Oct 11-20 2014 HIndi

अंतरराष्ट्रीयपर्यटनमार्टकातीसरासंस्करणशिलांगमेंआयोजित

18-OCT-2014

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को उजागर करने के उद्देश्य से हाल ही में शिलांग में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का तीसरा संस्करण 13-15 अक्टूबर 2014 के बीच आयोजित किया गया. यह उत्तर-पूर्वी राज्यों और पश्चिम बंगाल के सहयोग से पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजन हुआ. 
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के उद्घाटन समारोह में पर्यटन राज्य मंत्री, श्रीपाद नाइक और मेघालय के मुख्यमंत्री डॉ मुकुल संगमा समारोह में उपस्थित थे. इसके अलावा विभिन्न चैनलों के माध्यम से, आसियान, सार्क देशों, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोप, अमेरिका और भारत के अन्य क्षेत्रों से मजबूत प्रतिस्पर्धा के खरीददारों ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया सहित मार्ट में भाग लिया.

उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, शिलांग, गुवाहाटी और तवांग के बाद भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट है. इसका उद्देश्य भारत और पश्चिम बंगाल के आठ पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन उत्पादों और सेवाओं के व्यापारी और उद्यमियों को एक साथ लाना है. यह मार्ट खरीदारों और विक्रेताओं के बीच पारस्परिक विचार-विमर्श बढ़ाने और पर्यटन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खरीदारों तक पहुंचाने के लिए आपूर्तिकर्ताओं को सुविधा प्रदान करेगा. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट में अरुणाचल प्रदेश, असम,मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम,नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

भारतीय मूल के वैज्ञानिक संजय राजाराम ने विश्व खाद्य पुरस्कार प्राप्त किया

18-OCT-2014

एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक डॉ संजय राजाराम को अपने वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए जिससे विश्व के गेहूं उत्पादन में 200 से अधिक मिलियन टन की एक अस्वाभाविक वृद्धि जिसका निर्माण हरित क्रांति की सफलताओं पर हुआ के लिए 16 अक्टूबर 2014 को 2014 का विश्व खाद्य पुरस्कार प्रदान किया गया.

राजाराम को 1980 के दशक में गेहूं की वीरी लाइनों जिनको विभिन्न गेहूं उगाने वाले देशों में स्थानीय रूप से अनुकूलित उच्च उपज किस्मों प्रजनन के लिए इस्तेमाल किया गया, को विकसित करने का श्रेय जाता हैं.

PBW-343, जो की एक वर्कहॉर्स गेहूं की किस्म हैं भारत में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में पैदा की जाती हैं यह अंतरराष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सीआइएमएमवाईटी) में पैदा किये गए वीरी सामग्री पर आधारित थे जो राजाराम के अंतर्गत कार्यरत था. यह वीरी लाइन्स एक रूसी शीत ऋतू के गेहूं कवकाज़ और एक मैक्सिकन वसंत गेहूं बहो के मध्य संकर से उत्त्पन्न किया गया था. इन नई लाइनों ने उच्च उपज गेहूं की एक दूसरी पीढ़ी बनाने में मदद की जो धारी और पत्ती रतुआ रोगजनकों के विरुद्ध बेहतर प्रतिरोध प्रदर्शित करते हैं.

संजय राजाराम
•    डॉ राजाराम मूल रूप से भारत के उत्तर प्रदेश में एक छोटे कृषक समुदाय से सम्बन्ध रखते हैं जहां उन्होंने किसानों एवं जो लोग कृषि पर निर्भर करते हैं, के लिए प्रत्यक्ष सुधार करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया. 
•    उन्होंने अपना प्रारंभिक कैरियर अंतरराष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सीआइएमएमवाईटी) में व्यतीत किया जहां उन्होनें गेहूं प्रजनन कार्यक्रम के निदेशक के रूप में कार्य किया और प्रख्यात फसल वैज्ञानिक डॉ नॉर्मन ई बोरलॉग के साथ काम किया.
•    अपने शोध टीमों की मदद से, डॉ राजाराम ने लगभग 480 गेहूं की किस्मों का विकास किया, जिनको छह महाद्वीपों, 51 देशों में और लगभग 58 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि पर उपयोग किया जा रहा हैं. ये किस्में एक अरब से अधिक लोगों को उनकी औसत वार्षिक गेहूं की खपत जितना उत्पादन करते हैं.
•    डॉ. राजाराम ने पिछले चार दशकों के दौरान वार्षिक वैश्विक गेहूं उत्पादन में 1.3 प्रतिशत वृद्धि को प्राप्त करने में मदद की.
•    वर्तमान में, डॉ राजाराम शुष्क क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान के लिए इंटरनेशनल सेंटर (आइसीएआरडीए) में  एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं. 
•    आइसीएआरडीए में डॉ. राजाराम अपने अनुभव से ऐसी रणनीति विकसित करने में मदद कर रहे हैं, जो कि मूलरूप से भारत के अर्द्ध शुष्क और शुष्क क्षेत्रों सहित शुष्क क्षेत्रों में गेहूं द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों से निपटने में सहायक होगा.
विश्व खाद्य पुरस्कार के बारे में
विश्व खाद्य पुरस्कार सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हैं जो किसी व्यक्ति जिसकी उपलब्धियों ने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, मात्रा, या उपलब्धता को बढाकर मानव विकास को उन्नत बनाया हैं के योगदान को मान्यता प्रदान करता हैं. विश्व खाद्य पुरस्कार को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ नॉर्मन बोरलॉग द्वारा वर्ष 1987 में प्रारंभ किया गया था. यह व्यापारी और लोकोपकारक जॉन रुआन द्वारा प्रायोजित किया गया था, जो वर्ष 1990 में पुरस्कार प्रदान करने के लिए आगे आये. आज जॉन रुआन के बेटे, जॉन रुआन तृतीय विश्व खाद्य पुरस्कार के अध्यक्ष के रूप में अपने पिता की जगह ली हैं.

भारतीय प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक चयन समिति नामांकन और चयन प्रक्रिया पर नज़र रखती हैं. पहला विश्व खाद्य पुरस्कार से वर्ष 1987 में भारतीय वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन को सम्मानित किया गया था. वर्ष 2013 के विश्व खाद्य पुरस्कार से तीन प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों बेल्जियम के मार्क वान मोंटेगू और संयुक्त राज्य अमेरिका के मैरी-डेल चिल्टन और के रॉबर्ट टी फ्राले सम्मानित प्रदान किया गया था.

इसरो ने धूमकेतु साइडिंग स्प्रिंग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए मंगलयान को पुनर्स्थापित किया

18-OCT-2014

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगल ग्रह परिक्रमायान, मंगलयान को 16 अक्टूबर 2014 को पुनर्स्थापित किया. यह कदम  इसरो ने मंगलयान को धूमकेतु साइडिंग स्प्रिंग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए किया है जो 19 अक्टूबर 2014 को मंगल ग्रह के निकट से होकर गुज़रेगा.

मंगल ग्रह परिक्रमायान -मंगलयान 
इसरो  ने मंगलयान को इस धूमकेतु की पूंछ से काफी दूर पुनर्स्थापित किया है ताकि उड़ता हुआ धूमकेतु  मंगलयान की स्थिति को प्रभावित नहीं कर सके.   
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ साथ, दुनिया भर के अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भी उनके द्वारा मंगल ग्रह पर भेजे गए अभियानों जैसे मावन, क्यूरोसिटी, मंगल रेकोनेसा यान को पुनर्स्थापित किया है ताकि इन अभियानों को धूमकेतु साइडिंग स्प्रिंग के हानिकारक प्रभाव एवं टकराव से बचाया जा सके.
पृष्ठभूमि 
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार धूमकेतु साइडिंग स्प्रिंग, C/2013 A1 कई अरबों मील की दूरी तय करके 19 अक्टूबर 2014 को  मंगल ग्रह के पास से केवल l 87000 मील की दूरी के भीतर से गुजरेगा. वास्तव में ये धूमकेतु उस बादल का भाग है जो सौर्य मंडल की संरचना के पश्चात अवशेष के रूप में बचा रह  गया था.
C/2013 A1

C/2013 A1 एक साइडिंग स्प्रिंग धूमकेतु खरबों वर्ष के बराबर दूरी तय कर चुका हैं जिसकी खोज रॉबर्ट एच द्वारा 3 जनवरी 2013 को  0.5 मीटर (20) उप्साला दक्षिणी स्मिट टेलीस्कोप (Uppsala Southern Schmidt Telescope) का उपयोग करके मक्नॉत साइडिंग स्प्रिंग वेधशाला (McNaught at Siding Spring Observatory) में की गयी थी. खोज के समय यह सूर्य से 7.2 खगोलीय वर्ष के समान दूरी पर लेपस तारामंडल में स्थित था. धूमकेतु C/2013 A1 उस बादल से संभवतः लाखों वर्षों के बाद बाहर निकला है.

गरीबी उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस 17 अक्टूबर को मनाया गया

18-OCT-2014

17 अक्टूबर: गरीबी उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस

गरीबी उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस 17 अक्टूबर को विश्व भर में मनाया गया. वर्ष 2014 का विषय जो पोस्ट-2015 विकास कार्यसूची जो सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों की जगह लेगा में चरम गरीबी और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहें हैं उनकी पहचान करने और सुरक्षित करने की चुनौती को समझता हैं एवं उन की भागीदारी को मान्यता देता हैं और रेखांकित करता है. यह दिवस विश्व भर में में गरीबी और निर्धनता उन्मूलन करने के लिए लोगों की जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता हैं.

गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस को आयोजित कार्य
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 17 अक्टूबर को आधिकारिक दिवस का आयोजन इंटरनेशनल मूवमेंट ऐटीडी फोर्थ वर्ल्ड, गरीबी और आर्थिक और सामाजिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र विभाग के उन्मूलन के लिए गैर सरकारी संगठन की उप-समिति, संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस और बुर्किना फासो के मिशनों द्वारा समर्थित थी, के साथ साझेदारी में किया गया.

यह स्मरणोत्सव गरीबी में रहने वाले लोगों को विकास की चुनौतियों जिनका हम सामना कर रहे हैं से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण भागीदारों के रूप में पहचान दिलाने के लिए किया गया था. इससे पहले, 16 अक्टूबर, 2014 को एक पैनल चर्चा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित की गयी थी जिसका शीर्षक बीजिंग प्लस 20 –किसी को पीछे मत छोड़ो: महिला, गरीबी, और भागीदारी था. इस पैनल चर्चा का आयोजन महिलाओं और गरीबी समाप्त करने के लिए महिलाओं के योगदान पर गरीबी के अनुपातहीन प्रभाव का पता लगाने के लिए किया गया था. 
गरीबी उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के बारे में
गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस वर्ष 1993 के बाद से प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रस्ताव 47/196 के माध्यम से सभी देशों में गरीबी और निर्धनता उन्मूलन की जरूरत पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को नामित किया था. इसके अतिरिक्त गरीबी से लड़ाई सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (एमडीजी) और पोस्ट 2015 विकास एजेंडा के विकास के मूल में निहित है.

विश्व भर में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया गया

18-OCT-2014

16 अक्टूबर: विश्व खाद्य दिवस

विश्व भर में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया गया. इस वर्ष के विश्व खाद्य दिवस के लिए चयन किया गया विषय है पारिवारिक खेती:दुनिया के लिए भोजन, पृथ्वी के लिए चिंता हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2014 को पारिवारिक खेती के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में नामित किया है. यह एक मजबूत संकेत है की अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व खाद्य सुरक्षा के लिए पारिवारिक खेती करने वाले किसानों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देतीं हैं.

विश्व खाद्य दिवस 2014 का उद्देश्य विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भूख और गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और पोषण प्रदान करने, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन, आजीविका में सुधार, पर्यावरण की रक्षा, और सतत विकास को प्राप्त करने में परिवार खेती की महत्वपूर्ण भूमिका पर विश्व ध्यान केन्द्रित करने से हैं.

पारिवारिक किसानों को खाद्य पदार्थों के नुकसान को कम करने के लिए समर्थन की आवश्यकता क्यों हैं?
पारिवारिक खेती अभिन्न रूप से राष्ट्रीय और वैश्विक खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है. विकासशील और विकसित दोनों देशों में खाद्य उत्पादन क्षेत्र में कृषि का प्रमुख रूप हैं. अधिकतर पारिवारिक किसानों को अच्छा बीजों की, फसलों के लिए पर्याप्त भंडारण, परिवहन, अच्छी तरह क्रियाशील बाजार साथ ही वित्तपोषण की कमी से झूझना पड़ता हैं. इन क्षेत्रों में पारिवारिक किसानों का समर्थन प्रदान करके, खाद्य पदार्थों के नुकसान को कम किया जा सकता हैं साथ ही किसानों की आय को भी बढ़ाया जा सकता हैं.

दुनिया भर में 570 मिलियन खेतों में से 500 मिलियन खेत पारिवारिक खेतों के रूप में हैं. 
इन खेतों में फल, सब्जियां, अनाज, पशु और मत्स्य पालन के उत्पादन साथ ही गैर-लकड़ी वन उत्पादों के लिए भी कृषि की जाती हैं. 
इन खेतों को एक पारिवार द्वारा प्रबंधित और संचालित किया जाता हैं साथ ही यह पारिवारिक श्रम पर मुख्य रूप से निर्भर हैं.
ब्राजील में, पारिवारिक किसान औसतन प्रमुख फसलों के उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत उत्पादन करते हैं जबकि लगभग 25 प्रतिशत पर कृषि कार्य किया जाता हैं. जबकि अमेरिका में पारिवारिक किसान लगभग 78 प्रतिशत कृषियोग्य भूमि पर कृषि करते हुए औसतन 84 प्रतिशत कृषि उत्पादन करते हैं. 
विश्व खाद्य दिवस (डब्लूएफ़डी)
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ़ऐओ) की स्थापना जो 1945 में की गयी के मद्देनजर हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस अन्य कई संगठनों जो खाद्य सुरक्षा के लिए प्रयासरत हैं जिनमें विश्व खाद्य कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष आदि संगठनों द्वारा व्यापक रूप से मनाया जाता है. विश्व खाद्य दिवस नवंबर 1945 में एफएओ के 20 वें आम सम्मेलन में एफएओ के सदस्य देशों द्वारा स्थापित किया गया था.

हंगरी के प्रतिनिधिमंडल ने आम सम्मेलन के दौरान विश्व भर में विश्व खाद्य दिवस मनाने के विचार का सुझाव दिया. तब से यह 150 से अधिक देशों में हर वर्ष मनाया जा रहा है, दुनियाभर में भूख एवं कुपोषण से पीड़ित लोगों की बुरी दशा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और कुपोषण तथा भूखमरी की समस्या से निपटने के लिए व्यापक योजना शुरू करना इसके प्रमुख उद्देश्य हैं. विश्व खाद्य दिवस सर्वप्रथम 16 अक्टूबर 1981 को आयोजित किया गया था.

अंगोला, मलेशिया, न्यूजीलैंड, स्पेन और वेनेजुएला संयुक्त राष्ट्र के अस्थाई सदस्य निर्वाचित

18-OCT-2014

अंगोला, मलेशिया, न्यूजीलैंड स्पेन वेनेजुएला को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थाई सदस्य 16 अक्टूबर 2014 को निर्वाचित किया गया.
इन सदस्यों का चुनाव तीन दौर के मतदान के बाद सदस्य देशों द्वारा इन पांच देशों के समर्थन में मतदान के पश्चात् किया गया. इन सभी पांच नए सदस्यों को एक गुप्त मतदान में डाले गए वोटों में से दो-तिहाई से अधिक मत प्राप्त हुए. सुरक्षा परिषद के नए सदस्य अपने दो वर्षों के कार्यकाल की शुरूआत 1 जनवरी 2015 को करेगें एवं 31 दिसंबर 2016 तक परिषद में सेवारत रहेगें.  
ये राष्ट्र पांच अन्य अस्थाई सदस्यों नामतः चाड, चिली, जॉर्डन, लिथुआनिया और नाइजीरिया के साथ कार्य करेंगें. दूसरी ओर अर्जेंटीना, लक्जमबर्ग, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और रवांडा 31 दिसंबर 2014 को अपने पदों से हट जायेंगे एवं नए सदस्यों को स्थान प्रदान करेगें.

अंगोला मलेशिया, वेनेजुएला और न्यूजीलैंड को मतदान के पहले दौर में चुना गया जबकि स्पेन को सीमित मतदान के दो दौर के बाद चुना गया. स्पेन और न्यूजीलैंड पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्य समूह से चुने गए. वेनेजुएला को लैटिन अमेरिका और कैरेबियन सीट से निर्विरोध निर्वाचित किया गया. जबकि मलेशिया और अंगोला भी एशियाई और अफ्रीकी सीट से निर्विरोध निर्वाचित हुए.

वर्ष 2014 मेंचुनावकेलिएउपलब्धपांचसमग्रसीटेंक्षेत्रीयरूपसेनिम्नप्रकारसेवितरितकीगईथी:

  • अफ्रीकी समूह के लिए एक सीट (वर्तमान में रवांडा द्वारा ग्रहित).
  • एशिया प्रशांत समूह के लिए एक सीट (वर्तमान में कोरिया गणराज्य द्वारा ग्रहित).
  • लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन राज्यों के समूह के लिए एक सीट (वर्तमान में अर्जेंटीना द्वारा ग्रहित).
  • पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह के लिए दो सीटें (वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया और लक्जमबर्ग द्वारा ग्रहित).
  • लिथुआनिया एक और वर्ष के लिए पूर्वी यूरोपीय समूह के लिए सीट बनाए रखेगा.
  • सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्य जो वीटो की शक्ति रखते हैं उनमें चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं.

मोनेट स्टील एलीट महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप-2014

18-OCT-2014

पहली मोनेट स्टील एलीट महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप (1st Monnet Steele Indian Senior Elite National Championships) 16 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुई. यह चैंपियनशिप बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्‍टेडियम, रायपुर, छत्तीसगढ़ में 11-16 अक्टूबर 2014 को आयोजित की गई.

मोनेट स्टील एलीट महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में केरल की महिला मुक्केबाज मीना कुमारी ने बैंथमवेट वर्ग (51-54 किग्रा) में स्वर्ण पदक जीता. इसके साथ ही उन्हें ‘मोस्ट प्रोमिसिंग’ मुक्केबाज भी चुना गया. मीना कुमारी ने हरियाणा की सोनिया को आउटपंच कर यह खिताब जीता. सोनिया को सांत्वना ‘बेस्ट चैलेंजर’ पुरस्कार प्रदान किया गया. 
रेलवे की प्रियंका चौधरी ने त्रिपुरा की प्रिया को 3-0 से शिकस्त देकर 57-60 किग्रा लाइटवेट वर्ग का खिताब जीता. वह टूर्नामेंट की ‘बेस्ट मुक्केबाज’ चुनी गयीं. 
रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड ने इस चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण व 52 अंक से चैम्पियंस ट्राफी जीती. हरियाणा को उप विजेता का कप मिला.
महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप दो वर्ष के बाद आयोजित की गयी जिसमें पूरे 10 वर्ग खेले गये.

महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप एक राष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रतियोगिता है. 
इस चैम्पियनशिप में 24 राज्‍यों से 32 टीमों और दो बोर्ड के  कुल 213 मुक्केबाजों ने इस छह दिवसीय चैम्पियनशिप में भाग लिया. छत्‍तीसगढ़ बॉक्सिंग फेडरेशन ने मोनेट स्‍टील के साथ मिलकर इस बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया. 
महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 10 वजन वर्गों से अधिक में प्रतियोगिता हुई. ये प्रतियोगिता निम्नलिखित हैं. 
45किलोग्राम – 48किलोग्राम, 48किलोग्राम – 51किलोग्राम, 51किलोग्राम – 54किलोग्राम, 54किलोग्राम – 57किलोग्राम, 57किलोग्राम – 60किलोग्राम, 60किलोग्राम – 64किलोग्राम, 64किलोग्राम – 69किलोग्राम, 69किलोग्राम – 75किलोग्राम, 75किलोग्राम -81किलोग्राम, 81+किलोग्राम.

एसीसी ने केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में राजीव महर्षि की नियुक्ति को मंजूरी दी

18-OCT-2014

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में राजीव महर्षि की नियुक्ति को मंजूरी 16 अक्टूबर 2014 को प्रदान की.
केन्द्र ने वित्त सचिव अरविंद मायाराम के स्थान पर राजस्थान के मुख्य सचिव राजीव महर्षि को नियुक्त किया. वित्त और आर्थिक मामलों के सचिव पद की भूमिका निभा रहे मायाराम की नियुक्ति संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय में की गई. अरविंद मायाराम को पर्यटन मंत्रालय में सचिव बनाया गया. राजस्थान के मुख्य सचिव महर्षि को वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव बनाया गया. वित्त मंत्रालय से तबादला किए गए मायाराम दूसरे बड़े अधिकारी हैं. इससे पहले राजस्व सचिव राजीव टकरू को जून में हटाया गया था. मायाराम और महर्षि दोनों ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1978 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं.

राज्य के मुख्य सचिव राजीव महर्षि अब केंद्र सरकार में वित्त सचिव के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की स्वीकृति के बाद केंद्रीय कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिए. भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1978 बैच के आईएएस महर्षि वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामला विभाग के सचिव होंगे. इस पद पर काम कर रहे राजस्थान काडर के महर्षि के ही बैचमेट अरविंद मायाराम को पर्यटन सचिव बनाया गया. वे इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे परवेज दीवान की जगह लेंगे.

राजीव महर्षि 
•    राजीव महर्षि सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली के छात्र रहे हैं.
•    राजीव महर्षि की पहली नियुक्ति 6 अगस्त 1980 को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, अजमेर. कलक्टर के रूप में एक ही जिला बीकानेर मिला.
•    राजीव महर्षि वर्ष 1985 वित्त (आबकारी) विभाग के उप सचिव रहे.
•    राजीव महर्षि वर्ष 1988 राष्ट्रपति सचिवालय में उप सचिव.
•    दिल्ली में पेट्रोलियम एवं केमिकल मंत्रालय में रहे. जयपुर जेडीए और ट्रांसपोर्ट विभाग के अहम पदों पर रहे.
•    राजीव महर्षि वर्ष 1998 राजस्थान वित्त निगम के प्रबंध निदेशक बनें.
•    दिल्ली में केबिनेट सचिवालय के संयुक्त सचिव के अलावा कम्पनी मामलात मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे.
•    राजीव महर्षि वर्ष 2005 राजस्थान के वित्त विभाग के प्रमुख सचिव बने.
•    राजीव महर्षि नवंबर 2009 से 30 नवंबर 2013 तक दिल्ली में कई विभागों में रहे. 
•    राज्य में मुख्य सचिव बनने से पहले दिल्ली में फर्टिलाइजर मंत्रालय और ओवरसीज मंत्रालय के सचिव रहे.
•    वह 22 दिसंबर 2013 को राज्य के मुख्य सचिव बने.

भारत-चीन के बीच सीमा प्रबंधन पर दो दिवसीय वार्ता संपन्न

18-OCT-2014

भारत और चीन के मध्य सीमा प्रबंधन पर हुई दो दिवसीय वार्ता नई दिल्ली में 17 अक्टूबर 2014 को यहां संपन्न हुई. इस दो दिवसीय वार्ता का उद्देश्य भारत और चीन के बीच परामर्श और समन्‍वय के लिए गठित तंत्र के तहत सीमा क्षेत्रों में शांति और धैर्य बनाये रखने के विभिन्‍न मुददों पर चर्चा करना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व भारत में नई सरकार बनने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली बैठक है.

इस बैठक में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार रावत ने किया. शिष्टमंडल में विदेश, रक्षा और गृह मंत्रालयों के अलावा सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के प्रतिनिधि भी शामिल थे. चीन के शिष्टमंडल की अगुवाई सीमा और महासागर मामलों के महानिदेशक उयांग यूचिंग ने की.
भारत-चीन सीमा मामलों से संबंधित परामर्श और समन्वय कार्यदल की बैठक में इन मुद्दों पर सहमति बनी. 
भारत-चीन के मध्य चर्चा के मुख्य बिंदु 
• वार्ता के दौरान सितंबर 2014 में लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध जैसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के उपायों पर चर्चा हुई.
• दोनों के मध्य विश्वास बहाली के कदमों (सीबीएमएस) को जल्द कार्यान्वित करने पर सहमति बनी. 
• दोनों देशों के सेना मुख्यालयों और फील्ड कमानों के बीच नियमित आधार पर बातचीत. 
• सीमा पर तैनात कर्मियों की आपसी मुलाकात के लिए अतिरिक्त स्थानों का निर्धारण. 
• दोनों देशों की अग्रिम चौकियों के बीच दूरसंचार सम्पर्क बढ़ाना.
• सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपाय करने और उन उपायों पर जल्दी अमल करने पर सहमति बन गई है. 
• वार्ता के दौरा देम्चोक और चुमार में सितंबर 2014में तीन सप्ताह से अधिक समय तक चीन की घुसपैठ के मुद्दे को भारत की ओर से उठाया गया और इस पर चर्चा हुई.

भारत में नई सरकार आने के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह की यह पहली बैठक है जो ऐसे समय हुई है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में मैक मोहन रेखा के पास सड़क नेटवर्क बनाने की भारत की योजना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 
विदित हो कि सितंबर 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे के समय भी चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मुद्दा पूरी यात्रा पर हावी रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरह की घटनाएं बार-बार होने को लेकर गंभीर चिंता जताई थी तथा सीमा संबंधी मुद्दे के शीघ्र समाधान की मांग की थी.
वर्ष 2012 में स्थापित तंत्र ने वर्ष 2013 में देप्सांग घाटी में उत्पन्न गतिरोध सहित दोनों पक्षों की ओर से विवादित सीमा क्षेत्र में आक्रामक गश्त से उत्पन्न मुद्दों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

ग्रंथ ठक्कर ने जर्मनी में आयोजित 6वें वर्ल्ड मेंटल अर्थमैटिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता

18-OCT-2014

गुजरात के 13 वर्षीय छात्र ग्रंथ ठक्कर ने जर्मनी के ड्रेसडेन शहर में 12 अक्टू्बर 2014 को आयोजित 6वें वर्ल्ड मेंटल अर्थमैटिक चैंपियनशिप में किड्स कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता.

जर्मनी में आयोजित इस प्रतियोगिता में 18 देशों के 40 युवा गणितज्ञों ने भाग लिया. ठक्कर ने सबसे कम समय में बिना किसी गलती के गणित के मुश्किल सवालों को हल कर ये प्रतियोगिता जीती. प्रतियोगिता के दौरान ग्रंथ को वर्ल्ड फास्टेस्ट नंबर गेम 'फ्लैश अंजन' में स्वर्ण पदक मिला. इसमें बहुत बड़ी स्क्रीन पर बड़ी तेजी से 15 अंकों को मिलाना होता है. इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे छात्रों को कैलकुलेटर का भी इस्तेमाल नहीं करना था. यहां तक कि पेपर और पेंसिल का भी सीमित इस्तेमाल किया जाना था. लेकिन ग्रंथ ने बिना कोई गलती किए सबसे कम समय में मैथेमेटिकल प्रॉब्लम हल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया.

इस प्रतियोगिता में स्पेन के मार्क जोरनेट सांज दूसरे जबकि जापान के ची इशिकावा तीसरे नंबर पर रहे. किड्स कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतने वाले ग्रंथ ने सीनियर कैटेगरी में भी रजत पदक जीता. ठक्कर ने तुर्की के अंतालया शहर में हुए मैथ ओलिंपियाड में भी हिस्साी लिया था. उस प्रतियोगिता में दुनिया के सबसे तेज नंबर गेम 'फ्लैश अंजान' में स्वर्ण पदक हासिल किया था.

भारत अति अमीरों के मामले में दुनिया में 11वें स्थान पर: क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट-2014

17-OCT-2014

क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट- 2014 (Credit Suisse Global Wealth Report- 2014) के अनुसार, भारत अति अमीरों (अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल-यूएनएचआइ) के मामले में दुनिया में 11वें स्थान पर है. देश में आर्थिक विकास के बीच बढ़ती दौलत के चलते भारत में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति वाले अति अमीरों की संख्या 1800 पर पहुंच गई है. यह रिपोर्ट अक्टूबर 2014 के दूसरे सप्ताह में जारी की गई.

क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य

• अमेरिका अति अमीरों की आबादी के मामले में प्रथम स्थान पर है. अमेरिका में विश्व के आधे यूएचएनआइ रहते हैं.
• यह रिपोर्ट बढ़ती संपन्नता के बीच बड़े पैमाने की गरीबी का भी जिक्र करती है. इसके अनुसार, दुनिया की 95 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या के पास 10,000 अमेरिकी डॉलर (करीब छह लाख रुपये) से कम की संपत्ति है. इसके मुकाबले विश्व की एक बहुत छोटी आबादी (करीब 0.3 फीसद) के पास एक लाख अमेरिकी डॉलर (60 लाख रुपये) की दौलत है. 
• भारत में भी आय और संपत्ति के मामले में भारी असमानता है. देश में 650 लोगों के पास 10 करोड़ डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपये) से ज्यादा की संपत्ति है। रिपोर्ट की मानें तो देश में दस लाख डॉलर से ज्यादा दौलत वालों की संख्या 3.5 लाख है। यह पांच सालों में बढ़कर 5.3 लाख हो जाएगी।
• क्रेडिट सुइस ने उन लोगों को अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (यूएनएचआइ) माना है, जिनके पास पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है. भारतीय मुद्रा में दौलत का यह आंकड़ा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
• दुनिया भर में ऐसे दौलतमंदों की तादाद 128200 है. इनमें से 45200 लोगों के पास 50 करोड़ डॉलर (तकरीबन 3000 करोड़ रुपये) की संपत्ति है. वैसे, दुनिया भर की कुल दौलत बीते एक साल की अवधि में 20100 अरब डॉलर बढ़कर 263000 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
विदित हो कि क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट(Credit Suisse Global Wealth Report), वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष क्रेडिट सुइस संस्था द्वारा जारी की जाती है. इस संस्था का मुख्यालय स्विट्जरर्लैड में स्थित है.

अंतरिक्ष यात्रियों ने यूरेनस के समान एक ग्रह की खोज की

17-OCT-2014

अंतरिक्ष यात्रियों ने यूरेनस के समान एक नए ग्रह की खोज की. यह ग्रह यहां से 25000 प्रकाशवर्ष की दूरी पर एक द्वितारा मंडल में स्थित है. पहली बार किसी ने ‘आईस जाएंट’ (बर्फीले) ग्रहों ‘यूरेनस’ और ‘नेपच्यून’ से मिलता जुलता ग्रह खोजा है.

ग्रह की संरचना 
आईस जाएंट ‘यूरेनस’ और ‘नेपच्यून’ अधिकांशत: हाइड्रोजन और हीलियम से बने हैं. दोनों में ही पर्याप्त मात्रा में मीथेन आइस के होने की वजह से दिखने में कुछ नीले लगते हैं.
अंतरिक्ष यात्री इसकी संरचना के बारे कुछ नहीं बता पाए क्योंकि ये नए ग्रह से बहुत दूर थे, लेकिन इसके तारे से इसकी दूरी बताती है कि यह एक ‘आईस जाएंट’ है. चूंकि इस नए ग्रह की कक्षा ‘यूरेनस’ जैसी है, तो अंतरिक्ष यात्री मान रहे हैं कि यह ‘यूरेनस’ के जैसा है. 
यह नया ग्रह द्वितारा मंडल में एक तारे के चारों ओर चक्कर लगाता है जबकि दूसरा तारा इतना नजदीक है कि ग्रह की कक्षा में व्यवधान पैदा हो सकता है.
ग्रह की खोज से लाभ 
‘ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी’ में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर एंड्रियू गुल्ड ने कहा कि यह खोज हमारे सौरमंडल में ‘आईस जाएंट्स’ के मूल से जुड़े रहस्यों को सुलझाने में मदद कर सकती है.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मौद्रिक नीतिगत ढांचे में सुधार के प्रस्ताव को मंजूरी दी

17-OCT-2014

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 12 अक्टूबर, 2014 को मौद्रिक नीतिगत ढांचे में बहुप्रतीक्षित सुधार प्रस्ताव को मंजूरी दी. नए सुधारों के अंतर्गत, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्दिष्ट करेगा, जो उसको प्राप्त करने हैं. इसके साथ ही साथ भारतीय रिजर्व बैंक अपने नीतिगत वक्तव्यों में मुद्रास्फीति को अपनी शीर्ष प्राथमिकता के रूप में स्थापित करेगा.

यह निर्णय हाल ही में आई उर्जित पटेल समिति की सिफारिशों के विपरीत है. उर्जित पटेल समिति ने मौद्रिक नीति निर्णय प्रक्रिया, एक मौद्रिक नीति समिति में निहित होने की अनुशंसा की थी. जिसकी अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर करेंगें. उर्जित पटेल समिति मौद्रिक नीति की समीक्षा करने के लिए वर्ष 2013 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित की गई थी.
वर्तमान स्थिति
अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक को मौद्रिक नीति को विनियमित करने की एकमात्र शक्ति प्राप्त है. रिजर्व बैंक के गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नरों की मदद से मौद्रिक नीति को विनियमित करने का कार्य करते हैं.
उर्जित पटेल समिति की अन्य सिफारिशें
समिति के अनुसार, मौद्रिक नीति के निर्धारण के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक को ‘नोमिनल एंकर’ के उपाय के रूप में एक नया उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अपनाना चाहिए, साथ ही समिति ने आरबीआई के लिए 4 प्रतिशत का मुद्रास्फीति लक्ष्य (2 प्रतिशत के प्लस/माइनस बैंड के साथ) तय किया जो आरबीआई द्वारा अपने मौद्रिक नीति उपकरणों के माध्यम से प्राप्त किए जाने थें.
लक्षित मुद्रास्फीति
मुद्रास्फीति लक्ष्य-निर्धारण अथवा लक्षित मुद्रास्फीति एक आर्थिक नीति है, जिसमें एक केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को अनुमानित करता या मुद्रास्फीति दर के लिए लक्ष्य निर्धारित करता हैं एवं तत्पश्चात वास्तविक मुद्रास्फीति को ब्याज दरों में परिवर्तन और अन्य मौद्रिक उपकरणों का उपयोग करके लक्षित मुद्रास्फीति तक लाने के लिए प्रयास करता हैं. क्योंकि ब्याज दर और मुद्रास्फीति की दर अनुक्रमानुपाती रूप से संबंधित होते हैं. लक्षित मुद्रास्फीति की नीति के तहत केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि या कमी अधिक पारदर्शी हो गयी हैं.
वैश्विक दृष्टिकोण
वैश्विक पुनर्विचार किया जा रहा हैं कि क्या लक्षित मुद्रास्फीति मौद्रिक नीति निर्माताओं के लिए स्वर्ण मानक होना चाहिए?  उदाहरण के लिए यूरोपीय केंद्रीय बैंक 'उदार' मौद्रिक नीति दृष्टिकोण अपनाता हैं, जहां विकास और अन्य व्यापक आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति भी उद्देश्य हैं. कई अन्य देशों में, एक समान संरचना पहले से ही कार्य कर रहीं है, जहां पर एक मौद्रिक नीति पैनल दरों को निर्धारित करता है. संरचना को बदलने का यह कदम भविष्य में भारतीय रिजर्व बैंक की शक्तियों पर बहस और श्रेष्ठता जो वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के बीच में इसे प्राप्त हैं के बीच में आया हैं.

भारतीय मूल की वनिता गुप्ता अमेरिकी न्याय मंत्रालय के नागरिक अधिकार प्रभाग की प्रमुख नियुक्त

17-OCT-2014

भारतीय मूल की अमेरिकी महिला वनिता गुप्ता को अमेरिकी न्याय मंत्रालय के नागरिक अधिकार प्रभाग का प्रमुख 15 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किया गया. अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन की शीर्ष वकील गुप्ता इस पद पर नियुक्त की जाने वाली पहली दक्षिण एशियाई हैं. वनीता अमेरिका में नागरिक अधिकारों की जानी मानीं वकील हैं.

अटार्नी जनरल एरिक होल्डर ने वनिता गुप्ता को मुख्य उपसहायक अटार्नी जनरल और नागरिक अधिकार प्रभाग की कार्यकारी सहायक अटार्नी जनरल बनाए जाने की घोषणा की.

राष्ट्रपति बराक ओबामा आगामी महीनों में नागरिक अधिकारों के सहायक अटार्नी के रूप में कार्य करने के लिए स्थाई तौर पर गुप्ता को नामित कर सकते हैं.
वनिता गुप्ता ने मोली मोरान की जगह ली है. वह प्रमुख उप सहायक अटॉर्नी जनरल बनेंगी. वह 20 अक्टूबर को अपना प्रभार संभालेंगी. वनिता ने नागरिक अधिकार वकील के तौर पथप्रदर्शक की भूमिका निभाई. वह मतभेदों को मिटाने और गठबंधन बनाकर प्रगति की ओर बढ़ने में दक्ष हैं.

वनिता हाल के समय तक एसीएलयू में उप विधिक निदेशक थीं और संघीय और राज्य नीतिगत मुद्दों, आव्रजन एवं आपराधिक न्याय सुधार में उनकी विशेषज्ञता है.

वनिता गुप्ता

वनिता अभी तक एसीएलयू में उप विधिक निदेशक थीं. वनिता गुप्ता का जन्म फिलाडेल्फिया में हुआ था लेकिन उनका पालन पोषण इंग्लैंड और फ्रांस में हुआ. वनीता ने अपने करियर की शुरुआत एनएएसीपी लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड में वकील के तौर पर की.

एसीएलयू और एनएएसीपी लीगल डिफेंस फंड के साथ काम करने के अलावा वे न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में कानून से जुड़े विषय पढ़ा भी चुकी हैं. उन्होंने येल यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने कई और लीगल डिफेंस संस्थाओं में काम किया। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की. वहीं वकालत की पढ़ाई न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से की. ओबामा अब तक भारतीय मूल के 30 लोगों को उच्च पदों पर नियुक्त कर चुके हैं.

हिमालय के ग्लेशियर सिकुड़ने की बजाय बढ़ रहे हैं - शोध

17-OCT-2014

वैज्ञानिकों ने हिमालय के काराकोरम क्षेत्र के अपने अध्ययन में पता लगाया हैं की इस क्षेत्र के ग्लेशियर स्थिर हैं और विस्तारित हो रहे हैं जबकि शेष विश्व के ग्लेशियर पिघल रहे हैं. वैज्ञानिकों की इस टीम ने कहा की इस क्षेत्र में बर्फबारी घटने की बजाय बढ़ती जा रही है. अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस स्थिरता के लिए एक स्पष्टीकरण का पता लगाया हैं और कहा की सम्पूर्ण हिमालय भर में वर्षा की मात्र बढ़ती जा रही है. अधिकांश नमी गर्मी में गिरती हैं, काराकोरम को छोड़कर वह क्षेत्र जहां सदैव बर्फ हावी रहती है. इस अध्ययन की सूचना डिस्कवरी न्यूज़ पर 13 अक्टूबर 2014 को प्रसारित की गईं थी.

काराकोरम पर पृथ्वी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के-2 (K2) अवस्थिति हैं साथ ही यह भारत, पाकिस्तान और चीन की सीमा पर बर्फीली चोटियों की एक श्रृंखला बनाती हैं.

अध्ययन की प्रक्रिया
अध्ययन शोधकर्ता सारा कपनिक जो कि प्रिंसटन विश्वविद्यालय में वायुमंडलीय और समुद्र विज्ञान में एक पोस्टडाक्टरल शोधकर्ता हैं ने ग्लेशियरों की इस स्थिरता के पीछे कारण खोजने के लिए अध्ययन किया गया तथा इस प्रक्रिया की व्याख्या की.

अध्ययन के दौरान, कपनिक और उसके साथियों ने पाकिस्तान मौसम विभाग, अन्य स्रोतों व उपग्रह डेटा से हाल ही के वर्षोँ के वर्षा और तापमान के आंकडें एकत्र किये. इनका मुख्य उद्देश्य 1861 और 2100 के बीच हिमालय के तीन क्षेत्रों काराकोरम, केंद्रीय हिमालय और दक्षिण पूर्व हिमालय जिसमें तिब्बती पठार का हिस्सा शामिल है में परिवर्तनों का पता लगाना था. उन्होनें जलवायु मॉडलों के साथ एकत्र जानकारी को संयुक्त किया. अध्ययन के दौरान उन्होनें पाया की जलवायु अनुरूपता का एक नया मॉडल जो 965 वर्ग मील के एक क्षेत्र (2500 वर्ग किलोमीटर) में विस्तृत हैं काराकोरम में प्राप्त तापमान एवं वर्षा चक्रों से मेल खाता हैं.

उन्होंने दावा किया कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) द्वारा विश्व द्वारा मौजूदा दरों पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करने से क्या होगा के अनुरूपण के लिए प्रयोग किये गए मॉडल इन मौसमी चक्रों का पता लगाने में असमर्थ हैं. इन मौसमी चक्रों  का पता लगाने में  असमर्थ होने का कारण यह हैं की कि आईपीसीसी और अन्य जलवायु मॉडल कम-रिज़ॉल्यूशन के हैं एवं वे 17,027 वर्ग मील (44100 वर्ग किमी) से बड़े क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव देखते हैं. यह अध्ययन जर्नल नेचर जियोसाइंस के अप्रैल 2012 के अंक में प्रकाशित किया गया था और इस अध्ययन की सूचना डिस्कवरी न्यूज़ पर 13 अक्टूबर 2014 को प्रसारित की गईं थी.

कोटक महिंद्रा बैंक ने फेसबुक आधारित धन हस्तांतरण प्लेटफॉर्म केपे शुरू किया

17-OCT-2014

कोटक महिंद्रा बैंक (केएमबी) ने 14 अक्टूबर 2014 को फेसबुक आधारित धन हस्तांतरण प्लेटफॉर्म केपे (KayPay) का आरंभ किया. 
फेसबुक उपयोगकर्ताओं को एक दूसरे के लिए पैसे भेजने के लिए यह एक भुगतान करने का मंच हैं तथा इसके माध्यम से जिन लोगों का उनके बैंक में खाता नहीं है, वे भी किसी भी बैंक के खाताधारक को तत्काल धन हस्तांतरण कर सकते हैं.

केपे मोबाइल आधारित तत्काल भुगतान प्रणाली (आईएमपीएस), जो कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा शुरू किया गया था, के आधार पर कार्य करता हैं. उपयोगकर्ता को सेवा का उपयोग शुरू करने के लिए एक बार अपने बैंक खातों को रजिस्टर करना होगा.

वर्तमान में, कोई भी प्रेषक मोबाइल फोन के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को धन हस्तांतरण कर सकता हैं, जो कि आईएमपीएस प्रणाली से संभव हुआ हैं. 
आईएमपीएस प्लेटफार्म पर अभी 28 बैंक हैं और इन बैंकों में से किसी के भी खाता धारक हाल में शुरू इस सेवा का उपयोग कर सकते हैं.

प्रक्रिया
धन हस्तातंरण करने वालों को इसके लिए बनायी गयी विशेष वेबसाइट पर (केपे) विकल्प पर जा कर स्वयं का पंजीकरण करना होगा, जिसमें उसे बैंक खाते का विवरण, बैंक की (एमएमआईडी)  के अलावा व्यक्तिगत परिचय देना होगा.
पंजीकृत होने के बाद प्रेषक लेनदेन आरंभ कर सकते हैं लेकिन यदि लाभार्थी केपे पर पंजीकृत नहीं है, तो उसे हस्तांतरण के लिए पंजीकृत करने के लिए एक पृष्ठ पर जाने के लिए निर्देशित किया जाएगा. यदि लाभार्थी केपे पर पंजीकृत है, तो लेन-देन तेजी से क्रियान्वित किया जा सकेगा.
उपयोगकर्ता के लिए सुविधाएं
•    उपयोगकर्ता को नेट बैंकिंग पर निर्भर या भुगतानकर्ता के विवरण पर निर्भर नहीं होना होगा.
•    उपयोगकर्ता अपने फेसबुक मित्रों की सूची से प्राप्तकर्ताओं का चयन करके धन हस्तांतरण कर सकते हैं.
•    धन भेजने या प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.
सुरक्षा के पहलू पर
बैंक ने इसके पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया है यहां तक कि फेसबुक खाते की जोखिम पूर्ण स्थिति में भी क्योंकि यह एक लेनदेन को पूरा करने के लिए दो कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करता है. साथ ही, कोई भी कोई हस्तांतरण के समाप्त होने का एक समय निर्धारित है.
केएमबी ने इसके माध्यम से एक बार में 2500 रूपए की सीमा निर्धारित की है. केपे के माध्यम से मासिक 25 हजार रूपए का हस्तांतरण किया जा सकता है और धन पाने वाला भी एक महीने में इससे अधिक राशि नहीं पा सकता है.

यूरोपीय संघ (ईयू) के कोर्ट ऑफ जस्टिस ने यूरोपीय संघ द्वारा लिट्टे पर लगाया गया प्रतिबंध खारिज किया

17-OCT-2014

यूरोपीय संघ (ईयू) के कोर्ट ऑफ जस्टिस (The Court of Justice of the European Union) ने वर्ष 2006 में ईयू द्वारा लिट्टे (Liberation Tigers of Tamil Eelam, LTTE) पर लगाए गए उन प्रतिबंधों को खारिज कर दिया है जिसका उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना था. अदालत ने यह निर्णय 16 अक्टूबर 2014 को दिया.

अदालत ने कहा कि प्रतिबंधित लिट्टे की संपत्तियों के लेन-देन और खरीदने-बेचने पर फिलहाल रोक रहेगी. ईयू के कोर्ट ऑफ जस्टिस ने यूरोपीय संघ की परिषद को आदेश दिया कि वह श्रीलंकाई संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को खत्म करे.
अदालत ने अपने आदेश कहा कि प्रेस और इंटरनेट के माध्यम से सामने आए आरोपों के आधार पर वर्ष 2006 में लिट्टे को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था. 'भारतीय अधिकारियों को भरोसेमंद स्रोत नहीं माना जा सकता क्योंकि उन्होंने लिट्टे और श्रीलंका सरकार के बीच के संघर्ष में 'पूर्वाग्रह से ग्रस्त स्थिति' अपनाई थी.' बयान में कहा गया कि लिट्टे का यह दावा गलत है कि अंतरराष्ट्रीय कानून में सशस्त्र संघर्ष और आतंकवाद के बारे में धारणा परस्पर विरोधी है. 
अमेरिका और कनाडा की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद ईयू ने वर्ष 2006 में लिट्टे को आतंकवादी संगठन घोषित किया था. इस प्रतिबंध की वजह से लिट्टे से जुड़ी किसी भी गतिविधि को आपराधिक घोषित किया जा सकता था.

लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (एलटीटीई) से संबंधित मुख्य तथ्य
लिट्टे विश्व का एक प्रमुख आतंकवादी संगठन हैं. इसकी स्थापना वर्ष में 1975 वेलुपिल्लई प्रभाकरण ने श्रीलंका में ‘तमिल अलगाववादी’ संगठन के रूप में की थी. यह आतंकवादी संगठन श्रीलंका के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में दो दशकों से अधिक समय से सक्रिय है. लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरण को 18 मई 2009 को श्रीलंका की सेना ने मार दिया.
विदित हो कि लिट्टे पर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी (1991) एवं पूर्व श्रीलंका के राष्ट्रपति प्रेमदासा रनसिंघे (1993) को मारने का आरोप है. विश्व के कई अन्य देशों में भी यह एक प्रतिबंधित संगठन है.

पेट्रोलियम मंत्रालय ने ओएनजीसी की गैस खोज परियोजना में देरी की जांच के लिए तालुकर समिति गठित की

17-OCT-2014

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने 3 अक्टूबर 2014 को ओएनजीसी के कृष्णा गोदावरी बेसिन केजी-D5 ब्लॉक में गैस खोज परियोजना को विकसित करने में विलंब के कारणों की जांच के लिए बी एन तालुकर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की. तीन सदस्यीय इस समिति का गठन हाइड्रोकार्बन महानिदेशक बी एन तालुकर की अध्यक्षता में किया गया और वित्तीय सलाहकार और एक निदेशक मंत्रालय से होगा.

समिति अक्टूबर 2014 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. ओएनजीसी का केजी-D5 रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के पूर्वी अपतटीय केजी-डी 6 ब्लॉक के अगला ब्लॉक हैं. दोनों ब्लॉकों को 2000 में घोषित नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत नीलामी के पहले दौर में तय किया गया था.
जहां आरआईएल ने अप्रैल 2009 में अपने केजी-डी 6 ब्लॉक से तेल उत्पादन तथा सितंबर 2008 में गैस उत्पादन शुरू किया, वहीं ओएनजीसी ने केजी-D5 ब्लॉक में 11 तेल और गैस स्थानों को खोजा हैं और इसकी वर्ष 2018 में ब्लॉक से उत्पादन और वर्ष 2019 में तेल उत्पादन शुरू करने की योजना हैं.

ओएनजीसी द्वारा उत्पादन योजना में देरी के बाद मंत्रालय विलंब के कारणों की जांच करना चाहता है. ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश के सर्राफ ने समिति के गठन का स्वागत किया और कंपनी जांच में पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. ओएनजीसी ने दावा किया की केजी-D5 ब्लॉक से प्रति दिन 90,000 बैरल तक का उत्पादन होगा. इस उत्पादन का पूर्वी तट पर किसी भी क्षेत्र से सबसे अधिक होने का अनुमान है. ओएनजीसी ब्लॉक से प्रति दिन 17 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होगा. केजी-D5 बेसिन को दो भागों उत्तरी डिस्कवरी एरिया (एनडीए) और दक्षिणी डिस्कवरी एरिया (एसडीए) में बांटा गया है.

सब-सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का ओडिशा के चांदीपुर रेंज से सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण

17-OCT-2014

स्वदेश में विकसित परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का ओडिशा के चांदीपुर रेंज से 17 अक्टूबर 2014 को सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया गया. यह मिसाइल 1000 किलोमीटर तक मार कर सकती है. परियोजना से जुड़े रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिसाइल का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 को केन्द्र से किया गया था.

भारत के पास 290 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली ‘सुपरसोनिक क्रूज’ मिसाइल ब्रह्मोस है जिसे भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया. लेकिन लंबी दूरी तक की क्षमता वाली मिसाइल निर्भय अलग तरह की है. यह बेंगलुरु में डीआरडीओ की इकाई एयरोनोटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (एडीई) की ओर से विकसित की जा रही है. मिसाइल में 'फायर एंड फोरगेट' सिस्टम लगा है.

क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’

•    यह एक सब-सोनिक क्रूज मिसाइल है. यह रॉकेट की तरह छोड़ी जा सकती है। यह एक ऐसी मिसाइल है जो रॉकेट से विमान और फिर एक मिसाइल में तब्दील हो जाती है.
•    निर्भय को आम मिसाइल की तरह ही लॉन्च किया जाता है, लेकिन एक निर्धारित ऊंचाई तक पहुंचने के बाद इसमें लगे विंग्स खुल जाते हैं और निर्भय एक विमान की तरह काम करने लगता है. लांचिंग के बाद इसकी रॉकेट मोटर बंद हो जाती है और छोटे पंख बाहर निकल आते हैं. इसमें लगा एक गैस टरबाइन इंजन इसको आगे ले जाने में सक्षम होता है.
•    निर्भय मिसाइल की खासियत है कि यह कम ऊंचाई पर उड़ सकती है, जिसकी वजह से यह दुश्मनों के राडार में नहीं दिखती.
•    निर्भय को ग्राउंड स्टेशन से कंट्रोल किया जा सकता है. टारगेट तक पहुंचने के बाद ये उसके इर्द-गिर्द चक्कर लगा सकता है और सटीक मौके पर मार कर सकता है.
•    यह 700 किमी से भी अधिक दूरी तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
•    इस मिसाइल को मोबाइल लांचर से भी प्रक्षेपित किया जा सकता है.
•    निर्भय 1500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. मिसाइल में ‘फायर एंड फोरगेट सिस्टम’ लगा है.
•    यह अमेरिका की टॉमहॉक और पाकिस्तान की बाबर मिसाइल के लिए भारत का एक जवाब है.
•    इसके सफल परिक्षण के साथ ही भारत क्रूज मिसाइल बनाने में महारत हासिल कर लेगा.
•    निर्भय मिसाइल हवा, जमीन और पोतों से दागी जा सकेगी. इसके हवाई संस्करण की योजना पर काम चल रहा है. इसका एयर वर्जन तैयार होने के बाद इसे एसयू-30 एमकेआई जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकेगा.

बार्सिलोना के लुईज सुआरेज को ‘गोल्डन बूट’ पुरस्कार प्रदान किया गया

17-OCT-2014

बार्सिलोना क्लब के फ़ुटबाल खिलाड़ी लुईज सुआरेज ने वर्ष 2013 के सत्र में यूरोप के शीर्ष स्कोरर के तौर पर केनी डालग्लिश से ‘गोल्डन बूट’ पुरस्कार प्राप्त किया. उन्हें ‘गोल्डन बूट’ 16 अक्टूबर 2014 को दिया गया.
उरुग्वे के इस स्टार खिलाड़ी ने 31 गोल कर लिवरपूल को प्रीमियर लीग में दूसरा स्थान दिलाया था. लुईज सुआरेज ने वर्ष 2011 में लिवरपूल के साथ करार किया था.

27 वर्षीय फुटबालर लुईज सुआरेज ने यह अवार्ड रियल मैड्रिड के पुर्तगाली फारवर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो के साथ साझा किया. रोनाल्डो ने भी इतने ही गोल दागे थे. लुईज सुआरेज अब बार्सिलोना क्लब के साथ जुड़े हैं. 
विश्व कप के बाद इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड छोड़ स्पेन के अग्रणी क्लब बार्सिलोना से जुड़ने वाले लुईज सुआरेज 26 अक्टूबर 2014 को रियल मैड्रिड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबाल में वापसी करेंगें.
विदित हो कि लुईज सुआरेज पर ब्राजील में आयोजित फीफा फ़ुटबाल विश्व कप-2014 के दौरान इटली के जार्जियो चेलीनी को दांत से काटने के कारण नौ मैचों का प्रतिबंध (चार महीने) लगा दिया गया था जो 18 अक्टूबर 2014 को सम्माप्त होगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पशुओं पर परीक्षण किये गए सौंदर्य प्रसाधनों के आयात पर प्रतिबंध लगाया

17-OCT-2014

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में पशुओं पर परीक्षण किये गए सौंदर्य प्रसाधनों के आयात पर 14 अक्टूबर 2014 को प्रतिबंध लगा दिया. इससे पहले इसने देश के भीतर कॉस्मेटिक पशु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाया था. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स (पांचवा संशोधन) कानून 135 बी नाम का एक नया कानून जोड़ा है. इसके बाद ऐसे किसी भी सौंदर्य उत्पाद का देश में आयात नहीं किया जा सकता जिसे बनाने के लिए पशुओं पर प्रयोग किया गया हो, यह प्रतिबंध 13 नवंबर, 2014 को प्रभाव में आ जाएगा.

इस ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स नियम में संशोधन जो परीक्षण और आयात पर दोहरी प्रतिबंध लगाने के बाद भारत यूरोपीय संघ और इसराइल के साथ उस समूह का सदस्य बन गया हैं जो कि बहुत पहले इस तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं. इसी के साथ भारत दक्षिण एशिया में सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों के मामले में क्रूरता मुक्त देश बन गया.

पृष्ठभूमि
ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल, इंडिया के "बी क्रुएल्टी फ्री" नाम का अभियान जानवरों के लिए एक ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रहा है क्योंकि भारत में पशु पर परीक्षण किये गए सौंदर्य प्रसाधनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया. यह ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल, इंडिया के "बी क्रुएल्टी फ्री" नाम का अभियान हैं जिसने इस आयात प्रतिबंध को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जून 2014 में एचएसआई केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को 70000 से अधिक हस्ताक्षरों से युक्त एक याचिका पेश करने के लिए मिला था जो आयात प्रतिबंध के समर्थन में थी साथ ही इसनें पशुओं पर सौंदर्य प्रसाधनों के परीक्षण के लिए किये जा रहे क्रूर व्यवहार से अवगत कराया.

ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल का ‘बी क्रुएल्टी फ्री’ अभियान 
‘बी क्रुएल्टी फ्री’ अभियान भारत में सौंदर्य प्रसाधन के लिए पशु परीक्षण समाप्त करने के लिए अभियान है. विश्व के कई भागों में प्रयोगशालाओं में जानवर अभी भी पीड़ित हैं और सौंदर्य प्रसाधन परीक्षण करने के कारण मर रहे हंन जैसे लिपस्टिक और शैंपू के लिए परीक्षण. रसायन उनके गले में जबरदस्ती डाले जाते हैं, उनकी आँखों एवं उनकी मुंडा त्वचा पर दवाईयों का प्रयोग किया जाता हैं. यह सौंदर्य उद्योग का एक बुरा व घृणित तथ्य है, जिसको ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल, इंडिया का "बी क्रुएल्टी फ्री" अभियान समाप्त करना चाहता हैं.

विश्व स्तर पर "बी क्रुएल्टी फ्री" अभियान को भारत में मिली दोहरी सफलता परीक्षण और आयात प्रतिबंध इसकी नवीनतम जीत है. इससे पहले 2014 में, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, न्यूजीलैंड, ताइवान और संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय कॉस्मेटिक पशु परीक्षण प्रतिबंध के प्रस्ताव के लिए गए बिल इसकी सफलता की कहानी कहते हैं.

ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल (एचएसआई)
ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल सभी जानवरों की रक्षा के लिए काम कर रहे दुनिया के अंतरराष्ट्रीय पशु संरक्षण संगठनों में से एक है. जिसमें प्रयोगशालाओं के जानवरों, कृषि जानवरों, सहयोगी जानवर  और वन्य जीवन भी शामिल है. एचएसआई विश्व भर के कई देशों में कार्यक्रमों का समर्थन करता है और ऑस्ट्रेलिया, ब्रुसेल्स (यूरोप कार्यालय), कनाडा, कोस्टा रिका (लैटिन अमेरिका कार्यालय), भारत, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका (एचएसयुएस) में इसके कार्यालय स्थित हैं.

आईएमआई मोबाइल लिमिटेड ने ब्रिटेन स्थित मोबाइल मैसेजिंग प्लेटफार्म टीएक्सटी लिमिटेड का अधिग्रहण किया

17-OCT-2014

लंदन स्थित फर्म आईएमआई मोबाइल लिमिटेड ने 14 अक्टूबर 2014 को 11 लाख यूरो के नकदी और इक्विटी सौदे में मोबाइल संचार कंपनी टीएक्सटी लिमिटेड (टेक्स्ट लोकल) का अधिग्रहण किया. सौदे के लिए शुरुआती मूल्य 10 मिलियन यूरो नकदी में एवं 1 मिलियन यूरो आईएमआई शेयरों के माध्यम से निश्चित हुआ. इसके अतिरिक्त 2.15 मिलियन यूरो का विलम्बित मूल्य भी हैं.

अधिग्रहण की मुख्य विशेषताएं
•    अधिग्रहण के बाद टेक्स्ट लोकल की मोबाइल मैसेजिंग प्लेटफार्म को आईएमआई मोबाइल की मुख्य बुनियादी सुविधाओं के साथ एकीकृत किया जाएगा.
•    टेक्स्ट लोकल का मैसेजिंग प्लेटफार्म महत्वपूर्ण क्रॉस सेल एवं अग्रणी नेतृत्व के अवसर प्रदान करेगा. 
•    टेक्स्ट लोकल लिमिटेड द्वारा नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में टेक्स्ट लोकल की पेशकश का लाभ उसे अपनी वैश्विक पहचान बढ़ाने में मदद करेगा.
•    टेक्स्ट लोकल लिमिटेड और उसके ग्राहक आधार को आईएमआई मोबाइल के मल्टी चैनल ग्राहक वचनबद्धता और मोबाइल भुगतान समाधान जो मोबाइल वाउचर और टिकट के रूप में टेक्स्ट लोकल की सुविधाओं के साथ तालमेल में हैं से लाभ होगा. 
•    यह अधिग्रहण आईएमआई मोबाइल को छोटे और मध्यम व्यापार खंड को लक्ष्य करके अपने क्लाउड-आधारित मोबाइल मैसेजिंग का विस्तार करने की सुविधा प्रदान करेगा.
आईएमआई मोबाइल लिमिटेड
मूलतः यह कंपनी वर्ष 1999 में आईएमआई सॉफ्टवेयर के रूप में विश्वनाथ अलुरी और श्याम भट्ट द्वारा विद्युत पारेषण और दूरसंचार टावरों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए स्थापित की गईं थी. वर्ष 2000 में दोनों संस्थापकों ने आवाज (वोइस) और एसएमएस के एकाधिकार वाले मोबाइल परिदृश्य में मोबाइल डाटा सेवाओं को अधिक समृद्ध सेट प्रदान करने को एक अवसर के रूप में देखा. इसके बाद वर्ष 2007 में आईएमआई सॉफ्टवेर का मूल व्यवसाय बेच दिया गया और कंपनी को आईएमआई मोबाइल नाम दिया गया.

कंपनी ग्राहकों को कुशलता से अपने ग्राहकों के साथ कारोबार करने में तीव्र मोबाइल वचनबद्धता के माध्यम से जिसमें एक चैनल के रूप में मोबाइल का उपयोग किया जाता हैं. यह 60 से अधिक देशों में अपने ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है और दुनिया भर में इसके 650 से अधिक कर्मचारी हैं.

टेक्स्ट लोकल लिमिटेड
टेक्स्ट लोकल लिमिटेड यूनाइटेड किंगडम में मोबाइल संचार कंपनी के रूप में सितंबर 2005 में स्थापित की गयी थी. एलेस्टर शोर्ट लैंड कंपनी के संस्थापक और सीईओ है. कंपनी को यूरोप भर में पिछले तीन वर्षों के दौरान शीर्ष 20 सबसे तेजी से बढ़ते डिजिटल एजेंसी मीडिया मोमेंटम के रूप में सूचीबद्ध किया गया था साथ ही इसने यह विपणन नवाचार के लिए चैम्बर बिजनेस पुरस्कार भी प्राप्त किया

आईओसी ने कनाडा में 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश का निवेश करने की घोषणा की

17-OCT-2014

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) प्राप्त करने के लिए 4 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की . यह निवेश कनाडा में आईओसी का भारत के लिए प्राकृतिक गैस के सुरक्षित भंडार प्राप्त करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेश है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने शेल गैस परिसंपत्ति तथा उससे जुड़ी तरलीकृत प्राकृतिक गैस परियोजना में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिये मई में समझौते पर हस्ताक्षर किया.

इस समझौते से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने उत्तरी अमेरिका में अपनी उपस्थित दर्ज कराई. समझौता के भाग के रूप में आईओसी प्रतिवर्ष एलएनजी के 1.2 मिलियन टन (एमटी) का खनन करने के लिए सहमत हो गया, जो कि एलएनजी सुविधा के उत्पादन के 10 प्रतिशत के बराबर हैं, साथ ही यह 20 वर्ष की न्यूनतम अवधि के लिए हैं.

आईओसी के बारे में
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) एक भारतीय राज्य के स्वामित्व वाला तेल और गैस निगम हैं जिसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित हैं. कंपनी मुख्य रूप से भारत सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं जिसकी कंपनी में लगभग 79 प्रतिशत हिस्सेदारी हैं.

यह भारत की सात महारत्न कंपनियों में से एक है. आईओसी फॉर्च्यून ग्लोबल 500 सूची के अनुसार, दुनिया की 88वीं सबसे बड़ी निगम है और राजस्व के क्रम में भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक निगम हैं.

ग्वाटेमाला के विदेश मंत्री की भारत यात्रा संपन्न

17-OCT-2014

ग्वाटेमाला की विदेश मंत्री कार्लोस राउल मोरलेस मोस्कोंसो (Carlos Raul Morales) का भारत का दौरा 16 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुआ. इस दौरान उन्होंने भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. ग्वाटेमाला के विदेश मंत्री की यह यात्रा 15-16 अक्टूबर 2014 को आयोजित हो रहे भारत - एलएसी निवेश बैठक के अवसर पर हुई.
चर्चा के मुख्य बिदु 
दोनों देशों विदेश मंत्रियों द्वारा राजनीतिक, आर्थिक एवं वाणिज्यिक एवं कांसुलर तथा सांस्कृतिक मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की गई. उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की जिसमें लैटिन अमेरिकी कैरेबियन राज्य (सीएलएएस) तथा केंद्रीय अमेरिकी एकीकरण प्रणाली (एसआईसीए) के साथ भारत की चल रही भागीदारी शामिल है.

इस दौरान भारत के विदेश मंत्री ने ग्वाटेमाला में वर्तमान सूखे से निपटने हेतु आपदा राहत के लिए ग्वाटेमाला को 200000 अमेरिकी डालर की सहायता की भी घोषणा की.
लाभ 
भारत - एलएसी निवेश बैठक में ग्वाटेमाला के कारोबारियों के नेतृत्व में एक उच्च स्तररीय शिष्ट मंडल की भागीदारी से उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे.
भारत - एलएसी निवेश बैठक
भारत - एलएसी निवेश बैठक नई दिल्ली में 15-16 अक्टूबर 2014 को आयोजित की गई. इस बैठक में एक कारोबारी शिष्टमंडल के साथ ग्वाटेमाला के आर्थिक मंत्री सर्गियो डीला टोरे भी भारत आए. आर्थिक मंत्री तथा उप विदेश मंत्री रोड्रिगो विलमन ने भी द्विपक्षीय बैठकों में भाग लिया.
लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र विश्‍व के प्रमुख विकास इंजन के रूप में तेजी से उभर रहा है. भारत की तरह लैटिन अमरीका वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल से ज्‍यादातर अप्रभावित रहा है तथा विकास के पथ पर बना हुआ है. भारत लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन (एलएसी) के साथ व्‍यापार में वृद्धि की संभावना को ध्‍यान में रखते हुए इस तरह की एक बैठक आयोजित करता है.
भारत के वाणिज्‍य विभाग ने लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन (एलएसी) के साथ व्‍यापार में वृद्धि की संभावना को ध्‍यान में रखते हुए वर्ष 1997 में ‘फोकस : एलएसी’ नामक एक एकीकृत कार्यक्रम शुरू किया. इसका उद्देश्‍य भारत के निजी क्षेत्र के साथ ही सरकारी संस्‍थाओं को लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन के साथ मजबूत व्‍यापार एवं निवेश संबंध विकसित करना और साथ ही इस क्षेत्र को भारत के कपड़ों, इंजीनियरिंग उत्‍पादों, कंप्‍यूटर साफ्टवेयर, रसायनों एवं भेषज पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने पर बल देना है.

भारत और एलएसी के बीच व्यापारिक चुनौतियां
भारत और लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन (एलएसी) के बीच व्‍यापार संबंध मुख्‍यत: निवेश के रूप में हैं क्‍योंकि माल में परंपरागत व्‍यापार के लिए दूरी, टाइम जोन में अंतर एवं व्‍यवसाय की संस्‍कृति की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. माल व्‍यापार अपने थोक स्‍वरूप के कारण तथा बड़ी संस्‍थाओं की भागीदारी के कारण जारी है परंतु विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र का विकास तत्‍वत: निवेश के माध्‍यम से हो सकता है, जो स्‍वत: ही व्‍यापार में और वृद्धि का मार्ग प्रशस्‍त करेगा.
व्यापर संतुलन 
वर्ष 2013 में दोनों देशों के बीच कुल 260 मिलियन अमेरिकी डालर ($260 million)का व्यापर हुआ. व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में रहा. भारत ने 238 मिलियन अमेरिकी डालर मूल्य के वस्तुओं का निर्यात किया जबकि ग्वाटेमाला ने भारत को मात्र 22 मिलियन अमेरिकी डालर मूल्य के वस्तुओं का निर्यात किया.

अरविंद सुब्रमण्यम मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त

17-OCT-2014

केंद्र सरकार ने अमेरिका स्थित अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम को केंद्रीय वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) 16 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किया. अरविंद सुब्रमण्यम को अनुबंध के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए सीईए नियुक्त किया गया.

हाल के वर्षों में सुब्रमण्यम सीईए के प्रमुख पद पर नियुक्त किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संबंध के तीसरे अर्थशास्त्री है. हाल ही में अन्य दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कौशिक बसु (विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री) और रघुराम राजन (वर्तमान रिजर्व बैंक के गवर्नर और पूर्व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री) सीईए के रूप में सेवा कर रहे हैं.

डा. अरविंद सुब्रमण्यम के बारे में
•    डा. अरविंद सुब्रमण्य‍म सेंट स्टीफंस कॉलेज और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के भी छात्र रहे हैं. 
•    डा. सुब्रमण्यबम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में अर्थशास्त्री तथा जी-20 पर वित्त मंत्री के विशेषज्ञ समूह के सदस्य भी रहे हैं. 
•    डा. अरविंद सुब्रमण्यम पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में डेनिस वेदरस्टोन सीनियर फेलो और वैश्विक विकास केन्द्र में सीनियर फेलो हैं. 
•    ‘आरईपीर्इसी’ रैंकिंग के मुताबिक, डॉ. सुब्रमण्यनम को मौजूदा समय में अनुसंधान उद्धरण के लिहाज से विश्वि के शीर्ष एक फीसदी विद्वान अर्थशास्त्रियों में शामिल किया गया. 
•    ‘फॉरेन पॉलिसी’ नामक पत्रिका ने डा. सुब्रमण्यम को वर्ष 2011 में विश्व के शीर्ष 100 वैश्विक चिंतकों में शामिल किया. 
•    वर्ष 2011 में पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ ने डा. सुब्रमण्यम को पिछले तीस वर्षों के दौरान भारत के शीर्ष 30 ‘मास्टर्स ऑफ द माइंड’ में शामिल किया. 
•    डा. सुब्रमण्यम ने ‘इक्लिप्सल : लिविंग इन द शैडो ऑफ चाइनाज इकोनॉमिक डोमिनेंस’ नामक पुस्तक लिखी. जिसे चार भाषाओं प्रकाशित किया गया और इसकी 130,000 प्रतियां छापी गई. इस पुस्तक को पुरस्कृ्त भी किया गया.
•    डॉ. सुब्रमण्यम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के शोध विभाग में एवं उरुग्वे दौर की व्यापार वार्ताओं के दौरान गैट में भी कार्यरत रहे.

•    डॉ. सुब्रमण्यम ने भारत, विकास, व्यापार, संस्थानों, मदद, जलवायु परिवर्तन, तेल, बौद्धिक संपदा, डब्यूटीओ, चीन और अफ्रीका पर काफी कुछ लिखा है. उनके कई लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए.

सीईए का पद तब से खाली पड़ा हुआ था जब रघुराम राजन ने वर्ष 2013 को 23वें राज्यपाल के रूप में रिजर्व बैंक शामिल होने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय छोड़ा था. रघुराम राजन ने 4 सितंबर 2013 को डी सुब्बाराव के स्थान पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार ग्रहण किया.

अमेरिकी अभिनेत्री एलिजाबेथ पेना का 55 वर्ष की आयु में निधन

17-OCT-2014

अमेरिकी अभिनेत्री एलिजाबेथ पेना का बीमारी के बाद 55 वर्ष की आयु में लॉस एंजिल्स में 14 अक्टूबर 2014 को निधन हो गया.

एलिजाबेथ पेना के बारे में
•    एलिजाबेथ पेना का जन्म 23 सितंबर 1959 को न्यू जर्सी में हुआ था.
•    एलिजाबेथ ने न्यूयॉर्क शहर में कला प्रदर्शन के हाई स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. 
•    पेना ने लियोन इकासो की फिल्म एल सुपर के साथ वर्ष 1978 में अपने कैरियर शुरू किया. 
•    वह लैटिन अभिनेताओं के हिस्पैनिक संगठन की संस्थापक सदस्य थीं.
•    पेना ने ला बांबा, डाइन एंड आउट इन बेवर्ली हिल्स, जैकबस लैडर, लोन स्टार और रश ऑवर जैसी फिल्मों में काम किया. 
•    पेना ने वर्ष 2004 में पिक्सर की एनिमेटेड फिल्म द इन्क्रेडिबल्स में चरित्र मिराज में अपनी आवाज प्रदान की. 
•    हाल ही में पेना ने एबीसी एमी विजेता श्रृंखला माडर्न फैमिली में सोफिया वरगेरा की मां की भूमिका निभाई.

तेलुगू लेखक तुरागा जानकी रानी का 80 वर्ष की आयु में निधन

17-OCT-2014

तेलुगू लेखक और पूर्व रेडियो कलाकार तुरागा जानकी रानी का लंबी बीमारी के बाद हैदराबाद में 15 अक्टूबर 2014 को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया. 
तुरागा जानकी रानी के परिवार में उनकी दो बेटियों उषा रमानी और वसंत शोभा हैं.

तुरागा जानकी रानी के बारे में
•    जानकी रानी को लोकप्रिय रेडियो अक्कैया के लिए जाना जाता था. 
•    तुरागा जानकी रानी ने आकाशवाणी के सहायक केंद्र निदेशक (ऑल इंडिया रेडियो) के रूप में काम किया. 
•    वह लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक बलानंदम का संचालन करती थीं. 
•    जानकी रानी ने वर्ष 1991 और वर्ष 1992 में राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ प्रसारक पुरस्कार जीता. 
•    जानकी रानी को जून 2011 में हैदराबाद में बाला साहित्य परिषद  द्वारा बालासाहित्य रत्न से सम्मानित किया गया.

इंडिगो ने 250 ए320 नीओ विमान खरीदने के लिए एयरबस समूह के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए

16-OCT-2014

भारत की कम लागत वाहक इंडिगो ने 250 ए-320 नीओ विमान खरीदने के लिए एयरबस समूह के साथ 25.5 बिलियन डॉलर के समझौता (एमओयू) ज्ञापन पर 15 अक्टूबर 2014 को हस्ताक्षर किए. यह समझौता विमान की संख्या के अनुसार एयरबस का सबसे बड़ा एकल आर्डर है. यह समझौता भारत तथा विदेशों में सस्ती विमानन सेवा उपलब्ध कराने की इंडिगो की प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है.

इससे पूर्व, कंपनी ने वर्ष 2011 में 280  एयरबस विमान (100 ए-320 सियो विमान तथा 180 ए320 नियो) विमानों के आर्डर दिये थे.
फिलहाल इंडिगो के बेड़े में 180 सीट वाले 83 ए-320 विमान हैं. कंपनी प्रति दिन 30 से अधिक घरेलू गंतव्यों तथा पांच अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए 500 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है.

इंडिगो के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल तथा राहुल भाटिया ने 250 ए-320 नियो विमान के ऑर्डर  के लिए एयरबस के मुख्यालय फ्रांस के तोलुस में सहमति पत्र पर दस्तखत किए. भाटिया एयरलाइन की मूल कंपनी इंटर ग्लोब इंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक भी हैं. इस समय इंडिगो अकेली ऐसी भारतीय एयरलाइंस कंपनी है, जिसने निओ इंजन वाले एयरक्राफ्ट के लिए ऑर्डर दिया.

इंडिगो 
इंडिगो भारतीय एयरलाइन कंपनी है जिसका मुख्यालय भारत में गुडगांव में स्थित है. इंडिगो को संयुक्त राज्य अमेरिका आधारित एनआरआई और इंटरग्लोब उद्यम के राहुल भाटिया और राकेश एस गंगवाल ने वर्ष 2006 में स्थापित किया था.

यह एक कम कीमत वाली यात्री सेवा तथा भारत की सबसे बड़ी विमानन सेवा है जिसका मार्किट शेयर फरवरी 2014 के आंकड़ो के अनुसार 33.6 प्रतिशत है. इंडिगो भारत में सबसे तेजी से विकसित हो रही सबसे कम कीमत की यात्री सेवा है. यह एयरलाइन 36 गंतव्य स्थानों के लिए दैनिक 534 फ्लाइट्स की सेवा प्रदान करती है. वर्तमान में इंडिगो में 83 एयरबस ए320 विमान का बेड़ा है

भारत और ब्रिटेन ने संस्कृति सहयोग के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

16-OCT-2014

भारत और ब्रिटेन ने अगले पांच वर्षों में संस्कृति सहयोग हेतु 15 अक्टूबर 2014 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. समझौता ज्ञापन पर संस्कृति राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक और ब्रिटेन के संस्कृति सचिव साजिद जावेद ने हस्ताक्षर किए. एमओयू पर सांस्कृतिक सहयोग हेतु हस्ताक्षर किए गए जो वर्ष 2014 से वर्ष 2019 की अवधि तक के लिए भारत-ब्रिटेन के सांस्कृतिक संबंधों का मजबूत करेगी.

यह समझौता संग्रहालयों, पुस्तकालयों, पुरातत्व, कला प्रदर्शन, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, कौशल विकास, संयुक्त प्रकाशनों, अभिलेखागार, छायांकन और साहित्य के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना है. भारत और ब्रिटेन ने सहयोग के भविष्य के क्षेत्रों की पहचान की जिसमें भारतीय राष्ट्रीय संग्रहालय और ब्रिटिश संग्रहालय के बीच सहयोग, संरक्षण नीति का विकास, संरक्षण तकनीक और प्रशिक्षण, डिजिटलीकरण और बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन और निर्मित विरासत के संरक्षण शामिल हैं.

पैरालम्पिक खेलों के फ़रवरी 2015 में भारत में आयोजित किए जाने की घोषणा

16-OCT-2014

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने पैरालम्पिक खेलों के फ़रवरी 2015 में भारत में आयोजित किए जाने की घोषणा 13 अक्टूबर 2014 को की. 
पैरालम्पिक खेलों का 20 फरवरी से 26 फ़रवरी 2015 के बीच आयोजित किया जाना तय है. विदेशों और भारत से एथलीट इन खेलों में भाग लेंगे.

पैरालम्पिक खेलों के बारे में 
सभी पैरालम्पिक खेल अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) द्वारा संचालित होते हैं. पैरालम्पिक खेल ग्राष्मकालीन और शीतकालीन होते हैं.

ग्राष्मकालीन पैरालम्पिक खेल वर्ष 1988 में दक्षिण कोरिया के सियोल में आयोजित किए गए. सभी पैरालम्पिक खेलों अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) द्वारा संचालित होते हैं.

पैरालम्पिक खेलों को ओलिंपिक खेलों के साथ समानांतर में आयोजित किया जाता है. इसमें आईओसी-मान्यता विकलांग एथलीटों और मूक बधिर एथलीटों को शामिल किया जाता हैं

अमेरिका की टाइम मैगजीन ने 25 प्रभावशाली किशोरों की सूची जारी की

16-OCT-2014

अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 25 प्रभावशाली किशोरों की सूची 13 अक्टूबर 2014 को जारी की. इस सूची में शांति के लिए नोबेल जीतने वाली मलाला यूसुफजई को भी शामिल किया गया. हांगकांग में चीन विरोधी आंदोलन का चेहरा बन चुके जोशुआ वोंग को दुनिया के 25 सबसे प्रभावशाली किशोरों में शामिल किया गया. इस सूची में पेंसिलवेनिया की 13 वर्ष की बेसबॉल खिलाड़ी मोने डेविस भी हैं. ओबामा की 15 वर्ष की बेटी मालिया को को भी इस सूची में शामिल किया गया.

सूची में न्यूजीलैंड की पॉप स्टार 17 वर्ष की लॉर्ड, 19 वर्ष के कैनेडियन पॉप स्टार और न्यूजीलैंड की गोल्फर लाइडिया को भी शामिल किया गया. 25 किशोरों को खेल और ग्लैमर के क्षेत्र से चुना गया.
टाइम ने सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स, सांस्कृतिक और व्यावसायिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों को ध्यान रखते हुए इस सूची को तैयार किया.

इस सूची में गायक, खिलाड़ी टेक्नॉलजी और साइंस के क्षेत्र में ऊंचे मुकाम बनाने वाले ऐसे युवाओं को शामिल किया गया है, जिनसे दूसरे बच्चों को प्रेरणा मिलती है. इस सूची में सबसे कम उम्र की टीनएजर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की छोटी बेटी साशा हैं, जो 13 वर्ष की हैं.

टाइम मैगजीन द्वारा जारी 25 प्रभावशाली किशोरों की सूची
1. मोने डेविस (13 वर्ष), बेसबॉल खिलाड़ी 
2. साशा ओबामा, (13 वर्ष) और मालिया ओबामा (16 वर्ष)
3. क्रिनेन शिपका (14 वर्ष), अभिनेत्री 
4. जैज जेनिंग्स (14 वर्ष), ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता 
5. फ्लिन मैकगैरी (15 वर्ष) 
6. एरिक फिनमैन (15 वर्ष) बोटेंगल डॉट काम (Botangle.com) के संस्थापक
7. नैश ग्राइर (16 वर्ष), सोशल मीडिया किंग
8. रीको रोड्रिगेज (16 वर्ष), अभिनेता 
9. सिएरा जज (16 वर्ष) हिक्की (17 वर्ष) और सोफी हीली-थो (17 वर्ष) गूगल विज्ञान विजेता
10 शॉन मेंडेस (16 वर्ष), सोशल मीडिया संगीतकार 
11. जेडन स्मिथ (16 वर्ष), फिल्म अभिनेता
12. बेकी जी (18 वर्ष), यूट्यूब संगीतकार 
13. सलमा कक्कड़ (17 वर्ष), साइकिलिंग स्टार 
14. लॉर्ड (17 वर्ष) गायक, गीतकार 
15. लिडा को (17 वर्ष), गोल्फ चैंपियन 
16. च्लोए ग्रैस मार्टेज (18 वर्ष) फिल्म अभिनेत्री 
17. काइली जेनर (17 वर्ष) और केंडल जेनर (18 वर्ष)
18. मलाला युसुफ़ज़ई (17 वर्ष), नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्तकर्ता 
19. राहेल फॉक्स (18 वर्ष) रियलिटी स्टार, व्यापारी 
20. बेथानी मोटा (18 वर्ष) फैशन और सौंदर्य ब्लॉगर 
21. यहोशू वोंग (18 वर्ष), हांगकांग आंदोलन के नेता 
22. ऑस्टिन महोने (18 वर्ष), पॉप स्टार 
23. तवी गैविनसन (18 वर्ष), किशोर लड़कियों की ऑनलाइन पत्रिका की प्रकाशक 
24. मेगन ग्रासिल (19 वर्ष) ब्रा डिजाइनर 
25. ट्रॉय सिवान (19 वर्ष) अभिनेता, संगीतकार

विधि आयोग ने 113 अप्रासंगिक कानूनों को ख़त्म करने का मसौदा सरकार को सौंपा

16-OCT-2014

केंद्रीय विधि आयोग ने 113 अप्रासंगिक कानूनों को ख़त्म करने का मसौदा 14 अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार को सौंपा. आयोग ने इसके साथ ही साथ द्वितीय विश्व युद्ध के दौर के 11 अध्यादेशों को भी ख़त्म करने की संस्तुति की. विधि आयोग द्वारा की गई यह संस्तुति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए दौर में अपना महत्व खो चुके पुराने कानूनों को समाप्त करने की मुहिम का हिस्सा है.

केंद्र सरकार को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में विधि आयोग ने कहा कि, चूंकि अधिकतर कानून भू-राजस्व से संबंधित हैं, इसलिए केंद्र को राज्यों से इन्हें खत्म करने को कहना चाहिए, क्योंकि भू राजस्व राज्य का विषय है.
विधि आयोग ने जिन कानूनों को खत्म करने की सिफारिश की है, उनमें बंगाल भू राजस्व ब्रिकी अधिनियम, 1841 भी शामिल है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, ‘इस कानून का लिखित मसौदा न तो कानून मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद है और न ही किसी अन्य स्रोत के पास. इससे मालूम होता है कि यह कानून अब प्रचलन में नहीं है. इसलिए इस कानून को खत्म कर देना चाहिए.’ रिपोर्ट में आयोग ने 77 और कानूनों को पूरी तरह खत्म करने के लिए चिन्हित किया है और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लाए गए 11 स्थाई अध्यादेशों को खत्म करने की सिफारिश की . इसके अलावा आयोग ने 25 राज्य पुनर्गठन कानूनों को आंशिक रूप से समाप्त करने के लिए चिन्हित किया है. आयोग ने जिन अध्यादेशों को खत्म करने की सिफारिश की, उनमें एक है, ‘वार इंजरीज ऑर्डिनेंस, 1941’. यह अध्यादेश केंद्र सरकार को युद्ध के समय घायलों को राहत प्रदान करने के लिए योजनाएं बनाने की शक्ति प्रदान करता है. इसके अलावा ‘आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) ऑर्डिनेन्स 1942’ को भी खत्म करने की सिफारिश आयोग ने की. साथ ही राजस्व बांबे अधिनियम-1842, राजस्व आयुक्त बांबे अधिनियम-1842, ‘सेल्स ऑफ लैंड फॉर रेवेन्यु एरिअर्स एक्ट-1845’, ‘बांबे मार्क्सए बांबे एक्ट-1846’ और पुलिस (आगरा) अधिनियम 1854 को भी खत्म करने की सिफारिश आयोग ने की.

अमेरिकी सरकारी प्राधिकरणों को 3.97 करोड़ डॉलर का भुगतान करने का रैनबैक्सी का निर्णय

16-OCT-2014

जेनरिक दवा कंपनी रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज लिमिटेड ने दवाओं के मूल्य निर्धारण के आंकड़े जारी करने से उत्पन्न विवाद को अदालत से बाहर निपटाने के लिए अमेरिकी सरकारी प्राधिकरणों को 3.97 करोड़ डॉलर (करीब 244 करोड़ रुपए) का भुगतान करने का निर्णय लिया.

यह भुगतान किस्तों में किया जाना है. निपटान समझौते के तहत रैनबैक्सी को टैक्सास प्रांत को अगस्त 2015 तक कुल 3.97 करोड़ डालर का भुगतान किस्तों में करना है. रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज ने इसकी सूचना 15 अक्टूबर 2014 को दी.
उद्देश्य 
इसका उद्देश्य दवाओं के मूल्य निर्धारण के आंकड़े में हुए विवाद को न्यायालय के बाहर सुलझाना और  टेक्सास मेडिकेड प्रोग्राम में भागीदारी से जुड़ी मुकदमेबाजी को खत्म करना है.
मामला क्या है?
रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज लिमिटेड ने अमेरकी संघ राज्य हेल्थ केयर कार्यक्रम में कुछ दवाओं के मूल्य निर्धारण के आंकड़े जारी किये थे. इस मामले पर उसके खिलाफ अदालत में एक याचिका दायर की गयी थी जिसे निपटाने के लिए कंपनी 3.97 करोड़ डॉलर अदा करने को तैयार हुई है.

तंबाकू उत्पाद के पैकेट के दोनों तरफ 85 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी अनिवार्य

16-OCT-2014

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू उत्पाद के पैकेट के दोनों तरफ 85 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी जारी करने को अनिवार्य घोषित किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में 15 अक्टूबर 2014 को एक अधिसूचना जारी की गई. इस अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल 2015 से यह नियम पूरे देश में एक साथ लागू होगा. तंबाकू उत्पाद कंपनियों को नई चेतावनी लागू करने के लिए इतना समय दिया गया. इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य तंबाकू उत्पादों से मानव स्वास्थ्य को पहुँचने वाले नुकसान के प्रति लोगों को आगाह करना हैं.

इस नियम के अनुसार, तंबाकू उत्पाद के पैकेट के दोनों तरफ के 85 प्रतिशत हिस्से में से 60 प्रतिशत हिस्से में वे तस्वीरें होंगी, जिनमें कैंसर का रौद्र रूप दिखाया जायेगा, जबकि बाकी के 25 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी शब्दों में लिखी होगी. बीड़ी और सिगरेट जैसे धुम्रपान वाले उत्पादों पर लिखा होगा कि ‘धुम्रपान से गले का कैंसर होता है’. इसी तरह गुटखा और सुगंधित तंबाकू जैसे उत्पादों की पैकिंग पर लिखा होगा कि ‘तंबाकू से मुंह का कैंसर होता है’.
विदित हो कि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 के अनुसार, अभी तंबाकू उत्पादों के पैकेट के सिर्फ एक तरफ 40 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी होती है, जबकि नए नियमों के मुताबिक पैकेट के दोनों तरफ 85 प्रतिशत हिस्से में इन्हें छापना जरूरी होगा. अभी थाइलैंड अकेला ऐसा देश है, जहां तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर 85 प्रतिशत हिस्से में ऐसी चेतावनी छापी जाती है.

निर्यात में सितंबर 2014 में 2.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई : वाणिज्य मंत्रालय

16-OCT-2014

भारत से निर्यात में सितंबर 2013 से ($ 28.13) सितंबर 2014 तक 28.90 अरब अमेरिकी डॉलर अर्थात कुल 2.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह आंकड़े  वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 14 अक्टूबर 2014 को जारी किए गए. जबकि आयात में 25.96 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. सितंबर 2013 में आयात $ 34.25 अरब अमेरिकी डॉलर था जो सितंबर 2014 में $ 43.15 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया.

धातु अयस्कों और अन्य खनिजों के आयात के कारण आयात में  मुख्य रूप से वृद्धि हुई. परिणामस्वरूप, सितंबर 2014 में व्यापार घाटा - (आयात मूल्य निर्यात मूल्य) 14.24 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया जो कि सितंबर 2013 के आयात (6.12 अरब अमेरिकी डॉलर) की तुलना में 132.71 प्रतिशत अधिक था.
अप्रैल - सितंबर 2014 -15 में निर्यात का
अप्रैल - सितंबर 2014 -15 में निर्यात का संचयी मूल्य 153.75 से  163.7 अरब अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा अर्थात इसमेँ  6.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. अप्रैल - सितंबर 2014 -15 में आयात का संचयी मूल्य 230.475 अरब अमेरिकी डॉलर से 234.09 अरब अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा अर्थात इसमेँ 1.57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. परिणामस्वरूप अप्रैल - सितंबर 2014 -15 में व्यापार घाटा 70.39 अरब अमेरिकी डॉलर था जो अप्रैल-सितंबर 2013-14 के दौरान 76.72 अरब अमेरिकी डॉलर के घाटे की तुलना में कम था.
सितंबर 2014 में गैर-तेल आयात 28.65 अरब अमेरिकी डॉलर था जो कि सितंबर 2013 में गैर-तेल आयात 21.04 अरब अमेरिकी डॉलर से 36.2 प्रतिशत अधिक था. अप्रैल - सितंबर 2014 -15 में गैर-तेल आयात 151.62 अरब अमेरिकी डॉलर अनुमानित किये गए जो अप्रैल-सितंबर 2013-14 में 150.46 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 0.8 प्रतिशत अधिक था.

शक्ति देवी ‘अंतरराष्ट्रीय महिला पुलिस शांतिरक्षक पुरस्कार-2014’ से सम्मानित

16-OCT-2014

जम्मू कश्मीर पुलिस की निरीक्षक शक्ति देवी को अंतरराष्ट्रीय महिला पुलिस शांतिरक्षक पुरस्कार-2014 से 14 अक्टूबर 2014 को पुरस्कत किया गया. 
भारत की महिला पुलिस निरीक्षक शक्ति देवी को अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में डयूटी में असाधारण उपलब्धियां अर्जित करने और यौन एवं लिंग आधारित हिंसा के पीड़ितों की मदद करने के प्रयासों के लिए विश्व निकाय की पुलिस शाखा ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय महिला शांतिरक्षक पुरस्कार 2014 से सम्मानित किया.

वह वर्तमान में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनात हैं. संयुक्त राष्ट्र की पुलिस शाखा ने देवी को अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में महिला पुलिस परिषद प्रतिष्ठान का नेतृत्व करने में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया. देवी ने महिला पुलिस के स्तर में सुधार में योगदान दिया और पुलिसिंग के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लक्ष्य को पूरी तरह ग्रहण करने की दिशा में अफगान पुलिस के कदम में प्रभावी मदद की.

यह पुरस्कार विनिपेग, कनाडा में आयोजित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमन पुलिस सम्मेलन के दौरान दिया गया. पुरस्कार एक प्रतिस्पर्धा पुरस्कार है, जो संयुक्त राष्ट्र के किसी शांति अभियान में सेवा देने वाली किसी असाधारण महिला पुलिस शांतिरक्षक को दिया जाता है.
यह पुरस्कार इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमन (आईएडब्ल्यूपी) अवाडर्स कार्यक्रम के सहयोग से आयोजित वार्षिक सम्मेलन के दौरान दिया जाता है. भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सर्वाधिक योगदान देने वाला देश है और इसने अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से समर्थित 69 शांति रक्षा अभियानों में से 43 में 170,000 से अधिक सैनिकों का योगदान दिया.

शक्ति देवी  वर्ष 1996 में पुलिस में भर्ती हुई थीं. वर्तमान में वद संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत अफगानिस्तान में तैनात हैं और अफगान महिला पुलिस को आतंकवाद से लड़ने और महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने की ट्रेनिंग दे रही हैं.
शक्ति जम्मू के गांव पनाडा की रहने वाली हैं. शक्ति ने जम्मू यूनिवर्सिटी से एमएससी की. शक्ति देवी पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी को अपना आदर्श मानती हैं. जम्मू-कश्मीर के कई थानों में तैनात रह चुकी हैं. शक्ति को उनके काम के लिए कई बार पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

इसरो ने देश के तीसरे क्षेत्रीय निगरानी उपग्रह आईआरएनएसएस -1सी को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया

16-OCT-2014

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के तीसरे क्षेत्रीय निगरानी उपग्रह आईआरएनएसएस- 1सी (IRNSS 1C, Indian Regional navigational satellite System) को आंध्रप्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी 26 (Polar Satellite Vehicle C 26, PSLV-C 26) के द्वारा 16 अक्टूबर 2014 को प्रक्षेपित किया. आईआरएनएसएस-1सी को पीएसएलवी- सी 26 एसएचएआर रेंज के पहले लांच पैड से एक बजकर 32 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया और प्रक्षेपण के 20 मिनट बाद प्रक्षेपण यान ने सफलतापूर्वक उपग्रह को पृथ्वी की लक्षित कक्षा में स्थापित कर दिया.

इस उपग्रह का वजन 1425.4 किलोग्राम और इसका कार्यकाल दस वर्ष है. यह उपग्रह आईआरएनएसएस श्रृंखला के सात उपग्रहों में से तीसरा है. 
इसरो ने इस उपग्रह को 17.86 डिग्री के झुकाव के साथ पृथ्वी से सर्वाधिक समीप की दूरी 284 किलोमीटर तथा पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी 20,650 किलोमीटर पर सब जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (सब जीटीओ) में स्थापित करने का लक्ष्य रखा था.
भारत ने इंडियन रीजनल नेविगेशनल सैटेलाइट सिस्टम (आइआरएनएसएस) श्रृंखला के पहले दो नौवहन उपग्रह आइआरएनएसएस 1 ए और आइआरएनएसएस 1 बी का प्रक्षेपण क्रमश: 1 जुलाई 2013 को और 4 अप्रैल 2014 को श्रीहरिकोटा से किया गया था.
नेवीगेशनल सिस्टम से दो प्रकार की सेवाएं प्राप्त होंगी. प्रथम स्टैंडर्ड पोजिशनिंग सर्विस जो सभी उपयोग कर्ताओं को उपलब्ध करायी जाती है और दूसरी रिसट्रिक्टिड सर्विस जो केवल अधिकृत उपयोग कर्ताओं को ही प्रदान की जाती है.

आईआरएनएसएस सिस्टम में अंतत: सात उपग्रह शामिल होंगे और इसे 1420 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2015 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
यह सातवां अवसर है जब इसरो ने अपने अभियानों के लिए पीएसएलवी के एक्सएल संस्करण का इस्तेमाल किया. आईआरएनएसएस 1 सी के साथ पीएसएलवी 26 को वास्तव में 10 अक्टूबर 2014 को प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसके प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया. पूरी तरह से विकसित आईआरएनएसएस सिस्टम में पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर जीईओ स्थतिक कक्षा में तीन उपग्रह होंगे तथा चार उपग्रह भूस्थतिक कक्षा में होंगे.
विश्लेषण 
इस सफलता से यह माना जा रहा है कि भारत अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम की बराबरी पर आकर देश का खुद का नेवीगेशन सिस्टम स्थापित करने की दिशा में और एक कदम आगे बढ़ गया है.

शोधकर्ताओं ने एचआईवी वायरस की गतिशीलता दर्शाने वाली तकनीक विकसित की

16-OCT-2014

शोधकर्ताओं के एक दल ने एक तकनीक विकसित की हैं जो वायरस की सतह पर एचआईवी प्रोटीन की गतिशीलता को दर्शाता है. यह शोध यह बताने में की एचआईवी वायरस मानव प्रतिरक्षा कोशिकाओं को संक्रमित कैसे करता है, कारगर हो सकता हैं और एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करने में सहायता कर सकता हैं.

अमेरिका के वेल कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के डॉ स्कॉट ब्लैंकार्ड के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के दल द्वारा इसे  विकसित किया गया, यह अध्ययन अक्टूबर 2014 के पहले सप्ताह में जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ था.

प्रौद्योगिकी का विकास
एचआईवी संक्रमण रोकने के लिए, प्रतिरक्षा कोशिकाओं में एचआईवी वायरस के प्रवेश को रोकने की आवश्यकता होती हैं और यह तभी संभव हो सकता जब एक वास्तविक समय के आधार पर एचआईवी वायरस की गतिशीलता को ट्रैक किया जा सके. वायरल कणों का अध्ययन करने के लिए व इसे संभव बनाने के लिए ब्लैंकार्ड और उनकी टीम ने एक इमेजिंग तकनीक जो कि आणविक पैमाने पर दूरी को मापने के लिए प्रतिदीप्ति का उपयोग करता है, एकल अणु प्रतिदीप्ति प्रतिध्वनि ऊर्जा हस्तांतरण (smFRET) इमेजिंग तकनीकी का सहारा लिया. तब उनके समूह ने फ्लोरोसेंट अणुओं (फ्लुरोपोरस) को विकसित किया जिनको उन्होंने बीकन कहा और उनको वायरस के बाह्य आवरण जिसको एन्वलोप कहा जाता है में डाल दिया.

दो विशेष बीकन जो अपने स्थान पर हो उन्होंने प्रदर्शित किया की smFRET इमेजिंग तकनीक का उपयोग यह पता लगाने के लिये की अणु कैसे गतिशील होते हैं किया जा सकता हैं जब वायरस प्रोटीन अपनी संरचना बदलते  हैं. SmFRET इमेजिंग तकनीक से सुसज्जित टीम ने वायरस के बाह्य आवरण जिसको एन्वलोप कहा जाता है पर प्रोटीन की गतिशीलता का अध्ययन किया. 
एन्वलोप प्रोटीन मानव प्रतिरक्षा कोशिकाओं को संक्रमित करने वाले वायरस की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण हैं जो की सीडी 4 रिसेप्टर प्रोटीन रखते हैं जो एक कोशिका को को एचआईवी से बाँधने में मदद करते हैं. एन्वलोप प्रोटीन तीन gp120 और gp41 प्रोटीन होते हैं, जो करीब एक साथ अवस्थित और ट्रीमर्स के रूप में निर्दिष्ट जो कि, सीडी 4 की उपस्थिति में एक फूल की तरह खुल जाते हैं जो gp41 सबयूनिट को उजागर करते हैं जो उस तंत्र के लिए आवश्यक है जो कि संक्रमण का कारण बनता है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते' योजना प्रारंभ की

16-OCT-2014

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 अक्टूबर 2014 को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते’ योजना प्रारंभ की. इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रम कानूनों में सुधार लाना एवं श्रम प्रक्रिया को बेहतर बनाना है. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कर्मचारियों के लिए 'श्रम सुविधा' पोर्टल और एक नई 'लेबर इंस्पेक्शन स्कीम' को भी प्रारंभ किया. 'श्रम सुविधा' पोर्टल’ पर श्रम से जुड़े सभी कानूनों की जानकारी दी जाएगी.

प्रधानमंत्री ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते' योजना के प्रारंभ के साथ ही साथ 'श्रम सुविधा' पोर्टल, श्रम जांच कार्यक्रम और भविष्य निधि जमा करने वाले कर्मचारियों के लिए एक समान अकाउंट योजना की भी शुरुआत की. इसके अलावा उन्होंने अखिल भारतीय कौशल विकास प्रतियोगिता के विजेताओं की स्मारिका और वोकेशनल ट्रेनिंग के ब्रांड एंबेसडरों की एक पुस्तिका जारी की. इस मौके पर ‘एप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना’ की भी शुरुआत की गई.
'श्रम सुविधा' पोर्टल’ से संबंधित मुख्य तथ्य 
देश में कुल 44 श्रम कानून हैं जिनमें 16 केंद्र सरकार के दायरे में है. ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ पर इन सभी कानूनों की जानकारी दी जाएगी और उद्यमी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे. श्रमिकों को एक आईडी नंबर भी दिया जाएगा. इसके साथ ही साथ इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना मजबूत की जाएगी और उन्हें स्मार्ट कार्ड प्रदान किया जाएगा

समुद्री जल स्तर में पिछले 150 वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई: ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों का अध्ययन

16-OCT-2014

कैनबरा में स्थित ऑस्ट्रेलिया नेशनल विश्वविद्यालय (एएनयू) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि पिछले 6000 वर्षों में किसी भी सदी की तुलना में समुद्र के जल स्तर पिछले सदी में अधिक वृद्धि हुई. विश्व भर में बर्फ की मात्रा में परिवर्तन के आधार पर, पिछले 35000 वर्षों में समुद्र स्तर की अस्थिरता को देखकर यह दल इस निष्कर्ष पर पंहुचा हैं.

दल ने अपने अध्ययन में यह पाया हैं की समुद्र के स्तर में 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से 20 सेमी की वृद्धि हुई हैं जो एक सीमा तक वैश्विक तापन और ध्रुवीय बर्फ के पिघलने की वजह से हुई. वैज्ञानिकों ने दावा किया की समुद्र का जल स्तर हजारों वर्षों से स्थिर बना हुआ था लेकिन वैश्विक औद्योगीकरण के बाद से, पिछले 150 वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि दर्ज की गई.

एएनयू से प्रोफेसर कर्ट लेमबेक ने कहा की ज्वार गेज से वर्तमान आंकड़ों की तुलना ऐतिहासिक आंकड़ों के साथ करने से हाल के दिनों में समुद्र का स्तर बढ़ने की बढ़ती हुई दर से पता चलता है.

अनुसंधान का आधार
वैज्ञानिकों का यह दल ब्रिटेन, उत्तर अमेरिका, ग्रीनलैंड और सेशेल्स से 1000 प्राचीन तलछट के नमूनों का अध्ययन करने के बाद अपने निष्कर्ष पर पहुंचा. इन अवसादों को पिछले दो दशकों में एकत्र किया गया और अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जलमग्न अवसादों जिनमें, वृक्ष की जड़ें और घोंघे के जीवाश्म रिकॉर्ड पिछले समुद्र स्तर को निर्धारित करने के लिए मापा गया था सम्मिलित हैं. इस अध्ययन को 12 सितंबर 2014 को प्रोसीडिंग्स ऑफ़ दा नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) में प्रकाशित किया गया.

आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन को वर्ष 2014 के सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंक गवर्नर का पुरस्कार दिया गया

16-OCT-2014

यूरोमनी पत्रिका ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंक का गवर्नर पुरस्कार-2014 (Euromoney's 'Central Bank Governor' of the year award) से सम्मानित किया. उन्हें यह पुरस्कार वॉशिंगटन में 10 अक्टूबर 2014 को दिया गया.
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार यूरोमनी ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की सख्त मौद्रिक नीति ने हाल में उभरते बाजारों के संकट के बीच घाटे में चल रही अर्थव्यवस्था को परेशानी में डालने वाली आंधी का मुकाबला किया है. अब वह एक अरब से अधिक लोगों के लिए एक सुस्त वित्तीय प्रणाली में तेजी लाने के लिए निहित स्वार्थो से लड़ रहे हैं.

रघुराम राजन उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने वर्ष 2005 में ही वर्ष 2008 के वित्तीय संकट की भविष्यवाणी कर दी थी.
केंद्र सरकार ने रघुराम राजन को सितंबर 2013 में 3 वर्ष के लिए भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था. रघुराम राजन ने जब पद संभाला था तब मई 2013 के मुकाबले देश की मुद्रा में 20 प्रतिशत गिरावट चल रही थी और देश 1991 के बाद दूसरे सबसे बड़े संकट से गुजर रहा था.

रघुराम राजन से संबंधित तथ्य 
• रघुराम राजन  का जन्म भारत के भोपाल में एक तमिल परिवार में 3 फरवरी 1963 को हुआ था. 
• रघुराम राजन एक अर्थशास्त्री हैं.
• रघुराम राजन ने वर्ष 1985 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री हासिल की. 
• रघुराम राजन ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमैंट अहमदाबाद से 1987 में एमबीए किया. 
• वर्ष 1991 में उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अर्थशास्त्र में पीएचडी प्राप्त किया, उनके लेख का शीर्षक "बैंकिंग पर निबंध" (एसेज़ ऑन बैंकिंग) था. 
• रघुराम राजन प्रधानमंत्री के मानद आर्थिक सलाहकार भी रहे हैं. 
• रघुराम राजन को अगस्त 2012 में कौशिक बसु के स्थान पर वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया.
• सितम्बर 2003 से जनवरी 2007 तक वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सबसे युवा आर्थिक सलाहकार और अनुसंधान निदेशक (मुख्य अर्थशास्त्री) थे. 
• रघुराम राजन को वर्ष 2003 के अमेरिकेन फाइनेंस एसोसिएशन द्वारा दिए जाने वाले फिशर ब्लैक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह सम्मान 40 से कम उम्र के अर्थशास्त्री के वित्तीय सिद्धांत और अभ्यास में योगदान के लिए दिया जाता है. 
• रघुराम राजन ने वर्ष 2005 में ही ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस की भविष्यवाणी की थी, जिसने वर्ष 2008 में दस्तक दी थी. 
• डॉक्टर रघुराम जी राजन भारतीय रिजर्व बैंक के दुसरे ऐसे गवर्नर बने जो कि सिविल सेवा से नहीं हैं. इससे पहले बिमल जालान ऐसे गवर्नर बने थे जो कि सिविल सेवासे नहीं थे.
• रघुराम राजन की पुस्तक, "सेविंग कैपिटलिस्म फ्रॉम कैपिटलिस्ट" वर्ष 2004 में प्रकाशित हुई. इसके सह लेखक प्रोफेसर लुईगी जिन्गैल्स थे. 
• रघुराम राजन की पुस्तक- फ़ॉल्ट लाइंस: हाउ हिडेन फ्रैक्चर स्टिल थ्रेटेन द वर्ल्ड (Fault Lines: How Hidden Fractures Still Threaten the World Economy) वर्ष 2010 में प्रकाशित हुई थी.

शक्तिशाली तूफान वोंगफोंग ने जापान को प्रभावित किया

15-OCT-2014

शक्तिशाली तूफान वोंगफोंग ने 13 अक्टूबर 2014 को जापान को प्रभावित किया. इस तूफान ने क्यूशू द्वीप के मकुराज़की में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं के साथ भूस्सखलन भी किया. शक्तिशाली तूफान वोंगफोंग वर्ष 2014 में जापान को प्रभावित करने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान था जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हुए थे.

शक्तिशाली तूफान वोंगफोंग की वजह से 300 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया और सैकड़ों हजारों लोगों को अपने घरों को खाली करना पड़ा था. यह अपने साथ ओकिनावा के दक्षिणी द्वीप तक भारी बारिश और भयंकर हवाओं को साथ लाया.

वोंगफोंग का कैंटोनीज़ में अर्थ ततैया होता हैं. वोंगफोंग ने गुआम सहित कई दक्षिण प्रशांत द्वीप समूह के ऊपर से गुजरने के माध्यम से शक्ति अर्जित की तथा इसको एक सुपर तूफान के रूप में वर्गीकृत किया.

इससे पहले अक्टूबर 2014 के पहले सप्ताह में, जापान शक्तिशाली तूफान फन्फोने द्वारा प्रभावित हुआ था जिसके कारण जापान की समाचार एजेंसी क्योडो के अनुसार कम से कम नौ लोगों की मौत हो गयी थी. इन मारे गए लोगों में ओकिनावा में तैनात तीन अमेरिकी सैनिक शामिल थे.

कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने वीजा प्रक्रिया को आसान बनाया

15-OCT-2014

भारतीय दूतावास ने कुवैत के नागरिकों के लिए और साथ ही कुवैत में रहने वाले प्रवासियों के लिए 12 अक्टूबर 2014 को कुवैत में वीजा प्रक्रिया को सरल बना दिया. इस निर्णय का उद्देश्य व्यापार, पर्यटन, चिकित्सा उपचार और अध्ययन के उद्देश्यों के लिए भारत की यात्रा बढ़ाना है. दूतावास आपातकालीन स्थिति के मामलों में और सभी राजनयिकों या विशेष पासपोर्ट धारकों के लिए सीधे वीजा आवेदनों को स्वीकार करना जारी रखेंगे.

दूतावास पहले से ही, पांच वर्षोँ और एक वर्ष का व्यापार वीजा (एकाधिक प्रवेश), एक वर्ष चिकित्सा वीजा (एकाधिक प्रवेश) और कुवैत में कुवैती नागरिकों और प्रवासियों के के लिए छह महीने के पर्यटक वीजा (एकाधिक प्रवेश) जारी करता रहा है जिससें वे अपनी सुविधा के अनुसार व्यापार, पर्यटन, चिकित्सा उपचार के लिए भारत का दौरा कर सकते हैं. दूतावास ने इस वर्ष पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक 10 हजार वीजा जारी किए हैं, पिछले वर्ष 7,600 वीजा जारी किए गए थे.

कुवैत और भारत के संबंध
भारत और कुवैत में परंपरागत मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं जो इनकें साझा इतिहास में निहित हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. भौगोलिक निकटता, ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध, सांस्कृतिक समानताएं और भारतीय प्रवासियों की एक बड़ी संख्या की उपस्थिति निरंतर जारी हैं और लंबे समय से चली आ रही रिश्ते को पोषित कर रही है. भारत कुवैत का एक प्राकृतिक व्यापारिक भागीदार और उच्च शिक्षा के लिए एक गंतव्य है. वर्ष 1961 तक, भारतीय रुपया कुवैत में कानूनी निविदा था.

कुवैत को भारत से निर्यात प्रमुख मद एक विस्तृत श्रृंखला को सम्मिलित करता हैं जिसमें खाद्य पदार्थ, अनाज, कपड़ा, वस्त्र, बिजली और इंजीनियरिंग उपकरण, कार, ट्रक, बस, टायर, रसायन, आभूषण, हस्तशिल्प, धातु उत्पाद, लोहा व स्टील आदि मद सम्मिलित हैं. वहीं दूसरी तरफ कुवैत, सऊदी अरब और इराक के बाद भारत को कच्चे तेल का एक विश्वसनीय और तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है.

भारत धरोहर अनुसंधान प्रतिष्ठान ने हिंदू धर्म के विश्वकोश के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का विमोचन किया

15-OCT-2014

भारत धरोहर अनुसंधान प्रतिष्ठान ने हिंदू धर्म के विश्वकोश के अंतरराष्ट्रीय संस्करण को 10 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली में जारी किया. विश्वकोश को भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के द्वारा जारी किया गया. इसमें लगभग 11 संस्करण और लगभग 7000 प्रविष्टियों का समावेशन हैं. विश्वकोश का उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व को प्राचीन भारत की समृद्धि और कालातीत हिन्दू संस्कृति व विरासत को प्रदर्शित करना हैं, जो की प्रामाणिक, शैक्षिक, व्यापक और ज्ञानवर्धक हैं.
विश्वकोश की प्रविष्टियों को सुविधाजनक रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में से तैयार किया गया जिनमें कला, वैश्विक संदर्भ में हिंदू धर्म, महिलाओं से जुड़े मुद्दे, हिंदू अध्ययन में छात्रवृत्तियां, आध्यात्मिक विषय, सामाजिक संस्थायें और आंदोलन, विज्ञान, धर्म और आध्यात्मिकता, राजनीति, दर्शन, भाषा और साहित्य, इतिहास, इतिहास लेखन और भूगोल प्रमुख है.

हिंदू धर्म के विश्वकोश के विषय क्षेत्रों को स्पष्टतापूर्वक और प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत किया गया जो हिंदू धर्म के विशाल परिदृश्य को सम्मिलित करता हैं एवं विश्व की सबसे पुरानी जीवित आध्यात्मिक परंपरा का एक विश्वासयोग्य अभिलेख प्रस्तुत करता है. इस परियोजना को स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी और अन्य आध्यात्मिक नेताओं के नेतृत्व में स्थापित, निर्देशित, प्रेरित किया गया एवं यह विश्व भर में 1000 से अधिक सम्मानित विद्वानों के अथक परिश्रम का उत्पाद है. विश्वकोश को मंडला अर्थ पब्लिकेशन्स जोकि कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रमुख प्रकाशक हैं से प्रकाशित एवं साउथ कैरोलिना विश्वविद्यालय में कई वर्षों तक संकलित एवं संपादित किया गया. 
पहला विश्वकोश ब्रिटैनिका विश्वकोश था और कुछ अन्य विश्वकोश में कुछ फ्रेंच और जर्मन हैं अन्य में यहूदी विश्वकोश, धर्म और नैतिकता का विश्वकोश, सामाजिक विज्ञान का विश्वकोश जिसको सामाजिक और व्यवहार विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय विश्वकोश द्वारा प्रतिस्थापित किया गया आदि हैं.

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मैत्रेयी अंतरराष्ट्रीय विजिटिंग प्रोफेसरशिप का आरंभ किया

15-OCT-2014

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नई दिल्ली में 11 अक्टूबर 2014 को मैत्रेयी अंतरराष्ट्रीय विजिटिंग प्रोफेसरशिप का आरंभ किया. यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित हैं. इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष विश्व भर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के 12 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विद्वानों को भारत आमंत्रित किया जाएगा. वे तीन-तीन वार्ताएं स्कूल, कॉलेज और अनुसंधान संस्थान में प्रस्तुत करेंगे.

वार्ता के वीडियो संस्करण हिंदी व अंग्रेजी और संभवतः कई अन्य भारतीय भाषाओं में रिकार्ड किए जाएंगे. राज्यसभा टेलीविजन पर विजिटिंग प्रोफेसर के साथ लाइव वेब विचार-विमर्श सत्र आयोजित करने का भी प्रावधान है. इन को रिकॉर्ड कर विश्व भर के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जाएगा. प्रत्येक वर्ष विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसरों के साथ 36 वार्ताएं और 12 टीवी/रेडियो विचार-विमर्श से विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों के समृद्ध विचारों को सुलभ रूप से भारत के सामने लायेंगे.

वार्ता की रिकॉर्डिंग विश्व स्तर पर सुलभ रहेगी जो सम्पूर्ण विश्व को ज्ञान प्रदान करेगी. विश्व भर के साथ ज्ञान साझा करने से युवाओं को ज्ञानवान बनाने और ज्ञान को परिवर्तन का एजेंट बनाने की मैत्रेयी की इच्छा पूर्ण हो सकेगी.

पृष्ठभूमि
मैत्रेयी नाम ऋषि याज्ञवल्क्य के महाकाव्य जिसमें उसकीं दो पत्नियां मैत्रेयी और कात्यायनी थी से लिया गया. याज्ञवल्क्य जब वानप्रस्थ लिए कामना करते हैं और इस प्रकार अपनी संपत्ति को अपनी दोनों पत्नियों के बीच विभाजित करते हैं. मैत्रेयी याज्ञवल्क्य से पूछती हैं की क्या वह इस धन के माध्यम से अमर हो सकती  है, याज्ञवल्क्य कहता हैं की धन के माध्यम से वह कई धनवानों लोगों के बीच से एक बन सकती हैं लेकिन वह ज्ञान हैं जो किसी को भी अमर बना सकता हैं. इस प्रकार मैत्रेयी ने अपनी संपत्ति का हिस्सा लेने से मन कर दिया और याज्ञवल्क्य से ज्ञान प्राप्त करने का तरीका सिखाने और उसके द्वारा अमरत्व को प्राप्त करने के बारे में शिक्षा ग्रहण की.

विश्वभर में तीसरा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया

15-OCT-2014

11 अक्टूबरअंतरराष्ट्रीयबालिकादिवस

विश्वभर में तीसरा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (आईडीजीसी) 11 अक्टूबर 2014 को मनाया गया. जिसका विषय ‘किशोरियों का सशक्तीकरण: हिंसा के चक्र की समाप्ति था. आईडीजीसी द्वारा इस विषय का चयन किशोरावस्था के दौरान किशोरियों को सशक्त बनाने और उनके द्वारा अनुभव किये जा रहे हिंसा के विभिन्न रूपों को समाप्त करने के महत्व के कारण किया गया.

इस दिन सरकारें, संयुक्त राष्ट्र संघ, नागरिक समाज, सार्वजनिक और निजी संस्थानों का आव्हान किया जाता हैं की वो सब मिलकर कार्य करें एवं और किशोर लड़कियों के खिलाफ हिंसा के इस अभिशाप को समाप्त करने व उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि निम्न कार्यों से करें.

  • किशोरियों को परिवार, स्कूल, तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक समर्थन प्रणाली के माध्यम से कौशल पूर्ण बनाने के लिए, आत्मविश्वास, और जीवन विकल्प प्रदान करने में सहायता प्रदान करें.
  • बुनियादी सुविधाओं, सेवाओं, और लड़कियों के लिए सुलभ प्रौद्योगिकी बनाने साथ ही सुरक्षा, संपर्क और गतिशीलता के लिए उनकी जरूरतों को पूरा करने में प्रभावी सुविधाओं को प्रदान करने में सहायता.
  • किशोरियों को नागरिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में नियुक्ति करके आगे बढ़ाने में मदद करके.
  • लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को निजी और सार्वजनिक कार्यक्षेत्र दोनों में अस्वीकार्य बनाने और पक्षसमर्थक बनने को जारी रखकर.
  • किशोरियों के सशक्तिकरण और हिंसा के संबंध में आंकड़ों, माप और साक्ष्य के आधार को और मजबूत बनाना.
  • भारत में आईडीजीसी के एक भाग के रूप में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर विचारों को आमंत्रित किया साथ ही भारत के लोगों से बालिकाओं के लिए समानता का एक माहौल बनाने के लिए प्रतिज्ञा करने व भारत में लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान किया.

अंतरराष्ट्रीयबालिकादिवसकेबारेमें
संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2011 में एक प्रस्ताव पारित किया और किशोरियों के अधिकारो को बढ़ावा देने के लिए व उनके द्वारा सामना की जा रही अद्वितीय चुनौतियों के समाधान के लिए 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में नामित किया.

  • आईडीजीसी इस निर्विरोध तथ्य की और कि विश्व में प्रत्येक जगह लड़कियों से किसी न किसी प्रकार का भेदभावपूर्ण व्यव्हार किया जाता हैं की ओर ध्यान आकर्षित करना है.
  • पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन वर्ष 2012 में बाल विवाह की समाप्ति विषय पर किया गया था जबकि दूसरा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन वर्ष 2013 में किया गया था जिसका विषय बालिका शिक्षा के लिए नवाचार था.

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 3200 करोड़ रुपए कर मामले में वोडाफोन के पक्ष में फैसला सुनाया

15-OCT-2014

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 3200 करोड़ रुपए कर विवाद मामले में वोडाफोन के पक्ष में 10 अक्टूबर 2014 को फैसला सुनाया. यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह की अध्यक्षता में बॉम्बे उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दिया. अपने फैसले में अदालत ने कहा की वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (VISPL) पर 3200 करोड़ रुपए कर लगाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता क्योंकि यह मामला ट्रांसफर प्राइसिंग से संबंधित नहीं है.

अदालत ने आगे कहा कि शेयर जारी करने से कोई कर योग्य आय उत्पन्न नहीं हो रही हैं. शेयरों के जारी करने से प्राप्त शेयर प्रीमियम कर योग्य नहीं है. इसलिए, वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 3200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कर राशि का भुगतान करने को उत्तरदायी नहीं हैं. 
मामले के बारे में
यह आदेश आयकर विभाग द्वारा वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (VISPL) पर लगाये गए 3200 करोड़ रुपए के कर के मामले से उपजा है. आयकर विभाग ने वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर करारोपण इस आधार पर किया था की वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2009-10 के लिए अपनी विदेशी होल्डिंग कंपनी को कम प्रीमियम कीमत पर शेयर जारी किए. चूंकि, वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शेयरों के तहत कम मूल्य निर्धारण ट्रांसफर प्राइसिंग से पूर्ण किया गया था और इसलिए यह प्रीमियम की कमी पर कर के भुगतान को करने के लिए उत्तरदायी था. इसके परिणाम के रूप में आईटी विभाग ने 17 जनवरी 2014 को वोडाफोन इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

वोडाफोन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, आयकर विभाग को चुनौती दी तथा तर्क दिया की शेयरों के जारी करने से प्राप्त शेयर प्रीमियम कर योग्य नहीं हैं क्योंकि इस लेनदेन से कोई आय नहीं हुई.

टिप्पणी
इस फैसले से दर्जनों अन्य कंपनियों को राहत मिलेंगी जो आईटी विभाग के साथ इसी तरह का ट्रांसफर प्राइसिंग से संबंधित कर मामलों में लड़ रही है साथ ही यह निर्णय व्यापार और देश में विदेशी निवेशक की भावनाओं को बेहतर बनाने में मदद करेगा. वोडाफोन इंडिया के अतिरिक्त शेल इंडिया मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड और लीटन इंडिया कांट्रेक्टर प्राइवेट लिमिटेड भी आईटी विभाग द्वारा इसी तरह का कारण बताओ नोटिस और तथाकथित ट्रांसफर प्राइसिंग के आदेश के खिलाफ अदालत में गयी.

ट्रांसफर प्राइसिंग क्या हैं?
ट्रांसफर प्राइसिंग समूह कंपनियों जो की विभिन्न देशों में स्थित हैं के आर्म लेंग्थ लेनदेन के लिए मूल्य निर्धारण से संबंधित हैं, जो यह सुनिश्चित करता हैं की एक उचित मूल्य जो एक असंबंधित पक्ष द्वारा लिया जाता हैं वसूला जाये.

उपन्यास ‘द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ' के लिए रिचर्ड फ़्लैनागन मैन बुकर पुरस्कार-2014 से पुरस्कृत

15-OCT-2014

द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ': रिचर्ड फ़्लैनागन 
‘द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ' (The Narrow Road to the Deep North) नामक पुस्तक ऑस्ट्रेलियाई लेखक रिचर्ड फ़्लैनागन (Richard Flanagan) द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखित एक उपन्यास है. इस उपन्यास के लिए लेखक रिचर्ड फ़्लैनागन को वर्ष 2014 के मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) से पुरस्कृत किया गया. उन्हें यह पुरस्कार लंदन के गिल्डहाल में एक समारोह में डचेस ऑफ कॉर्नवाल में 14 अक्टूबर 2014 को प्रदान किया गया.

द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ' (The Narrow Road to the Deep North) तस्मानिया में जन्में 53 वर्षीय रिचर्ड फ्लैनागन का छठा उपन्यास है, जिसकी कथा वस्तु द्वितीय विश्वयुद्ध में थाइलैंड- बर्मा डेथ रेलवे के निर्माण के दौरान के कालखंड के घटनाक्रमों को समेटे हुए है.
मैन बुकर पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष एसी ग्रेलिंग ने इस उपन्यास को 'एक शानदार प्रेम कथा और साथ ही मानवीय पीड़ा और साहस की अद्भुत गाथा' बताया. चयन समिति ने कहा कि यह उपन्यास इस युद्ध में फंसे सभी लोगों के संबंध में बताती है कि उन्हें इसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी.

उपन्यास ‘द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ' नायकवाद के अर्थ पर सवाल उठाते हुए उन वजूहात को तलाशती है, जो किसी को भी नृशंसता की चरम सीमाओं को पार करने वाली गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करती है. यह सवाल उठाती है कि क्यों कोई इंसान हैवानियत की सारी सीमाओं के परे चला जाता है. इसमें यह भी बताया गया है कि ऐसी नृशंसता के शिकार न केवल पीड़ित, बल्कि उन्हें अंजाम देने वाले भी होते हैं.
विदित हो कि जिस दिन रिचर्ड फ्लैनागन ने अपने इस उपन्यास की अंतिम पंक्ति को पूरा किया, उसी दिन उनके 98-वर्षीय पिता का निधन हो गया. वह स्वयं रेलवे की त्रासदी से जिंदा बचे लोगों में शामिल थे. इस रेलवे का निर्माण वर्ष 1943 में युद्धबंदियों और बंधुआ मजदूरों ने किया था.

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नार्वे की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा संपन्न

15-OCT-2014

नार्वे के नरेश हेराल्‍ड V के निमंत्रण पर भारत के राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नार्वे की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा 14 अक्‍टूबर 2014 को संपन्न हुई. भारत के किसी राष्‍ट्राध्‍यक्ष द्वारा की जाने वाली यह नार्वे की पहली राजकीय यात्रा है.
इस यात्रा के दौरान भारत एवं नार्वे के बीच आपसी रिश्तों को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से ‘कूटनीतिक तथा आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा में छूट देने’ सहित कुल 13 समझौतों पर राजधानी ओस्लो में हस्ताक्षर किए गए. जो निम्नलिखित हैं.

1. राजनयिक एवं आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा की आवश्‍यकता से छूट पर करार
यह करार दोनों देशों के भू-भाग में रहने वाले राजनयिक एवं आधिकारिक पासपोर्ट धारकों की यात्रा में सुगमता प्रदान करके द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
2. भारत के संस्‍कृति मंत्रालय तथा नार्वे के मंच संग्रहालय के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्‍य दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सांस्‍कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने और बढ़ाने, एक दूसरे के देश के लोगों की परस्‍पर समझ को गहन करने तथा सांस्‍कृतिक सहयोग एवं आदान – प्रदान को बढ़ावा देने के लिए संस्‍थाओं की परस्‍पर इच्‍छा को प्रेरित करना है.
3. पृथ्‍वी प्रणाली विज्ञान के क्षेत्र में पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) तथा नार्वेजियाई अनुसंधान परिषद (आरसीएन) के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का प्रयोजन व्‍यवस्‍थाओं एवं आपसी समझ को सुकर बनाना है जिससे पृथ्‍वी प्रणाली विज्ञान के क्षेत्र में गतिविधियों एवं प्रगति का भारत और नार्वे के बीच सहयोग एवं समन्‍वय स्‍थापित हो. इसका उद्देश्‍य पृथ्‍वी विज्ञान एवं सेवाओं में सुधार तथा विकास की प्रगति को सहायता प्रदान करने के लिए वैज्ञानिक संसाधनों, कार्मिकों एवं तकनीकी ज्ञान के आदान – प्रदान को अनुमति प्रदान करना है.

4. आईआईटी कानपुर और एनटीएनयू के बीच समझौता ज्ञापन 
इस एमओयू का उद्देश्‍य अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर और एनटीएनयू के बीच और सहयोग को बढ़ावा देना है.
5. आईआईएसईआर, तिरूवनंतपुर तथा एसआईएनटीईएफ सामग्री एवं रसायनशास्‍त्र के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्‍य दोनों संस्‍थाओं के बीच संबंधों में वृद्धि करना और शिक्षा, अनुसंधान के क्षेत्रों में तथा अन्‍य गतिविधियों में शैक्षिक एवं सांस्‍कृतिक आदान – प्रदान विकसित करना और उच्‍च शिक्षा के अंतरिकीकरण की दिशा में सहयोग करना एवं काम करना है.
6. ओस्‍लो विश्‍वविद्यालय और हैदराबाद विश्‍वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन 
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य दोनों विश्‍वविद्यालयों के बीच संबंधों में वृद्धि करना, शिक्षा, अनुसंधान तथा अन्‍य गतिविधियों के क्षेत्रों में शैक्षिक एवं सांस्‍कृतिक आदान – प्रदान को विकसित करना और उच्‍च शिक्षा के आंतरिकीकरण की दिशा में काम करना है.
7. डीआरडीओ, तथा नार्वेजियाई रक्षा अनुसंधान स्‍थापना (एफएफआई), के बीच मंशा वक्‍तव्‍य (एसओआई)
यह सेमिनारों, सम्‍मेलनों, कार्यशालाओं के आयोजन तथा संगत सूचनाओं के आदान – प्रदान के माध्‍यम से रक्षा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में सहयोग के लिए अवसरों का पता लगाने के संबंध में दोनों संस्‍थाओं की मंशा की घोषणा करता है.
8. आईआईएसईआर, तिरूवनंतपुरम तथा ऊर्जा प्रौद्योगिकी संस्‍थान के बीच एमओयू
दोनों संस्‍थाएं वैज्ञानिक सहयोग के लिए एक रूपरेखा स्‍थापित करने पर सहमत हुई हैं जिसका उद्देश्‍य आपसी हित के क्षेत्रों में शैक्षिक आदान – प्रदान तथा अनुसंधान एवं विकास के संबंध में सहयोग के अवसरों का पता लगाकर अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों में शैक्षिक एवं सांस्‍कृतिक आदान – प्रदान विकसित करने के लिए संबंधों में वृद्धि करना है.
9. ओस्‍लो विश्‍वविद्यालय तथा कानपुर विश्‍वविद्यालय के समझौता ज्ञापन 
यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) दोनों संस्‍थाओं के बीच शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा जिसमें सहयोगात्‍मक अनुसंधान की गतिविधियां, व्‍याख्‍यान, गोष्‍ठी, विद्वानों, शोध छात्रों, छात्रों का आदान – प्रदान तथा ऐसे क्षेत्रों में सूचना एवं सामग्रियों का आदान – प्रदान शामिल है जिसमें दोनों पक्षों की रूचि हो.
10. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और एसआईएनटीईएफ के बीच एमओयू
यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) दोनों पक्षों के आपसी हित के क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग के विस्‍तार एवं संवर्धन को समर्थन प्रदान करेगा.

11. भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नार्वेजियाई अनुसंधान परिषद (आरसीएन) के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का मुख्‍य प्रयोजन आपसी हित के स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े अनेक क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्‍साहित करने के लिए स्‍वस्‍थ अनुसंधान संबंध स्‍थापित करना है जिसमें मानव टीका, संक्रामक रोग तथा एंटी माइक्रोबियल प्रतिरोधकता शामिल है.
12. आईआईटी कानपुर और एनआईएलयू के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्‍यम से दोनों संस्‍थाएं आपसी हित के शैक्षिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के रूप में सहयोग की गतिविधियां तैयार करने तथा परियोजनाओं के वित्‍त पोषण के माध्‍यम से शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सहयोग करने के लिए सहमत हुई हैं.
13. हैदराबाद विश्‍वविद्यलाय तथा बर्गेन विश्‍वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन 
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्‍य दोनों विश्‍वविद्यालयों के बीच संबंधों में वृद्धि करना तथा शिक्षा, अनुसंधान एवं अन्‍य गतिविधियों के क्षेत्रों में शैक्षिक एवं सांस्‍कृतिक आदान – प्रदान को विकसित करना है तथा दोनों विश्‍वविद्यालय उच्‍च शिक्षा के आंतरिकीकरण की दिशा में कार्य करने के लिए सहमत हुए हैं.

कवि राजनयिक अभय के. एशिया प्रशांत उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित

15-OCT-2014

कवि राजनयिक अभय के. को अपनी कविताओं और लेखों में स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों लिए साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए 11 अक्टूबर 2014 को काठमांडू में सम्मानित किया गया. अभय ने पृथ्वी गान और सार्क गीत की भी रचना की.

इस अवसर पर प्रख्यात वकील मिथिलेश कुमार सिंह, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बसंत कुमार गौतम, पूर्व कानून निर्माता और भोजपुरी कवि गोपाल ठाकुर और द्वारिका होटल के मालिक श्रीमती अंबिका श्रेष्ठ, नेपाल के पूर्व राजदूत जापान डॉ. विष्णु हरि नेपाल और उद्यमी श्रीमती भवानी राणा को सम्मानित किया गया. पुरस्कार समारोह शांति और विकास हेतु नेपाल भारत फोरम के सहयोग से नेपाल के काठमांडू में आयोजित किया गया.

अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता परिषद के बारे में
अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता परिषद डॉ भीष्म नारायण सिंह, महान गांधीवादी और पूर्व राज्यपाल और भारत के केंद्रीय मंत्री की भागीदारी के तहत संगठन है.
अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन राष्ट्रीय एकता के जन आंदोलन के लिए कार्य करता है और राष्ट्रीय एकता अखंडता की आवश्यकता हेतु सम्मेलन, सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करता है.
पृथ्वी गान के बारे में 
पृथ्वी गान विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जून 2013 में शुरू किया गया था. यह कवि राजनयिक अभय के द्वारा लिखी गई थी. 
पृथ्वी गान ग्रह पृथ्वी और वनस्पतियों और जीव सहित उसके निवासियों के लिए एक संगीत रचना है.

59वें राष्ट्रीय रेल पुरस्कार समारोह का आयोजन

15-OCT-2014

भारतीय रेल ने 10 अक्टूबर 2014 को अपना 59वां वार्षिक रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार 2014 समारोह आयोजित किया. केंद्रीय रेल मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने 132 रेल कर्मियों को देश के लिए उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया. पुरस्कार समारोह बंगलौर में आयोजित किया गया और डीवी सदानंद गौड़ा मुख्य अतिथि थे. केंद्रीय रेल मंत्री ने हरीश कंवर को राष्ट्रीय रेल पुरस्कार से सम्मानित किया. रीश कंवर रेलवे बोर्ड में उप निदेशक है.
हरीश कंवर को पीरपंजाल सुरंग के निर्माण में योगदान दिया है.

रेलमंत्री ने टैफिक ट्रांसपोर्टेशन एवं स्वास्थ्य प्रबंधन पुरस्कार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर को प्रदान किया. इसी प्रकार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 9 कर्मचारियों एवं 1 अधिकारी को रेलमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पुरस्कार पाने वाले अधिकारी वर्ग में मनीष सदानंद बापट, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता, भिलाई शामिल थे.
पीरपंजाल रेलवे सुरंग सुरंग के बारे में 
पीरपंजाल रेलवे सुरंग या बनिहाल रेलवे सुरंग भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के बनिहाल शहर के उत्तर में मध्य हिमालय की पीर पंजाल रेंज में स्थित 11.215 किमी रेलवे सुरंग है.

उपराष्ट्रपति ने 'अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियन पब्लिक सेक्टर' पुस्तक का विमोचन किया

15-OCT-2014

'अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियन पब्लिक सेक्टर' : डॉ. यू.डी.चौबे
उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने स्कोप के महानिदेशक डॉ. यू.डी.चौबे (Dr. U. D. Chaubey) द्वारा लिखी गयी पुस्तक 'अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियन पब्लिक सेक्टर' (Untold Story of Indian Public Sector) का विमोचन 14 अक्टूबर 2014 को किया.

लेखक ने सार्वजनिक क्षेत्र के माहौल और कामकाज के बारे में जो कुछ भी अनुभव किया है उसकी स्पष्ट तस्वीर इस पुस्तक में प्रस्तुत की है. यह पुस्तक सार्वजनिक क्षेत्र के कामकाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती है.

गौतम रॉय सीपीसीएल के नए प्रबंध निदेशक नियुक्त

15-OCT-2014

गौतम रॉय चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) के नए प्रबंध निदेशक (एमडी) 14 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किए गए. गौतम रॉय की नियुक्ति पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई. गौतम रॉय ने नया पद संभालने से पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया. गौतम रॉय को 31 मई 2014 को सेवानिवृत्त हुए बसु के स्थान पर नियुक्त किया गया. जून 2014 के बाद से सीपीसीएल के प्रबंध निदेशक का प्रभार सीपीसीएल के निदेशक एस वेंकटरमण के पास था.

चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) 
•    चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) भारतीय राज्य के स्वामित्व वाली तेल और गैस निगम है.
•    इसका मुख्यालय चेन्नई में स्थित है.
•    सीपीसीएल को पूर्व मद्रास रिफाइनरीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. यह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी है. 
•    सीपीसीएल में प्रतिवर्ष 11.5 लाख टन की संयुक्त शोधन क्षमता के साथ दो रिफाइनरी है. 
•    कंपनी को वर्ष 1994 में सार्वजनिक किया गया. 
•    आईओसी ने वर्ष 2000-01 में सीपीसीएल में सरकारी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया और वर्तमान में आईओसी के पास 51.89 प्रतिशत शेयर हैं जबकि निको के पास शेयरों का 15.40 प्रतिशत हिस्सा है.
•    सीपीसीएल का गठन वर्ष 1965 में भारत सरकार, अमोको और नेशनल ईरानियन ऑयल कंपनी (NIOC) के बीच क्रमश 74:13:13 के शेयर अनुपात में संयुक्त उद्यम के रूप में किया.

मैन बुकर पुरस्कार-2014

15-OCT-2014

ऑस्ट्रेलियाई लेखक रिचर्ड फ़्लैनागन (Richard Flanagan) को वर्ष 2014 का मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) प्रदान किया गया. रिचर्ड फ़्लैनागन को यह पुरस्कार उनके उपन्यास ‘द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ' के लिए दिया गया. उन्हें यह पुरस्कार लंदन के गिल्डहाल में एक समारोह में डचेस ऑफ कॉर्नवाल में 14 अक्टूबर 2014 को प्रदान किया गया.
‘द नैरो रोड टू द डीप नॉर्थ' रिचर्ड फ्लैनागन का छठा उपन्यास है, जिसकी कथा वस्तु द्वितीय विश्वयुद्ध में थाइलैंड- बर्मा डेथ रेलवे के निर्माण के दौरान के कालखंड के घटनाक्रमों को समेटे हुए है.

ब्रिटेन का सबसे मशहूर साहित्य पुरस्कार जीतने वाले रिचर्ड फ्लैनागन तीसरे ऑस्ट्रेलियाई लेखक हैं. इससे पहले वर्ष 1982 में थॉमस कीनेली और पीटर कैरी को दो बार वर्ष 1988 और वर्ष 2001 में यह पुरस्कार मिल चुका है.
पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए अन्य लेखकों में भारतीय मूल के ब्रितानी लेखक नील मुखर्जी जिनका उपन्यास ‘द लाइव्स आफ अदर्स’ और हॉवर्ड जेकबसन भी शामिल थे.

मैन बुकर पुरस्कार 
मैन बुकर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी. इस पुरस्कार के तहत विजेता को 60 हज़ार पाउण्ड की राशि दी जाती है.
मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन (अंग्रेजी: Man Booker Prize for Fiction) जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है, राष्ट्रमंडल या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए प्रति वर्ष दिया जाता है.
इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है. पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था.
वर्ष 2008 का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया. अरविन्द अडिग को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है (अन्य लेखक - वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रशदी और किरन देसाई) और कुल 9 पुरस्कार विजेता उपन्यास ऐसे हैं जिनका कथानक भारत या भारतीयों से प्रेरित है.

वर्ष 2013 के मैन बुकर पुरस्कार में भारत 
भारतीय-अमेरिकी लेखिका झुंपा लाहिरी की द लोलैंड को भी पुरस्कार के लिए  चयनित पुस्तकों की अंतिम दौड़ में जगह मिली.
वर्ष 2013 के निर्णायकों ने भारतीय मूल की अमेरिकी लेखिका झुंपा लाहिड़ी की रचना ‘‘द लोलैंड’’ की भी प्रशंसा की. ‘‘द लोलैंड’’ 1960 के दशक के आखिर में कोलकाता में पले बढ़े दो भाईयों की कहानी है. इनका जन्म लंदन में हुआ था.
मैन बुकर पुरस्कार और मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार में अंतर 
यह पुरस्कार मैन बुकर पुरस्कार, मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से अलग है. मैन बुकर पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी एक कथा (Fiction) हेतु दिया जाता है जबकि  मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जिसने विश्व स्तर पर उपन्यास के क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त की हों. इस पुरस्कार को प्रत्येक दूसरे वर्ष दिया जाता है.

वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 मैच के लिए भारतीय टीम की घोषणा

14-OCT-2014

वेस्टइंडीज के खिलाफ कटक (उड़ीसा) में 22 अक्टूबर 2014 को खेले जाने वाले टी-20 मैच के लिए भारतीय टीम की घोषणा 14 अक्टूबर 2014 को की गई. घोषित की गई टीम में नए खिलाड़ी के तौर पर मनीष पांडे, संजू सैमसन और स्टूअर्ट बिन्नी को जगह दी गई.

घोषित किये गए भारतीय टी-20 टीम के खिलाड़ियों के नाम
महेन्द्र सिंह धौनी (कप्तान), शिखर धवन, आजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, सुरेश रैना, स्टूअर्ट बिन्नी, रविन्द्र जडेजा, अक्षर पटेल, करन शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, मो. शमी, संजू सैमसन, मनीष पांडे, उमेश यादव.

जैव दाह संस्कारः मानव शरीर के पर्यावरण के अनुकूल दाह संस्कार का विकल्प

14-OCT-2014

जैव दाह संस्कार की खबर हाल ही में सुर्खियों में रही, क्योंकि बेल्जियम और नीदरलैंड जैसे कुछ देश दाह संस्कार के इस विधि को वैध बनाने की योजना बना रहे हैं. अब तक, इसे (जैव दाह संस्कार को)  सिर्फ अमेरिका और कनाडा ने ही कानूनी रूप दिया है. वर्ष 2011 में फ्लोरिडा दाह संस्कार घर, जैव दाह संस्कार करने वाला दुनिया का पहला स्थान बना था और तब से अब तक अमेरिका के 3000 से ज्यादा लोगों ने दाह संस्कार की इस प्रक्रिया को चुना है.

जैव दाह संस्कार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानव शरीर को राख की बजाए तरल में बदलना सुनिश्चित किया जाता है. इस प्रक्रिया को रासायनिक हाइड्रोलिसिस के रूप में भी जाना जाता है. यह शरीर के अंतिम संस्कार के लिए मौजूद प्रवृत्ति के विपरीत एक पर्यावरण अनुकूल विकल्प है.

प्रक्रिया
फिलहाल, देश में मृत शरीर का कानूनी रूप से दाह संस्कार सिर्फ दफानाकर या जलाकर किया जा सकता है. जैव दाह संस्कार प्रौद्योगिकी में आग के प्रयोग की जगह पानी का प्रयोग किया जाता है, और इसे पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (केओएच) के क्षार सॉल्यूशन के साथ मिलाया जाता है.

 

प्रक्रिया में मृत मानव शरीर के दाह संस्कार के लिए आग या जीवाश्म ईंधन की बजाए 95 फीसदी पानी और 5 फीसदी  क्षार का इस्तेमाल किया जाता है. मृत शरीर को स्टेनलेस स्टील के दाह संस्कार चैम्बर में रखा जाता है जहां पानी (95 फीसदी), और क्षार (5 फीसदी)  होता है, इसमें ताप और दबाव दिया जाता है. जैव दाह संस्कार के इस संयोजन को शरीर को धीरे– धीरे हड्डियों के टुकड़ों में बदलने और फिर रोगाणुहीन घोल (स्टेराइल सॉल्यूशन) में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. औसतन एक वयस्क शरीर के जैव दाह संस्कार में 2–3 घंटे का वक्त लगता है. दाह संस्कार चक्र के पूरा होने पर, हड्डियों को सुखा लिया जाता है और उसे पाउडर में बदला जाता है जिसे फिर संबंधित परिवार को वापस दे दिया जाता है

श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने कोलंबो से जाफना को जोड़ने वाली रेल सेवा का उद्घाटन किया

14-OCT-2014

श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने कोलंबो से जाफना को जोड़ने वाली रेल सेवा का 13 अक्टूबर 2014 को उद्घाटन किया. तमिल गृहयुद्ध के समाप्त होने के पांच वर्ष बाद भारत की मदद से इस सेवा को बहाल किया गया.  इस रेललाइन का निर्माण भारतीय रेलवे की निर्माण कंपनी इरकान ने भारत द्वारा श्रीलंका को दिए गए 4899 करोड़ रुपए (80 करोड़ डॉलर) के रियायती ऋण से किया. इस रेलमार्ग की लंबाई 400 किमी है. ‘क्वीन ऑफ जाफना’ यह सफर 6 घंटे में तय करेगी.

लाभ 
कोलंबो जाफना रेल लाइन के शुरू होने से इस युद्ध ग्रस्त क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी. भारत ने इस तमिल बहुल क्षेत्र में हुए विकास के लिए भरपूर सहयोग दिया.  भारत यहां पर विस्थापित लोगों के लिए पचास हजार घर बनवा रहा है. जाफना में एक अति त्याधुनिक सांस्कृतिक केन्द्र और एक औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण भी कर रहा है.

क्यों बंद की गई थी यह ट्रेन?
लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के विद्राही इस ट्रेन को निशाना बनाते थे क्योंकि जाफना में रहने वाले सैनिक इसी ट्रेन से अपने घर जाते थे. जनवरी 1985 में विद्रोहियों ने इस ट्रेन पर सबसे बड़ा हमला किया था. इसमें 22 सैनिकों और 11 नागरिकों की मौत हो गई और 44 से अधिक घायल हुए थे. यह श्रीलंकाई सेना पर विद्रोंहियों का सबसे बड़ा हमला था. इसके बाद हालात और बिगड़े तो 5 साल बाद 1990 में क्वीन ऑफ जाफना को बंद कर दिया गया. 25 वर्ष के श्रीलंकाई गृहयुद्ध में दोनों पक्षों के 1 लाख से अधिक लोग मारे गए.
विदित हो कि श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान वर्ष 1990 में इसे बंद कर दिया गया था. महात्मा गांधी ने वर्ष 1927 में एक बार इस रेललाइन पर यात्रा की थी. 
जाफना उत्तरी श्रीलंका में स्थित है. यह तमिल बहुल वाला क्षेत्र है.

खालिद बहाह यमन के प्रधानमंत्री नियुक्त

14-OCT-2014

खालिद बहाह को यमन का प्रधानमंत्री 13 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किया गया. खालिद बहाह को राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी ने नियुक्त किया. नियुक्ति के समय बहाह संयुक्त राष्ट्र में यमन गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि सेवारत थे. यह नियुक्ति सितम्बर 2014 में होथि और राष्ट्रपति मंसूर हादी के बीच हस्ताक्षरित सत्ता बंटवारे समझौते के तहत हुई. इस समझौते का उद्देश्य होथि और अलगाववादी समूह द्वारा समावेशी सरकार बनाना है.

अक्टूबर 2014 में, राष्ट्रपति मंसूर हादी ने प्रधानमंत्री पद के लिए अहमद अवाद बिन मुबारक का नाम प्रस्तावित किया लेकिन शिया मुस्लिम समूह होथि द्वारा अस्वीकार कर दिया गया. होथि समूह ने तीन नाम प्रस्तावित किए थे और खालिद बहाह उनमें से एक था.

खालिदबहाहकेबारेमें

  • खालिद बहाह का जन्म वर्ष 1965 में हुआ था.
  • खालिद बहाह ने भारत के पुणे  विश्वविद्यालय से प्रशासन, व्यापार और वित्त में मास्टर की डिग्री प्राप्त की.
  • खालिद बहाह संयुक्त राष्ट्र में यमन के राजदूत नियुक्त किए जाने से पहले यमन में तेल मंत्री के रूप में कार्य किया.

भारत जनवरी 2015 में एशिया कप तीरंदाजी टूर्नामेंट के पहले चरण की मेजबानी करेगा

14-OCT-2014

तीरंदाजी एसोसिएशन इंडिया (एएआई) ने जनवरी 2015 में दिल्ली में एशिया कप तीरंदाजी टूर्नामेंट के पहले चरण के आयोजन की घोषणा 12 अक्टूबर 2014 को की. एशिया कप वार्षिक विश्व कप के स्वरूप पर आयोजित किया जाएगा. एशिया कप को एशियाई जीपी में बदल दिया जाएगा. पहला चरण जनवरी 2015 में दिल्ली में आयोजित किया जाएगा जबकि दूसरा और तीसरा चरण बैंकाक और तेहरान में आयोजित किया जाएगा. दूसरा चरण मार्च 2015 में आयोजित किया जाएगा और तीसरा चरण जून 2015 में आयोजित किया जाएगा.

एशिया कप तीरंदाजी टूर्नामेंट के बारे में 
एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप एशियाई तीरंदाजी संघ द्वारा आयोजित तीरंदाजी एशियाई चैंपियनशिप है. यह वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है.
यह टूर्नामेंट वर्ष 1980 में शुरू हुआ था और पहली बार भारत में आयोजित किया गया. दक्षिण कोरिया, चीन, जापान और भारत दुनिया के अग्रणी तीरंदाजों के साथ इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं.

खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2014 में 6.46 प्रतिशत रही

14-OCT-2014

सितंबर 2014 में सब्जियों, फलों, चीनी और तेल आदि की कीमतों में आई कमी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर घटकर 6.46 प्रतिशत पर आ गई जो जनवरी 2012 में 7.65% के बाद सबसे कम है. यह आंकड़े 13 अक्टूबर 2014 को जारी किए गए. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित गणना जनवरी 2012 में ही शुरू हुई थी. 
आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2014 में यह महंगाई 7.73 प्रतिशत पर और सितंबर 2013 में 9.84 प्रतिशत पर रही थी.

सितंबर 2014 में खाद्य पदार्थो की खुदरा महंगाई 7.67 प्रतिशत पर रही जबकि अगस्त 2014 में यह 9.35 प्रतिशत और सितंबर 2014 में 11.75 प्रतिशत रही थी. 
अगस्त 2014 की तुलना में सितंबर 2014 में सब्जियों, फलों, चीनी और तेल एवं वसा की कीमतों में कम वृद्धि दर्ज की गई है.
इसी तरह से खाद्य पदार्थो की खुदरा महंगाई शहरी क्षेत्रों में 7.45 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 7.78 प्रतिशत रही.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer price inflation) बनाम थोक मूल्य सूचकांक (wholesale price inflation)

विश्व के अधिकतर देशों में खुदरा मूल्य सूचकांक (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) को ही आधार माना जाता है. भारत में लागू मौजूदा थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य उत्पादों का हिस्सा महज 14.3 प्रतिशत है. जबकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में इनकी हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा है. साथ ही थोक मूल्य सूचकांक में स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे कई सेवा क्षेत्र शामिल नहीं हैं, जबकि इन पर आम जनता काफी खर्च करती है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सेवाओं को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है.

कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All India Consumer Price Index Numbers for Agricultural & Labourers)
विभिन्न उपभोक्ता मूल्य सूचकांकों (Consumer Price Indices, CPI) को अखिल भारतीय स्तर पर औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Labourers, IL), कृषि श्रमिकों (Agricultural Laboourers, AL) तथा ग्रामीण श्रमिकों (Rural Labourers, RL) की श्रेणियों में जारी किया जाता है. इनमें से आईएल, एएल तथा आर एल को केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) के श्रम ब्यूरो (Labour Bureau) द्वारा जारी किया जाता है जबकि इन तीनों के संयुक्त अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आकड़ों एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry for Statistics and Programme Implementation) के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office, CSO) द्वारा जारी किया जाता है.
विभिन्न अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांको की श्रेणियों के लिए उपभोग प्रवृत्तियों (Consumption Patterns) को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office, NSSO) द्वारा 2004-05 में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के औसत मासिक उपभोक्ता व्ययों (Average Monthly Consumer Price Index) पर कराए गए उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (Consumer Expenditure Survey) के परिणामों के आधार पर तय किया जाता है.

एमसी मैरीकॉम को 'सबसे मूल्यवान खिलाड़ी' का सम्मान

14-OCT-2014

इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को सैमसंग इंडिया ने 13 अक्टूबर 2014 को एशियाड पदक विजेताओं के लिये आयोजित भव्य समारोह में ''सबसे मूल्यवान खिलाड़ी का सम्मान प्रदान किया. सैमसंग इंडिया ने महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को सबसे मूल्यवान खिलाड़ी घोषित करते हुए 10 लाख रुपये का चेक प्रदान किया.

एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज मैरीकॉम को सैमसंग इंडिया द्वारा सर्वेक्षण में एमवीपी के रूप में नामित किया. मैरीकॉम को 11 भारतीय स्वर्ण विजेताओं (पुरुषों की हॉकी टीम सहित सभी 11 व्यक्तिगत / टीम) में से इस पुरस्कार के लिए चुना गया. भारत ने इंचियोन एशियाई खेलों में 11 स्वर्ण, 10 रजत और 36 कांस्य पदक जीते थे.

मैंगते चंग्नेइजैंग मैरीकॉम के बारे में
•    एमसी मैरीकॉम पांच बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता है.
•    मैग्निफिशेंट मैरी कॉम' नाम से मशहूर वह एकमात्र भारतीय महिला मुक्केबाज है जिन्होंने वर्ष 2012 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया और फ्लाईवेट (51 किग्रा) वर्ग में प्रतिस्पर्धा की और कांस्य पदक जीता.
•    मैरीकॉम ने अपनी जीवनी में सह-लेखन किया जो वर्ष 2013 में प्रकाशित हुई और फिल्म मैरीकॉम (2014) में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा द्वारा उनके संघर्षशील जीवन को दर्शाया गया था.
•    वह एआईबीए विश्व महिला रैंकिंग फ्लायवेट वर्ग में चौथे स्थान पर स्थान पर है.
•    एमसी मैरीकॉम को वर्ष 2003 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
•    मैरीकॉम वर्ष 2009 में देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न और वर्ष 2013 में तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.

तेज दौड़ने वाला ‘वाइल्ड कैट’ नामक रोबोट बनाया गया

14-OCT-2014

‘मैसाचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (एमआईटी) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो 10 किमी प्रति घंटे की स्थिर गति से दौड़ता है. इस रोबोट का नाम ‘वाइल्ड कैट’ रखा गया है. इस रोबोट के दौड़ने में आवाज नहीं होगी. यह कूद भी सकेगा.

यह मैकेनिकल बिग कैट (रोबोट) चार टांगों का प्राणी है जो कि गियर्स, मोटर्स और बैटरीज के सहारे चलता है. पहले इसे एक केबल के जरिए मैन पावर से जोड़ा गया था. 
अक्टूबर 2014 में इसे 10 किमी प्रति घंटे की स्थिर रफ्तार से दौड़ता हुआ फिल्माया गया है. 
शोधकर्ताओं के अनुसार अंत में इसकी रफ्तार को 30 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जा सकती है जो कि जमैका का धावक उसेन बोल्ट से भी तेज होगी.
वैसे तो एक रोबोट को हरे मैदान की अपेक्षाकृत ऊबड़-खाबड़ जमीन पर एक निश्चित रफ्तार से दौड़ाना एक चुनौती थी. इसकी अनुसंधान टीम ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जो कि विश्वस्तरीय स्प्रिंटर्स से प्रभावित था और इसमें लम्बे-लम्बे डग को बढ़ाया जाएगा ताकि यह अपेक्षाकृत अधिक तेजी से कदम भर सके.

लोकसभा सांसद कपिल कृष्ण ठाकुर का 73 वर्ष की आयु में निधन

14-OCT-2014

लोकसभा सांसद कपिल कृष्ण ठाकुर का फेफड़ों के फेल होने की वजह से कोलकाता में 13 अक्टूबर 2014 को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया. 
वह मतुआ समुदाय की नेता बीनापनी देवी ठकुरानी (बरोमा) के बड़े पुत्र थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं. ठाकुर के छोटे भाई मंजुल कृष्णा ठाकुर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं.

कपिल कृष्ण ठाकुर के बारे में
•    कपिल कृष्ण ठाकुर ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक किया था. 
•    वह श्रम संबंधी स्थायी समिति के भी सदस्य थे. 
•    कपिल कृष्ण ठाकुर ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी से भारतीय आम चुनाव 2014 जीता और पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में बोंगांव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के सांसद के सदस्य (सांसद) बने. 
•    कपिल कृष्ण ठाकुर ने मतुआ उत्थान हेतु उनके कार्यों के लिए प्रतिष्ठित श्री श्री ठाकुर हरीचंद-गुरुचंद पुरस्कार प्राप्त किया.

राजस्थान क्रिकेट संघ ने आईपीएल के पूर्व कमिशनर ललित मोदी को अध्यक्ष पद से हटाया

14-OCT-2014

राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने 11 अक्टूबर 2014 को आईपीएल के पूर्व कमिशनर ललित मोदी को अपने अध्यक्ष पद से हटा दिया. ललित मोदी के खिलाफ जयपुर में पारित अविश्वास प्रस्ताव में 33 जिलों में से 23 ने मोदी के खिलाफ वोट देकर ललित मोदी को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.
मोदी के समर्थकों में से तीन लोगों को भी उनके पद से हटा दिया गया. आरसीए ने मोदी के स्थान पर कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में उपाध्यक्ष अमीन पठान को निर्वाचित किया.

इससे पहले, मोदी को बीसीसीआई की अनुशासन समिति द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दूसरे और तीसरे संस्करण के दौरान धन की हेराफेरी के लिए दोषी पाए जाने के बाद आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया. ललित मोदी को भारी बहुमत के साथ मई 2014 में आरसीए का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया.
मोदी के आरसीए अध्यक्ष बनते ही बीसीसीआई ने आरसीए को निलंबित कर दिया था. निलंबन के बाद से राज्य के खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में स्थान नहीं मिल पा रहा था. कुछ समय पूर्व 75 खिलाड़ियों ने हाई कोर्ट में इसे लेकर अपील की थी, इस पर न्यायालय ने एक चयन समिति गठित कर खिलाड़ियों का चयन करने के निर्देश दिए थे.

रीयल्टी क्षेत्र की कंपनी डीएलएफ के प्रतिभूति बाजार के कारोबार पर सेबी का तीन वर्ष का प्रतिबंध

14-OCT-2014

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रीयल्टी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ व उसके अध्‍यक्ष केपी सिंह सहित छह कार्यकारी अधिकारियों पर तीन वर्ष के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया. इस प्रतिबंध की जानकारी 13 अक्टूबर 2014 को दी गई.

यह निर्णय कंपनी के 2007 में आए प्रथम सार्वजनिक शेयर निर्गम (आईपीओ) के संदर्भ में प्रस्तुत सूचनाओं में कथित गड़बड़ी के मामले से जुड़ा है. सेबी ने कंपनी को तथ्यों को सक्रिय रूप से व जानबूझकर छिपाकर रखने का दोषी पाया.
कंपनी और उसके उच्च कार्यकारियों को सूचनाओं को सार्वजनिक करने और निवेशक संरक्षण (डीआईपी) संबंधी सेबी के दिशानिर्र्देशों के अलावा व्यापार में धोखाधड़ी वाले और अनुचित व्यवहार रोधक (पीएफयूटीपी) नियमों के उल्लंघन का भी दोषी पाया गया.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य राजीव अग्रवाल ने नियामक के 43 पृष्ठ के आदेश में कहा, ‘मैने पाया कि यह मामला सक्रिय तरीके से और जानबूझकर किसी सूचना को दबाने का मामला है, ताकि डीएलएफ के आईपीओ के समय शेयर जारी करने के दौरान निवेशकों को धोखा दिया जा सके और उन्हें गुमराह किया जा सके.’ आदेश में कहा गया है, ‘इस मामले में जो उल्लंघन दिखे हैं वे गंभीर हैं और उनका प्रतिभूति बाजार की सुरक्षा व सच्चाई पर बड़ा प्रभाव पड़ा.’ ‘मेरे विचार में इस मामले में जो गंभीर उल्लंघन हुए हैं ऐसे में बाजार के प्रति निष्ठा की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई की जरूरत है'.

सेबी ने जिन कार्यकारियों पर रोक लगाई है उनमें केपी सिंह, उनके के पुत्र राजीव सिंह (उपाध्यक्ष) और पुत्री पिया सिंह (पूर्णकालिक निदेशक) कंपनी के प्रबंध निदेशक टीसी गोयल, कामेश्वर स्वरूप और रमेश संका शामिल हैं.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड 
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना आधिकारिक तौर पर वर्ष 1988 में भारत सरकार द्वारा की गई और भारतीय संसद द्वारा पारित सेबी अधिनियम, 1992 के तहत 12 अप्रैल 1992 को इसे वैधानिक अधिकार दिया गया था. सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है.
सेबी भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है. सेबी के अस्तित्व में आने से पहले पूंजी निर्गम नियंत्रक नियामक प्राधिकरण था, जिसे पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 के अंतर्गत अधिकार प्राप्त थे.

गीतकार समीर को वर्ष 2012-13 के राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से सम्मानित किया गया

14-OCT-2014

गीतकार समीर को वर्ष 2012-13 के राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से 13 अक्टूबर 2014 को सम्मानित किया गया. समीर को यह सम्मान गीत लेखन के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया. मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री कुंवर विजय शाह ने गीतकार समीर को यह सम्मान गायक किशोर कुमार के जन्मस्थल खण्डवा (मध्य प्रदेश) में आयोजित  एक समारोह में प्रदान किया.

राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान 
राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रतिवर्ष बारी-बारी से निर्देशन, अभिनय, पटकथा एवं गीत लेखन के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए दिया जाता है. इस सम्मान के तहत विजेता को दो लाख रुपए का चेक, सम्मान पट्टिका, शाल एवं श्रीफल प्रदान किया जाता है.
समीर से संबंधित मुख्य तथ्य 
• समीर का जन्म 24 फरवरी 1958 में हुआ. 
• वह गीतकार अनजान के बेटे हैं. 
• समीर को सर्वश्रेष्ट गीतकार के रूप में वर्ष 1991, 1993 और 1994 में फिल्म फेयर पुरस्कार प्रदान किया गया.  
• उन्हें आइफा स्क्रीन अवार्ड से सम्मानित किया गया. 
• उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार का यश भारती सम्मान भी प्राप्त हुआ.
• समीर की जीवनी ‘समीर- ए वे विद वर्ड्स’ (Sameer – A Way with Words) है जो डेरेक बोस (Derek Bose) द्वारा लिखित है. वर्ष 2007 में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) द्वारा रिलीज की गई. 
• समीर ने गत तीन दशकों से लगातार फिल्मों में एक गीतकार के रूप में अपना स्थान बनाया है. 
• उन्होंने (समीर) दिल, आशिकी, दीवाना, हम हैं राही प्यार के, कुछ-कुछ होता है, बेटा, साजन, राजा हिन्दुस्तानी, फिजा, धड़कन, कभी खुशी-कभी गम, देवदास, तेरे नाम, धूम, साँवरिया एवं दबंग-2 आदि में गीत लिखे हैं.

विदित हो कि किशोर कुमार का निधन 13 अक्टूबर 1987 को मुंबई में हुआ था और उनकी इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार खंडवा में किया गया था.

इंडियन सुपर लीग का कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में आरंभ

14-OCT-2014

कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम के साथ 12 अक्टूबर 2014 को इंडियन सुपर लीग का आरंभ हुआ. आईएमजी रिलायंस की अध्यक्ष और फुटबाल स्पोटर्स डेवलपमेंट की संस्थापक अध्यक्ष नीता अंबानी ने अधिकारिक रूप से इंडियन सुपर लीग के शुरू होने की घोषणा की. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लीग के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं. इसके अलावा मुकेश अंबानी, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, जॉन अब्राहम, वरुण धवन, ऋतिक रोशन, रणबीर कपूर, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली उपस्थित थे. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे.

टूर्नांमेंट में पांच पूर्व विश्व कप विजेता खेलते हुए नजर आएंगे जबकि ब्राजील के महान खिलाड़ी जिको कोच की भूमिका में दिखेंगे. केरल ब्लास्टर्स के 44 वर्षीय डेविड जेम्स टूर्नामेंट के सबसे अधिक उम्र के खिलाड़ी हैं. टूर्नामेंट में एटलेटिको डि कोलकाता, मुंबई एफसी, एफसी गोवा, नॉर्थ ईस्ट यूनाईटेड एफसी, दिल्ली डाइनामोज एफसी, एफसी पुणे सिटी, चेन्नइयन एफसी और केरला ब्लास्टर्स टीमें शामिल हैं.

टूर्नामेंट का फाइनल 20 दिसंबर को खेला जाएगा जबकि इसके मैच कोलकाता के अलावा गुवाहाटी, कोच्चि, फटोर्डा, पुणे, चेन्नई, मुंबई और दिल्ली में भी होंगे. 
रणबीर कपूर के सह स्वामित्व वाली मुंबई एफसी काफी मजबूत नजर आ रही है जिसके पास फ्रांस के दिग्गज निकोलस अनेलका और स्वीडन के फ्रेड्रिक यूनबर्ग के अलावा भारत के नंबर एक गोलकीपर सुब्रत पाल, अनुभवी सैयद रहीम नबी और लालरिंदिका राल्टे जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं. मुंबई सिटी एफसी के कोच की जिम्मेदारी मैनचेस्टर सिटी और संडरलैंड के पूर्व मैनेजर पीटर रीड निभा रहे हैं.

अनेलका और यूनबर्ग जैसे स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में एटलेटिको डि कोलकाता भी मजबूत टीम है. कोलकाता की टीम के पास लीवरपूल के पूर्व स्टार लुईस गार्सिया और ला लीग के बोर्जा फर्नांडेज और जोफ्रे मातेयू जैसे विदेशी स्टार खिलाडी हैं. टीम के पास इसके अलावा संजू प्रधान, अर्नब मंडल, केविन लोबो, बलजीत साहनी और क्लामेक्स लॉरेंस जैसे भारतीय खिलाड़ी भी हैं.

इंडियन सुपर लीग का पहला मैच 12 अक्टूबर 2014 को तथा फाइनल 20 दिसंबर 2014 को खेला जाएगा.

टीमों के मालिक:

नॉर्थ ईस्ट युनाइटेड: जॉन अब्राहम और आइ लीग टीम शिलांग लाजोंग एफसी
केरल ब्लास्टर्स: सचिन तेंदुलकर और पीवीपी (प्रसास वी पोल्तुरी) वेंचर्स.
दिल्ली डायनमोज: डेन नेटवर्क 
एफसी गोवा: क्रिकेटर विराट कोहली, वरुण धवन, वीडियोकॉन ग्रुप, दत्ताराज सालगांवकर और श्रीनिवास डेम्पो.
मुंबई सिटी: रणबीर कपूर और बिमल पारिख.
पुणे सिटी: रितिक रोशन और वधावन समूह.
चेन्नईयन एफसी: महेंद्र सिंह धौनी, अभिषेक बच्चन.
एटलेटिको डि कोलकाता: सौरव गांगुली, संजीव गोयनका और उत्सव पारिख.

इंडियन सुपर लीग

इंडियन सुपर लीग में विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी. इस टूर्नामेंट में कुल 56 विदेशी खिलाड़ी, 112 घरेलू खिलाड़ी और 8 मार्की खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. प्रत्येक टीम को 14 मैच खेलने को मिलेंगे. इंडियन सुपर लीग में एटलेटिको मैड्रिड (स्पेन) ने एटलेटिको डि कोलकाता, फियोरोंटिना (इटली) ने पुणे सिटी, फेईनार्ड (नीदरलैंड्स) ने दिल्ली डायनमोज, और इंटर मिलान (इटली) ने चेन्नईयन एफसी के साथ समझौता किया.
हर टीम में कम से कम सात विदेशी खिलाड़ी, 14 घरेलू खिलाड़ी और एक मार्की खिलाड़ी शामिल करना आवश्यक है. शुरुआती एकादश में छह विदेशी खिलाड़ी और कम से कम पांच भारतीय खिलाड़ी शामिल करना आवश्यक है. प्यूमा आइएसएल के आधिकारिक बॉल सप्लायर होंगे. सभी मैच प्यूमा इवोपावर-1 बॉल से खेले जाएंगे
ट्रॉफी को फ्रेजर एंड हॉज ने डिजाइन किया है और इसकी ऊंचाई 26 इंच है. इसके शीर्ष पर आइएसएल का लोगो बनाया गया है. ट्रॉफी पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है.

उद्घाटन समारोह के बाद आयोजित लीग के पहले मैच में सौरभ गांगुली की टीम एटलेटिको डि कोलकाता ने मुंबई सिटी एफसी को एकतरफा मुकाबले में 3-0 से हरा दिया. विजेता टीम की ओर से फिकरु टेफारा (26वां मिनट, बोर्जा फर्नाडेज और अर्नाल लिलबर्ट (92वां मिनट) ने गोल किया. 
इस मैच में फिकरू तोफेरा लेमेसा, बोरजा फर्नांडीज और लबर्ट कोंदे अर्नाल ने गोल दागे. कोलकाता के मार्की खिलाड़ी लुइस गार्सिया भले ही गोल नहीं कर पाए, लेकिन मैदान में काफी सक्रिय दिखे. वहीं मेजबान टीम के गोलकीपर शुभाशीष राय चौधरी ने भी शानदार प्रदर्शन किया.

टीमें:

टीम

स्थान

स्टेडियम

मुख्य कोच

मार्की खिलाड़ी

एटलेटिको डि कोलकाता

कोलकाता

साल्टलेक स्टेडियम

एंटोनियो लोपेज हबास

लुइस गार्सिया

चेन्नईयन एफसी

चेन्नई

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (चेन्नई)

मार्को मेटराज्जी

मिखाइल सिल्वेस्ट्री

दिल्ली डायनमोज

दिल्ली

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (दिल्ली)

हार्म वॉन वाल्दोवन

एलेसांद्रो डेल पियरो

एफसी गोवा

मडगांव

फेत्रोदा स्टेडियम

जिको

रॉबर्ट पिरास

केरल ब्लास्टर्स

कोच्चि

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (कोच्चि)

डेविड जेम्स

डेविड जेम्स

मुंबई सिटी

मुंबई

डीवाई पाटिल स्टेडियम

पीटर रीड

फ्रेडरिक लुजंगबर्ग

नॉर्थ ईस्ट युनाइटेड

गुवाहाटी

इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम

रिकी हरबर्ट

जोआन कैपडेविला

पुणे सिटी

पुणे

बालेवाडी स्टेडियम

फ्रांको कोलंबा

डेविड ट्रेजेगुएट

जागरणजोश डॉट कॉम "एम.बी.ए चैंपियन" प्रतियोगिता का महाआगाज

14-OCT-2014

वर्ष 2015 में एम.बी.ए कोर्स में दाखिला चाहने वाले विद्याथियों के लिए रु.1,00,000 तक की स्कालरशिप जीतने का मौका
नई दिल्ली: जागरणजोश डाट कॉम ने आज भारत की सबसे बड़ी एम.बी.ए. स्कॉलरशिप प्रतियोगिता, ‘एम.बी.ए. चैंपियन’ लांच की  है. यह प्रतियोगिता मोदी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालॉजी के साथ मिलकर और एलायंस यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के सहयोग से लांच की गयी है.

यह प्रतियोगिता जहाँ एक ओर आगामी एम.बी.ए. प्रवेश परीक्षाओं के उम्मीदवारों को अपनी तैयारी के स्तर को जांचने का अवसर सुलभ कराता है, वहीं दूसरी ओर प्रवेश चाहने वालो को रु.1,00,000 तक की नगद स्कालरशिप जीतने का मौका भी देता हैं.

एम.बी.ए. चैंपियन प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की जाएगी. इन दोनों चरणों में से पहला चरण, क्वालीफ़ायर परीक्षा का होगा, जो कि ऑनलाइन होगी तथा  दूसरा चरण, मुख्य परीक्षा का होगा जो कि ऑफलाइन (विभिन्न राज्य में परीक्षा केंद्रों के माध्यम से) आयोजित की जाएगी. प्रतियोगिता के अंत में विजेता प्रतिभागियों को कुल एक लाख रुपए की नकद स्कालरशिप और अन्य आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगें.

इच्छुक प्रतिभागी आज से लेकर 30 नवंबर 2014 तक एम.बी.ए. चैंपियन प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण कर जागरणजोश डॉट कॉम पर प्रथम चरण अर्थात क्वालीफ़ायर परीक्षा में भाग ले सकते हैं.

एमबीए चैंपियन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तथा अन्य जानकारी के लिए लॉग-ऑन करें: www.mbachampion.in

छात्र 02233598582 पर मिस कॉल देकर भी इस प्रतियोगिता के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. SMS के द्वारा प्रतियोगिता में रजिस्टर करने के लिए छात्र MBACHAMPअपना नाम लिखकर 57272 पर भेजें. उदहारण के तौर पर अगर आपका नाम Ashish Kumar Sharma हैं तो "MBACHAMP Ashish Kumar Sharma" लिखकर 57272 पर SMS करे. शुल्क लागू.

गौरतलब है कि इंटरनेट से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराने वाली संस्था कॉमस्कोर के अनुसार, जागरणजोश डॉट काम, भारत का नंबर एक एजूकेशन पोर्टल है और प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में संलग्न छात्रों की पहली पसंद है.

‘ऑपरेशन लहर’: हुदहुद चक्रवात के दौरान राहत एवं बचाव हेतु चलाए गए अभियान का नाम

13-OCT-2014

‘ऑपरेशन लहर’ हुदहुद चक्रवात के दौरान सैन्य बलों द्वारा राहत एवं बचाव हेतु चलाए गए अभियान का नाम है. इसका अभियान में लगे सैन्य बलों का नेतृत्व नौसेना कर रही है.

हुदहुद के कहर को देखते हुए सैन्य बलों ने अपने संसाधनों की पुन: तैनाती की ताकि नागरिक प्रशासन को राहत एवं बचाव अभियान में सहयोग किया जा सके. राहत एवं बचाव कार्यों अभियान का कूट नाम ‘ऑपरेशन लहर’ दिया गया है. सेना की आंध्र सब एरिया टीम ने विशाखापट्टनम में अपने कर्मियों के चार दलों को तैनात किया है.

फ्रांस के अर्थशास्त्री जीन तिरोल वर्ष 2014 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित

13-OCT-2014

फ्रांस के अर्थशास्त्री जीन तिरोल को वर्ष 2014 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 13 अक्टूबर 2014 को प्रदान किया गया. इसकी घोषणा स्टॉकहोम रॉयल एकेडमी ऑफ साइंस ने की. जीन तिरोल को 'मार्केट पावर एँड रेगुलेशन' (बाज़ार संबंधी विश्लेषण और प्रभावशाली कंपनियों पर नियंत्रण कैसे हो) विषय पर शोध के लिए यह सम्मान दिया गया. जीन तिरोल फ़्रांस के टोयूलोज़ स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स में शिक्षक हैं.

फ्रांस के अर्थशास्त्री जीन तिरोल के बारे में
प्रोफेसर तिरोल का जन्म 9 अगस्त 1953 को फ्रांस में हुआ था. जीन तिरोल ने वर्ष 1976 में इकोल पोलिटेक्टिन से इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की और वर्ष 1981 में उन्होंने एमआईटी से पीएचडी की. वर्ष 1984 से वर्ष 1992 तक वह एमआईटी में एसोसिएट प्रोफेसर रहे. जीन तिरोल ने वर्ष 1998 में जॉन वॉन न्यूमेन अवार्ड जीता था. वह वर्ष 1998 में इकॉनोमैट्रिक सोसाइटी और वर्ष 2001 में यूरोपीय आर्थिक संघ के अध्यक्ष थे. तिरोल ने अर्थशास्त्र और वित्त के मामले में 100 से अधिक लेख और छह किताबें लिखी हैं. तिरोल की प्रमुख पुस्तकों में थ्योरी ऑफ इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन, गेम थ्योरी एंड ए थ्योरी ऑफ इंसेंटिव्स इन प्रोक्योरमेंट एंड रेगुलेशन में शामिल हैं.
जीन तिरोल 50वें ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है. इससे पहले अर्थशास्त्र के लिए जिन फ्रेंच अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार मिला उनमें वर्ष 1983 में मौरिस और वर्ष 1988 में जेरार्ड शामिल हैं. जीन तिरोल वर्तमान समय के जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और उन्होंने कई आर्थिक मुद्दों पर शोध किया. पिछले वर्ष अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार तीन अमेरिकी नागरिकों को प्रदान किया गया था.

अमेज़न और फ्यूचर समूह ने संयुक्त रूप से इंटरनेट पर वस्तुएं बेचने के समझौते पर हस्ताक्षर किए

13-OCT-2014

अमेरिका ऑनलाइन स्टोर अमेज़न और रिटेलर फ्यूचर समूह ने संयुक्त रूप से इंटरनेट पर वस्तुएं बेचने के समझौते पर 12 अक्टूबर 2014 को हस्ताक्षर किए. समझौते के तहत सबसे पहले फ्यूचर समूह के फैशन ब्रांड पर ध्यान दिया जाएगा, जबकि बाद में धीरे धीरे अन्य उत्पादों को भी इस श्रेणी में लाया जाएगा. इस भागीदारी के तहत फ्यूचर समूह के 40 से अधिक ब्रांड उत्पादों को अमेजन डॉट इन प्लेटफार्म के माध्यम से बेचा जायेगा. इसके अलावा, अमेजन एवं फ्यूचर समूह संयुक्त रूप से छूट रणनीति विकसित करेगा और उत्पादों की कीमत दुकानों की दरों से बहुत अलग नहीं होगी.

अमेजन एवं फ्यूचर समूह के इस समझौते से उत्पादों की अधिक जानकारी मिल सकेगी. एक तरफ जहां फ्यूचर समूह के ब्रांड पोर्टफोलिया और उसके स्रोत की जानकारी मिलेगी वहीं अमेजन की व्यापक पहुंच, ग्राहक आधार और ई-कामर्स का प्लेटफार्म उपलब्ध होगा. अमेजन एवं फ्यूचर समूह को समझौते से मजबूती, निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवप्रवर्तन का लाभ मिलेगा और देशभर में ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी.

दिलीप डिसूजा द्वारा लिखित पुस्तक ‘फाइनल टेस्ट : एक्जिट सचिन तेंदुलकर’ प्रकाशित

13-OCT-2014

फाइनल टेस्ट : एक्जिट सचिन तेंदुलकर’ : दिलीप डिसूजा
‘फाइनल टेस्ट : एक्जिट सचिन तेंदुलकर’ (Final Test: Exit Sachin Tendulkar) नामक पुस्तक लेखक एवं पत्रकार दिलीप डिसूजा (Dilip D'Souza) द्वारा लिखी गई है. इस पुस्तक में वेस्टइंडीज के खिलाफ नवंबर 2013 में खेले गए सचिन तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट का वर्णन है. यह मैच मुंबई के वानखेड़े (Wankhede) स्टेडियम पर खेला गया था.

इसके अलावा इस पुस्तक में मैदान के भीतर और बाहर के मसलों को भी उठाया गया है. यह पुस्तक रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई. 
लेखक ने पुस्तक में लिखा है कि,‘ सचिन जब सीढ़ियों से उतरकर मैदान की तरफ बढ़ते हैं तो लोगों की प्रतिक्रिया को शब्दों में बयां करना मुश्किल था. हम सभी जानते थे कि यह पल बहुत बड़ा होगा लेकिन फिर भी मैने इतने शोर की कल्पना नहीं की थी कि पूरा आकाश गुंजायमान हो जाये.’
‘यह देश के महान खिलाड़ी को किया जा रहा सजदा था.’
भारत ने वह मैच 126 रन से जीता था और तेंदुलकर ने 74 रन बनाये थे.
लेखक ने कहा ,‘क्या तेंदुलकर इस तरह से खेल को अलविदा कह सकते थे. आखिरी टेस्ट में उनके प्रशंसक मैदान पर उनकी एक आखिरी झलक पाने की होड़ में थे. यदि वह ऐसी पारी नहीं खेलते तो सभी को निराशा होती.’
‘अपने आखिरी टेस्ट का स्थान और समय भले ही उन्होंने खुद चुना हो लेकिन किस तरीके से वह संन्यास लेंगे, यह उन्होंने तय नहीं किया था.’

पुस्तक के अनुसार ‘तेंदुलकर ने जिस तरह भारतीयों के दिलोदिमाग पर राज किया है, उससे क्रिकेट से उनका संन्यास लेना बरबस की ऐतिहासिक पल बन गया था. आप यह अंतहीन बहस कर सकते हैं कि भारत का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर कौन है लेकिन सबसे ज्यादा और सबसे लंबे समय तक पूजा किसे गया , इस पर कोई बहस नहीं है .’
पुस्तक में कहा गया है कि,‘ गांगुली, कुंबले, द्रविड़ और लक्ष्मण ने भी भारतीय क्रिकेट में उल्लेखनीय योगदान दिया और दुनिया भर में टेस्ट जीते लेकिन तेंदुलकर इतनी कम उम्र में चमका था कि उसका आभामंडल ही दूसरा था. चमक सभी सितारों में होती है लेकिन अभिनव तारा सभी को बेनूर कर देता है.’

दुनिया की सबसे बड़ी गुफा चीन में खोजी गयी

13-OCT-2014

दुनिया की सबसे बड़ी गुफा ‘मिआओ रूम चेम्बर’ चीन में खोजी गयी. आयतन के हिसाब से यह दुनिया की सबसे बड़ी गुफा है. अनुसंधानकर्ताओं ने इसकी घोषणा अक्टूबर 2014 के दूसरे सप्ताह में की. इसका आयतन 107.8 लाख घन मीटर है. यह मलेशिया के ‘सारवाक चेम्बर’ से करीब 10 प्रतिशत बड़ी है. पेनरिथ स्थित कंपनी कोमेंडियम लिमिटेड के र्रिचड वाल्टर्स के सह-नेतृत्व में वर्ष 2013 में शुरू अभियान के तहत यह गुफा खोजी गई.

विदित हो कि मलेशिया वाली गुफा ‘सारवाक चेम्बर’ अपने क्षेत्रफल के हिसाब से अभी भी दुनिया में सबसे बड़ी गुफा है, इसका क्षेत्रफल 16.6 लाख वर्गमीटर है.

राष्ट्रीय अपीलीय अदालत की क्षेत्रीय पीठें स्थापित करने के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश

13-OCT-2014

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों के खिलाफ अपील के लिए सुदूर दक्षिण, पूरब और पश्चिम के प्रमुख शहरों में राष्ट्रीय अपीलीय अदालत (एनसीए) की क्षेत्रीय पीठें स्थापित करने के मुद्दे पर छह माह के अन्दर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया.
खंडपीठ ने यह निर्देश पुडुचेरी के एक अधिवक्ता वी. वसंत कुमार की उस याचिका की सुनवाई करने के दौरान 12 अक्टूबर 2014 को दिया जिसमें न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया था.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विधि एवं न्याय मंत्रालय तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके यह निर्देश दिया कि सरकार छह माह के भीतर राष्ट्रीय अपीलीय अदालत की क्षेत्रीय पीठें स्थापित करने से संबंधित फैसला लें. 
अधिवक्ता वी. वसंत कुमार ने याचिका में यह दलील दी कि देश के कई सुदूर हिस्सों से सर्वोच्च न्यायालय की दूरी इतनी है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों के खिलाफ अधिकतर लोग चाहकर भी अपील नहीं कर पाते हैं और उन्हें न्याय सर्व सुलभ नहीं हो पाता है. सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के लिए होने वाली यात्रा खर्चो के अलावा यहां प्रैक्टिस करने वाले वकीलों की महंगी फीस भी न्याय हासिल करने के रास्ते में रोड़ा पैदा करती है.
याचिकाकर्ता ने एनसीए के गठन का मुद्दा पहले केंद्र सरकार के समक्ष उठाया था लेकिन वहां से कोई सकारात्मक जवाब न मिलने के बाद उन्होंने याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की थी.


विदित हो कि विधि आयोग ने भी अपनी 125वीं रिपोर्ट में कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है और तमिलनाडु, गुजरात, असम अथवा मेघालय के वादियों और प्रतिवादियों को उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील करने के लिए यात्रा व्यय पर बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है. इतना ही नहीं ऐसा रिवाज रहा है कि जो अधिवक्ता उच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ता है उसे भी आमतौर पर साथ रखा जाता है. ऐसी स्थिति में खर्च और भी अधिक बढ़ जाता है.
सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज होने वाली अपीलों के सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि केरल और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ क्रमश: 2.5 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत अपीलें ही दायर होती हैं. उत्तरी राज्यों से यह आंकड़ा सर्वाधिक होता है. दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वाधिक 14 प्रतिशत, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के खिलाफ 9.8 प्रतिशत, उत्तराखंड से सात प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश से 2.5 प्रतिशत अपीलें दायर होती हैं.

समांथा स्टॉसर ने जापान ओपन टेनिस टूर्नामेंट का खिताब जीता

13-OCT-2014

ऑस्ट्रेलिया की टेनिस खिलाड़ी समांथा स्टॉसर ने कजाकिस्तान की जारिना डियास को सीधे सेटों में 7-6, 6-3 से हराकर 12 अक्टूबर 2014 को जापान ओपन टेनिस टूर्नामेंट का खिताब जीता.

शीर्ष वरीयता प्राप्त स्टॉसर के करियर में यह पहला अवसर है जब उन्होंने अपने किसी खिताब का सफल बचाव किया. समांथा स्टॉसर को पांचवीं वरीयता प्राप्त डियास के खिलाफ पहले सेट में काफी मेहनत करनी पड़ी. यह सेट टाईब्रेकर तक खिंचा जिसे स्टॉसर ने 9-7 से जीता. लेकिन विश्व में 18वीं रैंकिंग की स्टॉसर ने दूसरे सेट में लय हासिल की और जारिना डियास को हराया. समांथा स्टॉसर का यह जापान में तीसरा और डब्ल्यूटीए टूर में छठा खिताब है.

समांथा स्टॉसर के बारे में
•    समांथा स्टॉसर का जन्म ऑस्ट्रेलिया  के गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड में 30 मार्च 1984 को हुआ था.
•    समांथा स्टॉसर ने वर्ष 1999 में पहली बार आईटीएफ शर्किट में पदार्पण किया.
•    समांथा स्टॉसर ऑस्ट्रेलिया की टेनिस खिलाड़ी है. वह युगल में पूर्व विश्व नंबर 1 और एकल में पूर्व विश्व नंबर 4 खिलाड़ी रह चुकी हैं.
•    समांथा स्टॉसर ने सेरेना विलियम्स को हराकर वर्ष 2011 का यूएस ओपन जीता था. वह वर्ष 1980 में इवोन काली बाद ग्रैंड स्लैम एकल टूर्नामेंट जीतने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई महिला बनीं थीं. 
•    समांथा स्टॉसर ने पांच ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं जिसमें दो महिला युगल और तीन मिश्रित युगल खिताब शामिल हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति का आरंभ किया

13-OCT-2014

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 10 अक्टूबर 2014 को भारतीय राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति का आरंभ किया. यह भारत की सबसे पहली मानसिक स्वास्थ्य नीति है जिसे केंद्र सरकार द्वारा आयोजित सबसे पहले राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शुरु किया था. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति को केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2011 में मानसिक स्वास्थ्य पर गठित नीति समूह की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया.

यह नीति वर्ष 2012 में जिनेवा में आयोजित 65वीं विश्व स्वास्थ्य सभा जिसका भारत भी एक हिस्सा था, में पारित डब्ल्यूएचए 65.4 प्रस्ताव के अनुरूप है . 
डब्ल्यूएचए 65.4 प्रस्ताव में मानसिक विकारों के वैश्विक बोझ और सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य और सामाजित क्षेत्रों से व्यापक, समन्वित प्रतिक्रिया की जरूरतों पर प्रकाश डाला गया है.

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति का विजन
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति का विजन सुलभ, सस्ती औऱ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल के जरिए सभी लोगों को आजीवन सही फ्रेमवर्क में मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देना, मानसिक बीमारी को रोकना, मानसिक बीमारी से ठीक होने में सक्षम करना, डिस्टिगमटाइजेशन औऱ डिसेग्रेगेशन को बढ़ावा देना, और मानसिक रूप से बीमार लोगों के सामाजिक–आर्थिक समावेशन को सुनिश्चित करना है.
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति का लक्ष्य 
•    तनाव, विकलांगता, अपवर्जन रुग्णता और व्यक्ति के जीवन काल में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जुड़े समय पूर्व मृत्यु दर को कम करने के लिए. 
•    देश में मानसिक स्वास्थ्य की समझ बढ़ाने के लिए. 
•    राष्ट्रीय, राजकीय और जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नेतृत्व को मजबूत करने के लिए. 
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति के उद्देश्य 
•    मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ाने और उसका व्यापक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग को बढ़ाने के लिए. 
•    अतिसंवेदनशील समूहों जैसे बेघर लोगों, सूदूर इलाके के निवासियों, सामाजिक और कमजोर वर्ग के सदस्यों तक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढाने के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ीं जोखिम के कारकों के प्रभाव को कम करने के लिए. 
•    आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयासों के जोखिम औऱ घटानाओँ को कम करने के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के अधिकारों के सम्मान और नुकसान से उन्हें बचाने के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जुड़े कलंक को कम करने के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य के लिए कुशल मानव संसाधनों की उपलब्धता औऱ समान वितरण को बढ़ाने के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन औऱ देखभाल के लिए वित्तीय आवंटन को बढ़ाने और उपयोग में सुधार के लिए. 
•    मानसिक स्वास्थ्य समस्याओँ के सामाजिक, जैविक और मनोवैज्ञानिक निर्धारकों को संबोधित और उचित हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए.
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति तैयार करने के प्रयास 
वर्ष 1987 की शुरुआत में, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति की रूपरेखा बनाने के प्रयास शुरु किए गए थे. इसका परिणाम मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 के अधिनियमन में हुई.  लेकिन अधिनियम कई त्रुटियों की वजह से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कभी प्रभाव में नहीं आ सका. 
मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 ने मानसिक रूप से बीमारों पर नियंत्रण करने वाले भारतीय पागलखाना अधिनियम, 1858, और भारतीय पागलखाना अधिनियम, 1912 में बदलाव की मांग की. इन अधिनियमों में मानवाधिकारों के पहलुओं को बड़े पैमाने पर अनदेखा किया गया था और ये सिर्फ हिरासत में रखने के मामलों से जुड़े थे.

टिप्पणी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत की आबादी का करीब 20 फीसदी साल 2020 क किसी न किसी प्रकार के मानसिक विकार से पीड़ित होगी. हालांकि, देश में सिर्फ 3500 मनोचिकित्सक हैं. इसलिए, सरकार अगले दशक में इस अंतर को कम करने की समस्या से जूझ रही है. 
इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य औऱ गरीबी के बीच दो– तरफा रिश्ता है जिसके सबूत कई रिपोर्ट में मिले हैं. इन रिपोर्टों में विश्व विकलांगता रिपोर्ट, 2010 भी शामिल है. यह हमें सचेत करता है कि अपने हानिकारक परिणामों के साथ यह बहुत बड़ा समाज संकट बन सकता है.

अजय जयराम ने योनेक्स डच ओपन ग्रां प्री टूर्नामेंट-2014 का खिताब जीता

13-OCT-2014

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अजय जयराम ने 50000 डालर इनामी राशि के योनेक्स डच ओपन ग्रां प्री टूर्नामेंट-2014 के पुरुष एकल का खिताब जीता. इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच अलमेयेर (हॉलैंड) में 12 अक्टूबर 2014 को खेला गया.

बेंगलुरू के 27 वर्षीय खिलाड़ी अजय जयराम ने इंडोनेशिया के इहसान मौलाना मुस्तफा को 10-11, 11-6, 11-7, 1-11, 11-9 से पराजित किया. यह उनके कॅरियर की सबसे बड़ी जीत है. 
चोट के कारण सात महीने बाहर रहने के बाद अगस्त 2014 में वापसी करने वाले 13वें वरीयता अजय जयराम ने इंग्लैंड के शीर्ष वरीयता प्राप्त राजीव ओसेफ को 26 मिनट चले सेमीफाइनल मुकाबले में 11-8, 11-7, 11-5 से पराजित किया था

रोजर फेडरर ने शंघाई ओपन का खिताब जीता

13-OCT-2014

दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी रोजर फेडरर (स्विट्जरलैंड) ने 12 अक्टूबर 2014 को शंघाई ओपन (शंघाई मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट) का खिताब जीता. शंघाई (चीन) में आयोजित खिताबी मुकाबले में फेडरर ने फ्रांस के जाइल्स सिमोन को पराजित किया.

17 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन फेडरर ने खिताबी मुकाबले में सिमोन को दो सेटों में 7-6, 7-6 से हराया. यह ख़िताब, फेडरर के करियर का 81वां और वर्ष 2014 का चौथा खिताब है. इसके साथ ही उनका यह लगातार दूसरा मास्टर्स खिताब है. इससे पहले उन्होंने अगस्त 2014 में सिनसिनाटी में खिताबी जीता था.
शंघाई में अपना पहला खिताब जीतने वाले फेडरर ने इस टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में लियोनाडरे मेयर के खिलाफ पांच मैच पाइंट बचाकर जीत दर्ज की और फिर सेमीफाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविक को हराया.

लुइस हैमिल्टन ने प्रथम रशियन ग्रां प्रि फ़ॉर्मूला-1 ख़िताब जीता

13-OCT-2014

मर्सिडीज के ड्राइवर लुइस हैमिल्टन ने 12 अक्टूबर 2014 को सोच्चि (रूस) में आयोजित प्रथम रशियन ग्रां प्रि फ़ॉर्मूला-1 ख़िताब जीता. अपने करियर की 38वीं पोल पोजीशन से रेस शुरू करने वाले हैमिल्टन ने कुल 1:31:50:744 सेकेंड के साथ ख़िताब जीता.

प्रथम रशियन ग्रां प्रि फ़ॉर्मूला -1 ख़िताब, हैमिल्टन की इस सत्र (वर्ष 2014-15) की लगातार चौथी और कुल नौवीं जीत थी. उनके कुल 291 अंक थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी निको रोसबर्ग के कुल 274 अंक थे.विलियम्स के फिन वल्टोरी बोटास तीसरे स्थान पर रहे. मैक्लारेन के जेंसन बटन चौथे और उनके टीम के सहयोगी एम केविन पांचवें, जबकि दो बार के चैंपियन फर्नाडो अलोंसो छठे स्थान पर रहे. फोर्स इंडिया के सर्जियो पेरेज दसवें, जबकि निको हुल्केनबर्ग 12वें स्थान पर रहे.

राजिन्दर सच्चर समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए गठित कुंडु समिति ने रिपोर्ट सौंपी

13-OCT-2014

प्रो. अमिताभ कुंडु की अध्यक्षता में राजिन्दर सच्चर समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए गठित मूल्यांकन समिति ने 9 अक्टूबर 2014 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी. सात सदस्यों वाली इस समिति का गठन केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने सितंबर 2013 में की थी. इसका गठन भारत में मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति पर जस्टिस (सेवानिवृत्त) राजिन्दर सच्चर समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए किया गया था.

समिति का आज्ञा– पत्र 
•    सच्चर समिति की रिपोर्ट को लागू करने की प्रक्रिया का मूल्यांकन 
•    प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्री कार्यक्रम का मूल्यांकन. 
•    केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित कार्यक्रमों के परिणामों का आकलन करने के लिए. 
•    अल्पसंख्यक बहुल जिलों (एमसीडी) में बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) के लिए जारी की गई धनराशि के कुप्रबंधन को देखने के लिए.
•    प्रो. अमिताभ कुंडु की अध्यक्षता में विविधता सूचकांक पर विशेषज्ञ समूह के प्रस्तावित विविधता सूचकांक के प्रस्ताव को पुनर्जीवित करने के लिए. 
•    सितंबर 2014 तक सुधारात्मक सिफारिश करने के लिए.

गज़ा पट्टी के पुनर्निर्माण के लिए भारत ने 40 लाख डॉलर की सहायता देने का संकल्प लिया

13-OCT-2014

इस्राइल और फिलिस्तीनियों के मध्य 51 दिन तक चले संघर्ष में तहस-नहस हुई गज़ा पट्टी के पुनर्निर्माण के लिए भारत ने 40 लाख डॉलर की सहायता देने का संकल्प लिया. भारत ने यह संकल्प संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय दानदाता सम्मेलन में 12 अक्टूबर 2014 को लिया. इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका मामलों के संयुक्त सचिव संदीप कुमार ने किया. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय दानदाता सम्मेलन का आयोजन मिस्र और नॉर्वे ने संयुक्त रूप से काहिरा में किया. 
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय दानदाता सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर दानदाताओं ने इस कार्य के लिये कुल 5.4 अरब डॉलर की धनराशि देने की पेशकश की.  इसमें भारत का 40 लाख डॉलर भी शामिल है.

इस एक दिवसीय सम्मेलन में 30 से अधिक विदेश मंत्रियों और 50 से अधिक राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया. इस दौरान क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग 20 प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
सम्मेलनक बाद नॉर्वे के विदेश मंत्री बोर्ज ब्रेंडे ने कहा कि भागीदारों ने लगभग 5.4 अरब डॉलर के सहयोग का संकल्‍प लिया है. यह दान राशि 4 अरब डॉलर की उस राशि से कहीं अधिक है, जिसकी मांग फलस्तीनियों ने गाजा के पुनर्निर्माण के लिए की थी.
कतर ने एक अरब डॉलर के साथ दानदाताओं की सूची में शीर्ष स्थान पर है. अमेरिका ने 21.2 करोड़ डॉलर की राशि दान देने का निर्णय किया है.
विदित हो कि जुलाई 2014 और अगस्त 2014 में चले 51 दिन के संघर्ष में 2000 फलस्तीनियों की मौत हो गई थी तथा एक लाख अन्य बेघर हो गए थे.
विश्लेषण 
इस (काहिरा) सम्मेलन के उद्देश्यों पर शीघ्र अमल फलस्तीन एवं इस्राइल के बीच संघर्ष विराम पर बनी मौजूदा समझ को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने कहा कि समस्याओं को सुलझाने एवं स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए वार्ता ही एकमात्र सुरक्षित रास्ता है.

आईसीसी ने वर्ष 2015-2023 के लिए वैश्विक प्रसारण अधिकार स्टार इंडिया और स्टार मध्य पूर्व को दिए

13-OCT-2014

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने वर्ष 2015-2023 के मध्य अपनी सभी गतिविधियों के लिए वैश्विक प्रसारण समझौते के अधिकार स्टार इंडिया और स्टार मध्य पूर्व को दिए. यह जानकारी दी गई. यह क्रिकेट की अब तक की सबसे बड़ी वैश्विक प्रसारण भागीदारी है.

यह निर्णय आईसीसी व्यापार निगम (IBC)  द्वारा आईसीसी के मुख्यालय दुबई में आयोजित एक बैठक के दौरान 10 अक्टूबर 2014 को लिए गए. आईसीसी व्यापार निगम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की वाणिज्यिक शाखा है.
यह समझौता आठ वर्ष की अवधि के लिए किया गया है. इस अवधि के दौरान, दो आईसीसी क्रिकेट विश्व कप (2019 और 2023), दो आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट (2017 और 2021) और दो आईसीसी विश्व ट्वेंटी -20 टूर्नामेंट (2016 और 2020) सहित 18 आईसीसी टूर्नामेंट, आयोजित किये जायेंगे. इस निर्णय के पश्चात मजबूत टेंडर, बोली और मूल्यांकन प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी, जो जुलाई 2014 में शुरू की गयी थी.
चयन की प्रक्रिया 
आईसीसी अपनी ऑडियो-विजुअल अधिकार  के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न प्रसारकों से 17 प्रतिस्पर्धी बोलियां प्राप्त की थी. वर्तमान समय में ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स के पास ऑडियो-विजुअल अधिकार हैं और ये अनुबंध 2015 तक रहेगा.

स्टार इंडिया के बारे में 
स्टार इंडिया भारत की सबसे बड़ी मीडिया और मनोरंजन की कंपनियों में से एक है. यह पूर्ण रूप से सेंचुरी फोक्स  INC  के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी  है. स्टार समूह दो दशकों में भारत का प्रसारण मीडिया को परिभाषित किया है और आज सात भाषाओं में चालीस से अधिक चैनलों पर प्रसारण करती है. इस प्रकार यह हर सप्ताह 650 से अधिक लाख दर्शकों और 100 अन्य देशों तक पहुँच रखती है.

स्टार मध्य पूर्व के बारे में 
स्टार मध्य पूर्व 21वीं सेंचुरी फॉक्स इंक, की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जो में मध्य पूर्व में स्थित है. यह मध्य पूर्व और अफ्रीका में 13 उपग्रह केबल टेलीविजन चैनल वितरित करती है.

एक माह तक चलने वाला आकाशदीप अनुष्ठान वाराणसी में शुरु हुआ

13-OCT-2014

वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद से अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों को सम्मानित करने के लिए एक माह तक चलने वाला आकाशदीप अनुष्ठान वाराणसी, उत्तर प्रदेश में 10 अक्टूबर 2014 को शुरु हुआ. महीने भर चलने वाला यह अनुष्ठान वाराणसी में गंगा के तट पर शहीद सैनिकों के सम्मान में लालटेन जलाकर मनाया जाता है. यह अनुष्ठान हर वर्ष हिन्दी माह कार्तिक में सभी क्षेत्रों के लोगों द्वारा मनाया जाता है.

यह अनुष्ठान बहुत पहले महाभारत के युद्ध में मारे गए सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता था. लेकिन इसे पाकिस्तान के साथ वर्ष 1999 में हुए कारगिल की लड़ाई के बाद वाराणसी में फिर से मनाया जाने लगा.

केंद्र सरकार ने गजल गायिका बेगम अख्तर की जन्म शताब्दी समारोह का आरंभ किया

13-OCT-2014

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 7 अक्टूबर 2014 को गजल गायिका बेगम अख्तर के जन्म शताब्दी समारोह का आरंभ किया. यह समारोह पूरे एक वर्ष तक मनाया जाएगा.  बेगम अख्तर का मूल नाम अख्तर बाई फैजाबादी था. इस अवसर पर मंत्रालय ने 100 रुपए और 5 रुपए के स्मारक सिक्कों का सेट जारी किया और बेगम अख्तर की गजलों और ठुमरियों को लोकप्रिय बनाने के लिए संगीत कार्यक्रमों की भी घोषणा की.

इसी विचार के साथ एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव के दौरान कार्यक्रमों और गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्रीपद यास्सू नाइक की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति (एनआईसी) का गठन किया गया. अगले एक वर्ष में, इनके जीवन और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर कई शहरों में संगीत महोत्सवों का आयोजन करने की योजना बनाई गई है. संगीत कार्यक्रम मुंबई, चेन्नई, वाराणसी, गोवा, हैदराबाद और बैंगलोर में आयोजित किया जाएगा.

सरकार ने एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम की भी घोषणा की जो संगीत नाटक अकादमी हर वर्ष एक छात्र को संगीत को आगे बढ़ाने और उसके करियर को सुविधाजनक बनाने के लिए मदद के रूप में देगी.

बेगम अख्तर के बारे में
•    अख्तर बाई फैजाबादी, बेगम अख्तर के नाम से मशहूर थीं. वे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली की ठुमरी, गजल और दादरा की मशहूर गायिका थीं. 
•    वर्ष 1972 में मुखर संगीत के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था. वर्ष 1968 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री और वर्ष 1975 में पद्म् भूषण (मरणोपरांत) सम्मान से सम्मानित किया था. 
•    उनके शिष्यों में शांति हीरानंद हैं जिन्हें बाद में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया था. इन्होंने बेगम अख्तरः द स्टोरी ऑफ माई अम्मी (2005) नाम से एक जीवनी लिखी थी.
•    कला समीक्षक एस. कालीदास ने इनपर हाए अख्तरी नाम से एक वृत्तचित्र का निर्देशन किया था.  
•    उन्हें मल्लिका–ए–गजल के खिताब से नवाजा गया था. 
•    उनका जन्म 7 अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में बड़ा दरवाजा इलाके में हुआ था. 
•    उनकी मृत्यु 30 अक्टूबर 1974 को गुजरात के अहमदाबाद में हुई. बेगम अख्तर को लखनऊ के पसंदा बाग में दफनाया गया.

जापान की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार प्रदर्शनी सीईऐटीईसी संपन्न

13-OCT-2014

जापान की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार प्रदर्शनी सीईऐटीईसी (CEATEC) जापान के चिबा प्रान्त में मखुअरी मेस्सी इंटरनेशनल कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में 11 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुई. कम्बायिंड एग्जिबिशन  ऑफ़  एडवांस्ड टेक्नोलॉजीस  (Combined Exhibition of Advanced Technologies, उन्नत प्रौद्योगिकियों  की  संयुक्त प्रदर्शनी) 7 अक्टूबर 2014 को शुरू हुई थी.

इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण  फुजीफिल्म का जापानी कंपनियों द्वारा फुजीफिल्म जैसी चिन्ह और प्रदर्शन प्रौद्योगिकी समाधान का परिचय कराना था जो व्यापक प्रारूप प्रिंट प्रणाली के लिए समाधान प्रदान करता है. प्रौद्योगिकी भारत और आसियान क्षेत्र में जहां होर्डिंग और पॉप पर आउटडोर विज्ञापन की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है आउटडोर विज्ञापन उद्योग के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी.
प्रौद्योगिकी मुख्य रूप से अल्ट्रा वायलेट (यूवी) स्याही पर आधारित ग्राफिक्स का उपयोग करती है. जो  आउटडोर जलवायु में संरक्षित रहती हैं  और लुप्त  नहीं होती हैं, इस प्रकार सिस्टम एक कमरे में स्थापित किया जा सकता है. दूसरी ओर, हानिकारक VOC - आधारित स्याही प्रणाली विलायक पारंपरिक व्यापक प्रारूप मुद्रण मशीन के लिए उपयोग की जाती है. जिसमें अलग बल पूर्वक निकास की सुविधा की आवश्यकता पड़ती है.
सीईऐटीईसी के विषय में
कम्बायिंड एग्जिबिशन ऑफ़ एडवांस्ड टेक्नोलॉजीस (CEATEC) अत्याधुनिक उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर से कंपनियों और संगठनों के लिए एक मंच प्रदान करता है. यह आयोजन सेमिनार और मेले के दौरान अन्य गतिविधियों के साथ प्रमुख उद्योग नेटवर्किंग और जानकारी एकत्र करने के अवसर के रूप में कार्य करता है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'विराट पुरुष नानाजी' ग्रंथावली का विमोचन किया

13-OCT-2014

विराट पुरुष नानाजी: दीनदयाल अनुसंधान संस्थान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को 'विराट पुरुष नानाजी' ग्रंथावली का विमोचन किया. यह ग्रंथ दीनदयाल अनुसंधान संस्थादन द्वारा छह अंकों में संकलित किया गया है, जो नानाजी देशमुख की रचनाओं का संकलन है.

नानाजी देशमुख से संबंधित मुख्य तथ्य

नानाजी देशमुख का पूरा नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था. उनका जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था एवं मृत्यु 26 फरवरी 2010 को हुई थी. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एवं भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे थे. 60 वर्ष की आयु में राजनीति से संन्यास लेकर उन्होंने अपना बाकी जीवन ग्रामीण विकास के प्रति समर्पित कर दिया था. उनके प्रयासों से ही 'शिशु मंदिर' की शुरूआत गोरखपुर में की गई थी. वर्ष 1999 में भारत सरकार ने उन्हें पदम् विभूषण से सम्मानित किया.

केंद्रीय एमओयूडी ने नई दिल्ली के भीड़–भाड़ वाली सड़कों पर 17 सदस्यीय समिति गठित की

13-OCT-2014

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय (एमओयूडी) ने नई दिल्ली के सड़कों को भीड़–भाड़ से मुक्त करने के लिए सुझाव देने हेतु 10 अक्टूबर 2014 को एक 17 सदस्यीय समिति का गठन किया. इस समिति के अध्यक्ष केंद्रीय एमओयूडी के सचिव होंगे. यह समिति प्राथमिकता के आधार पर सुधारात्मक उपायों की तलाश करेगी.

साथ ही समिति इस परियोजना के सभी तकनीकी, वित्तीय और प्रशासनिक पहलुओं पर भी गौर करेगी.

समिति को अपनी रिपोर्ट के साथ प्रस्ताविक एक्शन प्लान नवंबर 2014 के पहले सप्ताह में जमा करने का निर्देश दिया गया है.

इस समिति का गठन मीडिया रिपोर्टों में राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर यातायात की भीड़ पर प्रकाश डालने के बाद गठित किया गया था.

नई दिल्ली में सड़कों पर भीड़ की समस्या

वर्ष 2012 में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) और रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेस (आरआईटीईएस) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, यह भविष्यवाणी की गई थी कि साल 2020 तक, दिल्ली की शीर्ष गति पांच किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी, इसका मतलब है कि, 15 किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन घंटों का समय लगेगा.

हालांकि दिल्ली में उसके भौगोलिक क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे व्यापक सड़क नेटवर्क, 21 फीसदी, है लेकिन वह भरा हुआ है और वाहनों से अटा पड़ा है.

यह समस्या इस वजह से है कि दिल्ली में साठ लाख (छह मिलियन) वाहन हैं और हर रोज इनमें 1200 वाहनों का इजाफा हो रहा है. लेकिन इसी गति से सड़क की चौड़ाई नहीं बढ़ रही. इस समस्या को राजधानी से रोजाना गुजरने वाले 12 लाख वाहन और बढ़ा देते हैं जिनकी वजह से दिल्ली के नौ राजमार्ग अवरुद्ध होते हैं.

इसके अलावा, शहर की सड़कों पर भीड़ का यह संकट एनसीआर हैं जहां अभी भी कई सड़क और फ्लाईओवर परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं. इसके प्रभाव का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दिल्ली वालों के करियर का छह वर्ष जाम में खर्च हो जाता है और सत्तर लाख काम के घंटे (सात मिलियन मैन आवर्स) और 100 करोड़ रुपयों की उत्पादकता भीड़-भाड़ के कारण गंवा दिया जाता है. यह राजधानी को भारत का सबसे बुरी भीड़ वाला शहर बनाता है.

भारत और ब्रिटेन की सरकार ने ‘भारत–ब्रिटेन वित्तीय साझेदारी’ का आरंभ किया

13-OCT-2014

भारत और ब्रिटेन की सरकार ने 10 अक्टूबर 2014 को वित्तीय सेवा क्षेत्र के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए ‘भारत–ब्रिटेन वित्तीय साझेदारी’ का नई दिल्ली में आरंभ किया.

इस साझेदारी के आरंभ का फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और राजकोष के चांसलर जॉर्ज ओस्बोर्न ने जुलाई 2014 में नई दिल्ली में हुए ‘सातवें भारत – ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय विमर्श’ बातचीत के दौरान किया था.

यह साझेदारी दोनों ही देशों के वित्तीय सेवा उद्योगों के बीच संबंधों को मजबूत बनाएगा और लंदन एवं मुंबई के बीच सहयोग को और बढ़ाने का काम करेगा. दोनों देशों के वित्तीय सेवा उद्योग का प्रतिनिधित्व कोटक महिन्द्रा बैंक के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक उदय कोटक एवं स्टैंडर्ड लाइन एंड द सिटि के अध्यक्ष सर जेरी ज्रिमस्टोन करेंगें. उद्योग जगत के दोनों ही नेता पेशेवरों के समूह को साझा हितों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जांच करने के लिए बुलाएंगे और प्रगति पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.

प्रतिनिधि अपनी सिफारिशें भारत के वित्त मंत्री और यूके के राजकोष चांसलर को 2015 में आयोजित होने वाले ‘आठवें भारत – ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय विमर्श’ में पेश करेंगे.

शुरुआत में साझेदारी में निम्नलिखित कार्यों पर ध्यान दिया जाएगा–

•    कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के विकास के लिए सहयोग.

•    बैंकिंग विनियमन और पूंजीकरण पर विशेषज्ञका का परस्पर आदान– प्रदान.

•    वित्तीय प्रशिक्षण और योग्यता को बढ़ाना.

•    वित्तीय समावेशन.

•    वित्तीय औऱ बीमा सेवाओं की सीमा पार प्रावधानों में सुधार के लिए अवसरों पर कार्यक्रम विकसित करना.