशोधित अधिनियमों और मूल अधिनियमों को कानून की किताबों में से हटाने का प्रयास किया गया है.
विधेयक के जरिए संशोधन अधिनियम जिन्हें निरस्त करने की मांग की जा रही है, में शामिल है, रिप्रजेंटेशन ऑफ द पिपुल एक्ट, 1951, विशेष विवाह अधिनियम, 1954, भारतीय तलाक अधिनियम, 1869,  आनंद विवाह अधिनियम, 1909 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872.

शांतिकोबढ़ावादेनेकेलिएखेलकोसाधनकेरुपमेंदेखनेकेयूएनप्रस्तावकाआईओसीनेस्वागतकिया

06-NOV-2014

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेलों पर संयुक्त राष्ट्र के संकल्प का 3 नवंबर 2004 को स्वागत किया. इसे 16 अक्टूबर 2014 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 69वें नियमित सत्र में सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.

संकल्प की मुख्य बातें
• यह खेलों की स्वतंत्रता और स्वायत्ता का समर्थन करने के साथ– साथ ओलंपिक आंदोलन में आईओसी के मिशन का समर्थन करेगी. 
• इसने संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और उन्हें देशों के कार्यक्रम की प्रमुख भूमिका के साथ– साथ खेलों और शारीरिक शिक्षा के जरिए मानव विकास को बढ़ावा देने के सदस्य देशों औऱ उनके विदेशी कार्यक्रमों की भूमिका को भी स्वीकार किया. 
• इसने सदस्य देशों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों को विकास और शांति के लिए खेल अंतरराष्ट्रीय कार्य समूह (स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट एंड पीस इंटरनेशनल वर्किंग ग्रुप) से जुड़ने और उसका समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया ताकि वह परिकल्पित विषयों पर ठोस काम कर सके, इसमें खेल और स्वास्थ्य पर लंबित पड़ा विषयगत कार्य समूह भी शामिल है. 
• इसने सदस्य देशों को ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स ऑफ स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट एंड पीस से जुड़ने और उसमें हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया. 
• इसने महासचिव से महासभा के 71वें सत्र में वर्तमान संकल्प के कार्यान्वयन पर रिपोर्ट करने का भी अनुरोध किया. 
• इसने 71वें सत्र में अपने अनंतिम एजेंडे विकास और शांति के लिए खेल ( स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट एंड पीस) को शामिल करने का भी फैसला किया.
टिप्पणी
आईओसी स्व– शासन के लिए बहुत उत्सुक है ताकि राष्ट्रीय ओलंपिक निकाय जिन पर उनका अधिकार है और जिस पर वह अपना एकमात्र नियंत्रण बनाए रखना चाहता है, किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न कर पाएं. ओलंपिक में कई राजनीतिक विवाद हुए हैं, इसमें सबसे मशहूर विवाद संयुक्त राज्य अमेरिका का था और फिर उसके बाद सोवियत संघ ने 1980 में मॉस्को में और 2010 में लॉस एंजेल्स में बहिष्कार का रहा

मेकइनइंडियापहलकेसमर्थनकेलिएएमएसएमईऔरआईएलओकेकेंद्रीयमंत्रालयोंनेएकसमझौताकिया

06-NOV-2014

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईओएल) ने मेक इन इंडिया पहल के समर्थन के लिए एक समझौता 3 नवंबर 2014 को किया.

समझौते की मुख्य बातें
• यह समझौता भारत सरकार की मेक इन इंडिया (भारत में बनाओ) पहल को समर्थन देने के लिए शुरु में पांच वर्ष की अवधि के लिए किया गया है. 
• यह समझौता देश में अधिक और बेहतर गुणवत्ता वाले रोजगार की प्राथमिक उद्देश्य के साथ तकनीकी भागीदारी के लिए आधार बनाएगा. 
• गतिविधियां तीन प्रमुख क्षेत्रों में फोकस करेंगीं– उद्यमिता विकास, कार्यस्थल पर अच्छी प्रथाएं ताकि उत्पादकता में सुधार हो और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओँ में एकीकरण को बढ़ाना. 
• समझौते के तहत टिकाउ उद्यमों और औपचारिक रणनीतियों से संबंधित अनुसंधान औऱ ज्ञान– विकास पर भी फोकस किया जाएगा

अमेरिकावाइब्रेंटगुजरातवैश्विकनिवेशकशिखरसम्मेलन-2015 कासहयोगीदेशबना

06-NOV-2014

अमेरिका वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2015 का सहयोगी देश 3 नवंबर 2014 को बना. समारोह में हिस्सा लेने वाला अमेरिका आठवां देश हो जाएगा. अन्य भागीदार देशों में यूके, नीदरलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और जापान हैं. यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसबीआईसी) और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के सीईओ भी इसमें हिस्सा लेंगे.

पृष्ठभूमि
अब तक अमेरिका खुद को इस द्विवार्षिक व्यापार समारोह से अलग बनाए हुए था क्योंकि उसने 2002 में हुए सांप्रदायिक हिंसा के दौरान धार्मिक अधिकारों के कथित उल्लंघन के आरोपों के मद्देनजर 2005 में गुजरात के भूतपूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया था.
सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के तुरंत बाद अमेरिकी सरकार ने गुजरात सरकार को गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में भागीदार देश बनने के प्रति अपनी रुचि दिखाते हुए एक प्रस्ताव भेजा. इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 15 जनवरी 2015 को गांधीनगर में होगा.
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (वीजीजीआईएस) 
• वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (वीजीजीआईएस) गुजरात सरकार द्वारा गुजरात के विकास के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने हेतु आयोजित किया जाने वाले एक द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन है. 
• इस शिखर सम्मेलन का थीम है-‘गुजरात वैश्विक हो रहा है’. इसका उद्देश्य व्यापार नेताओं, निवेशकों ,निगमों, नीतियों और नीति निर्माताओँ को एक साथ लाना है. 
• पहला वीजीजीआईएस वर्ष 2003 में आयोजित किया गया था जिसमें 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 76 समझौते हुए थे. करीब 125 विदेशी प्रतिनिधियों, 200– आप्रवासी भारतियों, 200 प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों और करीब 45 देशों के भागीदारों ने समारोह में शिरकत की थी.  
• वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2013 में करीब 121 देशों ने हिस्सा लिया था. इसमें 2100 से भी अधिक विदेशी प्रतिनिधि और करीब 58000 भारतीय प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी. जापान औऱ कनाडा शिखर सम्मेलन के लिए भागीदार देश थे.

हसमुखअढ़ियाकेंद्रीयवित्तमंत्रालयकेवित्तीयसेवाविभागकेनएसचिवनियुक्त

06-NOV-2014

केंद्र सरकार ने वर्ष 1981 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हसमुख अढ़िया को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग का नया सचिव 3 नवंबर 2014 को नियुक्त किया. हसमुख अढ़िया जी.एस. संधु की जगह लेंगे.

वित्तीय सेवा विभाग के नए सचिव के नियुक्त किये जाने के समय वह गुजरात सरकार के वित्त विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव थे.
वर्ष 1980 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी संधु को राष्ट्रीय रासायनिक हथियार संधि प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने हसमुख को केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव पद पर नियुक्ति को अपनी मंजूरी दे दी.

पूर्व राजस्व सचिव राजीव टकरू को पूर्वोत्तर क्षेत्र विभाग में भेजे जाने और पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम को पहले पर्यटन मंत्रालय और फिर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में भेजे जाने के बाद वित्त मंत्रालय में यह तीसरा सचिव स्तरीय बदलाव है. ये तबादले ऐसे समय में किए गए हैं जब वित्त मंत्रालय 2015-16 के बजट की तैयारीयों में जुटा है.

हसमुख अढ़िया के बारे में 
•    हसमुख अढ़िया स्वामी विवेकानंद योग विश्वविद्यालय, बेंगलुरू से योग में डॉक्टर की उपाधि और आईआईएम अहमदाबाद से स्वर्ण पदक विजेता हैं.
•    हसमुख अढ़िया ने मई 2004 से मई 2006 तक गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में सेवा की.
•    हसमुख अढ़िया ने गुजरात में कर्मयोगी (एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम) और कन्या केलावनी (महिलाओं की शिक्षा के लिए) के कार्यक्रमों की शुरुआत की. 
•    हसमुख अढ़िया ने प्रेरक पुस्तक माई नोट्स टू माईसेल्फ भी लिखी है

हम्पीकर्नाटककेनिकटहड़प्पायुगीनरेखाचित्रमिले

06-NOV-2014

विशेषज्ञों ने कर्नाटक राज्य के हम्पी में तलवारघट्टा की पहाड़ी के नजदीक एक गोल पत्थर पर हड़प्पा (सिंधु) युग के करीब 20 चित्रलिपि की खोज की. यह चित्रलिपि गोंडी बोली में है. तलवारघट्टा तुंगभद्रा नदी के निकट स्थित है.

गोंडी लिपि के विशेषज्ञों ने गोल पत्थरों पर मिली इस चित्रलिपि को हड़प्पा संस्कृति– लिपि पर आधारित लिपि के तौर पर पहचाना है. विशेषज्ञों में नागपुर के डॉ. मोतिरावाण कांगले और प्रकाश सलामे शामिल हैं. गोंडी बोली में आलिन( पुरुष), सारी (सड़क/ रास्ता), नील (पैडी– धान), सुक्कुम (तारे/ बिन्दु), नूरु (प्रमुख व्यक्ति) भी शामिल हैं.
ऐसी ही चित्रलिपि छत्तीसगढ़ और बस्तर इलाके के गोटूल्स (युवाओं का शिक्षा केंद्र) की आंतरिक संरचनाओं में भी पाई गई थी.

पेंटागननेअफगानिस्तानमेंसुरक्षाऔरस्थायित्वपररिपोर्टसैंपी

06-NOV-2014

पेंटागन ने अफगानिस्तान में सुरक्षा और स्थायित्व पर अपनी छहमाही रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष 4 नवंबर 2014 को पेश की. अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने पाकिस्तान पर यह कहते हुए आरोप लगाया कि अफगान और क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के लिए अफगान– और – भारत केंद्रित आतंकवाद का संचालन पाकिस्तान की सीमा से जारी है.

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अफगानिस्तान में अपने प्रभाव के कम होने के खिलाफ ऐसे बलों का प्रयोग कर रहा है और भारत के बेहतर सैन्य शक्ति का भी मुकाबला कर रहा है. अफगानिस्तान– नीत सुलह का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की सार्वजनिक प्रतिबद्धता के संदर्भ में पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे समूह अफगानिस्तान– पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों में प्राथमिक अड़चन पैदा करने का काम कर रहे हैं. 
अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शपथ– ग्रहण समारोह से सिर्फ तीन दिनों पहले हर्ट में भारतीय दूतावास पर हुए हमले का भी जिक्र किया जिसमें चार सशस्त्र आतंकवादियों का एक समूह शामिल था और इस घटना को जानबूझ कर समारोह के समय अंजाम दिए जाने की बात कही.
अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने स्थायी और सुरक्षित अफगानिस्तान का समर्थन और भारतीय प्रतिबद्धता और वर्ष 2011 में हुए भारत एवं अफगानिस्तान सामरिक साझेदारी घोषणा की सराहना की. इस घोषणा के तहत दोनों देशों ने प्रशासन, अर्थव्यवस्था, वाणिज्य, शिक्षा, लोक प्रशासन और सुरक्षा एवं कानून प्रवर्तन पर औपचारिक सहयोग पर सहमति जताई थी. 
रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने यह कहते हुए पेंटागन की रिपोर्ट का स्वागत किया कि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात को स्वीकार करने लगा हैं कि आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन हासिल है.

टिप्पणीः एक दशक या उससे भी अधिक समय से पाकिस्तान आतंकवादियों और उनकी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है लेकिन पेंटागन की रिपोर्ट पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा बनने की दो प्रमुख वजह बताया है. पहला भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा और दूसरा अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का हटाया जाना. पाकिस्तान जानता है कि भविष्य में सुरक्षित अफगानिस्तान के निर्माण में भारत की अहम भूमिका होगी और इससे अफगानिस्तान को लाभ होगा और मध्य एशिया के आर्थिक गलियारों की सुविधाएं बढ़ेंगी

अमेरिका ‘वाइब्रेंटगुजरातवैश्विकनिवेशकशिखरसम्मेलन 2015’ हेतुसहयोगीबना

06-NOV-2014

संयुक्त राज्य अमेरिका 3 नवंबर 2014 को ‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2015’ का सहयोगी बन गया.

वाइब्रेंट गुजरात समारोह में हिस्सा लेने वाला अमेरिका आठवां देश हो गया है. अन्य भागीदार देशों में ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और जापान शामिल हैं. यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसबीआईसी) और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के सीईओ भी इसमें हिस्सा लेंगे.

पृष्ठभूमि

अब तक अमेरिका खुद को इस द्विवार्षिक व्यापार समारोह से अलग बनाए हुए था क्योंकि उसने 2002 में हुए सांप्रदायिक हिंसा के दौरान धार्मिक अधिकारों के कथित उल्लंघन के आरोपों के मद्देनजर 2005 में गुजरात के भूतपूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया था.

सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के तुरंत बाद अमेरिकी सरकार ने गुजरात सरकार को गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में भागीदार देश बनने के प्रति अपनी रुची दिखाते हुए एक प्रस्ताव भेजा. इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 15 जनवरी 2015 को गांधीनगर में होगा.

वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (वीजीजीआईएस)

•    वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (वीजीजीआईएस) गुजरात सरकार द्वारा गुजरात के विकास के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने हेतु आयोजित किया जाने वाले एक द्विवार्षित शिखर सम्मेलन है.

•    यह शिखर सम्मेलन गुजरात वैश्विक हो रहा है, के थीम पर आधारित है और इसका उद्देश्य व्यापार नेताओं, निवेशकों ,निगमों, सोच नेताओं, नीतियों और निति निर्माताओँ को एक साथ लाना है.

•    पहला वीजीजीआईएस 2003 में आयोजित किया गया था जिसमें 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 76 समझौते हुए थे. करीब 125 विदेशी प्रतिनिधियों, 200– आप्रवासी भारतियों, 200 प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों और करीब 45 देशों के भागीदारों ने समारोह में शिरकत की थी.

•    वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2013 में करीब 121 देशों ने हिस्सा लिया था. इसमें 2100 से भी अधिक विदेशी प्रतिनिधि और करीब 58000 भारतीय प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी. जापान औऱ कनाडा शिखर सम्मेलन के लिए भागीदार देश थे.

जलवायुऔरवायुप्रदूषणकेप्रभावसेभारतकाखाद्यान्नउत्पादन 50 प्रतिशतकमहुआ

05-NOV-2014

वायु प्रदूषण और जलवायु का भारत के खाद्यान्न उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है. देश में बढ़ते प्रदूषित कोहरे (स्मॉग) के कारण फसलों की संभावित उपज आधी रह गई है. वर्ष 2010 में जितनी फसल संभावित थी, वायु प्रदूषण के चलते पैदावार उसकी 50 प्रतिशत ही हुई. 
यह आंकड़े रीसेंट क्लाइमेट एंड एयर पॉल्यूशन इम्पैक्ट ऑन इंडियन एग्रीकल्चर (Recent climate and air pollution impacts on Indian agriculture, मौजूदा पर्यावरण और वायु प्रदूषण का भारतीय कृषि पर प्रभाव) नामक शोधपत्र में दिए गए हैं. यह शोधपत्र नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित किया गया है.

इस शोधपत्र में गत 30 वर्षो के गेहूं और चावल की उपज का विश्लेषण किया गया है जिसके आधार पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं और प्रमुख शोधकर्ता जेनिफर बर्नी ने भारत का एक सांख्यिकीय मॉडल तैयार किया है. इस मॉडल के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण सघन बसे राज्यों में गेहूं की उपज को वर्ष 2010 के मुकाबले 50 प्रतिशत कम किया. आवश्यक खाद्य सामग्री के उत्पादन में कोहरे (स्मॉग) के कारण 90 प्रतिशत तक की कमी आई.
कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के पर्यावरण वैज्ञानिक जेनिफर बर्नी द्वारा लिखे गये इस शोधपत्र में कहा गया है कि धुंध जैसे अल्पावधि जलवायु प्रदूषण (एसएलसीपी) करने वाले तत्वों के प्रत्यक्ष प्रभाव के कारण 90 प्रतिशत तक की हानि हो रही है. इन तथ्यों का वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर असर हो सकता है क्योंकि भारत एक प्रमुख चावल निर्यातक देश है.
भारत पर हालिया जलवायु के रुख के नकारात्मक प्रभावों का उल्लेख करते हुए अध्ययन शोधपत्र में कहा गया है कि उपज में महत्वपूर्ण गिरावट के कारण दो वायु प्रदूषण तत्वों ब्लैक कार्बन और भूस्तरीय ओजोन को दिया जा सकता है.

काले कार्बन और अन्य प्रदूषक तत्वों से बना स्मॉग तेजी से देश की मिट्टी के उपजाऊपन को कम करता जा रहा है. मात्र प्रदूषित वायु और काला कोहरा ही नहीं वैश्विक तापमान बढऩे से मौसम में होने वाले बदलावों के चलते भी खाद्यान्न की दस प्रतिशत उपज कम हो गई. 
भारत सरकार के लिए सुझाव
• वायु प्रदूषण कम करने के लिए बड़ी तकनीकों के बजाय कुछ साधारण उपायों की सलाह दी.
• ट्रकों में डीजल के लिए बेहतर किस्म के फिल्टरों का उपयोग करने की आवश्यकता.
• भारत सरकार को वायु प्रदूषण कम करने को लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रेरित करना होगा.
• बेहतर जन नीतियों से वायु शुद्ध होगी और देश में भुखमरी भी कम होगी.
• ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने के लिए बायोगैस बेहतर विकल्प.
• भारत सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने वाले स्टोव में अधिक शुद्ध ईंधन मुहैया कराना चाहिए

राष्ट्रपतिप्रणवमुखर्जीनेदिल्लीविधानसभाभंगकरनेकीसिफारिशकोमंजूरीदी

05-NOV-2014

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आठ माह के राष्ट्रपति शासन के बाद दिल्ली विधानसभा भंग करने की सिफारिश को मंजूर कर लिया. उन्होंने 4 नवंबर 2014 को विधानसभा भंग करने को मंजूरी प्रदान की. 
राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा भंग की जाने की अनुशंसा करने वाले पत्रक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.

इससे पहले, दिल्ली के उपराज्यपाल नज़ीब जंग ने राष्ट्रपति को विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी और केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति ने विधानसभा भंग की अधिसूचना जारी की.
केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्‍ली विधानसभा भंग करने को 4 नवंबर 2014 को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की दोपहर हुई बैठक में दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल नजीब जंग की सिफारिशों का अनुमोदन कर दिया गया. 
उपराज्‍यपाल नजीबजंग ने दिल्‍ली में सरकार गठन के बारे में 3 नवंबर 2014 को भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से अलग-अलग बातचीत की थी. इन तीनों दलों ने सरकार गठन में असमर्थता व्‍यक्‍त करते हुए नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की.
वहीं चुनाव आयोग ने दिल्ली की तीन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की अधिसूचना रद्द कर दी. चुनाव आयोग ने 25 अक्टूबर 2014 को जम्मू एवं कश्मीर और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ दिल्ली की महरौली, तुगलकाबाद और कृष्णा नगर विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर 2014 को मतदान कराए जाने की घोषणा की थी.
यह अनिवार्य नहीं कि विधानसभा भंग करने के तुरंत बाद ही चुनाव कराए जाएं. जैसे ही विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी होगी. दिल्ली का चुनाव आयोग केंद्रीय चुनाव आयोग को जानकारी देगा और फिर चुनाव की तारीख तय होगी.
विदित हो कि दिल्ली में 17 फरवरी 2014 से राष्ट्रपति शासन लागू है. 14 फरवरी 2014 को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन के शासन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 28 दिसंबर 2013 को शपथ ली. दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
पृष्ठभूमि
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 28 दिसंबर 2013 को शपथ ली. अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित का स्थान लिया था. वह (अरविंद केजरीवाल) व्यक्ति के रूप में 7वें और मुख्यमंत्री के कार्यकाल के रूप में 9वें मुख्यमंत्री नियुक्त हुए. अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने.
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं. इसके लिए 4 दिसंबर 2013 को कराए गए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 31 सीटें, आम आदमी पार्टी को 28 सीटें और कांग्रेस को 8 सीटें मिली. अकाली दल, जनतादल यूनाइटेड और निर्दलीय प्रत्याशी को एक – एक सीटें मिलीं

हॉकीइंडियाकेअध्यक्षनरिंदरबत्राप्रतिष्ठितप्रेसिडेंटपुरस्कारसेसम्मानित

05-NOV-2014

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट पुरस्कार से 4 नवंबर 2014 को मोरक्को में सम्मानित किया. नरिंदर बत्रा को एफआईएच के महासम्मेलन के समापन पर पुरस्कार प्रदान किया गया. नरिंदर बत्रा को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के वर्ष 2014 के आम कांग्रेस (ऑर्डिनरी कांग्रेस) के कार्यकारी बोर्ड में शामिल किया गया था. नरिंदर बत्रा के अलावा वालेंटिना कूरांता को एफआईएच ने अध्यक्ष को दिए जाने वाले अपने प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट पुरस्कार से सम्मानित किया.

नरिंदर बत्रा को हाल ही में एफआईएच के हाकी इंडिया कांग्रेस में हाकी इंडिया का अध्यक्ष बनाया गया था. एफआईएच ने वक्तव्य जारी कर कहा कि नरिंदर बत्रा को भारत में पिछले पांच सालों से हॉकी के विकास की दिशा में उनकी प्रतिबद्धता के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया. नरिंदर बत्रा की हॉकी इंडिया लीग शुरू करवाने के लिए भी सराहना की गई

बानकीमूननेमादाजननांगविकृतिकोसमाप्तकरनेहेतुवैश्विकअभियानकाआरंभकिया

05-NOV-2014

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख बान की मून ने 30 अक्टूबर 2014 को मादा जननांग विकृति समाप्त करने हेतु केन्या में वैश्विक अभियान का आरंभ किया.
अफ्रीका और मध्य पूर्व के 29 देशों में 125 मिलियन से अधिक लड़कियों और महिलाओं की अंग विकृति की गई. यदि यही रुझान जारी रहा तो 86 लाख युवा लड़कियों को वर्ष 2030 तक इस भीषण आघात (अमानवीय कृत्य) से गुजरना होगा.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मादा जननांग विकृति की प्रथा मानव अधिकारों का उल्लंघन है. वर्ष 2012 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रथा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आशा के साथ मादा जननांग विकृति (एफजीएम) की समाप्ति की घोषणा का प्रस्ताव पारित किया.

महिला जननांग विकृति (एफजीएम) 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि हर रोज़ 6 हजार लड़कियों को महिला जननांग विकृति (एफजीएम)  कुप्रथा का शिकार होना पड़ता है. महिला खतने का विरोध कर रहे लोगों के मुताबिक वास्तविक में यह आंकड़ा और भी अधिक है. उनके मुताबिक, दुनिया भर में 14 करोड़ महिलाएं इस प्रताड़ना से गुजर चुकी हैं.

महिलाओं के ख़तने (Female genital mutilation (FGM) or female circumcision) में धार्मिक प्रक्रिया के नाम पर लड़कियों के सेक्स ऑर्गन यानी जननांगों के क्लिटोरिस का हिस्सा काट दिया जाता है. मोटे तौर पर बताया जाए तो महिला जननांग का बाहर रहनेवाला सारा हिस्सा काट दिया जाता है और मात्र मूत्रत्याग और रजोस्राव के लिए छोटा द्वार छोड़ दिया जाता है. अंधविश्वास है कि ऐसा करने से लड़की की कामुकता घटेगी और विवाह से पहले शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी आएगी.

वर्ष 2001 में केन्या ने इसे अपराध मानते हुए कानून पास किया और 18 वर्ष से नीचे की बच्चियों का अंग विकृति करने पर रोक लगा दिया गया. सरकार ने एफजीएम विरोधी बोर्ड की स्थापना की और एफजीएम अधिनियम 2011 के तहत एफजीएम की रोकथाम के लिए नीति विकसित की. सरकार भी एफजीएम के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा अभियानों द्वारा विभिन्न रणनीतियों पर प्रयासरत हैं.

राज्यवर्धनसिंहराठौरकेबेटेमानवादित्यसिंहराठौरनेएशियनशॉटगनचैंपियनशिपमेंस्वर्णपदकजीता

05-NOV-2014

ओलंपिक रजत पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर के बेटे मानवादित्य राठौर ने संयुक्त अरब अमीरात के अल आइन में आयोजित चौथी एशियन शॉटगन चैम्पियनशिप की जूनियर ट्रैप स्पर्द्धा में 4 नवंबर 2014 को स्वर्ण पदक जीता. टूर्नामेंट में भारत का यह तीसरा स्वर्ण पदक है. जूनियर ट्रैप वर्ग में 15 वर्षीय मानवादित्य ने शूट ऑफ में 125 में से 114 अंक हासिल किए. मानवादित्य ने थ्री-वे टाई मैच में स्वर्ण पदक जीता.

ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बेटे मानवादित्य ने फाइनल मुकाबले में अपनी उम्र से बड़े खिलाडियों को शिकस्त दी. अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर यह अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मानवादित्य ने गोल्ड जीतने के बाद खुशी जाहिर की. गौरतलब है कि 2002 के कॉमनवेल्थ खेलों में राठौड़ ने स्वर्ण पदक जीता था. इस मैच में राठौड़ ने 200 में से 192 पर टारगेट पर निशाना साध कर रिकॉर्ड बनाया था.

इससे पहले सीमा तोमर ने सीनियर महिला ट्रैप स्पर्द्धा का व्यक्तिगत खिताब जीता था, जबकि सीमा, शगुन चौधरी व श्रेयसी सिंह की तिकड़ी ट्रैप टीम स्पर्द्धा में भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही. वर्ष 2013 में मानवादित्य ने फिनलैंड में जूनियर अंतरराष्ट्रीय शॉटगन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद कजाखस्तान में हुई एशियन शॉटगन में कांस्य पदक हासिल किया था, जबकि पिछले वर्ष अल्माटी में हुई एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में वे तीसरे स्थान पर रहे थे.

इस बीच, जूनियर ट्रैप स्पर्धा में अन्य भारतीयों में शरण सुशील और किस्मत चोपड़ा ने क्रमशः 113 और 105 का स्कोर बनाया. सीनियर ट्रैप वर्ग में केनन चेनाई पांचवें स्थान पर रहे. उन्होंने क्वालीफिकेशन में 120 का स्कोर बनाया. सीनियर पुरुष ट्रैप स्पर्धा में केनन, मानव और पृथ्वीराज की भारतीय टीम ने चौथा स्थान हासिल किया.

फ्लिपकार्टनेबेहतरभुगतानसुविधाउपलब्धकरानेकेलिएअमेरीकीकंपनीयूरोनेटकेसाथसमझौताकिया

05-NOV-2014

ऑनलाइन बहुब्रांड खुदरा कारोबार करने वाली प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट ने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन और बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ 4 नवंबर 2014 को समझौता किया. कंपनी ने बताया कि इसके तहत एक डिजिटल गिफ्ट कोड दिया जाएगा. यह आनलाइन खरीददारी के दौरान भुगतान के पुराने साधनों की जगह बेहतर विकल्प साबित होगा.

ग्राहक फ्लिकार्ट पर स्वयं की खरीददारी के लिए इस कोड का इस्तेमाल कर सकेंगे. फ्लिपकार्ट ने कहा कि देश के प्रमुख बैंकों के ग्राहक शीघ्र ही डिजिटल कोड खरीदने के लिए उनकी आनलाइन बैंकिंग पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करने में सक्षम हो सकेंगे. यूरोनेट की इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन सेवा का प्रयोग करने के लिए ग्राहकों को ईमेल के जरिये यह कोड प्राप्त हो सकेगा. कंपनी ने कहा कि उसकी इस पहल से नए ग्राहकों के जुड़ने के साथ ही मौजूदा संचालन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है.

फ्लिपकार्ट (Flipkart) के बारे में
फ्लिपकार्ट (Flipkart) भारत की ई-कॉमर्स कम्पनी है. फ्लिपकार्ट का मुख्यालय बंगलौर में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 2007 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के स्नातक सचिन बंसल और बिनी बंसल द्वारा की गई. मूलतः पुस्तकों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री लिए बनी यह वेबसाइट अब अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य वस्तुएं खरीदने का विकल्प भी देती है. फ्लिपकार्ट पर क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, ई-गिफ्ट वाउचर और कैश ऑन डिलीवरी के ज़रिये भुगतान किया जा सकता है. फ्लिपकार्ड ने अपने उत्पाद 'डिजिफ्लिप' (DigiFlip) नाम से बेचना शुरू किया जिसमें कैमरा-बैग, पेन-ड्राइव, हेडफोन तथा कम्प्यूटर के सामान आदि हैं.

यूरोनेट (Euronet) के बारे में

यूरोनेट (Euronet) दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सेवा प्रदान करने वाली अमेरिकी कंपनी है इसका मुख्यालय केंसास के लीवुड में स्थित है. यह स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम), बिक्री प्वाइंट सेवा (पीओएस), क्रेडिट / डेबिट कार्ड सेवा, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है. यूरोनेट कंपनी को वर्ष 1994 में हेनरी और माइक ब्राउन द्वारा स्थापित किया गया.

भारतऔरअमेरिकानेएशियाएवंअफ्रीकामेंविकाससहयोगकाविस्तारकिया

05-NOV-2014

भारत और अमेरिका ने वैश्विक विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग के मार्गदर्शक सिद्धांतों के वक्तव्य पर 3 नवम्बर  2014 को हस्ताक्षर किया.
पांचवीं भारत – अमेरिका सामरिक वार्ता के अनुसरण में यह दस्‍तावेज एशिया एवं अफ्रीका में विकास की चुनैतियों से निपटने में अधिक सहयोग को बढ़ावा देने तथा एशिया में संयोजकता मजबूत करने में मदद करने की रूपरेखा प्रदान करता है. पांचवीं भारत – अमेरिका सामरिक वार्ता में क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता एवं समृद्धि में भारत - यूएस साझेदारी के योगदान को रेखांकित किया.

भारत और अमेरिका कृषि, पोषण, स्‍वास्‍थ्‍य, स्‍वच्‍छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा, महिला सशक्‍तीकरण, आपदा के लिए तत्‍परता, पानी,स्‍वच्‍छता, एवं शिक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में साझी चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का प्रयोग करना जारी रखने पर सहमत हुए हैं.
यह करार साथ मिलकर काम करने और तृतीय देश नेतृत्‍व पर दृढ़ता से आधारित मांग चालित सहयोग प्रदान करने की अपनी - अपनी सम्मिलित क्षमता का प्रयोग करने संबंधी दोनों देशों की संयुक्‍त प्रतिबद्धता को पूरा करने में मददगार होगा.
भारत और यूएस दोनों ही संस्‍थाओं को सुदृढ़ करने तथा क्षमता का निर्माण करने के लिए तृतीय देश साझेदारों के साथ निकटता से सहयोग करना जारी रखेंगे. 
आरंभिक प्रयासों के तहत अफ्रीकी सरकार, निजी क्षेत्र एवं खाद्य प्रसंस्‍करण के शैक्षिक पेशेवरों के लिए सतत प्रशिक्षण; तथा महिलाओं के सशक्‍तीकरण के लिए सहयोग में विस्तार शामिल है. 
सार्वजनिक- निजी साझेदारी भी स्‍थापित की जा सकती है जो सरकार के नेतृत्‍व में चलने वाली पहलों को संपूरित करेगी तथा समग्र प्रभाव को इष्‍टतम करेगी

भारतीयनौसेनाराजेन्द्रचोलकेराज्याभिषेकका 1000वींवर्षगांठमनाएगी

05-NOV-2014

भारतीय नौसेना ने प्राचीन राजा राजेन्द्र चोल के राज्याभिषेक की 1000वीं वर्षगांठ मनाने की घोषणा 3 नवंबर 2014 को की.
तमिलनाडु के राज्यपाल के रोसैय्या ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के प्रांगण से नागापट्टनम के लिए एक जहाज को रवाना किया. यह चोल के नौसेना की उपलब्धियों का प्रतीक होगा. नागापट्टनम को राजेंद्र चोल के नौसेना के एक नौसैनिक अड्डों में से माना जाता रहा है.

इस समारोह के लिए भारतीय नौसेना ने नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन और तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया है. 
समारोह के हिस्से के रूप में आईएनएस सुदर्शनी को चेन्नई से लाया जा रहा है औऱ उसकी यात्रा नागापट्टनम में समाप्त होगी.
आईएनएस सुदर्शनी भारतीय नौसेना की नौकायन एवं प्रशिक्षण जहाज है. यह दुनिया भर की जलयात्रा के बाद वापस कोच्चि की राह पर है. एक राजा के समारोह में परिभ्रमण जहाज को सिर्फ इसलिए शामिल किया गया है कि उस प्रचीन काल में भी राजा की नौसेना सीमाओं के परे थी. 
तमिलनाडु नौकायन संघ और रॉयल मद्रास याच क्लब की नौकाएं चेन्नई बंदरगाह से बाहर आईएनएस सुदर्शनी का अनुरक्षण करेंगी जबकि स्थानीय कुलीन और गणमान्य व्यक्ति नागापट्टनम बंदरगाह पर उसके आगमन की अगुवाई करेंगे.

राजेंद्र चोल 
राजेंद्र चोल को एक महानतम शासक औऱ भारत के तमिल चोल साम्राज्य के सैन्य नेता के रूप में माना जाता है. उन्होंने 1014 ई. में अपने पिता से चोल साम्राज्य की कमान अपने हाथों में ली थी.
उसके शासनकाल में, उन्होंने पहले से ही बहुत बड़े चोल साम्राज्य का विस्तार उत्तर में गंगा के किनारे और समुद्र के पार तक किया था. राजेंद्र की सीमा तटीय बर्मा, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्ष्यद्वीप, मालदीव तक थी औऱ उन्होंने श्रीविजय और पेगू द्वीप के राजाओं पर अपने जहाजों के बेड़े से विजय प्राप्त की थी. 
उन्होंने बंगाल और बिहार के पाल राजा महिपाल को हराया था और अपनी जीत की स्मृति में उन्होंने एक नई राजधानी गंगाईकोंडा चोलपुरम की स्थापना की थी. उसके शासनकाल में चोल एशिया के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक बन गया था.
राजेंद्र चोल के सफल आक्रमणों का कई मध्ययुगीन तमिल कवियों  ने गुणगान किया है. कवि जयमकोडन ने अपने ग्रंथ उला के कलिंगाट्टूपप्रनी और ओट्टाक्कूओथार में उनका यशोगान किया है. उन्हें गंगाईकोंडन (वह जो उत्तर भारत में गंगा नदी को अपनाया) और कंडारमकोंडन ( मलेशिया में जिसने केदाह को प्राप्त किया) का खिताब भी मिला था.

बिलगेट्सनेमलेरियाकीरोकथामकेलिए 500 मिलियनअमेरिकीडॉलरदानदेनेकीघोषणाकी

05-NOV-2014

माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने वह विकासशील देशों में मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3073 करोड़ रुपए) दान देने की घोषणा की. यह घोषणा गेट्स ने 2 नवंबर 2014 को न्यू आर्लियंस में आयोजित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रापिकल मेडिसिन एंड हाईजीन की 63वीं बैठक में की.

माइक्रोसाफ्ट के पूर्व सीईओ ने कहा कि उनका गेट्स फाउंडेशन मलेरिया, निमोनिया, डायरिया और अन्य बीमारियों में कमी लाने के लिए वर्ष 2014 में 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर देगा. गेट्स ने बताया कि इसके अलावा उनके फाउंडेशन ने मलेरिया से मुकाबले के लिए दी जाने वाली वार्षिक सहायता में 30 फीसदी की वृद्धि की.

गौरतलब है कि पश्चिमी अफ्रीका में इबोला से अब तक इस वर्ष 4,900 लोगों की मौत हो चुकी है. यह विश्व स्वास्थ्य के लिहाज से इतिहास का सबसे कठिन दौर है. इस घातक बीमारी को दुनिया में फैलने से रोकने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा गेट्स ने मलेरिया और डेंगू से लड़ने की जरूरत पर भी जोर दिया.

यूरोपीयविमाननसुरक्षाएजेंसीनेएयरबसऔरबोइंगपायलटप्रशिक्षणकोमंजूरीदी

05-NOV-2014

यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) ने पायलट प्रशिक्षण सुविधा फ्लाइट सिमुलेशन तकनीकी सेंटर (एफएसटीसी) को एयरबस A320 और बोइंग के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए 2 नवंबर 2014 को अपनी मंजूरी दी.

ईएएसए के मंजूरी मिलने के बाद संयुक्त अरब अमीरात की रोटाना जेट लिमिटेड ने एफएसटीसी से अपने पायलटों को प्रशिक्षित करने का करार किया.
फ्लाइट सिमुलेशन तकनीक सेंटर (एफएसटीसी) 
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआईए), नई दिल्ली के करीब स्थित फ्लाइट सिमुलेशन तकनीक सेंटर (एफएसटीसी) एक प्रकार का रेटिंग प्रशिक्षण संगठन (टीआरटीओ) है. यह बोइंग और एयरबस A320 प्रकार के विमानों के उड़ान हेतु पायलटों को प्रशिक्षित करता है. 
एफएसटीसी फ्लाई विंग्स एविएशन और लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन कंपनी के एसआईएम इंडस्ट्रीज का संयुक्त उपक्रम है. 
यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) 
यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) विमानन सुरक्षा की यूरोपीय नियामक है. यह एजेंसी आम सुरक्षा एवं पर्यावरण नियम बनाती है.
यूरोपीय संघ के विमानन सुरक्षा प्रणाली में एजेंसी, यूरोपीय आयोग और राष्ट्रीय विमानन प्राधिकरण (एनएए) शामिल हैं. यह सदस्य देशों में निरीक्षण के माध्यम से मानकों के कार्यान्वयन पर नजर रखता है औऱ प्रणाली को जरूरी तकनीकी विशेषज्ञता और प्रशिक्षण मुहैया कराता है.

गूगलनेभारतीयभाषाइंटरनेटगठबंधन (आईएलआईएबनानेकीघोषणाकी

05-NOV-2014

भारतीय भाषाओं में इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गूगल ने मीडिया और तकनीकी कंपनियों तथा सरकार के सहयोग से भारतीय भाषा इंटरनेट गठबंधन (आईएलआईए) बनाने की 3 नवंबर 2014 को घोषणा की.

इसे डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट हिंदीवेब डॉट कॉम (www.hindiweb.com) वेबसाइट पर लॉग इन करके देखा जा सकता है. यह वेबसाइट एक बार में अलग-अलग श्रेणियों जैसे ब्लॉग, समाचार, संगीत-मनोरंजन, खेल, शिक्षा, ज्ञान, फैशन-सौन्दर्य, स्वास्थय, टेक्नोलॉजी, भक्ति और पुस्तक-पत्रिकाओं जैसे कंटेंट के साथ तैयार किया गया. इसके साथ ही गूगल हिंदी भाषी लोगों को ध्यान में रखकर एंड्रायड यूजरों के लिए फ्री वर्चुअल हिंदी कीबोर्ड तैयार किया.
आईएलआईए में सामग्री प्रदाताओं में गूगल के अलावा जागरण प्रकाशन लिमिटेड, एबीपी न्यूज़, अमर उजाला पब्लिकेशंस लिमिटेड, सी-डैक (सी-डैक), डीबी डिजिटल, हिंखोज, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड, लिंग्वानेक्स्ट टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड, एनडीटीवी, नेटवर्क 18, वनइंडिया डॉट कॉम, पत्रिका समूह, प्रोस्ट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, प्रक्रिया नाइन टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड, माया भाषा टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड, न्यूजहंट और वेबदुनिया डॉट कॉम शामिल हैं. यह समूह आनलाइन भारतीय (इंडिक) भाषा में कंटेंट को बढावा देने के लिए बनाया गया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा,‘अगर इंटरनेट भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होता है तो इंटरनेट इस्तेमाल बढ़कर 50 करोड़ तक हो जाएगा और यह संभव है. इससे भारत सरकार के डिजिटल इंडिया पहल के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी. इन प्रयासों के तहत गूगल ने एक नई वेबसाइट ‘हिंदीवेब’ शुरू की है जो हिंदी सामग्री ढूंढने में मदद करेगी. गूगल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सर्च) अमित सिंघल ने कहा,‘भारत हमारे लिए महत्वपूर्ण बाजार है और यह बहुत तेजी से बढ रहा है. इंटरनेट में सुधार हो रहा है इसलिए ही हम इंटरनेट को एक अरब और लोगों तक ले जाना चाहते हैं.’

भारत में लगभग 20 करेाड़ इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. हर महीने 50 लाख नये यूजर शामिल होते हैं और इनमें से 100 प्रतिशत मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस गति से भारतीय यूजर्स की बढ़ती संख्या के लिहाज से अगले 12 महीने में भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. ऐसा माना जाता है कि देश में केवल 19.8 करोड़ लोग ही अंग्रेजी की जानकारी रखते हैं और उनमें से ज्यादातर पहले से ही इंटरनेट पर हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय भाषा इंटरनेट गठबंधन (आईएलआईए) बनाया गया.

गूगल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टंर रंजन आनंदन ने बताया कि इस पहल से वर्ष 2017 तक गूगल अपने 500 मिलियन यूजरों के लक्ष्य को पूरा कर लेगी. जो फिलहाल करीब 200 मिलियन है. उन्होंने बताया कि लगभग 5 मिलियन यूजर प्रतिदिन मोबाइल के जरिए गूगल से जुडते हैं, जबकि वे कि अंग्रेजी भाषी नहीं होते हैं. उन्होंने बताया कि भारत में 400 मिलियन लोगों के हिंदी भाषा का इस्तेमाल करने के बावजूद भी यहां केवल 22,000 विकीपीडिया पेज हैं जो हिंदी में हैं.

लांच के मौके पर उपस्थित सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा 'हम गूगल की इस नई पहल का स्वागत करते हैं. हम भारतीय नई टेक्नोलॉजी के लिए अनुकूलित हैं, निश्चित ही यह हमारे लिए लाभदायक साबित होगी.' फिलहाल गूगल ने 15 पार्टनर के साथ मिलकर इस मिशन को आगे बढाने की पहल की है. इसमें जल्द ही और पार्टनरों के जुडने की संभावना है. गूगल अन्य भाषाओं जैसे तमिल, मराठी और बांग्ला में भी यह फीचर लाने पर विचार कर रही है.

हॉकीइंडियाकेअध्यक्षनरिन्द्रबत्राएफआईएचएग्जीक्यूटिवबोर्डकेसदस्यबने

05-NOV-2014

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिन्द्र बत्रा अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ( एफआईएच) कार्यकारी बोर्ड के सदस्य चुने गए. इनके चयन की जानकारी 2 नवंबर 2014 को दी गई.

यह फैसला एफआईएच के वर्ष 2014 के आम कांग्रेस (ऑर्डिनरी कांग्रेस)  के दौरान किया गया. यह ऑर्डिनरी कांग्रेस मार्राकेश, मोरक्को में आयोजित किया गया था.
दो महिला सदस्यों, एक पुरुष सदस्य और दोखुले पदों के लिए भी एफआईएच एग्जीक्यूटिव बोर्ड  में मतदान किया गया. एग्जीक्यूटिव बोर्ड सदस्यों के लिए वोटिंग महिला मत से शुरु हुई. त्रिनिदाद और टोबैगो की मौरून– क्रेग– रुसाउ का चयन हुआ और अमेरिका की पामेला स्टूपर बोर्ड में फिर से चुनीं गईं. 
पुरुष सदस्य के पद पर भारत के डॉ. नरिन्द्र बत्रा चुने गए. दो ओपन पदों पर बेल्जियम के मार्क काउड्रोन और पाकिस्तान के कासिम जिया का फिर से चयन हुआ. 
हॉकी रेवल्यूशन कांग्रेस
समारोह के दौरान हॉकी के लिए आगामी दस– वर्षों की नई रणनीति का शुभारंभ किया गया और प्रतिनिधियों ने इसे स्वीकार किया.
दो दिनों के इस समारोह को हॉकी रेवल्यूशन कांग्रेस का नाम दिया गया औऱ प्रतिनिधियों ने इसमें हॉकी रेवल्यूशन के बारे में जाना. 
एफआईएच ने मनोरंजन, व्यावसायिकता, छवि और कोशिश के इर्द– गिर्द आगामी दस वर्षों में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को सबके सामने पेश किया. हॉकी के लिए पांच मुख्य पहलों – प्रशंसक– केंद्रित मनोरंजन पोर्टफोलिया, विश्व–स्तरीय सामग्री का निर्माण एवं वितरण, वैश्विक विपणन से जुड़ना, पर स्पष्ट रणनीति को रेखांकित किया गया .

44वें कांग्रेस में तीन महाद्वीपों के पांच नए राष्ट्रीय संघों का स्वागत किया गया. ये हैं– अफ्रीका के– बुरुंडी, कैमरून और सिएरा लियोन. ये सभी एकल शासी सदस्य वाले राष्ट्रीय संघ बन गए हैं.
एशिया से वियतनाम और पैन– अमेरिका से शामिल हुए. अब एफआईएच में 132 राष्ट्रीय संघ हो गए हैं.
एफआईएच एग्जीक्यूटिव बोर्ड एफआईएच का विधायी निकाय है. एक वर्ष में इसकी तीन बैठकें होती हैं और इसमें एक अध्यक्ष, एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी और 14 सदस्य हैं. 14 सदस्यों में से पांच महाद्वीपीय संघों का प्रतिनिधित्व करते हैं और एक एथलीटों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है.

मल्लिकार्जनुखरगेतीनसदस्यीयसीआईसीचयनसमितिमेंशामिल

05-NOV-2014

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को 3 अक्टूबर 2014 को तीन– सदस्यीय सीआईसी चयन समिति में शामिल किया गया. इस समिति मुख्य कार्य मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) का चयन करना है.

समिति के अन्य दो सदस्य-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (अध्यक्ष) और केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली हैं.
खरगे को लोकसभा में अकेली सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के नाते और नेता विपक्ष की स्थिति पर अस्पष्टता के कारण चुना गया है. 
अब तक 22 अगस्त 2014 से सीआईसी की नियुक्ति रुकी हुई थी क्योंकि लोकसभा में नेता विपक्ष की स्थित साफ नहीं हो पाई थी. इस उद्देश्य के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जून 2014 में लोकसभा सचिवालय से स्पष्टीकरण मांगा था. 
अक्टूबर 2014 में पीएमओ ने डीओपीटी को इस पद के लिए विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया था. यह फैसला लोकेश बत्रा के आरटीआई आवेदन के जवाब में सार्वजनिक किया गया था.
नेता विपक्ष की जरूरत क्यों पड़ती है? 
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 के अनुसार सीआईसी का चयन तीन– सदस्यीय पैनल के द्वारा किया जाता है. जिसमें प्रधानमंत्री – जो कि समिति के अध्यक्ष होता है, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत एक केंद्रीय मंत्री होता है. 
शंकाओं को दूर करने के लिए, अधिनियम में यह कहा गया कि अगर लोकसभा में नेता विपक्ष की स्थिति स्पष्ट न हो तो केंद्र में बनी सरकार के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के किसी नेता को नेता विपक्ष माना जा सकता है

आईएसआईएसनेइराककेअनबरमेंअलबूनीमरजनजातिके 322 लोगोंकीहत्याकी

05-NOV-2014

इराक का अनबर 2 नवंबर 2014 को सुर्खियों में छाया रहा. यहां आईएसआईएस समूह के आतंकवादियों ने इराक के अल– बू नीमर जनजाति के 322 लोगों की नृशंस हत्या कर दी. मारे गए लोगों में दर्जनों महिलाएं एवं बच्चे शामिल थे, जिनके पार्थिव शरीर को कुएं में फेंक दिया गया. इस नरसंहार को आईएसआईएस द्वारा अल–बू निमर जनजाति के जायूयत अल-बू नीमर नाम के गांव पर कब्जा करने के बाद अंजाम दिया गया.

अल–बू निमर जनजाति सुन्नी कबीले हैं, जो आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहे थे और इंधन एवं गोला– बारूद न होने के बावजूद, उन्होंने इस समूह को कई हफ्तों से पश्चिमी अनबर प्रांत से अलग बनाए रखा था.

जून 2014 में आईएसआईएस समूह द्वारा उत्तरी इलाके पर कब्जा किए जाने के बाद से इस नरसंहार को सबसे बुरा खूनी नरसंहार बताया जा रहा है. इस नरसंहार के पीछे इराक और सीरिया में मध्यकालीन खिलाफत की स्थापना का मकसद था.

गांव के इस पतन के बाद शिया नीत राष्ट्रीय सरकार ने उम्मीद जताई है कि अल–बू नीमर जनजाती एक बार फिर से सशक्त बल के तौर पर उभरेंगे और इराक की सेना को आईएसआईएस से निपटने में मदद करेंगे.

"एम.बी.चैंपियनप्रतियोगिताकोलेकरप्रतिभागियोंमेंखासाउत्साह

05-NOV-2014

नई दिल्ली: भारत की नंबर-1 शिक्षा वेबसाइट जागरणजोश डाट कॉम द्वारा आयोजित किये जा रहे स्कॉलरशिप टेस्ट, ‘एम.बी.ए. चैंपियन’ को लेकर एम.बी.ए. परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। अक्टूबर 2014 माह में लांच की गयी ‘एम.बी.ए. चैंपियन’ प्रतियोगिता हेतु अब तक हजारों छात्र पंजीकरण करा चुके हैं।

‘एम.बी.ए. चैंपियन’ प्रतियोगिता के माध्यम से एम.बी.ए में दाखिले की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए कुल एक लाख रुपये की स्कॉलरशिप जीतने का सुनहरा अवसर है।

‘एम.बी.ए. चैंपियन’ प्रतियोगिता, मोदी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालॉजी के साथ मिलकर और एलायंस यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के सहयोग से लांच की गयी है।

एम.बी.ए. चैंपियन प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की गयी है। इन दोनों चरणों में से पहला चरण क्वालीफ़ायर टेस्ट का हैं, जो कि ऑनलाइन हैं, वहीं दूसरा चरण, मुख्य परीक्षा का हैं, जो कि ऑफलाइन (विभिन्न राज्य में परीक्षा केंद्रों के माध्यम से) आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता के अंत में विजेता प्रतिभागियों को कुल एक लाख रुपए तक की नकद स्कॉलरशिप और अन्य आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगें।

इच्छुक प्रतिभागी 30 नवंबर 2014 तक “एम.बी.ए. चैंपियन प्रतियोगिता” के लिए पंजीकरण कर सकते हैं एवं साथ ही, जागरणजोश डॉट कॉम पर प्रथम चरण अर्थात ऑनलाइन क्वालीफ़ायर टेस्ट में भाग ले सकते हैं।

‘एम.बी.ए. चैंपियन’ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तथा अन्य जानकारी के लिए लॉग-ऑन करें: www.mbachampion.in

छात्र 02233598582 पर मिस कॉल देकर भी इस प्रतियोगिता के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। SMS के द्वारा प्रतियोगिता में रजिस्टर करने के लिए छात्र MBACHAMPअपना नाम लिखकर 57272 पर भेजें। उदहारण के तौर पर अगर आपका नाम Ashish Kumar Sharma है, तो "MBACHAMP Ashish Kumar Sharma" लिखकर 57272 पर SMS करें। शुल्क लागू

कोकाकोलाअंतरराष्ट्रीयप्रीमियरटेनिसलीगकीमुख्यप्रायोजकबनी

04-NOV-2014

आईपीटीएल ने अग्रणी पेय पदार्थ निर्माता कंपनी कोका कोला को 3 नवंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर टेनिस लीग के मुख्य प्रायोजक बनाये जाने की घोषणा की. आईपीटीएल के संस्थापक और दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने कहा कि, “मैं कोका कोला का आईपीटीएल परिवार में स्वागत करता हूं. हमें कोका कोला आईपीटीएल को पेश करते हुए बेहद खुशी हो रही है और उम्मीद है कि यह साझेदारी टेनिस के दुनिया भर के प्रशंसकों तक टूर्नामेंट की लोकप्रियता पहुंचाएगी”.

आईपीटीएल का पहला संस्करण 28 नवंबर से 13 दिसंबर के बीच एशिया में चार शहरों की मेजबानी में खेला जाएगा. इस लाखों डॉलर की टेनिस लीग के शुरुआती सत्र में रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविच, एंडी मरे, सेरेना विलियम्स, मारिया शारापोवा जैसे दिग्गज खिलाड़ी भाग लेंगे। ये खिलाड़ी भारत, सिंगापुर, फिलीपीन्स और संयुक्त अरब अमीरात की चार फ्रेंचाइजी टीमों की तरफ से खेलेंगे.

आईपीटीएल के पहले संस्करण में शामिल टीम:
मनीला मावेरिक्स
•    यूनाइटेड किंगडम के एंडी मरे 
•    फ्रांस के जो विलफ्रिड सोंगा 
•    स्पेन के कार्लोस मोया 
•    कनाडा के डेनियल नेस्टर 
•    फिलीपींस ट्रीट हुई 
•    रूस की मारिया शारापोवा 
•    बेल्जियम के कर्स्टन फ्लिपकेंस
यूएई रॉयल्स 
•    सर्बिया के नोवाक जोकोविच 
•    क्रोएशिया के मारिन सिलिक 
•    फ्रांस के रिचर्ड गास्केट 
•    सर्बिया के नेनाद ज़िमोन्जिक 
•    सर्बिया के जांको टिप्सारेविच 
•    क्रोएशिया के गोरान इवानिसेविक 
•    ट्यूनीशिया के मालेक जजीरी
•    डेनमार्क के कैरोलीन वोजिनेकी
•    कनाडा इगेनी बोकार्ड 
इंडियन एशेज
•    स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर 
•    फ्रांस के गाएल मोनफिल्स 
•    अमेरिका के पीट सम्प्रास 
•    भारत के रोहन बोपन्ना 
•    फ्रांस के फैब्रिस सेंटोरो 
•    भारत की सानिया मिर्जा 
•    सर्बिया की एना इवानोविच 
सिंगापुर स्लेमर्स
•    अमेरिका के आंद्रे अगासी 
•    ऑस्ट्रेलिया के ल्यूटन हेविट 
•    ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गेयोस  
•    ऑस्ट्रेलिया के पैट्रिक राफ्टर 
•    चेक गणराज्य के टॉमस बर्डिच 
•    ब्राजील के ब्रूनो सोरेस 
•    अमेरिका की सेरेना विलियम्स 
•    स्लोवाकिया की डेनिएला हंटुचोवा

पूर्वमुख्यसचिवराजस्वपरिषदकेअध्यक्षजावेदउस्मानीराज्यकेमुख्यसूचनाआयुक्तनियुक्त

04-NOV-2014

राजस्व परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व आईएएस अधिकारी जावेद उस्मानी को उत्तर प्रदेश राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया. उनके नियुक्ति की सिफारिश प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने 3 नवंबर 2014 को की. हालांकि समिति ने सूचना आयोग में आयुक्त के रिक्त अन्य पद के चयन को फिलहाल टाल दिया है.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उनके नाम का चयन कर प्रस्ताव राज्यपाल की अनुमति के लिए भेज दिया. 
मुख्य सूचना आयुक्त व एक सूचना आयुक्त के चयन के लिए चयन समिति की बैठक मुख्यमंत्री के पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर 3 नवंबर 2014 को हुई. इस समिति में मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य व स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन शामिल हुए. 
मुख्य सूचना आयुक्त का पद चार माह से खाली है.
जावेद उस्मानी से संबंधित मुख्य तथ्य 
जावेद उस्मानी 1978 बैच के आईएएस अधिकरी हैं. वह 2012 से मई 2014 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे. जावेद उस्मानी वर्ष 2007 से 2010 तक वाशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक के वरिष्ठ सलाहकार रहे. आर्थिक विकास एवं प्रबन्धन सम्बन्धी विषयों के विशेषज्ञ उस्मानी इस प्रकार केन्द्र व राज्य सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं.
वह वर्ष 1993-1995 में सचिव मुख्यमंत्री के पद पर तथा वर्ष 2004 में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त थे. वर्ष 1996 से 2001 तक तथा उसके उपरान्त वर्ष 2004 से 2007 तक, 8 वर्ष से अधिक अवधि तक वह प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव रहे. 
वर्ष 2001 से 2004 तक वह भारतीय दूतावास, नेपाल में वरिष्ठ पद पर कार्यरत थे जहां वह भारत द्वारा नेपाल को दी जाने वाली आर्थिक सहायता से संबंधित कार्य देखते थे. 
राजस्व परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व आईएएस अधिकारी जावेद उस्मानी को उत्तर प्रदेश राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया

अमेरिकाकेवर्ल्डट्रेडसेंटरको 9/11 केआतंकीहमलेके 13 वर्षबादव्यवसायकेलिएदोबाराखोलागया

04-NOV-2014

अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को 9/11 के आतंकी हमले के 13 वर्ष बाद व्यवसाय के लिए दोबारा 3 नवंबर 2014 को खोल दिया गया. हालांकि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों की जगह अब नई इमारत ने ले ली. इस इमारत को "वन वल्र्ड ट्रेड सेंटर" का नाम दिया गया. इस इमारत के वास्तुविद टी जे गोट्टाडाइनर ने कहा कि, “स्टील की मदद से कंक्रीट को मजबूती देते हुए तैयार की गई यह इमारत किसी भी तरह के आतंकवादी हमले से पूरी तरह सुरक्षित है और अपहृत विमानों के टकराने से ध्वस्त हुए मूल टॉवरों से कहीं ज्यादा मजबूत है”.

इस इमारत के उद्घाटन के पहले दिन प्रकाशन कंपनी ‘कोन्डे नास्ट’ के कर्मचारियों ने यहां काम किया. वोग, द न्यू यॉर्कर और वैनिटी फेयर जैसी पत्रिकाओं का प्रकाशन करनेवाली यह कंपनी अगले वर्ष के शुरू तक 3,000 और कर्मियों को यहां ले आएगी. कुल 104 मंजिला इस टावर में ‘कोन्डे नास्ट’ ने 25 मंजिलें ली हैं.

अमेरिका की सबसे ऊंची इस इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल का स्वामित्व पोर्ट अथॉरिटी ऑफ न्यूयॉर्क एंड न्यू जर्सी के पास ही है. कुल 1,776 फुट (541 मीटर) ऊंचे नए टॉवर से थोड़ी ही दूर दो स्मारक फव्वारे तैयार किए गए. ध्वस्त हुए टॉवरों की जगह पर तैयार ये फव्वारे उन 2,700 से ज्यादा लोगों की याद में बनाए गए जो 11 सितंबर 2001 को किए गए आतंकवादी हमले में मारे गए थे.

इस गगनचुंबी इमारत को फिर से बनाने में 8 वर्ष लगे और 3.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च हुआ. यह इमारत वर्तमान में अमेरिका की सबसे ऊंची इमारत है. इस इमारत का 60 प्रतिशत हिस्सा किराए पर दिया गया और सरकार ने 2,75,000 वर्ग फीट लेने का करार किया. 
541 मीटर ऊंची ये इमारत पुरानी इमारत के बीच में बनाई गई है. इस बिल्डिंग में पुरानी इमारत की याद में बनाए स्मारक और संग्रहालय को भी जगह दी गई

पाकिस्ताननेऑस्ट्रेलियाकोपराजितकरदोमैचोंकीश्रृंखला 2-0 सेजीता

04-NOV-2014

पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच में 356 रन से पराजित कर दो मैचों की श्रृंखला 2-0 से जीता. इस जीत के साथ ही पाकिस्तान ने आईसीसी टेस्ट टीम रैकिंग में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बाद तीसरा स्थान प्राप्त किया. पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के मध्य खेला गया दो मैचों की श्रृंखला का अंतिम मैच अबु धाबी में 3 नवंबर 2014 को खेला गया.

ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 603 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी पूरी टीम पांचवें दिन लंच के तुरंत बाद 246 रन पर आउट हो गई. 
पाकिस्तान के बाएं हाथ के स्पिनर जुल्फिकार बाबर ने 120 रन देकर पांच विकेट लिए. लेग स्पिनर यासिर शाह ने 44 रन देकर तीन विकेट और ऑफ स्पिनर मोहम्मद हफीज 38 रन देकर दो विकेट लिए. 
इससे पहले पाकिस्तान ने वर्ष 2006 में कराची में भारत को 341 रन से हराया था.
पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक ने दूसरे मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया और उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया. यूनुस खान को श्रृंखला में तीन शतक जड़ने के लिए ‘मैन ऑफ द श्रृंखला’ चुना गया.   
पाकिस्तान ने इस श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच 221 रन से जीता जो दुबई में खेला गया था और इस तरह से वह 20 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीतने में सफल रहा. उसने वर्ष 1994 में अपनी धरती पर तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला 1-0 से जीती थी. 
मिस्बाह उल हक की अगुआई में यह 14वीं जीत थी और वह पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान भी बन गए हैं. इमरान खान और जावेद मियांदाद ने भी टीम को 14-14 मैच में जीत दिलाई है.

केंद्रसरकारनेगोवाकेशिपिंगउद्योगकोनवीनीकरणकरनेकेउपायोंकीघोषणाकी

04-NOV-2014

केंद्र सरकार ने 2 नवंबर 2014 को गोवा में शिपिंग उद्योग को नवीनीकरण और मोरमुगाओ बंदरगाह के विकास में मदद करने के उपायों की घोषणा की. केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग और नौवहन  नितिन गडकरी ने मोरमुगाओ पोर्ट के लिए प्रस्तावित विस्तार योजना के क्षेत्रों का दौरा किया और परिवहन की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया.

उन्होंने गोवा सरकार के बीच बंदरगाह को जोड़ने के लिए एक चार लेन राजमार्ग के पांच किलोमीटर निर्माण के लिए तीन पक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसमें मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सहयोगी है. मुख्य रूप से विकास उपायों में 500 करोड़ रुपए के व्यय से बंदरगाह का विकास किया जाएगा और इसके अलावा, गडकरी द्वारा मुंबई गोवा राजमार्ग को 5000 करोड़ रुपए के व्यय के साथ चार लेन करने की घोषणा की जा चुकी हैं.

भारतीयचार्टर्डएकाउटेंटनेहाभुवानियाद्वारालिखितपुस्तकगाइडटूप्राइवेटइक्विटीजप्रकाशित

04-NOV-2014

भारतीय चार्टर्ड एकाउटेंट नेहा भुवानिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘ए गाइड टू प्राइवेट इक्विटीज’ (a guide to private equities) नवंबर 2014 के प्रथम सप्ताह में प्रकाशित की गई. यह पुस्तक दिल्ली के टैक्समैन पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित की गई है.

ए गाइड टू प्राइवेट इक्विटीज’ (a guide to private equities) नामक पुस्तक में बैंकिंग और पीई व्यवसाय (प्राइवेट इक्विटी) की बारीकियों एवं निवेश प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है.
इस पुस्तक में बैंकों और शेयर बाजारों के कामकाज के तरीके पर प्रकाश डाला गया है और साथ ही यह भी बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर अपना उद्यम शुरू करना चाहे तो उसे न्यनूतम पूंजी का प्रबंध कैसे करना चाहिए.
नेहा भुवनिया ऑस्ट्रेलिया की एफएक्स मंत्रा कंपनी की संस्थापक हैं जो ऑस्ट्रेलिया और भारत के छात्रों को फाइनेंस के विषय में ट्रेनिंग देती है. वह गत छह वर्ष से ‘द इंस्टीटय़ूट ऑफ चार्टर्ड एकाउटेंट’ (आईसीएआई) में विजिटिंग फैकल्टी भी हैं.

श्रीलंका-भारतसाझासैन्यअभ्यास ‘मित्रशक्ति’ शुरू

04-NOV-2014

भारत और श्रीलंका के विशेष बलों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ (Mithra Shakthi) की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को की. यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 23 नवंबर 2014  तक चलेगा.

भारतीय सेना के विशेष बल की एक टुकड़ी श्रीलंका के विशेष बलों और कमांडो तथा नौसेना एवं वायुसेना के कर्मियों के साथ इस सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रही है.
‘मित्र शक्ति’ नामक यह सैन्य अभ्यास उवा-कुदावोया कमांडो रेजीमेंट प्रशिक्षण स्कूल में चल रहा है. यह एक वार्षिक कार्यक्रम है.
इस सैन्य अभ्यास में 40 से अधिक भारतीय सुरक्षाकर्मी और करीब 200 श्रीलंकाई सैन्यकर्मी भाग ले रहे हैं.
श्रीलंकाई सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह अभ्यास काफी हद तक भारतीय सेना की ओर से तैयार किया गया कदम है तथा यह सालाना रक्षा संवाद का सफल परिणाम है.
तमिलनाडु में कई राजनीतिक दल और सरकार भी भारत एवं श्रीलंका के बीच बढ़ रहे सैन्य रिश्ते के खिलाफ हैं.

आइपीएल-6 सट्टेबाजीऔरस्पॉटफिक्सिंगमामलेमेंन्यायमूर्तिमुकुलमुदगलसमितिनेअपनीरिपोर्टसौंपी

04-NOV-2014

आइपीएल-6 सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति ने आइसीसी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ जांच की अंतिम रिपोर्ट 3 अक्टूबर 2014 को सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की. मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर के सामने एडवोकेट राजू रामचंद्रन ने रिपोर्ट पेश की. इसकी सुनवाई 10 नवंबर 2014 को की जानी है.
विदित हो कि अंतिम सुनवाई में खंडपीठ ने मुद्गल समिति को मामले की फिर से जांच के लिए दो महीने का समय दिया था. इस मामले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो, इसे देखते हुए अदालत ने श्रीनिवासन को बीसीसीआइ अध्यक्ष पद से दूर रहने को कहा था.
मुद्गल समिति समिति ने इस साल के शुरुआत सर्वोच्च न्यायालय को 12 क्रिकेटरों और अधिकारियों के नाम बंद लिफाले में सौंपे थे. इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में गहराई से जांच का आदेश दिया.
आईपीएल-6 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के चलते एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया था. जबकि चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रींसिपल गुरूनाथ मयप्पन और बॉलीवुड अभिनेता विंदू दारासिंह को सट्टेबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
न्यायमूर्तिमुकुलमुदगलसमिति 
सर्वोच्च न्यायालय ने आइपीएल-6 सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच हेतु पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी.

पाकिस्तानमेंवाघासीमापरआत्मघातीबमविस्फोट

04-NOV-2014

पाकिस्तानी वाघा सीमा पर: आत्मघाती हमलावर ने खुद को एक शक्तिशाली बम विस्फोट से उड़ा दिया.

पाकिस्तान की सीमा में 2 नवंबर 2014 को हुए आत्मघाती बम विस्फोट के कारण वाघा सीमा चर्चा में रहा. इस विस्फोट में 11 महिला, तीन सुरक्षाकर्मी सहित कम से कम 61 लोगों की मृत्यु हो गई और 200 से अधिक घायल लोग अस्पताल में भर्ती किए.

घटना:
यह घटना पाकिस्तान वाघा सीमा पर ध्वजों को नीचे उतारने के एक मिनट पश्चात वाघा पर बाहर निकलने के फाटकों में से एक के पास उस समय घटित हुई जब लोग झंडा रस्म देखने के बाद लौट रहे थे और आत्मघाती द्वारा खुद को एक शक्तिशाली बम द्वारा उड़ा दिया गया.
इस भीषण विस्फोट के पश्चात पाकिस्तान के अनुरोध के कारण 3 नवंबर, 2014 से 3 दिनों के लिए वाघा सीमा पर कोई बीटिंग रिट्रीट समारोह आयोजित नहीं किया गया.

हमले की जिम्मेदारी:
अल-कायदा से संबद्ध आतंकवादी गुट जनदुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. विदित हो कि सितंबर 2013 में पेशावर के एक चर्च में हुए आत्मघाती बम विस्फोट, जिसमें कम से कम 78 ईसाइयों की मृत्यु हुई थी, जनदुल्लाह आतंकवादी गुट का ही हाथ था.

वाघा के बारे में:
वाघा (पाकिस्तान में) भारतीय शहर अमृतसर और पाकिस्तानी शहर लाहौर के मध्य सड़क सीमा है. यह भारत के अमृतसर, पंजाब और पाकिस्तान के लाहौर, पंजाब शहरों के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित है. वाघा सीमा लाहौर से 22 किलोमीटर की दूरी पर और अमृतसर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह एक गांव है जिसमें विवादास्पद रेडक्लिफ रेखा है, जो विभाजन के समय पर भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने वाली सीमांकन रेखा के रूप में खीची गई थी. इस गॉव का इस समय पूर्वी हिस्से वाला आधा गॉव अभी भी भारत में जबकि पश्चिमी हिस्से वाला आधा गॉव पाकिस्तान में है. यह सीमा क्षेत्र विशेष रूप से वाघा सीमा समारोह के कारण जाना जाता है जो वाघा सीमा पर प्रतिसंन्ध्या 5 बजे संपन्न किया जाता है.

पाकिस्तानआईसीसीटेस्टक्रिकेटरैंकिंगमें 7वर्षोंबादतीसरेस्थानपर

04-NOV-2014

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी, International Cricket Council) ने टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग की सूची दुबई में 3 अक्टूबर 2014 को जारी की. इस सूची में पाकिस्तान पिछले सात वर्षो में पहली बार शीर्ष तीन में शामिल होने में सफल रहा. वह दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बाद तीसरे स्थान पर रहा.
पाकिस्तान को यह स्थान ऑस्ट्रेलिया पर दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 2-0 की जीत से प्राप्त हुई. इस श्रृंखला से पहले ऑस्ट्रेलिया के 123 रेटिंग अंक थे जबकि पाकिस्तान 96 रेटिंग अंक के साथ छठे स्थान पर था. पाकिस्तान की यह जनवरी 2007 के बाद सर्वश्रेष्ठ टेस्ट रैकिंग है. आईसीसी के अनुसार तालिका में दक्षिण अफ्रीका पहले स्थान पर है.

आईसीसीटेस्टक्रिकेटरैंकिंगसूची

रैंक

देशकानाम

अंक

1.

दक्षिण अफ्रीका

124

2.

ऑस्ट्रेलिया

117

3.

पकिस्तान

105

4.

इंग्लैंड

104

5.

श्रीलंका

101

6.

भारत

96

     

पाकिस्तान को अब न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है जो 9 नवंबर 2014 से अबुधाबी में शुरु होगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया को अपनी धरती पर भारत से चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है. यह श्रृंखला 4 दिसंबर 2014 से ब्रिस्बेन में शुरु होगी.

आइसीसी बोर्ड ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जनवरी 2012 में किये गये फैसले के अनुसार एक अप्रैल 2015 को शीर्ष चार स्थानों पर रहने वाली टीमों के बीच 13 लाख 40 हजार डालर वितरित किये जाने हैं लेकिन 2015 में आईसीसी विश्व कप होना जो 14 फरवरी से 29 मार्च तक चलेगा इसलिए 2015 में अंतिम समय सीमा सात जनवरी तय कर दी गयी है. इस दिन सिडनी और वेलिंगटन में टेस्ट मैचों का आखिरी दिन होगा.
इस तरह से सात जनवरी को जो टीम शीर्ष पर रहेगी उसे पांच लाख डालर और प्रतिष्ठित गदा मिलेगी. दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 390000 डालर, तीसरे स्थान की टीम को 280000 डालर और चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 170000 डालर मिलेंगे

लुइसहैमिल्टननेअमेरिकीग्रांप्रीफ़ॉर्मूला-1 ख़िताबजीता

04-NOV-2014

मर्सिडीज के ड्राइवर लुइस हैमिल्टन ने 3 नवंबर 2014 को आस्टिन (अमेरिका) में आयोजित अमेरिकी ग्रां प्री फ़ॉर्मूला-1 ख़िताब जीता.  हैमिल्टन ने कुल 1:40:04.785 सेकेंड के साथ ख़िताब जीता. लुईस हैमिल्टन ने मर्सीडीज के अपने साथी ड्राइवर निको रोसबर्ग को पछाड़कर यह ख़िताब जीता. इस जीत के साथ लुईस हैमिल्टन अपने दूसरे फॉर्मूला वन चैंपियनशिप खिताब के करीब पहुंच गए.

अमेरिकी ग्रां प्रि फ़ॉर्मूला -1 ख़िताब, हैमिल्टन की इस सत्र (वर्ष 2014-15) की लगातार पांचवी और कुल दसवीं जीत थी. हैमिल्टन अब रोसबर्ग से 24 अंक आगे हैं जबकि सिर्फ दो रेस (ब्राजील और अबुधाबी) बाकी हैं. रेडबुल के डेनियल रिकियाडरे कल तीसरे स्थान पर रहे जो इस सत्र में आठवीं बार उनकी पोडियम फिनिश है.

हैमिल्टन की यह सत्र में 10वीं और कैरियर की 32वीं जीत है. उन्होंने एफवन में किसी ब्रिटिश ड्राइवर द्वारा सबसे ज्यादा जीत का नाइजेल मेंसेल का रिकार्ड तोड़ा. वह 2008 में मैकलारेन के लिये खिताब जीत चुके हैं. पिछली बार के विजेता और विश्व चैम्पियन रेडबुल के सेबेस्टियन वेट्टल सातवें स्थान पर रहे. वेट्टल इस सत्र के बाद रेडबुल छोड़ रहे हैं लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि वह अगले सत्र में किस टीम में होंगे.

सहारा फोर्स इंडिया का अमेरिकी ग्रां प्री में प्रदर्शन निराशाजनक रहा जब उसके दोनों ड्राइवर सर्जियो पेरेज और निको हुल्केनबर्ग अलग अलग कारणों से रेस से शुरूआत में ही रिटायर हो गए. पेरेज पहली लैप में दुर्घटना का शिकार हो गए जबकि हुल्केनबर्ग को तकनीकी समस्या के कारण 16वीं लैप में रेस छोड़नी पड़ी. फोर्स इंडिया (123) पांचवें स्थान पर काबिज मैकलारेन (147) से 24 अंक पीछे है

मनमोहनसिंहकाजापानकेराष्ट्रीयपुरस्कारहेतुचयन

04-NOV-2014

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जापान के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘द ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ पॉलोव्निया फ्लावर्स 2014’ हेतु 3 नवंबर 2014 को चयन किया गया. मनमोहन सिंह इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं.

मनमोहन सिंह को यह पुरस्कार लगभग 35 वर्षों तक भारत एवं जापान के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंधों को स्थापित करने और उन्हें बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए दिया जाना है.

‘द ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ पॉलोव्निया फ्लावर्स 2014’ हेतु चयनित कुल 57 नामों में से एक मनमोहन सिंह हैं.

द ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ पॉलोव्निया फ्लावर्स के बारे में

•    वर्ष 1888 में ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन के तहत द ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ पॉलोव्निया फ्लावर्स पुरस्कार की स्थापना की गयी थी.

•    यह पुरस्कार जापान सरकार द्वारा दिया जाता है.

•    पुरस्कार के पदक पर पॉलोव्निया नामक फूल से घिरे सूर्य से निकली किरणों को प्रदर्शित किया गया है. इसे सीने पर दायीं ओर धारण किया जाता है

सुरेशरैनाएकदिवसीयअंतरराष्ट्रीयक्रिकेटमें 5000 रनपूरेकरनेवालेभारतके 11वेंबल्लेबाजबने

03-NOV-2014

भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 5000 रन पूरे करने वाले भारत के 11वें बल्लेबाज बन गए. रैना ने यह उपलब्धि कटक में 2 नवंबर 2014 को को आयोजित श्रीलंका के खिलाफ पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में  44 रन की पारी के दौरान हासिल की. इसके साथ ही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रैना के कुल 5008 रन हो गए.

रैना ने 200वें वनडे मैच की 172वीं पारी में 5000 रन पूरे किए. हालांकि 5000 रन तक पहुंचने के लिये रैना ने सबसे अधिक पारियां खेली. सबसे कम पारियों में 5000 रन पूरे करने का रिकार्ड विराट कोहली (114 पारियां) के नाम पर है. भारत की तरफ से सबसे अधिक वनडे रन का रिकार्ड सचिन तेंदुलकर (18426 रन) के नाम पर दर्ज हैं. रैना इससे पहले 200 वनडे मैच खेलने वाले 12वें भारतीय बल्लेबाज बने. तेंदुलकर ने सर्वाधिक 463 वन डे मैच खेले हैं.

सुरेश रैना के बारे में
बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से संबंध रखते हैं. वह ऑफ ब्रेक स्पिन गेंदबाज भी हैं. सुरेश रैना ने अपना अंतरराष्ट्रीय कॅरियर जुलाई 2005 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से शुरू किया. आईपीएल में सुरेश रैना चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते हैं. वह क्रिकेट के सभी प्रारूपों में शतक बनाने वाले भारत के एकमात्र बल्लेबाज हैं. वह 23 वर्ष की कम उम्र कप्तान बनने वाले विश्व के बारहवें सबसे कम उम्र के खिलाड़ी ओर भारतीय क्रिकेट टीम के दूसरे सबसे कम उम्र के कप्तान थे.

टूजीस्पेक्ट्रमघोटालेकेमामलेमेंआरोपतय

03-NOV-2014

टूजी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले के मामले में दिल्‍ली की विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद कनीमोझी, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख करूणानिधि की पत्‍नी दयालु दयालु अम्मल, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के सहित 19 लोगों पर 31 अक्टूबर 2014 को आरोप तय किए.

इस मामले में शामिल 19 आरोपियों में नौ कंपनियां भी शमिल हैं जिनके खिलाफ जांच एजेंसी ने चार्जशीट दायर की थी.
अदालत ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय के आरोप-पत्र में सरसरी तौर पर सभी 19 आरोपियों पर मनी लॉण्‍डरिंग का मामला बनता है. इन पर भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा-120 बी और मनी लॉण्‍डरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप तय किये गये हैं. दोष साबित हो जाए तो 7 वर्ष तक कैद सुनाई जा सकती है.
मामले की सुनवाई 11 नवंबर 2014 से शुरू होगी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक डीबी ग्रुप कंपनी ने करीब दो सौ करोड़ रुपये डीएमके की कंपनी कलैंगनार टीवी में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबेल के अतर्गत लगाए थे.
2 जी मामले पर दो केस चल रहे हैं. पर्वतन निर्देशालय 200 करोड़ के हेराफेरी की जांच कर रही है तो सीबीआई स्पेक्ट्रम आबंटन में धांधली की जांच कर रही है.
विदित हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट के अनुसार, स्वान टेलीकाम के लिए 2जी स्पेक्ट्रम हासिल करने के एवज में शाहिद बलवा ने अपनी दूसरी कंपनी डीबी रियलिटी के माध्यम से 200 करोड़ रुपये की रिश्वत करुणानिधि के परिवार की कंपनी कलैंगनार टीवी को भेजी थी. रिश्वत की यह रकम कई कंपनियों के माध्यम से घुमाते हुए ऋण और निवेश के रूप में भेजी गई थी, ताकि किसी को संदेह न हो. लेकिन घोटाले के खुलासे और पूर्व संचार मंत्री ए. राजा की गिरफ्तारी के बाद ब्याज सहित 223 करोड़ रुपये की रकम लौटा दी गई. ईडी पहले ही इस पूरी रकम को जब्त कर चुका है.
पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा को इस मामले के कारण इस्तीफा देना पड़ा था. 2जी मामला यूपीए सरकार के वक्त हुआ था लेकिन सरकार ने घोटाले की बात कभी नहीं मानी और जीरो लॉस की बात कही थी

सर्बियाकेनोवाकजोकोविचनेपेरिसमास्टर्सटेनिसटूर्नामेंट-2014 काखिताबजीता

03-NOV-2014

सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त सर्बिया के टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने कनाडा के मिलास राओनिक को फाइनल मुकाबले में मात देते हुए करियर की 600वीं जीत के साथ पेरिस मास्टर्स खिताब का जीत लिया. मौजूदा चैंपियन जोकोविच की यह एटीपी मास्टर्स-1000 में 20वीं खिताबी जीत भी है. जोकोविच ने 2 नवंबर 2014 को हुए फाइनल मैच में सीधे सेटों में राओनिक को 6-2, 6-3 से हरा दिया. जोकोविच ने एक घंटा 23 मिनट में खिताबी जीत हासिल की. पेरिस मास्टर्स में जोकोविच का यह तीसरा खिताब है. इस जीत के साथ जोकोविच के एटीपी रैंकिंग में 1,310 अंक हो गए और उन्होंने स्विट्जरलैंड के स्टार खिलाड़ी रोजर फेडरर से बढ़त ले ली.

इसके अलावा पुरुष युगल में सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त अमेरिकी माइक एवं बॉब ब्रायन ने पेरिस मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट में जीत दर्ज की. जोकोविक ने सेमीफाइनल में जापान के केई निशिकोरी को आसानी से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था. इससे पहले राओनिक ने क्वार्टर फाइनल में दुनिया के नंबर दो टेनिस खिलाड़ी स्विट्जरलैंड के रॉजर फेडरर को 7-6, 7-5 शिकस्त सेमीफाइनल में प्रवेश किया था. यह राओनिक की सात मैचों में फेडरर पर पहली जीत थी.

नोवाक जोकोविच से संबंधित मुख्य तथ्य
नोवाक जोकोविच सर्बिया के टेनिस खिलाड़ी है. नोवाक ने अब तक कुल 7 ग्रेंड स्लैम टूर्नामेंट जीते है और सौ से अधिक सप्ताहों तक विश्व में प्रथम स्थान पर रहे हैं.
ग्रेंड स्लैम टूर्नामेंट
•    ऑस्ट्रेलियन ओपन (2008, 2011, 2012, 2013) 
•    विंबलडन (2011, 2014) 
•    यूएस ओपन (2011) 
•    नोवाक जोकोविच  वर्ष 2012 और वर्ष 2014 के फ्रैंच ओपन के उपविजेता रहे थे.

नोवाक जोकोविच ने पेरिस मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट-2013 (बीएनपी परिबास मास्टर्स) के पुरुष एकल वर्ग का खिताब 3 नवम्बर 2013 को जीता था. सर्बिया के टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने शंघाई रोलेक्स मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट-2013 के एकल वर्ग का खिताब 13 अक्टूबर 2013 को जीता था. नोवाक जोकोविच ने चाइना ओपन टेनिस टूर्नामेंट-2013 के पुरुष एकल वर्ग का खिताब 6 अक्टूबर 2013 को जीता था. सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने मोंटे कार्लो मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट-2013 का खिताब 21 अप्रैल 2013 को जीता था. नोवाक जोकोविच ने दुबई ड्यूटी फ्री टेनिस चैंपियनशिप 2013 का खिताब 2 मार्च 2013 को जीता था.

सोमालियाकेसमुद्रीडाकुओंने 7 भारतीयनाविकोंको 4 वर्षकेकैदकेबादरिहाकिया

03-NOV-2014

सोमालिया के समुद्री डाकुओं ने एक कैप्टन सहित 7 भारतीय नाविकों को 4 वर्ष के कैद के बाद 30 अक्टूबर 2014 को रिहा किया. इन भारतीय नाविकों को मोगादिशु के उत्तरी तटीय शहर हरारडेरे के निकट रिहा किया गया.
सोमालिया के समुद्री डाकुओं द्वारा कैद में रखे गए ये अंतिम भारतीय जत्था था. रिहा हुए भारतीय लोगों में दो महाराष्ट्र से, दो कर्नाटक से एवं एक-एक पंजाब, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के हैं. इन कैदियों के रिहाई हेतु कोई फिरौती दी गई या नहीं यह अभी तक स्पष्ट नहीं है.

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन नाविकों को कब और कहा बंधक बनाया गया था. 
इन भारतीयों की रिहाई सोमाली सरकार और अन्य विदेशी लोगों की मदद से संभव हुई.
विदित हो कि इन 7 भारतीय नाविकों का अपहरण सितंबर 2010 में सोमाली के समुद्री डाकुओं द्वारा कर ली गई थी.  मालदीव आइसलैंड के भारतीय पश्चिमी समुद्र में 23 क्रू मेंबर वाली मलेशिया फलैग्ड कारगो शिप (एमवी एलबेदो) को सोमालिया के समुद्री लुटरों ने वर्ष 2010 में अपने कब्जे में लेकर बंधक बना लिया था.
इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और ईरान के क्रू मेंबर सवार थे. जहाज में भारत के दो क्रू मेंबर थे. एक कोलकाता और दूसरा कांगड़ा के जवाली का अमन. कोलकाता के युवक को समुद्री लुटेरों ने मार दिया था. सात पाकिस्तानी क्रू मेंबर 2012 में ही छोड़ दिए गए थे जबकि चार नाविक डूब गए थे. अमन वर्ष 2010 में मर्चेंट नेवी में भर्ती हुआ था और अक्टूबर 2010 में समुद्री डाकुओं ने उसे बंधक बना लिया था

मध्यक्षेत्रनेदक्षिणक्षेत्रकोहराकरदिलीपट्रॉफीजीती

03-NOV-2014

मध्य क्षेत्र ने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान पर 2 नवंबर 2014 को खेले गए फाइनल में दक्षिण क्षेत्र को हराकर क्रिकेट का वर्ष 2014-15 की दिलीप ट्रॉफी का खिताब 9 रन से जीता. यह दस सत्रों में मध्य क्षेत्र का पहला दिलीप ट्रॉफी का खिताब था और रन के मामले में टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे कम अंतर की जीत थी. मध्य क्षेत्र ने 10 वर्ष के बाद यह खिताब जीता. मध्य क्षेत्र 5वीं बार चैम्पियन बना.

मध्य क्षेत्र के 301 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण क्षेत्र को अंतिम दिन 117 रन की जरुरत थी जबकि उसके नौ विकेट शेष थे लेकिन स्पिन की अनुकूल पिच पर दक्षिण क्षेत्र ने 39 रन पर सात विकेट गंवा दिए. दक्षिण क्षेत्र की टीम एक समय तीन विकेट पर 252 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी लेकिन इसके बाद 88.4 ओवर में 291 रन पर ऑल आउट हो गई. दक्षिण क्षेत्र के बल्लेबाज लोकेश राहुल को फाइनल में 185 और 130 रन की पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया.

अंतिम स्कोर 
• मध्य क्षेत्र - 276 और 403 
• दक्षिण क्षेत्र - 379 और 291
दोनों टीमों के कप्तान
मध्य क्षेत्र : पीयूष चावला 
दक्षिण क्षेत्र : विनय कुमार
दिलीप ट्रॉफी
भारतीय बोर्ड द्वारा महाराज दिलीप सिंह के नाम पर वर्ष 1961 में शुरू की गई इस प्रतियोगिता को सबसे अधिक 17 बार उत्तर क्षेत्र ने जीता है. जबकि 16 बार पश्चिम क्षेत्र, 12 बार दक्षिण क्षेत्र ने और अब तक सिर्फ एक बार वर्ष 2011-12 में यह खिताब पूर्व क्षेत्र ने जीता है.

बॉलीवुडअभिनेतासदाशिवअमरापुरकरका 64 वर्षकीआयुमेंनिधन

03-NOV-2014

बॉलीवुड अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर का 64 वर्ष की आयु 3 नवंबर 2014 को मुंबई में निधन हो गया. वह फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे और उनका कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्तपाल में इलाज चल रहा था. उनका अंतिम संस्कार अहमदनगर जिले में उनके पैतृक स्थल में किया जाएगा. महेश भट्ट की फिल्म ''सड़क'' में किन्नर  महारानी की भूमिका के लिए सदाशिव को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार भी मिला था. सदाशिव ने फिल्म ''आंखे'', ''इश्क'' और ''कुली नंबर वन'' में हास्य भूमिका के जरिए दर्शकों की काफी लोकप्रियता हासिल की.

अमरापुरकर को दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था. वर्ष 1984 में उन्हें 'अर्धसत्य' में सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार की भूमिका के लिए पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि वर्ष 1991 में उन्हें 'सड़क' फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार मिला था. उन्होंने आंखें इश्क, कुली नंबर 1 और गुप्त : द हिडन ट्रुथ सहित कई फिल्मों में काम किया था. बाद में उन्होंने अपना ध्यान मराठी फिल्मों पर केंद्रित कर दिया था.

अमरापुरकर वर्ष 2012 में आई 'बांबे टॉकीज' फिल्म में अंतिम बार दिखे. वह पिछले कुछ सालों से सिर्फ चुनिंदा फिल्में ही कर रहे थे और सामाजिक कार्यों में ज्यादा रूचि ले रहे थे. सड़क में उन्होंने महारानी नाम के ट्रांसजेंडर का किरदार निभाया था. सदाशिव 'अर्द्धसत्य', 'तेरी मेहरबानियां', 'हुकूमत', 'आखिरी रास्ता', 'खतरों के खिलाड़ी', 'सड़क', 'आंखें', 'दुश्मन', 'हम साथ-साथ हैं', 'कुली नंबर वन' और 'हम साथ साथ हैं' जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके थे. सदाशिव मराठी सिनेमा में भी अभिनय कर चुके थे. अमरापुरकर ने तकरीबन 250 से अधिक फिल्में की हैं जिनमें अर्ध सत्य, सडक़, हुकूमत, आंखें और इश्क़ जबरदस्त कामयाब रही.

सदाशिव अमरापुरकर के बारे में

सदाशिव अमरापुरकर 11 मई 1950 को अहमदनगर में पैदा हुए थे. अमरापुरकर शुरू से ही रंगमंच से जुड़े थे. 1980 के दशक में उन्होंने बॉलिवुड में अभिनय की शुरुआत की और कई मराठी फिल्मों में भी काम किया. मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सदाशिव अपने परिवार और करीबी दोस्तों के बीच तात्या के नाम से जाने जाते थे. उनका विवाह स्कूली जीवन की साथी रही सुनंदा करमाकर के साथ हुआ था. उन्होंने 1980 के दशक में फिल्मों में कदम रखा. बॉलीवुड में उनकी आखिरी फिल्म वर्ष 2012  में आई 'बॉम्बे टॉकीज' थी

गुडगांवमेंएयरफोर्सकम्युनिकेशनसेंटरपरकेंद्रीयविद्यालयसंगठनहेतुरक्षाभूमिकाअंतरण

03-NOV-2014

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुडगांव में सोहना रोड पर केंद्रीय विद्यालय संख्या 2 के समुचित कामकाज के लिए अपेक्षित अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे और केंद्रीय विद्यालय स्कूल भवन के निर्माण के लिए 4.687 एकड़ रक्षा भूमि के अंतरण (पहले अनुमोदित 15.19 एकड़ के बजाय) की मंजूरी 29 अक्टूबर 2014 को प्रदान की. यह केंद्रीय विद्यालय कक्षा 8 तक है और फिलहाल अस्थायी भवन में चलाया जा रहा है.

यह भूमि रु. 1.00 (सिर्फ एक रुपया ) वार्षिक (बिना किसी प्रीमियम के) के किराए पर पट्टे आधार पर तथा विषय से संबंधित भारत सरकार की मौजूदा नीति की शर्तों पर अंतरित होनी है.
केंद्रीय विद्यालय संगठन को भूमि के तबादले संबंधी औपचारिकताएं तीन महीने में पूरी होंगी. केंद्रीय विद्यालय संगठन अपनी जरूरतों और अपनी लागत के अनुसार पट्टे भूमि पर स्कूल भवन इत्यादि का निर्माण करेगा.
पृष्ठभूमि
यह केंद्रीय विद्यालय कक्षा 8 तक है और अस्थायी भवन में चलाया जा रहा है. भूमि के तबादले से केंद्रीय विद्यालय के नए विद्यालय भवन और संबंधित बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा सकेगा जो कक्षा 8 से कक्षा 12 तक विद्यालय के विस्तार के लिए आवश्यक है. इससे रक्षा कर्मियों और आम नागरिकों के बच्चों को प्रभावशाली शिक्षा के अवसर मिलेंगे

केंद्रीयमंत्रिमंडलनेनिर्माणक्षेत्रमेंप्रत्यक्षविदेशीनिवेशनीतिमेंसंशोधनकोमंजूरीदी

03-NOV-2014

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्माण विकास के क्षेत्र में मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में संशोधन को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यह मंजूरी 29 अक्टूबर 2014 को दी गई. यह फैसला आम बजट में केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप किया गया.

निर्माण क्षेत्र में संशोधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति परिपत्र 2014 के अनुसार, निर्माण विकास क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट के तहत 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति होगी. साथ ही, निर्माण विकास क्षेत्र में निवेश विभिन्न शर्तों के विषयाधीन होगा. 
निर्माण विकास क्षेत्र में संशोधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के उपायों से पूर्व की नीति में उपयोग की जा रही खंडीय शर्तों को सरल बनाने और नियमों के स्पष्टीकरण के फलस्वरूप निर्माण विकास क्षेत्र में प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है.
विश्लेषण 
इस संशोधन के बाद से नए क्षेत्रों में निवेश आकर्षित होगा तथा आवास के लिए प्लॉट के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा. इन उपायों से देश में कम कीमत वाले किफायती आवास के निर्माण तथा स्मार्ट शहरों के विकास को मजबूती मिलेगी

राष्ट्रीयफिल्मपुरस्कारप्राप्तकर्ताअशोककुमारकानिधन

03-NOV-2014

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता छायाकार (सिनेमैटोग्राफर, Cinematographer) अशोक कुमार अग्रवाल का 22 अक्टूबर 2014 को चेन्नई में 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

अशोक कुमार अग्रवाल से संबंधित मुख्य तथ्य 
• अशोक कुमार अग्रवाल ने विभिन्न भाषाओं की करीब 100 फिल्मों में काम किया था. 
• उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में 'जीन्स', 'नदिगन' और 'जॉनी' शामिल हैं.
• अशोक कुमार अग्रवाल को वर्ष 1980 में तमिल फिल्म 'नेनजठिया किल्लथे' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. 
• अशोक कुमार अग्रवाल ‘सच्चे प्यार’ जैसी हिन्दी और ‘बैकवॉटर्स’ जैसी अंग्रेजी फिल्मों में बतौर सिनेमैटोग्राफर काम कर चुके हैं.
• इसके अलावा ‘अंद्रू पीठा मजहयिल’ (तमिल), ‘अभी नंदाना’ (तेलगू) और ‘कामागिनी, (हिन्दी) जैसी पुरस्कार विजेता फिल्मों का निर्देशन भी कर चुके हैं.

भारतीयफिल्मअभिनेताएसएसराजेंद्रनकानिधन

03-NOV-2014

भारतीय फिल्म अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और राजनीतिज्ञ एस. एस. राजेंद्रन (एसएसआर) का 24 अक्टूबर 2014 को चेन्नई में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

एस. एस. राजेंद्रन से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
• एस. एस. राजेंद्रन ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत तमिल फिल्म 'पराशक्ति' (1952) से की थी. 
• एस. एस. राजेंद्रन ने वर्ष 1962 में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) के टिकट पर थेनी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे. 
• एस. एस. राजेंद्रन को पहले ऐसे अभिनेता के रूप में जाना जाता है, जो विधायक बने. 
• वह विधानसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य रहे.
• उन्होंने 'रथ कन्नेर', 'रंगून राधा' और 'शिवगंगे सिमाय' जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया. 
• अपने दो दशक से भी लंबे करियर में उन्होंने 50 से अधिक तमिल फिल्मों में काम किया.

बुर्किनाफासोकेराष्ट्रपतिब्लेज़कॉम्पाओरनेइस्तीफादिया

03-NOV-2014

बुर्किना फासो के राष्ट्रपति ब्लेज़ कॉम्पाओर ने राष्ट्रपति पद से 31 अक्टूबर 2014 को इस्तीफा देने की घोषणा की. ब्लेज़ कॉम्पाओर ने अपने 27 वर्ष के कार्यकाल को विस्तार देने के लिए संविधान में संशोधन करने का प्रयास किया जिसके फलस्वरुप वर्ष 2014 में जनता के हिंसक विरोध के बाद ब्लेज़ ने इस्तीफे की घोषणा की. राष्ट्रपति कैम्पोर 27 सालों से देश के राष्ट्रपति थे.

राष्ट्रपति गार्ड सेकंड इन कमांड कर्नल आईजैक जिडा ने दावा किया है कि देश की कमान उनके हाथों में है. वहीं, इससे पहले सेना प्रमुख होनोरे ट्राओरे ने कहा था कि वह देश की सत्ता अपने हाथ में लेंगे. बुर्किना फासो के संविधान के अनुच्छेद 43 के तहत राष्ट्रपति इस्तीफा के बाद सीनेट के अध्यक्ष को सत्ता अपने हाथों में ले लेनी चाहिए और देश में तख्तापलट के 90 दिनों के भीतर पारदर्शी और स्वतंत्र चुनाव कराए जाने चाहिए.

ब्लेज़ कॉम्पाओर के बारे में

ब्लेज़ कॉम्पाओर वर्ष 1987 से बुर्किना फासो के राष्ट्रपति थे. ब्लेज़ कॉम्पाओर 1980 के दशक के दौरान राष्ट्रपति थॉमस शंकारा के एक शीर्ष सहयोगी थे. अक्टूबर 1987 में वह शंकारा की मौत के बाद ब्लेज़ कॉम्पाओर ने तख्तापलट कर नेतृत्व अपने हाथ में ले लिया. ब्लेज़ कॉम्पाओर ने थॉमस शंकारा द्वारा अपनाई मार्क्सवादी नीतियों जवाब में सुधार की नीति की शुरुआत की. ब्लेज़ कॉम्पाओर ने वर्ष 1991, 1998, 2005, और 2010 में चुनाव जीता.

अपने 27 वर्ष के कार्यकाल के विस्तार देने के लिए संविधान में संशोधन करने का उनका प्रयास वर्ष 2014 में बुर्किना विद्रोह का कारण बना. बुर्किना फासो (पूर्व में अपर वोल्टा) पश्चिम अफ्रीका का एक लैंडलाक देश है, जिसकी सीमाएं उत्तर में माली, पूर्व में नाइजर, उत्तर पूर्व में बेनिन, दक्षिण में टोगोऔर घाना और दक्षिण पश्चिम में कोट द' आईवोर से मिलती हैं. यह देश कई बार सैन्य तख्तापटल का शिकार हो चुका है.

झारखंडमेंउड़नेवालीगिलहरीकीएकलुप्तप्रायप्रजातिपाईगयी

03-NOV-2014

वन विभाग के अधिकारियों द्वारा झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में उड़ने वाली गिलहरी की एक लुप्तप्राय प्रजाति को 29 अक्टूबर 2014 को पकडा गया. स्थानीय जनजातियां इस प्रजाति को ओराल कहते हैं.

उड़ने वाली गिलहरी को एक प्राथमिक स्कूल की इमारत के पास एक पेड़ के नीचे देखा गया था. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है.
इस प्रजाति को कब्जे में लेने के बाद वन अधिकारियों द्वारा उस पर एक चिकित्सा जांच का आयोजन किया गया और इसको  बिरसा जूलॉजिकल पार्क,रांची भेजा गया. 
उड़ने वाली गिलहरी के बारे में 
इस उड़ने वाली गिलहरी का जंतु वैज्ञानिक नाम पेट्रोमयिनी या पेटरोस्टिनी है. उड़ने वाली यह गिलहरी इलिनोइस अमेरिका की मूल निवासी है,और केन और दू पेज काउंटी के कई सघन आबादी वाले क्षेत्रों में  पायी जाती है. 
उड़ने वाली गिलहरी रात्रि चर जंतु है. इसके शरीर के आगे पीछे और ऊपर झिल्ली होती है. ये झिल्ली इसके पिछले एवं अगले पैरों तक फैल जाती है जिसकी वजह से ये हवा में उड़ पाती है. 
ये गिलहरियां घरों में पायी जाने वाली गिलहरियों की तुलना में बहुत अधिक छोटी होती हैं लेकिन उन्ही के बराबर नुक्सान करने में सक्षम होती हैं.

वर्ष 1984 भोपालगैसत्रासदीकेदौरानयूनियनकार्बाइडकेअध्यक्षवॉरेनएंडरसनकानिधन

03-NOV-2014

यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष वारेन एम एंडरसन का निधन हो गया. उनका निधन वेरो बीच फ्लोरिडा के एक नर्सिंग होम में 29 सितंबर 2014 को हुआ था, लेकिन उनकी मौत की घोषणा उनके परिवार द्वारा नहीं की गई थी. इसकी पुष्टि सार्वजनिक रिकॉर्ड से अक्टूबर 2014 के अंत में हुई. वारेन एम एंडरसन को वर्ष 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के लिए दोषी ठहराया गया था. मृत्यु के समय वह 92 वर्ष के थे.

वारेन एम एंडरसन के बारे में 
• वह एक अमेरिकी व्यापारी थे जो 1984 में भोपाल आपदा के समय यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे.
• वारेन एम एंडरसन को 1 फ़रवरी 1992 को भोपाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा आधिकारिक तौर पर एक भगोड़े के रूप में चिह्नित किया गया था. न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होने के कारण उन्हे भगोड़ा कहा था. 
• केंद्र सरकार ने कई बार उनके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी सरकार से अनुरोध किया लेकिन वर्ष 2003 में पहली प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद से ही सुबूत की कमी का हवाला देते हुए अमेरिकी सरकार ने हमेशा इस अनुरोध को ठुकरा दिया. 
• दुर्घटना के चार दिन बाद एंडरसन भोपाल आये थे वहां पहुँचते ही उनको गिरफ्तार कर लिया गया था   लेकिन उनको तुरन्त ही ज़मानत मिल गयी थी जिसके बाद से वह मुकदमे की कार्यवाही का सामना करने के लिए कभी भी भारत नहीं लौटे.
1984 भोपाल गैस त्रासदी के बारे में
भोपाल आपदा को भोपाल गैस त्रासदी भी कहा जाता है. ये 2 और 3 दिसम्बर 1984 की रात को भारत में हुई गैस रिसाव की एक बड़ी दुखद घटना थी. इस आपदा को दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदा के रूप में भी माना जाता है.
एक संयंत्र में रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण ये घटना घटी. इस संयंत्र में रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण कीटनाशक गैस (मिथाइल आइसोसाइनेट-एमआईसी) और अन्य रसायनों का रिसाव हुआ. फलस्वरूप ये त्रासदी हुई थी. मध्य प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस घटना में 3787 लोगों की मृत्यु हुई थी. जबकि,अनौपचारिक अनुमान के अनुसार मरने वालों की संख्या 10,000 से भी अधिक थी. 
लगभग 5 लाख लोग जो संयंत्र के पास और नगरों के चारों ओर रहते थे इस संयत्र से निकले हुए विषाक्त पदार्थ से प्रभावित हुए थे.

चेतनभगतद्वारालिखितपुस्तक ‘हाफगर्लफ्रेंडकालोकार्पण

01-NOV-2014

चेतन भगत द्वारा लिखित उपन्यास ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ 1 अक्टूबर 2014 को अनावरण किया गया. यह उपन्यास आज की दुनिया में रिश्तों के नए और अलग आयामों में के बारे में जानकारी देता है.

उपन्यास माधव नाम के एक बिहारी लड़के के बारे में है जिसको दिल्ली की एक सुंदर और अमीर लड़की से प्यार हो जाता है जिसका नाम रिया है. दोनों के बीच कुछ बुनियादी मतभेद हैं. माधव की अंग्रेजी अच्छी नहीं है, लेकिन रिया उत्तम अंग्रेजी बोलती है. माधव रिया को अपनी प्रेमिका बनाना चाहता है लेकिन रिया सहमत नहीं होती है. वह उसे केवल दोस्त बनाना चाहती है लेकिन माधव निश्चित रूप से अधिक संबधं बनाना चाहता है.

रिया अंत में एक सुझाव देती है, सुझाव के अंतर्गत वह उसकी आधी-प्रेमिका बनने के लिए सहमत हैं. चेतन भगत ने एक सरल और सुंदर प्रेम कहानी प्रस्तुत की. जो आज के समय में रिश्तों की सभी बारीकियों के साथ आपकी भावनाओं को झकझोरती है. इसके अतिरिक्त यह कहानी आपको अपने व्यक्तिगत सपनों को साकार करने के लिए भी प्रेरित करती है.

चेतनभगतकेबारेमें

  • चेतन भगत का जन्म वर्ष 1974 में नई दिल्ली में हुआ था. उन्होंने दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से अपनी पढ़ाई की.
  • वह एक प्रसिद्ध समकालीन भारतीय लेखक, वक्ता, स्तंभकार और उपन्यासकार है. हालांकि एक पूर्णकालिक लेखक बनने से पहले चेतन ने कुछ वर्षों तक निवेश बैंकर के रूप में काम किया.
  • वर्ष 2008 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने चेतन भगत को भारत के इतिहास में अंग्रेजी भाषा के उपन्यास की सबसे अधिक बिक्री करने वाला उपन्यासकार घोषित किया.
  • उनकी अन्य प्रमुख कीर्तियों में फाइव प्वाइंट समवन, वन नाइट एट कॉल सेंटर, 2 स्टेट्स, 3 मिस्टेक्स ऑफ़ माय लाइफ एवं रेवोलुशन 2020 शामिल हैं

केंद्रसरकारनेस्विसबैंकमेंखातारखनेवाले 627 लोगोंकेनामसर्वोच्चन्यायालयकोसौंपा

01-NOV-2014

केंद्र सरकार ने एचएसबीसी बैंक जेनेवा में स्थित 627 भारतीय खाताधारकों की सूची तीन सीलबंद लिफाफे में सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ को 29 अक्टूबर 2014 को सौंपी.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र द्वारा पेश की गई सूची के तीनों सीलबंद लिफाफे को बिना खोले एसआईटी को देने का निर्देश दिया. पीठ अपने निर्देश में कहा, कि ‘इसे सिर्फ विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष द्वारा ही खोला जाएगा.’ इस मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर 2014 को होनी है. 
पीठ ने केंद्र को विदेशी राष्ट्रों के साथ विभिन्न संधियों के संबंध में अपनी बात एसआईटी के समक्ष रखने की अनुमति दी. पीठ ने कहा कि एसआईटी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज हैं. वे कोई सामान्य लोग नहीं हैं और वे विभिन्न मुद्दों पर फैसला ले सकते हैं. पीठ ने इस लिस्ट को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई से भी साझा करने का निर्देश दिया. 
सरकार की ओर से जमा कराए गए पहले लिफाफे में विदेशी सरकार से संधि का जिक्र है. दूसरे में सभी खाताधारकों के नाम और खातों का उल्लेख है. तीसरे लिफाफे में विशेष जांच दल (एसआईटी) की स्टेटस रिपोर्ट बताई गई है.
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि आयकर कानून के तहत इन खातों की जांच पूरी करने की समय सीमा मार्च 2015 है. यही सूची जून 2014 में भी एसआईटी को सौंपी गई थी.
अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने पीठ के समक्ष दस्तावेज पेश करते हुए बताया कि यह ब्योरा (नाम) वर्ष 2006 के हैं, जो फ्रांस सरकार ने जुलाई 2011 में भारत सरकार को सौंपे थे. ये डेटा एचएसबीसी बैंक जेनेवा से चुराए गए थे, जो बाद में फ्रांस सरकार तक पहुंचे थे और वहां से द्विपक्षीय अनुबंध के तहत भारत सरकार को प्राप्त हुए. मुकुल रोहतगी ने पीठ को यह भी बताया कि सूची में शामिल कुछ लोगों ने स्वीकार किया है कि उनके विदेशी बैंक में खाते हैं और उन्होंने कर चुकाया है.
विदित हो कि काला धन मामले में केंद्र सरकार ने सर्वप्रथम सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर तीन नामों- गोवा की खनन कारोबारी राधा सतीश टिम्बलू, डाबर ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप बर्मन और राजकोट के बुलियन कारोबारी पंकज चिमन लाल लोढिया का खुलासा 27 अक्टूबर 2014 को किया.
पृष्ठभूमि
सीबीडीटी ने वर्ष 2009-10 और 2010 -11 की अवधि में ही 18750 करोड़ रुपये की छिपी हुई आय का पता लगाया. जबकि डायरेक्टरेट ऑफ टांसफर प्राइसिंग ने 66085 करोड़ की मिस प्राइसिंग चिन्हित की थी. इनमें से ज्यादातर मामलों में जांच की आखिरी कड़ी तक नहीं पहुंचा जा सका.  पिछले कुछ सालों में जर्मन टैक्स अथॉरिटी से करीब 18 मामलों की सूचना के आधार पर केवल 39.66 करोड़ की अघोषित संपत्ति की पहचान की जा सकी. करीब 24.26 करोड़ की कर डिमांड में 11.75 करोड़ की रिकवरी की गई. फ्रांस से मिली सूचना के आधार पर 219 अघोषित संपत्तियों की पहचान की गई. इसमें 565 करोड़ रुपए की संपत्ति का आकलन किया गया. यह सारे खुलासे सीबीडीटी की रिपोर्ट में दर्ज हैं.
विशेष जांच दल 
काला धन की जांच हेतु केंद्र सरकार ने 27 मई 2014 को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. एसआईटी के अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी शाह और उपाध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजित पसायत है. 
विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन से संबंधित पृष्ठभूमि
सर्वोच्च न्यायालय में काला धन का मामला वकील राम जेठमलानी ने एक जनहित याचिका के जरिये वर्ष 2011 में उठाया. इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने काले धन की जांच के लिए केंद्र सरकार को एसआइटी गठित करने का आदेश 4 जुलाई 2011 को दिया था, लेकिन संप्रग सरकार ने एसआइटी गठन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर किया. सर्वोच्च न्यायालय ने 1 मई 2014 को एसआइटी गठन का विरोध करने वाली संप्रग सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए पुनः अपने पूर्वर्ती आदेश पर मुहर लगा दी एवं केंद्र सरकार को 28 मई 2014 तक काला धन की जांच हेतु विशेष जांच दल के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया.

दिल्लीमेंअल्पमतकीसरकारबनसकतीहैःसर्वोच्चन्यायालय

01-NOV-2014

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 30 अक्टूबर 2014 को कहा कि दिल्ली में किसी राजनीतिक दल के बाहरी समर्थन से अल्पमत की सरकार का गठन किया जा सकता है. इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल नजीब जंग सभी राजनीतिक दलों से दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बातचीत करें. सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला आम आदमी पार्टी की उस याचिका पर सुनवाई के बाद लिया जिसमें दिल्ली में विधानसभा भंग करने और 11 नवंबर 2014  फिर से चुनाव कराने की मांग की गई थी.

पांच–जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला लिया. इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू कर रहे थे और इसमें जस्टिस जे चेलामलेश्वर, जस्टिस ए के सिकरी, जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस अरुण मिश्रा थे.

पृष्ठभूमि

उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में लोकप्रिय सरकार की स्थापना हेतु संभावनाओं को तलाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी के मद्देनजर बीजेपी, कांग्रेस और आप को बुलाया था.

उपराज्यपाल ने राजनीतिक दलों के साथ विचार– विमर्श की शुरुआत का यह कदम सर्वोच्च न्यायालय की पांच– जजों की पीठ द्वारा केंद्र सरकार और लेफ. जन. को दिल्ली में सरकार के गठन में होने वाली देऱी के पर लगाई फटकार के बाद किया. दिल्ली विधानसभा फरवरी 2014 में अरविन्द केजरीवाल नीत आप सरकार के सत्ता से हटने के बाद से निलंबित है और राष्ट्रपति शासन के अधीन है.

संयुक्तराष्ट्रआर्थिकएवंसामाजिकपरिषदमेंभारतफिरसेचुनागया

01-NOV-2014

भारत 29 अक्टूबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के लिए एक बार फिर चुन लिया गया. वर्ष 2014 मे भारत की अवधि समाप्त हो रही थी. भारत के अलावा फिर से चुने जाने वाले अन्य देश हैं– ऑस्ट्रिया, बुर्किना फासो, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, जापान और पुर्तगाल. एशिया प्रशांत समूह में 183 वोट जीतकर भारत फिर से चुना गया, इसके बाज जापान और पाकिस्तान का स्थान है जिन्हें 181 – 181 वोट मिले.

भारत ने एशिया– प्रशांत समूह में चार सीटों के लिए प्रतियोगिता की और इसे 162 वोट मिले जो कि इस समूह में सबसे अधिक था. इसके अलावा महासभा ने पुनर्निर्वाचित सदस्यों के अलावा दस और सदस्य देशों का चयन किया. चुने गए देश हैं– अर्जेंटिना, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुर्किना फासो, इस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, होंडूरस, जापान, मॉरिटानिया, पाकिस्तान, पुर्तगाल, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, युगांडा और जिम्बाब्वे.

ये चुने गए 18 देश, बाहर जाने वाले 18 देशों का स्थान लेने के लिए चुने गए थे. ये हैं– ऑस्ट्रिया, बेलारुस, ब्राजिल, बुर्किना फासो, क्यूबा, डॉमनिकन रिपब्लिक, अल स्लवाडोर, इथोपिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, भारत, इंडोनेशिया, जापान, लेसोथो, लीबिया, नाइजीरिया और पुर्तगाल. चुने गए ये 18 देशों का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा. कार्यकाल 1 जनवरी 2015 से शुरु होगा.

कार्यक्रम और समन्वय समिति 
महासभा ने समिति द्वारा नामांकित 13 देशों की भी घोषणा की, इनके नाम हैं– बुर्किना फासो, कैमरून, इक्वेटोरियल गिनी, नामीबिया, इरान, अर्मेनिया, बेलारुस, यूक्रेन, ब्राजिल, क्यूबा, उरुग्वे, वेनेजुएला और इटली. इन सदस्यों का चुनाव यूएनजीए ने कार्यक्रम एवं समन्वय समिति के लिए किया है. यह समिति परिषद एवं योजना, प्रोग्रामिंग एवं समन्वय सभा की प्रमुख सहायक अंग है. इनका तीन वर्ष का कार्यकाल 1 जनवरी 2015 से शुरु होगा.
चयन प्रक्रिया
नए सदस्यों का चयन निम्नलिखित प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया है– 
अफ्रीकी देशों से पांच, एशिया– प्रशांत देशों से तीन, पूर्वी यूरोपीय देशों से एक, लैटिन अमेरिका एवं कैरेबिया देश से चार और पश्चिम यूरोप एवं अन्य देशों से पांच. 
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद 
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में 54 सदस्य देश हैं. नव निर्वाचित देशों के अलावा अन्य देश हैं– अल्बानिया, एंटिगुआ और बारबूडा, बांग्लादेश, बेनिन, बोलिविया, बोत्स्वाना, कनाडा, चीन, कोलंबिया, कांगो, क्रोएशिया, कांगो गणराज्य, डेनमार्क, जॉर्जिया, ग्वांटेमाला, हैती, इटली, कजाकिस्तान, कुवैत, किर्गिस्तान, मॉरिशस, नेपाल, न्यूजीलैंड, पनामा, कोरिया गणराज्य, रूस संघ, सैन मरिनो, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, स्वीडन, टोगो, ट्यूनेशिया, तुर्कमेनिस्तान, यूनाइटेड किंग्डम और अमेरिका.

केंद्रसरकारनेलोकपालचयनपैनलमेंनेताविपक्षकोशामिलकरनेकाफैसलाकिया

01-NOV-2014

केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 में संशोधन की घोषणा 30 अक्टूबर 2014 को की और लोकपाल चयन पैनल में नेता विपक्ष को शामिल कर लिया. इससे संबंधित विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. विधेयक में लोकपाल अधिनियम की धारा 4(1)(c) में संशोधन किया जाएगा.

इसमें एक खंड के लिए स्पष्टीकरण जोड़ा जाएगा जिसमें यह कहा गया होगा कि लोकसभा में अगर कोई भी नेता विपक्ष नहीं है तो विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता चयन पैनल का प्रतिनिधित्व कर सकता है.

लोकपाल की नियुक्ति में विपक्ष को शामिल करने का फैसला, ऐसे में तब जब लोकसभा में कोई भी मान्यता प्राप्त नेता विपक्ष नहीं है, केंद्रीय सतर्कता अधिनियम, 2003 और सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के ऐसे ही प्रावधानों के तहत किया गया. 
सीवीसी अधिनियम और आरटीआई अधिनियम के प्रावधान के तहत 
दो अधिनियमों के तहत, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और सर्तकर्ता आयुक्तों एवं केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) एवं सूचना आयुक्तों की नियुक्ति उच्च–स्तरीय समिति, जिसमें लोकसभा का नेता विपक्ष भी उसका हिस्सा हो, की सिफारिशों पर ही की जानी चाहिए.

हालांकि, इस उच्चस्तरीय समिति की संरचना के साथ काम कर प्रावधानों को एक स्पष्टीकरण– सीवीसी अधिनियम की धारा 4 (1) और आरटीआई अधिनियम की धारा 12 (3) – में कहा गया कि अगर किसी भी नेता को नेता विपक्ष के तौर पर मान्यता नहीं दी गई है तो सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को नेता विपक्ष माना जा सकता है.

इससे पहले अगस्त 2014 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनावई के दौरान लोकपाल चयन पैनल में नेता विपक्ष के न होने की बात पर चिंता व्यक्त की थी

भारतनेपरमाणुअप्रसारसंधिपरसंयुक्तराष्ट्रकेमसौदाप्रस्तावकेखिलाफवोटकिया

01-NOV-2014

भारत ने 31 अक्टूबर 2014 को संयुक्त राष्ट् के उस मसौदा प्रस्ताव के प्रावधानों के खिलाफ वोट किया जिसमें भारत समेत उन सभी देशों जो परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) में शामिल नहीं हैं, को उसके गैर–परमाणु हथियार देश बनाए जाने की बात कही. भारत ने उन प्रावधानों को भी मानने से इनकार कर दिया जिसमें परमाणु निरस्त्रीकरण और परमाणु अप्रसार की स्थिति प्राप्त करने के लिए एनपीटी के मौलिक भूमिका पर जोर दिया गया और भारत, इस्राइल और पाकिस्तान को एनपीटी को तुरंत मान लेने और गैर–परमाणु हथियार देश बनने को कहा गया था एवं अपने सभी परमाणु हथियार आईएईए सुरक्षा उपायों के अधीन करने को कहा था.

हालांकि, भारत ने एक संधि पर निरस्त्रीकरण सम्मेलन जिसमें परमाणु हथियारों के लिए विखंडनीय सामग्री के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल वार्ता प्रारंभ करने की बात कही गई, के प्रावधान पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया. साथ ही भारत ने उस प्रावधान पर भी वोट नहीं किया जिसमें एक असेंबली होने की बात थी जो आईएईए के सुरक्षा उपायों के सार्वभौमीकरण के महत्व पर जोर देती और वैसे देशों को उसमें शामिल करती जो अभी तक इससे दूर हैं और ऐसे समझौतों को लागू करवाती.
भारत का पक्ष
भारत ने प्रावधान को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एक गैर–परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के रूप में एनपीटी को मानने का कोई सवाल ही नहीं उठता. परमाणु हथियार भारत केआंतरिक सुरक्षा का हिस्सा है और गैर–भेदभावपूर्ण एवं वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण होने तक बने रहेंगे. 
भारत ने कहा कि वह अभी भी विश्व में परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह दुनिया, निरीक्षणीय और भेदभाव रहित परमाणु–निरस्त्रीकरण के लिए समयबद्ध कार्यक्रम का समर्थन जारी रखेगा.
संयुक्त राष्ट्र के एनपीटी पर मसौदा प्रस्ताव के प्रावधानों को खारिज करने वाले अन्य देश
प्रावधान कहता है कि देश बतौर गैर–परमाणु हथियार राज्य के रूप में एनपीटी को मान लें. इसे कोरिया औऱ इस्राइल ने भी स्वीकार करने से मना कर दिया लेकिन फिर भी इसके पक्ष में 164 देश हैं. एनपीटी की मूल भूमिका पर जोर देने वाले इस प्रावधान का जिसमें वैश्विक परमाणु सुविधाओं को आईएईए सुरक्षा उपायों के तहत रखने की बात कही गई है, को मानने से इस्राइल, अमेरिका और पाकिस्तान ने भी इनकार कर दिया. हालांकि इसके पक्ष में 163 वोट डाले गए. 
अन्य प्रवाधान जिसमें निररस्त्रीकरण सम्मेलन में तात्काल वार्ता प्रारंभ करने की बात थी, को रिकॉर्ड 166 वोट मिले, जबकि दो ने इसके खिलाफ वोट किया और भारत, ईरान, इस्राइल, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिब्लिक ऑफ कोरिया ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया. 
परमाणु अप्रसार संधि पर संयुक्त राष्ट्र मसौदा प्रस्ताव 
मसौदा संकल्प जिसका शीर्षक था टूवॉर्डस ए न्यूक्लियर वेपन–फ्री वर्ल्डः एक्सलरेटिंग द इंप्लीमेंटेशन ऑफ न्यूक्लीयर डिसआर्मामेंट कमिटमेंट्स, को निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों को हल करने वाली पहली समिति ने 193 –सदस्यों के संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष प्रस्तुत किया. 
इस मसौदा प्रस्ताव को कुल 166 देशों ने स्वीकार किया औऱ सात देशों, कोरिया, फ्रांस, भारत, इस्राइल, रूसी संघ, यूके और अमेरिका इसके खिलाफ थे

नासाकेकार्गोरॉकेटअंतारेसमेंप्रक्षेपणकेबादविस्फोट

01-NOV-2014

मानव रहित कार्गो रॉकेट अंतारेस में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए सामान ले जाने के दौरान प्रक्षेपण के कुछ ही सेकेण्ड बाद विस्फोट हो गया. यह विस्फोट अमेरिका के वर्जिनिया के वैलोप्स द्वीप स्थल में 28 अक्टूबर 2014 को हुआ. इस घटना में ऑर्बिटल साइंस के पहले चरण के दो चरणों वाला अंतारेस रॉकेट अपने लांच पैड से उपर उठते ही विस्फोट के साथ आग की लपटों से घिर गया. दो–

चरण वाला यह अंतरेस रॉकेट 32 सेटेलाइट, कंपनी का सिग्नस कैप्सूल और आईएसएस (ISS) के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाद्य सामग्री ले कर जा रहा था. नासा के मुताबिक इस घटना में कोई हताहत तो नहीं हुआ लेकिन 5500 पाउंड वजन वाला कार्गो पूरी तरह से बर्बाद हो गया. इस लांच में 125 मिलियन पाउंड की धनराशि खर्च हुई थी. 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुबंध के नियमों के तहत यह नासा के लिए आईएसएस (ISS) हेतु ऑर्बिटल साइंस का तीसरा आधिकारिक कार्गो मिशन था. इस अनुबंध के मुताबिक कंपनी को आठ डिलिवरी मिशन को भेजना था. ऑर्बिटल साइंस कंपनी ने अप्रैल 2013 में अपनी पहली उड़ान पर सबसे पहले अंतारेस रॉकेट को भेजा था.

इस विस्फोट का आईएसएस (ISS) पर कोई तत्कालीन प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि 29 अक्टूबर 2014 को कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के रोबोटिक प्रोग्रेस 57 स्पेसक्राफ्ट सफलतापूर्व लांच कर दिया गया था. ऑर्बिटल साइंस ने इस घटना की जांच के लिए नासा और अमेरिका के संघीय उड्डयन प्रशासन की सहायता से एक टीम का गठन किया.

साइनानेहवालविश्वबैडमिंटनमहासंघकीमहिलारैंकिंगमेंपांचवेंस्थानपर

01-NOV-2014

भारत की बैडमिंटन खिलाडी साइना नेहवाल एक पायदान ऊपर चढ़कर विश्व बैडमिंटन महासंघ  (बीडब्ल्यूएफ)  की 30 अक्टूबर 2014 को जारी विश्व रैंकिंग में महिला एकल में पांचवें स्थान पर पहुंचीं. बीडब्ल्यूएफ की रैंकिंग में साइना को एक स्थान का लाभ मिला. पहले वह छठे स्थान पर थीं. साइना को डेनमार्क और फ्रेंच ओपन में क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का फायदा हुआ. इन दोनों टूर्नामेंट में साइना दुनिया की नंबर दो चीनी खिलाड़ी शिजियान वांग से हार गई थीं.

विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता पीवी सिंधू ने रैंकिंग में दसवां स्थान बरकरार रखा. पुरुष सिंगल्स में पारुपल्ली कश्यप ने शीर्ष-20 में वापसी की और अब वह 17वें स्थान पर पहुंच गए. कश्यप ने डेनमार्क ओपन के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. किदांबी श्रीकांत रैंकिंग में 16वें स्थान के साथ सर्वश्रेष्ठ भारतीय बने हुए हैं. महिला डबल्स में ज्वाला गट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी भी शीर्ष 20 में पहुंच गई. भारतीय जोड़ी 20वें स्थान पर है. मिश्रित युगल और पुरुष युगल में कोई भी भारतीय शीर्ष 25 में शामिल नहीं है.

लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीतने के साथ ही साइना नेहवाल ओलंपिक खेलों की बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं.
साइना नेहावाल के बारे में
साइना नेहवाल भारत की प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार, हरियाणा में हुआ. साइना नेहवाल भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं. लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया. बैडमिंटन में ऐसा करने वाली साइना नेहवाल भारत की पहली खिलाड़ी हैं. साइना बीजिंग ओलंपिक वर्ष 2008 में भी क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थीं. वह विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय हैं. साइना नेहवाल बैडमिंटन की विश्व रैंकिग में दूसरे स्थान पर रह चुकी हैं.
सम्मान और पुरस्कार
•    अर्जुन पुरस्कार (2009)
•    राजीव गाँधी खेल रत्न (2009–2010)
•    पद्मश्री (2010)
साइना नेहावाल ने निम्नलिखित खिताब जीते हैं :-
•    वर्ष 2012 - स्विस ओपन ग्रांप्री, थाईलैंड ओपन, इंडोनेशियन ओपन
•    वर्ष 2011 - इंडियन ओपन ग्रांप्री 
•    वर्ष 2010 - इंडोनेशियाई ओपन, सिंगापुर ओपन, कॉमनवेल्थ गेम्स, इंडियन ओपन ग्रांप्री
•    वर्ष 2009 - इंडोनेशियाई ओपन
पदक
•    कांस्य पदक, लंदन ओलंपिक 2012
•    कांस्य पदक, एशियन चैंपियनशिप 2010, दिल्ली
•    कांस्य पदक, उबेर कप 2014, दिल्ली
•    कांस्य पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2006, मेलबर्न
•    स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2010, दिल्ली (एकल)
•    रजत पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2010, दिल्ली (मिश्रित)
•    स्वर्ण पदक, वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप 2008, पुणे

केंद्रसरकारनेगैर-योजनाव्ययमें 10 प्रतिशतकटौतीकेलिएसरकारीखर्चेमेंकमीकीशुरुआतकी

01-NOV-2014

केंद्र सरकार ने गैर-योजना व्यय में 10 प्रतिशत कटौती करने के लिए सरकारी खर्चे में कमी की शुरुआत की. इससे संबंधित दिशा-निर्देश केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 30 अक्टूबर 2014 को जारी किया गया.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश की मुख्य बातें:-
• नौकरशाहों पर प्रथम श्रेणी में विदेश यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया और उनसे कहा गया कि वे जहां तक संभव हो वीडियो कान्फ्रेंसिंग का उपयोग करें.
• राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2014-15 में 4.1 प्रतिशत तक सीमित रखने के उद्देश्य से वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों पर पांच सितारा होटलों में बैठक आयोजित करने पर पाबंदी लगा दी.
• एक वर्ष से अधिक समय से खाली पड़े पदों को भरने तथा नयी नियुक्तियों पर रोक.
• अधिकारियों को वरीयता के आधार पर विभिन्न दर्जे में हवाई यात्रा करने की सुविधा प्राप्त है, लेकिन इसका चुनाव करते हुए बजट सीमा को ध्यान में रखते हुए मितव्ययिता बरतने की जरूरत पर जोर.
• हवाई यात्रा में सरकारी अधिकारीयों हेतु प्रथम श्रेणी में बुकिंग पर रोक.
• रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा संगठनों की परिचालन अनिवार्यता पूरी करने के लिए नए वाहनों की खरीद की मंजूरी है लेकिन अन्य विभागों हेतु नए वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध.
• राजकोषीय स्थिति के लिहाज से व्यय को तर्कसंगत रखने और उपलब्ध संसाधन का अधिकतम उपयोग करने की जरूरत पर जोर.
विदित हो कि केंद्र सरकार ने राजकोषीय घाटे को वर्ष 2016-17 तक 3 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव किया है. राजकोषीय घाटा वर्ष 2011-12 में बढ़कर 5.7 प्रतिशत के उच्चतम स्तर को छू गया था, जिससे मितव्ययिता पहल के जरिए वर्ष 2012-13 में 4.8 प्रतिशत पर और वर्ष 2013-14 में 4.5 प्रतिशत पर लाया गया.

सरदारपटेलकीजयंतीकेउपलक्ष्यमें 31 अक्टूबरराष्ट्रीयएकतादिवसकेरूपमेंमनायागया

01-NOV-2014

सरदार वल्लभ भाई पटेल की 139वीं जयंती के उपलक्ष्य में 31 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया. केन्द्र सरकार द्वारा 31 अक्टूबर को  राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मानाने का निर्णय शत्रुओं को भारत की शक्ति को दिखाने के लिए किया गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस दिन का उद्घाटन किया गया. उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये और नई दिल्ली में एकता के लिए दौड़ (रन फॉर यूनिटी) के आयोजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम भारत को एकजुट करने के लिए सरदार पटेल द्वारा किए गए प्रयासों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के माध्यम रूप में एक महत्वपूर्ण आकर्षण रहा. पूरे देश में इस अवसर पर राष्ट्रव्यापी मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया .
इस अवसर के दौरान प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रशंसा की जिनको भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता हैं , उन्होंने 'एक भारत और श्रेष्ठ भारत बनाने की दिशा में काम करने के लिए लोगों से अनुरोध किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उन की पुण्य तिथि पर याद किया जिनकी हत्या उनके अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्तूबर को 30 साल पहले कर दी गई थी. 
वल्लभभाई पटेल के बारे में
•वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात में करमसाड में 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था.
•वह एक प्रसिद्ध बैरिस्टर थे, जिन्होंने लंदन में अध्ययन किया और गुजरात के गोधरा, बोरसाद और आनंद जैसे स्थानों पर अपनी वकालत की  .
•उन्होंने गुजरात में खेड़ा,बोरसाद और बारदोली में किसान आंदोलनों में नेतृत्व प्रदान करके महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में साहस के साथ स्वयं को प्रस्तुत किया. 
•वह महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हुए और इसके बड़े नेताओं की पंक्ति में अपना स्थान बनाया .
•वह भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री थे.
•उनको स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अंतर्गत वर्ष 1947-49 में ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रांतों में से 500 से अधिक स्वतंत्र रियासतों के एकीकरण करने का श्रेय दिया जाता है.
•उनको भारत के बिस्मार्क और लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है इतना ही नहीं उनको आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना के लिए भारत के लोक सेवकों के संरक्षक संत रूप में भी याद किया जाता है.

बांग्लादेशजमात--इस्लामीकेमुखियामतीउर्रहमाननिज़ामीकोयुद्धअपराधोंकेलिएमृत्युदंडदियागया

01-NOV-2014

बांग्लादेश युद्ध अपराध न्यायाधिकरण द्वारा बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के मुखिया मतीउर्रहमान निज़ामी को 29 अक्तूबर 2014 को वर्ष 1971 में पाकिस्तान के विरुद्ध बांग्लादेश स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान हज़ारों लोगों की हत्या का ज़िम्मेदार ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गयी. निज़ामी को पहले ही जनवरी 2014 में, जब वह उद्योग मंत्री थे, चटगांव हथियार ढोने के एक मामले में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि, 29 अक्टूबर 2014 को निज़ामी के साथ जमात के छह ओर नेताओं को मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई गयी. लंबे समय से इस बहु प्रतीक्षित फैसले का विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों द्वारा स्वागत किया गया.
पृष्ठभूमि
मतिउर्रहमान निज़ामी वर्ष 1971 में जमात की छात्र शाखा इस्लामी छात्र संघ (अब इस्लामी छात्र शिबिर ) के अध्यक्ष थे जिसने  बाद में पाकिस्तानी सेना के कुख्यात सहायक संगठन अल बद्र का रूप ले लिया. निज़ामी अल बद्र नरसंहार दस्ते के प्रमुख नेता के रूप में, अत्याचार, हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल थे. निज़ामी अपने उन स्थानीय पाकिस्तानी सहयोगियों को दिए गए प्रशिक्षण में भी शामिल थे जिन्होंने मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध किये. निज़ामी ने अपने अनुयायियों को बड़े पैमाने पर नरसंहार और अत्याचार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पवित्र पुस्तक कुरान की गलत व्याख्या की. अदालत ने निज़ामी को बड़े पैमाने पर 14 दिसंबर 1971 को शीर्ष बंगाली पेशेवरों और बुद्धिजीवियों को खत्म करने के लिए गेस्टापो-विधि की तर्ज पर हमलों को संचालित करने का भी दोषी पाया. ये घटना 14 दिसंबर 1971 को हुई यानी 16 दिसंबर 1971 से ठीक दो दिन पहले जिस दिन बांग्लादेश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई.

न्यायाधिकरण ने जमात प्रमुख को युद्ध अपराध करने के लिए धर्मनिरपेक्ष बुद्धिजीवियों के खिलाफ साजिश एवं हत्या करने का अपराधिक रूप से ज़िम्मेदार ठहराया.

ज्ञातव्य है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 ने वर्ष 2012 में निज़ामी के खिलाफ 16 आरोप तय किए. उन पर पाकिस्तानी सेना के साथ साजिश रचने, योजना बनाने और अपराधों को उकसाने का आरोप था. उन पर हत्या, बलात्कार, लूटपाट और संपत्ति के विनाश और वर्ष 1971 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त युद्ध अपराधों में शामिल होने का भी आरोप सिद्ध हो चुका है

वैज्ञानिकोंनेबनायाब्रह्मांडकाअभीतककासबसेठंडाघनमीटर

01-NOV-2014

वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अक्टूबर 2014 में यह घोषणा की कि उन्होंने ब्रह्मांड के सबसे ठंडे घन मीटर बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है.

विदित हो कि उन्हें यह उपलब्धि तब हासिल हुई जब वे क्रायोस्टेट (एक उपकरण जिससे बहुत कम तापमान को बनाए रखा जाता है) की मदद से दुर्लभ घटनाओं के प्रयोग के लिए शीतित भूमिगत वेधशाला (सीयूओआरई, Cryogenic Underground Observatory for Rare Events experiment, CUORE) में एक 880 पाउंड ब्लाक को 6 मिलीकेल्विन तापमान पर ठंडा करने का कार्य कर रहे थे.

येल के आर्थर डब्ल्यू राइट प्रयोगशाला, जोकि शीतित अनुसंधान आयोजित करती है, के निदेशक डॉ कस्र्टन हेगर को ‘दुर्लभ घटनाओं के प्रयोग के लिए शीतित भूमिगत वेधषाला’ मे सहयोग के लिए सम्मिलित किया गया है. इसके अतिरिक्त इस अनुसंधान में सहयोग देने के लिए इटली के ग्रान सेस्सो प्रयोगशाला (Gran Sasso National Laboratory) से अमेरिका, इटली, चीन, स्पेन, फ्रांस और अन्य देशों के 130 वैज्ञानिक जुड़े हैं.

अनुसंधान के बारे में

एक इतालवी प्रयोगशाला में एक घन मीटर तांबे को परम शून्य ताप के अल्प विचलन पर ठण्डा किया जाता है. यह ठंडा तांबा द्रव्यमान ही ब्रह्मांड में 15 दिनों से अधिक सबसे ठंडा घन मीटर था.

यह अभी तक का पहला प्रयोग है जिसमें इस माप के द्रव्यमान और आयतन को इस तापमान जो कि परम शून्य (0 केल्विन) के निकट है ठण्डा किया गया है.

कुल 400 किलोग्राम भारीय तांबे के क्यूबिक मीटर (35 घन फीट) के तापमान को 6 मिलीकेल्विन या ऋणात्मक 273.144 सेल्सियस (ऋणात्मक 459.66 फारेनहाइट) से लाया गया था.

पृष्ठभूमि

यह मानक स्थापित करता ठंडा तापमान अन्य प्रयोग के लिए उदारहण होगा उपपरमाणवीय कण जिसे न्यूट्रान के नाम से जाना जाता है,  कणों के व्यवहार की व्याख्या में जोकि मदद कर सकता है और यह ब्रह्मांड में पदार्थ की संरचना के बारे में लम्बे समय निरुत्तरित सवालों का जवाब भी हो सकता है. इस प्रक्रिया को एक चैम्बर रूपी डिवाइस जिसे क्रायोस्टेट के नाम से जाना जाता है की सहायता से प्राप्त किया गया.

वैज्ञानिको द्वारा वर्णित किया गया कि यह प्रयोग जोकि एक दुर्लभ प्रक्रिया दिखाई देता है को ‘न्यूट्रिनोलेस डबल बीटा डिके’ कहा जाता है. इस प्रक्रिया का पता लगाने के साथ ही इसे प्रथम बार शोधकर्ताओं को प्रदर्षन करने के लिए देना होगा जिससे यह ज्ञात हो सके कि न्यूट्रीनो और एंटीन्यूट्रीनो एकरूपीय हैं.

इस अनुसंधान से ब्रह्मांड में  विरोधी विषयों के बजाय प्रचुर विषयक संभावित व्याख्या की पेशकश होगी. अब जबकि क्रायोस्टेट आधार तापमान तक पहुँच गया है, कमीशन और अंशांकन प्रणाली के क्रायोजेनिक परीक्षण अगले कुछ माह में होंगे.

सीयूओआरई के बारे में

सीयूओआरई इटली के ग्रान सेस्सो पहाड़, जोकि एपेननाइन्स रोम से लगभग 120 किलोमीटर दूर है, की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित हैं. दुर्लभ घटनाओं के लिए क्रायोजेनिक भूमिगत वेधशाला (सीयूओआरई) इटली में लेबोरेटरी नाजीओनाली साय ग्रान सेस्सो पर स्थित एक कणिक भौतिकी अनुसंधान केंद्र है.

जब सीयूओआरई प्रयोग पूरी तरह क्रियाशील हो जायेगा तो यह न्यूट्रीनों के महत्वपूर्ण गुणों, उपपरमाणवीय मौलिक कणों, जोकि रेडियोधर्मी क्षय द्वारा बनाई गई हैं और एक विद्युत आवेश को ढ़ोने में असमर्थ हैं, का अध्ययन करेंगे.

वरिष्ठआईएएसअधिकारीअरविंदमायारामअल्पसंख्यकमंत्रालयकेसचिवनियुक्तकियेगए

01-NOV-2014

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अरविंद मायाराम 30 अक्टूबर 2014 को अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव नियुक्त किये गए. मायाराम को 16 अक्टूबर 2014 को केंद्रीय वित्त सचिव के पद से स्थानांतरित करके केंद्रीय पर्यटन सचिव का पद सौंपा गया था, लेकिन केन्द्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा उनकी नियुक्ति इस पद पर निरस्त करने के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मंत्रालय का सचिव नियुक्त किया गया.

विदित हो कि वर्ष 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मायाराम को 31 अक्टूबर 2014 को परवेज दीवान की जगह केन्द्रीय पर्यटन सचिव के रूप में कार्यभार संभालना था लेकिन बाद में राजस्थान कैडर के वर्ष 1979 बैच के ललित पंवार को पर्यटन सचिव नियुक्त किया गया.

फिलिस्तीनकोराज्यकेरूपमेंमान्यताप्रदानकरनेवालास्वीडनपहलायूरोपीयसंघीयदेशबना

01-NOV-2014

स्वीडन आधिकारिक तौर पर 30 अक्टूबर, 2014 को फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता प्रदान करने वाला प्रथम यूरोपीय संघीय (ईयू) देश बन गया.

स्वीडन के इस निर्णय के खिलाफ इजरायल ने विरोध प्रदर्षित किया और उसने स्वीडिश राजदूत को तलब कर अपना गुस्सा एवं विरोध दर्ज कराया है। इजरायल का मत है कि फलस्तीन को मान्यता वार्ता की सफलता के बाद ही दी जानी चाहिए.

कुल 130 अन्य देश हालांकि पहले से ही फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता प्रदान कर चुके हैं जिसमें हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड तीन ऐसे देश हैं जिन्होंने यूरोपीय संघ में शामिल होने से पहले यह कदम उठाया है. गैर-यूरोपीय संघ सदस्य आइसलैंड फिलीस्तीनी राज्य को मान्यता प्रदान करने वाला एकमात्र पश्चिमी यूरोपीय देश है.

पृष्ठभूमि

फिलिस्तीनी लोग इजरायल के कब्जे वाले पश्चिमी तट और गाजा के साथ पूर्वी जेरूसलम अपनी राजधानी के रूप में को सम्मिलित कर एक राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त उनकी मांग है कि इजरायल फिलिस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों को भी लौटा दे.

इजरायल के साथ सीधी शांति वार्ता की विफलता के साथ, फिलिस्तीनी अधिकारियों का प्रयास है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष चर्चा द्वारा फिलीस्तीनी संप्रभुता को मान्यता प्रदान करवाने का उद्यम किया जाए.

वर्ष 2012 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी की स्थिति को उन्नत करने के लिए एक गैर सदस्य पर्यवेक्षक के लिए मतदान किया जिससे फिलिस्तीनी अधिकारिक पहुंच संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों तक हो सके. हालांकि, यूरोपीय संघ के देशों ने फिलिस्तीनी राज्य को अपनी पूरी मान्यता नहीं दी थी.

सरदारवल्लभभाईपटेलकीदुनियाकीसबसेऊंचीप्रतिमाकेलिएनींवगुजरातमेंरखीगई

01-NOV-2014

गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 31 अक्टूबर 2014 को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, की आधारशिला रखी. आधारशिला सरदार पटेल की 139 वीं जयंती के अवसर पर रखी गयी.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात राज्य के भरूच जिले में साधूबेट द्वीप के सरदार सरोवर बांध पर जो कि केवडिया कालोनी के निकट है, में स्थापित किया जाएगा.

योजनानुरूप परियोजना में 2979 करोड़ रुपए की लागत आएगी और परियोजना कार्य 46 महीने में पूर्ण कर लिया जाना है. गुजरात सरकार द्वारा 27 अक्टूबर 2014 को इस निर्माण को पूर्ण करने की जिम्मेदारी प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो को सौंपी गयी.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में

पूर्ण रूप से निर्मित प्रतिमा 182 मीटर लंबी होगी और इस परियोजना हेतु 2979 करोड़ रुपए दिए गए, जिसमें इसकी मुख्य संरचना को 1345 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण किया जाएगा. कुल 235 करोड़ रुपए प्रदर्शनी हॉल और कन्वेंशन सेंटर के निर्माण पर,  83 करोड़ रुपए मुख्य भूमि को स्मारक से जोड़ने हेतु पुल निर्माण पर एवं 657 करोड़ रुपए इसके पूरा होने के बाद अगले 15 वर्षों के लिए संरचना को यथावत बनाए रखने के हेतु खर्च किया जाना है.

कुल 75000 घन मीटर कंक्रीट, 5700 मीट्रिक टन इस्पात संरचना, 18500 स्टील की छड और 22500 मीट्रिक टन पीतल का उपयोग इस परियोजना को पूर्ण करने में किया जाएगा. परियोजना में सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन प्रदर्षन की प्रस्तुती हेतु एक प्रदर्शनी हॉल और एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति गृह भी शामिल हैं.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न्यूयॉर्क (अमेरिकी) की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से दोगुना आकार वाला होगा और यह वर्षों तक भारत के भावी पीढि़यों को प्रेरित करेगा.

पृष्ठभूमि

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी - भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस परियोजना की शुरुआत गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर, 2013 को की थी.

परियोजना के विकास हेतु मोदी ने लोहा एकत्रीकरण के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया था जिससे स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया जा सके और गुजरात सरकार के अनुसार, लोहे को देश के लगभग सात लाख गांवों से एकत्र किया गया था.

टिप्पणी

भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण से जिले के आदिवासी क्षेत्र में रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी तथा निकटवर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

अभिनवबिंद्राआईएसएसएफएथलीटसमितिकेअध्यक्षनिर्वाचित

01-NOV-2014

भारत के लिए ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा को इंटरनेशनल शूटिंग स्पो‌र्ट्स फेडरेशन (आइएसएसएफ) आईएसएसएफ एथलीट समिति का अध्यक्ष बनाया गया. निशानेबाजी की वैश्विक संस्था आइएसएसएफ ने 30 अक्टूबर 2014 को इसकी पुष्टि की और नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) को इस बारे में सूचित किया.

32 वर्षीय बिंद्रा यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं. वह आइएसएसएफ की प्रशासनिक परिषद के भी सदस्य बन गए. बिंद्रा ने कहा, 'यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बेहद सम्मान की बात है. एथलीट खेल को जिंदा रखता है. इस सम्मान के बाद अब मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. मैं अब पूरे विश्व के निशानेबाजों की बात सही पटल पर रख सकूंगा और खेल की बेहतरी के लिए काम करूंगा.'
अभिनव बिंद्रा से सम्बंधित मुख्य तथ्य
•    अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत के एक प्रमुख निशानेबाज हैं.
•    अभिनव बिंद्रा का जन्म देहरादून में 28 सितंबर 1983 को हुआ. परन्तु वह इस समय पंजाब राज्य के चंडीगढ में रहते हैं.
•    वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर व्यपक्तिगत स्वजर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनें.
•    अभिनव बिंद्रा को सन 2009 में भारत सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
•    अभिनव बिंद्रा को निशानेबाजी में उनके योगदान के लिए वर्ष 2001 में देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था.
•    अभिनव बिंद्रा ने वर्ष 2001 के म्यूनिख कप में काँस्य पदक जीता.
•    वह वर्ष 2001 में मैनचेस्टर में 10 मीटर एयर राइफल का स्वर्ण पदक जीता.
•    अभिनव बिंद्रा वर्ष 1998 के राष्ट्रमंडलीय खेलों के सबसे युवा निशानेबाज थे.
•    एमबीए कर चुके अभिनव बिंद्रा फ्यूचरिस्टिक कम्पनी के सीईओ हैं.
•    अभिनव बिंद्रा ने 15 साल की उम्र से निशानेबाजी करना प्रारंभ किया था.
•    वर्ष 2004 में एथेंस ओलिम्पिक में अभिनव बिंद्रा ने रिकॉर्ड तो कायम किया, लेकिन पदक जीतने से चूक गए.
•    अभिनव बिंद्रा ने भारत को किसी भी ओलंपिक का पहला एकल स्वर्ण पदक दिलाया था.

ओएनजीसीसबसेऊंचीरैंकपानेवालीभारतीयऊर्जाकंपनीबनी

01-NOV-2014

सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी इस वर्ष की प्लेट्स ग्लोबल 250 रैंकिंग में रिलायंस इंडस्ट्रीज को पछाड़ते हुए सबसे ऊंची रैंकिंग पाने वाली भारतीय ऊर्जा कंपनी 29 अक्टूबर 2014 को बन गई. ओएनजीसी वर्ष 2013 में इस रैंकिंग में 22वें स्थान पर थी, लेकिन इस बार वह एक पायदान चढ़कर 21वें स्थान पर आ गई. इस रैंकिंग के शीर्ष पर एक्सान मोबिल कोर्प, शेवरॉन व रायल डच शेल है.

प्लेट्स के अनुसार भारत की सबसे बड़ी निजी फर्म आरआईएल इस वर्ष की रैंकिंग में 22वें स्थान पर है, जबकि पिछले वर्ष यह 19वें स्थान पर थी. वहीं इंडियन आयल कारपोरेशन इस रैंकिंग में लंबी उछाल लगाते हुए 43वें स्थान पर आ गई जो कि वर्ष 2013 में 80वें स्थान पर थी.

कोल इंडिया लिमिटेड इस रैंकिंग में चार पायदान गिरकर 47वें स्थान पर, एनटीपीसी 50वें स्थान पर, भारत पेट्रोलियम 66वें तथा गेल 97वें स्थान पर है. इस सूची में केयर्न इंडिया 104वें, आयल इंडिया लिमिटेड 208वें तथा एस्सार आयल 232वें स्थान पर है

क्रयक्षमतासमतुल्यतामेंचीनअमेरिकाकोपीछेछोड़करविश्वकीसबसेबड़ीअर्थव्यवस्थाबना

01-NOV-2014

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित आकड़े अक्टूबर 2014 में जारी किये. इन आकड़ों के अनुसार, क्रय क्षमता समतुल्यता (पीपीपी, Purchasing Power Parity, PPP) के आधार पर चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया.

आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, पीपीपी के संदर्भ में चीन की अर्थव्यवस्था अक्टूबर 2014 में 17.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गयी जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का 16.48 प्रतिशत है.

दूसरी तरफ, पीपीपी के आधार पर अमेरिका की अर्थव्यवस्था 17.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रही जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का 16.28 प्रतिशत है.

आईएमएफ के आकड़ों के अनुसार, क्रय क्षमता के आधार पर भारत विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसका मूल्यांकन 7277.279 बिलियन अमेरिकी डॉलर किया गया. वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 6.7 प्रतिशत है.

वर्ष 2005 में, चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिका की तुलना में आधी थी. वर्तमान अनुमानों के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था वर्ष 2019 तक अमेरिकी की तुलना में दोगुनी हो जाएगी.

अमेरिका की सरकार के विदेशी ऋण में चीन सबसे बड़ा हिस्सेदार है जो कि 1.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के अमेरिकी निधि बांड का धारक है