Sep 2014 Third Week

इलेक्ट्रोलक्सनेजनरलइलेक्ट्रिककंपनीकीइकाईसे 3.3 बिलियनअमेरिकीडॉलरकासमझौताकिया

15-SEP-2014

स्वीडन की कंपनी इलेक्ट्रोलक्स ने लुइसविल की जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी की इकाई से 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया. यह समझौता 8 सितंबर 2014 को किया गया.

यूरोमॉनिटर से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इलेक्ट्रोलक्स और जीई अप्लायंसेस बिजनेस के संयोजन से अमेरिका के प्रमुख अप्लायंस बाजार में इसका शेयर 26% से अधिक का हो जाएगा.

यह अमेरिकी बाजार में 25% से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले वर्ल्पूल को पीछे छोड़ देगा. इलेक्ट्रोलक्स ने कहा है कि वह जीई अप्लायंसेस के ब्रांड का इस्तेमाल करना जारी रखेगी.

जीई– इलेक्ट्रोलक्ससमझौता

  • जीई हेवी इंडस्ट्रील बिजनेस जैसे जेट इंजन, पावर टर्बाइन और तेल– क्षेत्र में सेवाओं पर ध्यान देने के लिए जीई अपने सभी छोटे व्यापार को बेच रही है.
  • यह सौदा डिश वाशर, वाशिंग मशीन और कुकर जैसे घरेलू उपकरणों के निर्माताओं के बीच है.
  • यह समझौता कंपनी को 40% के संयुक्त बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार के अग्रणी वर्ल्पूल के मुकाबले उत्तर अमेरिका के बेहतर बाजार स्थिति में पहुंचा देगा.
  • इलेक्ट्रोलक्स अप्लायंस क्षेत्र में तेजी से बढ़ते महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाएगी.
  • जीई अप्लायंसेस बिजनेस की खरीद में– प्रैशर कुकर, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और वाटर हीटर शामिल हैं– अमेरिकी बाजार में वर्ष 2013 हुई 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (31.9 बिलियन क्राउन्स) की तुलना में दुगने से भी अधिक हो सकता है.
  • इस सौदे के साथ इलेक्ट्रोलक्स उत्तर और दक्षिण अमेरिका दोनों में ही अच्छी तरह से अपनी पहुंच बनाएगी और अमेरिका में अपनी स्थिति मजबूत करेगी.

चीन के चूंगचींग शहर में पहला मोबाइल फोन फुटपाथ लेन बनाया गया

18-SEP-2014

चीन के चूंगचींग शहर में पहला मोबाइल फोन फुटपाथ लेन 15 सितंबर 2014 को बनाया गया. शहर के अधिकारियों ने पैदल चलने के दौरान फोन का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों और महिलाओं को यह 100 फुट का सेलफोन लेन समर्पित किया.

इस पहल का स्रोत वाशिंगटन संस्करण माना जा रहा था. जुलाई 2014 में, वाशिंगटन डीसी के 18 स्ट्रीट के फुटपाथ के एक हिस्से को पैदल चलने के दौरान अपना सेल फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए अलग से रंगा गया था जबकि दूसरा लेन तेज चलने वालों के लिए था. यह नेशनल जियोग्राफिक टेलीविजन के व्यवहार प्रयोग का हिस्सा था.

वर्ष 2013 में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला कि अमेरिका में विचलित पैदल चलने से होने वाली चोटों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. वर्ष 2005 में जहां यह 256 थी वहीं वर्ष 2010 में घायलों की संख्या बढ़कर 1506 हो गई.

अन्यसमाधान

  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने परिसर के आसपास चेतावनी पोस्टर लगाया है.
  • वर्ष 2012 में, यूटा ट्रांजिस अथॉरिटी ने विचलित पैदल चलने वालों पर 50 डॉलर का भारी जुर्माना लगाया.
  • इसके अलावा, कुछ अधिकारियों ने निष्क्रिय आक्रामक प्रतिरोध आंदोलन की तर्ज पर ठीक से व्यवहार करने के घटक के तौर पर एक अभियान का प्रस्ताव दिया.

गिलाद ने भारतीय दवा कंपनियों को सोफोस्बूवीर का जेनेटिक संस्करण बनाने के लिए स्वैच्छिक लाइसेंस दिया

18-SEP-2014

गिलाद ने भारतीय दवा कंपनियों को हेपिटाइटिस सी की दवा सोफोस्बूवीर का जेनरिक संस्करण बनाने के लिए स्वैच्छिक लाइसेंस 16 सितंबर 2014 को प्रदान किया. सोफोस्बूवीर दवा का पेंटेट अमेरिका के इस दवा कंपनी गिलाद के ही पास है.

इसके अलावा, गिलाद ने वंडर ड्रग (आश्यर्यजनक दवा) सोफोस्बूवीर के 24 सप्ताह के कोर्स को अमेरिका के 50.4 लाख रूपयों की तुलना में भारत में सिर्फ 1.1 लाख रूपये में उपलब्ध कराने का भी फैसला किया है.
समझौते के अनुसार, भारत की सात कंपनियों को इस सस्ती दवा को 91 विकासशील देशों में बेचने की अनुमति दी जानी है, लेकिन इन भारतीय कंपनियों को ब्राजील, रूस, चीन, थाईलैंड और कई अन्य मध्यम– आय (मिडिल–इनकम) वाले देशों में सोफोस्बूवीर को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
वे सात भारतीय दवा कंपनियां जिन्हें स्वैच्छिक लाइसेंस दिया गया है, वे हैं– कैंडिला हेल्थकेयर, हेट्रो लैब्स, मयलान लैबोरेटरीज, रैनबैक्सी लैबोरेटरीज, सीक्वेंट साइंटिफिक और स्ट्राइड्स एक्रोलैब.
इन कंपनियों को सोफोस्बूवीर के जेनरिक संस्करण और उससे संबंधित एक दवा को विकसित कर उसे 91 विकासशील देशों में बेचने का अधिकार होगा. 
इन कंपनियों को स्वैच्छिक लाइसेंस दिए जाने से इनके बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिसकी वजह से सोफोस्बूवीर के जेनरिक संस्करण की कीमत कम होगी और इस प्रकार विश्व स्तर पर रोगियों के बीच इसकी बेहतर पहुंच बनाने में भी मदद मिलेगी. 
टिप्पणी
हालांकि यह सौदा भारत के लिए फायदेमंद रहेगा क्योंकि करीब 18.2 मिलियन लोगों के हेपिटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित होने का अनुमान है. हालांकि, 29.8 मिलियन एचसीवी संक्रमित लोगों के साथ चीन पहले स्थान पर है. ब्राजील और यूक्रेन में क्रमशः 2.6 मिलियन और 1.9 मिलियन एचसीवी संक्रमित लोग हैं, लेकिन इन्हें व्यावसायिक बाजार मानते हुए दायरे से बाहर रखा गया है. 
थाइलैंड, मलेशिया, पेरु, अर्जेंटीना, इक्वाडोर और कोलंबिया जैसे कई अन्य देश हैं जहां एचसीवी से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन उन्हें भी समझौते के दायरे से बाहर रखा गया है.
समझौते में आमतौर पर गरीब देशों को शामिल किया गया है जहां संक्रमित लोगों की संख्या इतनी अधिक नहीं है. चूंकि ये देश पेटेंट प्रणाली का बोझ वहन नहीं कर सकते इसलिए इन्हें पेटेंट के दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है.हेपिटाइटिससीकेबारेमें
• हेपिटाइटिस सी यकृत (लीवर) की एक बीमारी है जो हेपिटाइटिस सी वायरस की वजह से होती है. यह वायरस घातक और स्थायी संक्रमण दे सकता है जिसकी वजह से कुछ सप्ताह तक चलने वाली मामूली बीमारी से लेकर जीवन भर का गंभीर रोग हो सकता है. 
• हेपिटाइटिस सी वायरस रक्त जनित वायरस होता है और यह आमतौर पर असुरक्षित इंजेक्शन, कुछ अस्पतालों में चिकित्सीय उपकरणों की अपर्याप्त रोगाणुनाशन और खुले (अनस्क्रीन्ड ब्लड) रक्त और रक्त उत्पाद की वजह से फैलता है.
• विश्व भर में 130– 150 मिलियन लोगों को स्थायी (क्रोनिक) हेपिटाइटिस सी का संक्रमण है.
• इनमें से पुराने हेपिटाइटिस सी से संक्रमित लोगों में लीवर सिरोसिस या लीवर कैंसर विकसित होने की संभावना प्रबल होती है.
• हर वर्ष हेपिटाइटिस सी– संबंधित लीवर की बीमारी से 350, 000 से 500,000 लोगों की मौत हो जाती है.
• वायरस रोधी दवाएं (एंटीवायरल मेडिसिन्स) हेपिटाइटिस सी के संक्रमण का इलाज कर सकती हैं लेकिन रोग के निदान और उपचार तक पहुंच कम है. 
• वायरस रोधी उपचार की सफलता दर 50–90% है जो कि इस बात पर निर्भर है कि किस प्रकार का उपचार कराया जा रहा है और इससे लीवर कैंसर और सिरोसिस के विकास को कम करने में भी मदद करते पाया गया है.
• फिलहाल हेपिटाइटिस सी के लिए कोई वैक्सीन (टीका) नहीं है हालांकि इस क्षेत्र में अनुसंधान चल रहा है.

रश्मि कुमारी ने कैरम विश्व कप चैंपियनशिप में महिला एकल का खिताब जीता

18-SEP-2014

भारतीय कैरम खिलाड़ी रश्मि कुमारी ने मालदीव में आयोजित कैरम विश्व कप चैंपियनशिप में 16 सितंबर 2014 को महिला एकल का खिताब जीता. रश्मि मूल रूप से पटना (बिहार) की रहने वाली हैं.महिला एकल के फाइनल मुकाबले में रश्मि ने हमवतन कविता सोमांची को सीधे सेटों में 25-17, 25-22 से हरा कर तीसरी बार कैरम विश्व कप खिताब जीता. टूर्नामेंट की सबसे युवा खिलाड़ी काजल कुमारी ने जयश्री को हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया. इससे पहले रश्मि ने सेमीफाइनल में काजल को 25-0, 11-25, 25-14 से हराया. जबकि क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की एल चलानी को दो सेटों में पराजित किया.

रश्मि कुमारी ने कैरम विश्व कप चैंपियनशिप में महिला एकल का खिताब जीता

18-SEP-2014

भारतीय कैरम खिलाड़ी रश्मि कुमारी ने मालदीव में आयोजित कैरम विश्व कप चैंपियनशिप में 16 सितंबर 2014 को महिला एकल का खिताब जीता. रश्मि मूल रूप से पटना (बिहार) की रहने वाली हैं.महिला एकल के फाइनल मुकाबले में रश्मि ने हमवतन कविता सोमांची को सीधे सेटों में 25-17, 25-22 से हरा कर तीसरी बार कैरम विश्व कप खिताब जीता. टूर्नामेंट की सबसे युवा खिलाड़ी काजल कुमारी ने जयश्री को हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया. इससे पहले रश्मि ने सेमीफाइनल में काजल को 25-0, 11-25, 25-14 से हराया. जबकि क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की एल चलानी को दो सेटों में पराजित किया.

क्रोमा और स्नैपडील ने इलेक्ट्रॉनिक उद्पादों को आनलाइन बेचने के लिए करार किया

18-SEP-2014

टाटा समूह की कंपनी क्रोमा और स्नैपडील. कॉम (Snapdeal.com) ने 16 सितंबर 2014 को इलेक्ट्रॉनिक सामानों की ऑनलाइन बिक्री के लिए करार किया. यह ओमनी–चैनल खुदरा संघ क्रोमा और स्नैपडील को एक दूसरे की ताकत का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा.

क्रोमा और स्नैपडील इस मंच पर लेनोवो टैबलेट को पहले ही लांच कर चुकी है और कार्बन टाइटेनियम एस10 मोबाइल फोन पर विशेष ऑफर की भी घोषणा की.

करारकीमुख्यबातें

  • क्रोमा स्टोर पर उपलब्ध सामान अब बिक्री के लिए स्नैपडील. कॉम (Snapdeal.com) पर भी उपलब्ध होगा.
  • क्रोमा और स्नैपडील. कॉम (Snapdeal.com) अब बाजार विकास पहल के लिए मिलकर काम करेंगे.
  • दोनों ही कंपनियां ग्राहक और विक्रेता पहुंच कार्यक्रमों और श्रेणी विकास में सहयोग करेंगी.
  • दोनों ही ब्रांड उत्पादों की एक्सक्लूसिव लांच के लिए मिलकर काम करेंगें.

ओमनी– चैनलरीटेलअवधारणा
ओमनी– चैनल रीटेल अवधारणा बाजार में लोकप्रिय हो रही है. सितबंर 2014 की शुरुआत में फ्यूचर ग्रुप ने अपने खुद के ओमनी– चैनल रीटेल रणनीति जो कि 18 माह में आ जाएगी, के लिए 100 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी.

यहां तक कि शॉपर्स स्टॉप लिमिटेड अपने ओमनी–चैनल रणनीति का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है जो कि अगले 24 महीने में शुरु हो जाएगा. ओमनी– चैनल रीटेल निसंस्देह ही भारतीय खुदरा उद्योग को आगे ले जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संघ ने कौशिक बसु को प्रेसिडेंट–इलेक्ट नियुक्त किया

18-SEP-2014

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संघ (आईईए) ने 16 सितंबर 2014 को कौशिक बसु को सितंबर 2014 से शुरु हो रहे संघ का प्रेसिडेंट–इलेक्ट नियुक्त किया. हालांकि, वे विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री के तौर पर काम करना जारी रखेंगें.

यह दूसरी बार है जब कोई भारतीय इस संघ का अध्यक्ष बना है. यह संघ बड़ी संख्या में शोध पत्र और किताबें प्रकाशित करेगा एवं समकालीन रुचि के विषयों पर गोलमेज सम्मेलन आयोजित करेगा. आईईए से जुड़ने वाले पहले भारतीय अमर्त्य सेन थे.
कौशिकबसु
•    कौशिक बसु विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री हैं. विश्व बैंक में 5 सितंबर 2012 को उनकी नियुक्ति बतौर मुख्य अर्थशास्त्री की गई थी. 
•    फिलहाल वे अमर्त्य सेन द्वारा स्थापित ह्यूमन डेवलपमेंट एंड कैपेबलिटीज एसोसिएशन के चौथे अध्यक्ष और भारत के एग्जिम बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य हैं. 
•    वे कार्नेल यूनिवर्सिटी से छुट्टी पर हैं जहां वे अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के सी. मार्क्स के प्रोफेसर हैं. 
•    मई 2008 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
•    दिसंबर 2009 से जुलाई 2012 तक वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) रहे. 
•    कौशिक बसु बीबीसी न्यूज ऑनलाइन, द हिन्दुस्तान टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड के स्तंभकार भी हैं और अर्थशास्त्र पर उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं.

अंतरराष्ट्रीयआर्थिकसंघ (आईईए)
यूनेस्को के सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रोत्साहन से आईईए की स्थापना बतौर गैर– सरकारी संगठन वर्ष 1950 में की गई थी. इसका उद्देश्य दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अर्थशास्त्रियों के बीच व्यक्तिगत संपर्क और आपसी समझ को बढ़ावा देना है. 
यह संघ वैश्विक आर्थिक नीति और शोध को आकार देने में प्रभावी रहा है. रॉबर्ट सोलो, अमर्त्य सेन औऱ जोसेफ स्टिग्लिट्ज जैसे नोबल पुरस्कार विजेता आईईए के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं.
आईईए हर तीन वर्ष के बाद विश्व कांग्रेस का आयोजन करती है. यह दुनिया में अर्थशास्त्रियों का सबसे बड़ा समारोह है. 
आईईए का सत्रहवां विश्व कांग्रेस जून 2014 में जॉर्डन के मृत सागर में आयोजित किया गया था. आईईए के 16वें विश्व कांग्रेस की मेजबानी चीन के बीजिंग शहर ने वर्ष 2011 में की थी.

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संघ ने कौशिक बसु को प्रेसिडेंट–इलेक्ट नियुक्त किया

18-SEP-2014

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संघ (आईईए) ने 16 सितंबर 2014 को कौशिक बसु को सितंबर 2014 से शुरु हो रहे संघ का प्रेसिडेंट–इलेक्ट नियुक्त किया. हालांकि, वे विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री के तौर पर काम करना जारी रखेंगें.

यह दूसरी बार है जब कोई भारतीय इस संघ का अध्यक्ष बना है. यह संघ बड़ी संख्या में शोध पत्र और किताबें प्रकाशित करेगा एवं समकालीन रुचि के विषयों पर गोलमेज सम्मेलन आयोजित करेगा. आईईए से जुड़ने वाले पहले भारतीय अमर्त्य सेन थे.
कौशिकबसु
•    कौशिक बसु विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री हैं. विश्व बैंक में 5 सितंबर 2012 को उनकी नियुक्ति बतौर मुख्य अर्थशास्त्री की गई थी. 
•    फिलहाल वे अमर्त्य सेन द्वारा स्थापित ह्यूमन डेवलपमेंट एंड कैपेबलिटीज एसोसिएशन के चौथे अध्यक्ष और भारत के एग्जिम बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य हैं. 
•    वे कार्नेल यूनिवर्सिटी से छुट्टी पर हैं जहां वे अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के सी. मार्क्स के प्रोफेसर हैं. 
•    मई 2008 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
•    दिसंबर 2009 से जुलाई 2012 तक वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) रहे. 
•    कौशिक बसु बीबीसी न्यूज ऑनलाइन, द हिन्दुस्तान टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड के स्तंभकार भी हैं और अर्थशास्त्र पर उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं.

अंतरराष्ट्रीयआर्थिकसंघ (आईईए)
यूनेस्को के सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रोत्साहन से आईईए की स्थापना बतौर गैर– सरकारी संगठन वर्ष 1950 में की गई थी. इसका उद्देश्य दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अर्थशास्त्रियों के बीच व्यक्तिगत संपर्क और आपसी समझ को बढ़ावा देना है. 
यह संघ वैश्विक आर्थिक नीति और शोध को आकार देने में प्रभावी रहा है. रॉबर्ट सोलो, अमर्त्य सेन औऱ जोसेफ स्टिग्लिट्ज जैसे नोबल पुरस्कार विजेता आईईए के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं.
आईईए हर तीन वर्ष के बाद विश्व कांग्रेस का आयोजन करती है. यह दुनिया में अर्थशास्त्रियों का सबसे बड़ा समारोह है. 
आईईए का सत्रहवां विश्व कांग्रेस जून 2014 में जॉर्डन के मृत सागर में आयोजित किया गया था. आईईए के 16वें विश्व कांग्रेस की मेजबानी चीन के बीजिंग शहर ने वर्ष 2011 में की थी.

अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत नियुक्त किए गए

18-SEP-2014

अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो को जलवायु परिवर्तन पर विशेष ध्यान देने हेतु संयुक्त राष्ट्र का शांति दूत नियुक्त किया गया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने 16 सितंबर 2014 को उन्हें शांति दूत नियुक्त किया.

लियोनार्डो, संयुक्त राष्ट्र की तरफ से संगठन के लिए अलग– अलग प्राथमिकता के मुद्दों की वकालत करने वाले 11 अन्य संयुक्त राष्ट्र शांतिदूतों और एक सद्भावना राजदूत के साथ काम करेंगें. बतौर शांति दूत वे 23 सितंबर 2014 को अमेरिका में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगें.

संयुक्तराष्ट्रशांतिदूतकेबारेमें
संयुक्त राष्ट्र शांति दूत कला, फिल्म, साहित्य, संगीत और खेल के क्षेत्र के ख्याति प्राप्त लोग होते हैं जो विश्व भर में संगठन के आदर्शों और गतिविधियों के प्रति जागरूकता फैलाने में मदद करते हैं. अपने सार्वजनिक उपस्थिति, अंतरराष्ट्रीय मीडिया से संपर्क और संयुक्त राष्ट्र कैसे मानवीय कार्यों के जरिए हर जगह लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है, के बारे में जनता में समझ का विस्तार करते हैं.

डिकैप्रियो के साथ संयुक्त राष्ट्र के कुछ अन्य शांति दूत हैं– जॉर्ज क्लूनी, एडवर्ड नॉर्टन और पियोनोवादक लैंग लैंग.

लियोनार्डोडिकैप्रियोकेबारेमें
लियोनार्डो डिकैप्रियो हॉलिवुड अभिनेता और पर्यावरण कार्यकर्ता है. उन्होंने वर्ष 1998 में लियोनार्डो डिकैप्रियो फाउंडेशन की स्थापना की थी. इस फाउंडेशन का मिशन ग्रह के अंतिम जंगली स्थानों की रक्षा और प्राकृतिक दुनिया एवं मानवता के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाना था. 
उन्होंने द एविएटर के लिए दो गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड और द वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्राप्त किया.

भारत और वियतनाम के मध्य 7 समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की वियतनाम यात्रा 14-17 सितम्बर 2014 को संपन्न हुई. राष्ट्रपति ने यह यात्रा वियतनाम के राष्ट्रपति ट्रुऑंग टैन सेंग के निमंत्रण पर की. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के मध्य सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

येसमझौतेनिम्नलिखितहैं:
1. सीमाशुल्सेजुड़ेमामलोंमेंसहयोगएवंपरस्परसहायतापरकरार: इस करार का उद्देश्‍य भारत एवं वियतनाम के बीच सीमा शुल्‍क से संबंधित मामलों पर सहयोग एवं परस्‍पर सहायता को सुदृढ़ करना, बढ़ावा देना एवं विकसित करना है. दोनों देश सीमा शुल्‍क से संबंधित कानूनों को समुचित रूप से लागू करने के लिए तथा वैध व्‍यापार को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्‍क से जुड़े अपराधों को रोकने, जांच करने तथा इनसे लड़ने के लिए एक दूसरे की मदद करेंगे. दोनों देश स्‍वापक औषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, प्रिकर्सर रसायनों तथा अन्‍य निषिध सामानों के अवैध व्‍यापार के विरूद्ध अपने प्रवर्तन में भी सहयोग करने तथा सूचना का आदान – प्रदान करने पर भी सहमत हुए. 
2. रक्षाखरीदकेलिए 100 मिलियनडालरकेऋणसेसम्बंधितसमझौताज्ञापन (एमओयूपरहस्ताक्षर: इसमें भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए रियायती ऋण का प्रावधान है. वियतनाम द्वारा खरीदे जाने वाले उपकरणों के व्‍यौरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस ऋण से हमारे रक्षा सहयोग में नए अवसरों के द्वार खुलेंगे.
3. पशुस्वास्थ्केक्षेत्रमेंदोनोंदेशोंकेकृषिमंत्रालयोंकेबीचसमझौताज्ञापन (एमओयूपरहस्ताक्षर: यह पशु स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में भारत और वियमनाम के बीच सहयोग स्‍थापित करता है जिसमें पशुओं की बीमारियों से एक दूसरे के भूभाग की रक्षा करना और पशुओं के व्‍यापार से उत्‍पन्‍न संक्रमण से रक्षा करना, पशु मूल के उत्‍पादों तथा पशु प्रजनन सामग्रियों से उत्‍पन्‍न संक्रमण शामिल है. भारत और वियतनाम मांस प्रसंस्‍करण, मांस उत्‍पाद तथा बूचड़खाना आदि के संबंध में विशेष सूचना को भी साझा करेंगे. वे शिष्‍टमंडलों के आदान – प्रदान, कार्यशाला विशेषज्ञों के दौरों, प्रशिक्षण तथा पशु चिकित्‍सा अनुसंधान पर सूचना की हिस्‍सेदारी के माध्‍यम से पशु स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में मानव संसाधन के प्रशिक्षण एवं उन्‍नयन में सहयोग प्रदान करेंगे.

4. भारतमेंपंगासियसब्रीडिंगएवंफार्मिंगकेक्षेत्रकीस्थापनाकेक्षेत्रमेंसहयोगपरभारतकेराष्ट्रीयमछलीपालनविकासबोर्डहैदराबादपशुपालनडेयरीएवंमछलीपालनविभागकृषिमंत्रालयतथावियतनामकेमछलीपालननिदेशालयकृषिएवंग्रामीणविकासमंत्रालयकेबीचसमझौताज्ञापनपरहस्ताक्षर: भारत और वियतनाम के बीच इस एमओयू का उद्देश्‍य भारत में पंगासियत (कैट फिश) ब्रीडिंग एवं फार्मिंग की प्रौद्योगिकी के अंतरण एवं स्‍थापना में सहयोग प्रदान करना तथा संयुक्‍त गतिविधियों, कार्यक्रमों, वैज्ञानिक सामग्री, सूचना एवं कार्मिकों के आदान – प्रदान के माध्‍यम से दोनों देशों के बीच संबद्ध गतिविधियों में सहयोग करना है. संयुक्‍त गतिविधियां पर्यावरण की दृष्टि से स्‍वस्‍थ एवं संपोषणीय हैं. पशु कार्य योजना तैयार की जाएगी तथा मार्गदर्शन प्रदान करने, प्रगति की समीक्षा करने तथा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्‍त तकनीकी समिति का गठन किया जाना है. 
5. युवामामलोंमेंसहयोगपरभारतकेकौशलविकासउद्यमशीलतायुवामामलेएवंखेलमंत्रालयतथावियतनामकेकेंद्रीयहोचीमिन्साम्यवादीयुवासंघकीकेंद्रीयसमितिकेबीचसमझौताज्ञापनपरहस्ताक्षर: यह एमओयू युवा विकास एवं उत्‍कृष्‍टता के क्षेत्र में भारत एवं वियतनाम के बीच सहयोग के कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रदान करता है जिसके लिए कार्यक्रमों, अनुभव, कौशलों, तकनीकों, सूचना एवं ज्ञान के आदान – प्रदान को बढ़ावा दिया जाना है. युवा कार्यक्रमों के तहत युवा राजनेताओं, युवा उद्यमियों, युवा डाक्‍टरों, युवा पत्रकारों आदि की भागीदारी शामिल की जानी है. 
6. ओएनजीसीविदेशलिमिटेडभारततथावियतनामआयलएंडगैसग्रुप (पेट्रोवियतनामकेबीचसमझौताज्ञापन: ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, (ओवीएल) तथा पेट्रो वियतनाम ने भारत के प्रधानमंत्री तथा वियतनाम की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के महासचिव की मौजूदगी में 20 नवंबर, 2013 को एक एमओयू पर हस्‍ताक्षर किया था जिसका उद्देश्‍य हाइड्रो कार्बन सेक्‍टर में परस्‍पर सहयोग को बढ़ावा देना है. पेट्रो वियतनाम ने तेल एवं गैस की खोज के लिए तथा उत्‍पादन के लिए ओवीएल को नए खण्डों की पेशकश की है. ओवीएल वियतनाम में अपनी उपस्थिति का विस्‍तार करने का इच्‍छुक है तथा प्रस्‍तुत किए गए खण्डों का मूल्‍यांकन कर रहा है. इस मंशा पत्र से ऊर्जा क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच सहयोग और सुदृढ़ होगा तथा इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच भावी सहयोग का मार्ग प्रशस्‍त होगा.
काठमांडू में सार्क देशों के गृह मंत्रियों का सम्मेलन प्रारंभ

17-SEP-2014

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानी सार्क देशों के गृह मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक 17 सितंबर 2014 से नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुरू हुई. 17 सितंबर 2014 से 19 सितंबर 2014 तक चलने वाली इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह हिस्सा लेंगे. बैठक में आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा, पाइरेसी, ड्रग और मादक पदार्थो की तस्करी के अलावा साइबर क्राइम और मानव तस्करी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. सार्क देशों का यह छठा सम्मेलन है, जिसमें भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.

विदित हो कि सार्क का पिछला सम्मेलन वर्ष 2012 में मालदीव में आयोजित किया गया था.


7. जेटएयरवेज (भारतऔरवियतनामएयरलाइन्कंपनीलिमिटेडकेबीचहस्ताक्षर:इसका उद्देश्य जेट एयरवेज तथा वियतनाम एयरलाइंस द्वारा एक दूसरे के बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना है.  एमओयू के कार्यक्षेत्र में एक दूसरे की सेवाओं पर कोड को शेयर करना शामिल है. 5 नवंबर, 2014 से जेट एयरवेज अपनी मुंबई – बैंकाक उड़ान को हो ची मिन्‍ह शहर, वियतनाम तक बढ़ाना चाहता है. इस सेवा से दिल्‍ली से बैंकाक की यात्रा करने वाले यात्री बैंकाक के बाद हो ची मिन्‍ह शहर के लिए विस्‍तार उड़ान पकड़ने में समर्थ होंगे.

केंद्र सरकार द्वारा पुराने बैंक खाताधारकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना का लाभ देने कि घोषणा

17-SEP-2014

केंद्र सरकार द्वारा पुराने बैंक खाताधारकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) का लाभ देने की घोषणा की गई. इसकी घोषणा 16 सितंबर 2014 को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा की गई.

उपरोक्त घोषणा के साथ ही साथ केंद्र सरकार ने कहा कि जिन लोगों के पास पहले से ही बैंक में खाते हैं, उन्हें भी रुपे का डेबिट कार्ड, एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और पांच हजार रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी. इसके लिए लोगों को अपनी शाखा में जाकर एक फॉर्म भरना होगा. उसके बाद वे पीएमजेडीवाई के लाभ पा सकेंगे.

वित्त मंत्रलय के अनुसार, जन धन योजना के तहत छह लाख गांवों में बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जाएगी. इस योजना के अंतर्गत एक हजार से डेढ़ हजार की आबादी वाले हर गांव में बैंक मित्रों की मदद से बैंकिंग सुविधा दी जाएगी. इस अवसर पर सरकार ने बैंकों से कहा कि वे ओवर ड्राफ्ट की सुविधा परिवार की महिला सदस्य को दें. हालांकि इस योजना के तहत 30000 रुपये की जीवन बीमा की सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी जो 26 जनवरी 2015 से पहले अपने बैंक खाते खुलवाएंगे.

विदित हो कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से की थी. इस योजना का शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को हुआ. इस योजना के तहत साढ़े सात करोड़ बैंक खाते खोले जाने का लक्ष्य है. अब तक इसके तहत तीन करोड़ से अधिक बैंक खाते खुल चुके हैं. प्रधानमंत्री के अनुसार, गरीबों के बैंक खाते खुलने के बाद ही देश में आर्थिक छूआछूत खत्म होगी.

नरेन्द्र अम्बवानी भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के अध्यक्ष निर्वाचित

17-SEP-2014

A+ नरेन्द्र अम्बवानी 12 सितंबर 2014 को भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के अध्यक्ष निर्वाचित हुए. उन्होंने पार्थ रक्षित का स्थान लिया. वर्तमान में अम्बवानी एग्रो टेक फूड्स लिमिटेड के निदेशक हैं तथा पिछले सात वर्षों से एएससीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में विज्ञापन बाजार में स्व–नियमन के लिए सक्रिय योगदान करते आए हैं. अम्बवानी के साथ ही साथ बिनॉय रॉय चौधरी एएससीआई के उपाध्यक्ष और शशिधर सिन्हा मानद कोषाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए.

भारतीयविज्ञापनमानकपरिषद (एएससीआईसेसंबंधितमुख्यतथ्य भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) की स्थापना वर्ष 1985 में हुई. एएससीआई विज्ञापन में स्व– नियमन, ग्राहकों के हितों की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध संस्था है. एएससीआई विज्ञापन से संबंधित सभी चार क्षेत्रों–विज्ञापनदाताओं, विज्ञापन एजेंसियों, मीडिया (प्रसारकों एवं प्रेस समेत) और अन्य जैसे- पीआर एजेंसियां और बाजार अनुसंधान कंपनियों के समर्थन से बनाई गई संस्था है.

एएससीआईकीउपलब्धियां

एक उल्लेखनीय उपलब्धि में, एएससीआई ने त्वचा को चमकाने और गोरा दिखाने वाले उत्पादों के लिए दिशानिर्देश जारी किए जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि विज्ञापनों में काले रंग वाले लोगों को अपेक्षाकृत गोरे रंग वाले लोगों से ओछा नहीं दिखाया जाएगा. हाल ही में सरकार ने एसएससीआई द्वारा टेलिशॉपिंग विज्ञापनों द्वारा एएससीआई कोड के उल्लंघन करने और केबल टेलिविजन नेटवर्क्स एक्ट (सीटीएन) में विज्ञापन कोड के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए की गई कार्रवाई का संज्ञान लिया.


अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत नियुक्त किए गए

18-SEP-2014

अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो को जलवायु परिवर्तन पर विशेष ध्यान देने हेतु संयुक्त राष्ट्र का शांति दूत नियुक्त किया गया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने 16 सितंबर 2014 को उन्हें शांति दूत नियुक्त किया.

लियोनार्डो, संयुक्त राष्ट्र की तरफ से संगठन के लिए अलग– अलग प्राथमिकता के मुद्दों की वकालत करने वाले 11 अन्य संयुक्त राष्ट्र शांतिदूतों और एक सद्भावना राजदूत के साथ काम करेंगें. बतौर शांति दूत वे 23 सितंबर 2014 को अमेरिका में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगें.

संयुक्तराष्ट्रशांतिदूतकेबारेमें
संयुक्त राष्ट्र शांति दूत कला, फिल्म, साहित्य, संगीत और खेल के क्षेत्र के ख्याति प्राप्त लोग होते हैं जो विश्व भर में संगठन के आदर्शों और गतिविधियों के प्रति जागरूकता फैलाने में मदद करते हैं. अपने सार्वजनिक उपस्थिति, अंतरराष्ट्रीय मीडिया से संपर्क और संयुक्त राष्ट्र कैसे मानवीय कार्यों के जरिए हर जगह लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है, के बारे में जनता में समझ का विस्तार करते हैं.

डिकैप्रियो के साथ संयुक्त राष्ट्र के कुछ अन्य शांति दूत हैं– जॉर्ज क्लूनी, एडवर्ड नॉर्टन और पियोनोवादक लैंग लैंग.

लियोनार्डोडिकैप्रियोकेबारेमें
लियोनार्डो डिकैप्रियो हॉलिवुड अभिनेता और पर्यावरण कार्यकर्ता है. उन्होंने वर्ष 1998 में लियोनार्डो डिकैप्रियो फाउंडेशन की स्थापना की थी. इस फाउंडेशन का मिशन ग्रह के अंतिम जंगली स्थानों की रक्षा और प्राकृतिक दुनिया एवं मानवता के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाना था. 
उन्होंने द एविएटर के लिए दो गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड और द वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्राप्त किया

केंद्र सरकार ने स्वच्छ विद्यालय अभियान के लिए कोष की घोषणा की

17-SEP-2014

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 11 सितंबर 2014 को स्वच्छ विद्यालय अभियान के लिए कोष की घोषणा की. इस अभियान के लिए धन, स्वच्छ भारत कोष के जरिए दिया जाएगा. इसके अलावा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए एकजुट शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरु करेगा. नीति का मसौदा जनवरी 2015 में देशभर से विमर्श करने के बाद तैयार किया जाएगा.

इससे पूर्व, स्वच्छ विद्यालय अभियान को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुरु किया था. अभियान का उद्देश्य सभी सरकारी स्कूलों में 15अगस्त 2015 के पहले शौचालय के निर्माण को सुनिश्चित करना है.
अभियान के हिस्से के तौर पर 10 सितंबर 2014 को 25 मंत्रालयों के अधीन आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों ने अभियान के लिए 400 करोड़ रुपये देने का वादा किया. इसके अलावा, नीजि औऱ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों स्कूलों में शौचालय ब्लॉकों के निर्माण को प्रोत्साहित करेंगी.
इससे पहले 18 अगस्त 2014 को  टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस और भारती इंटरप्राइजेज ने स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का दान देने का वादा किया था.
पृष्ठभूमि
स्वच्छ विद्यालय अभियान स्वच्छ भारत अभियान का एक हिस्सा है जिसे 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया जाना है. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को 68वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर की थी.

विदित हो कि स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर वर्ष 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने का है.

आईएसआईएस ने ब्रिटिश नागरिक डेविड हैंस का सिर कलम किया

17-SEP-2014

 

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के आतंकवादियों ने ब्रिटिश सहायता कर्मी डेविड हैंस का सिर कलम कर हत्या कर दी. 13 सितंबर 2014 को हैंस के सिर कलम किए जाने वाले वीडियो के जारी किए जाने के बाद उनकी हत्या की पुष्टि की गई. वे इस आतंकवादी संगठन द्वारा सीरिया में बंधक बना कर रखे गए थे.

हैंस के सिर कलम किए जाने वाले वीडियो में आतंकवादियों ने दूसरे ब्रिटिश नागरिक 47 वर्षीय एलन हेन्निंग को भी जान से मार देने की धमकी दी. वीडियो में यह भी कहा गया है कि हैंस की हत्या कैमरून द्वारा आईएसआईएस के खिलाफ इराकी बलों को सैन्य सहायता देने और इराक के हडीथा डैम के निकट समूह के ठिकानों पर हवाई हमलों के लिए प्रतिशोध के रूप में की गई है. 44 वर्षीय हैंस एक फ़्रांसिसी नागरिक सहायता एजेंसी के लिए काम कर रहे थे और मार्च 2013 में उनका अपहरण सीरिया में कर लिया गया था.

हैंस पहले ब्रिटिश औऱ तीसरे पश्चिमी बंधक है जिसे आईएसआईएस उग्रवादियों ने 2014 में मौत की सजा दी है. अन्य दो पत्रकार थे- जेम्स फोले (पहले अमेरिकी नागरिक, एक अमेरिकी स्वतंत्र पत्रकार और सीरिया के गृह युद्ध के फोटो पत्रकार) और स्टीव सोटलोफ ( टाइम पत्रिका और द जेरुसलेम पोस्ट के लिए एक इस्राइली– अमेरिकी पत्रकार). फोले के सिर कलम का वीडियो 19अगस्त 2014 को जारी किया गया था जबकि सोटलोफ का वीडियो 2 सितंबर 2014 को जारी किया गया था. सभी तीन लोगों के सिर कलम करने वाले नकाबपोश व्यक्ति का उपनाम जिहादी जॉन बताया जा रहा है.

हेविडहैंसकेसिरकलमकरनेपरमुख्यवैश्विकप्रतिक्रिया

• ब्रिटिश प्रदानमंत्री डेविड कैमरून ने डेविड हैंस के सिर कलम कर हत्या करने की इस घटना को पूर तरह से शैतानी कार्रवाई बताया. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन आईएसआईएस समूह के उग्रवादियों को मात देने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.
• अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने इस घटना को बर्बर हत्या करार दिया. 
• संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने डेविड हैंस की जघन्य और कायरतापूर्ण हत्या की निंदा की और इस अपराध को सीरिया में लोगों द्वारा हर एक दिन झेले जाने वाले खतरे की दुखद याद दिलाने वाला बताया. यूएनएससी ने यह जोर देकर कहा कि आईएसआईएस को हराना ही चाहिए और उसके द्वारा फैलाई जा रही असहिष्णुता, हिंसा और घृणा को खत्म करना चाहिए. उसने सभी देशों से हैंस के अपराधियों को खत्म करने के लिए ब्रिटेन के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया.

 

भारत और चीन के मध्य अहमदाबाद में तीन समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किया गया

18-SEP-2014

चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और ‘प्रथम महिला’ पेंग लियुआन तीन दिन की भारत यात्रा पर 17 सितंबर 2014 को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद स्थित हयात होटल में उनकी अगवानी की. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति ने आपस में परिचर्चा की. तत्पश्चात चीन के राष्‍ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थित में दोनों देशों ने तीन सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए.

येसमझौताज्ञापन (एमओयूनिम्नलिखितहैं:
1. चीन के गुआंगदोंग और भारत के गुजरात के बीच ‘सिस्‍टर प्रोविंस’ (Sister Province) वाले रिश्‍ते कायम करने के लिए एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए गए, जो आर्थिक एवं व्‍यापार, पर्यावरण संरक्षण, जन नीति, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, विज्ञान व तकनीक और पर्यटन तथा संस्‍कृति में सहयोग को कवर करेगा.
2. चीन के ग्वांगझाओ और भारत के गुजरात स्थित अहमदाबाद शहरों के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर हुए, ताकि इन दोनों शहरों के स्‍थानीय प्राधिकरणों के बीच घनिष्‍ठ सहयोग सुनिश्चित हो सके. इसके तहत आर्थिक एवं व्‍यापार, पर्यावरण संरक्षण, जन नीति, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, विज्ञान व तकनीक और पर्यटन तथा संस्‍कृति के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ेगा. प्रतिनिधिमण्‍डल के दौरों और संस्‍थागत बैठकों के द्वारा ज्ञान को साझा करने के साथ ही आपसी हित वाले क्षेत्रों में अनुभव साझा किए जाएंगे.

3. गुजरात सरकार की निवेश संवर्धन से जुड़ी प्रमुख एजेंसी औद्योगिक विस्‍तार ब्‍यूरो (Industrial Extension Bureau, iNDEXTb) और चीन के विकास बैंक के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर हुए. इसके तहत ‘इंडेक्‍सटीबी’ आवश्‍यक मंजूरियां पाने और औद्योगिक पार्कों में ढांचागत सुविधाएं सृजित करने के लिए चीन के निवेशकों को सहायता प्रदान करेगा.
विदित हो कि पहली बार कोई विदेशी राष्ट्रपति दिल्ली की बजाय अहमदाबाद में आया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी प्रमुख देश के शायद पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिनकी सरकारी भारत यात्रा गुजरात से शुरू हो रही है.

जापान की अभिनेत्री योशिको यामागुची का निधन

16-SEP-2014

जापान की फिल्म अभिनेत्री योशिको यामागुची का हृदय गति रुक जाने का कारण 7 सितंबर 2014 को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

योशिको यामागुची अमेरिका में रिकोरन और शर्ली यामागुची के रूप में जाना जाती थीं. यामागुची द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान और बाद की सबसे बड़ी जापानी फिल्मी सितारों में से एक थीं.

योशिकोयामागुचीकेबारेमें

  • वह वर्ष 1920 में उत्तरी चीन में जापानी माता पिता के यहां पैदा हुई थी और योशिको को उनके पिता के एक चीनी दोस्त द्वारा अपनाया गया था और उन्हें सिआंगलन (सुगंधित आर्किड) नाम दिया गया था. वह चीन, जापान, हांगकांग और अमेरिका में फिल्मी हस्ती थीं.
  • यू लाइ जियांग को उनके सबसे अच्छे गीतों में से एक और द वाईट आर्किड फिल्म के गीत के लिए जाना जाता है. इसमें एक युवा चीनी महिला दर्शाया गया जो अपने परिवार के जापानी द्वारा मारे जाने के बाद एक जापानी आदमी के साथ प्यार में पड़ जाती है.
  • योशिको 1950 के दशक के दौरान दो हॉलीवुड फिल्में ‘जापानी वॉर ब्राइड’ और 'हाउस ऑफ बेंबू’ में दिखाई दीं.
  • योशिको यामागुची को वर्ष 1992 तक गवर्निंग लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सदस्य के रूप में जापानी संसद के ऊपरी सदन के लिए चुना गया.

जापान की अभिनेत्री योशिको यामागुची का निधन

16-SEP-2014

जापान की फिल्म अभिनेत्री योशिको यामागुची का हृदय गति रुक जाने का कारण 7 सितंबर 2014 को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

योशिको यामागुची अमेरिका में रिकोरन और शर्ली यामागुची के रूप में जाना जाती थीं. यामागुची द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान और बाद की सबसे बड़ी जापानी फिल्मी सितारों में से एक थीं.

योशिकोयामागुचीकेबारेमें

  • वह वर्ष 1920 में उत्तरी चीन में जापानी माता पिता के यहां पैदा हुई थी और योशिको को उनके पिता के एक चीनी दोस्त द्वारा अपनाया गया था और उन्हें सिआंगलन (सुगंधित आर्किड) नाम दिया गया था. वह चीन, जापान, हांगकांग और अमेरिका में फिल्मी हस्ती थीं.
  • यू लाइ जियांग को उनके सबसे अच्छे गीतों में से एक और द वाईट आर्किड फिल्म के गीत के लिए जाना जाता है. इसमें एक युवा चीनी महिला दर्शाया गया जो अपने परिवार के जापानी द्वारा मारे जाने के बाद एक जापानी आदमी के साथ प्यार में पड़ जाती है.
  • योशिको 1950 के दशक के दौरान दो हॉलीवुड फिल्में ‘जापानी वॉर ब्राइड’ और 'हाउस ऑफ बेंबू’ में दिखाई दीं.
  • योशिको यामागुची को वर्ष 1992 तक गवर्निंग लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सदस्य के रूप में जापानी संसद के ऊपरी सदन के लिए चुना गया.

16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया गया

17-SEP-2014

16 सितंबरःअंतरराष्ट्रीयओजोनपरतसंरक्षणदिवस
अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस 16 सितंबर 2014 को मनाया गया. वर्ष 1987 में आज के ही दिन ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया गया था. वर्ष 2014 का विषय रहा– ओजोन लेयर प्रोटेक्शनः द मिशन गोज ऑन (Ozone Layer Protection: The Mission Goes On).

इस दिन संयुक्त राष्ट्र ने प्रोटोकॉल के उद्देश्यों और उसके संशोधनों के मुताबिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपना एक दिन समर्पित करने हेतु विश्व के देशों को आमंत्रित किया.
अंतरराष्ट्रीयओजोनपरतसंरक्षणदिवस
वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की. इसके तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल  के अनुसार ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से कम करने के लिए कदम उठाए जाते हैं. इन कदमों ने ओजोन परत के संरक्षण में मदद की है और परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं को भी कम करने में मदद की है. ओजोन की परत को क्षति पहुंचाने वाली गैसें हैं– क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, हैलोन्स, कार्बनटेट्राक्लोराइड.
ओजोनपरतकेबारेमें
ओजोन परत गैस की एक कमजोर कवच है जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है. यह परत इस ग्रह के जीवों के जीवन की रक्षा करने में मदद करती है. यह पृथ्वी पर हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पहुंचने से रोक कर मनुष्यों के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करता है.
ओजोन परत में वायुमंडल के अन्य हिस्सों के मुकाबले ओजोन (O3) की उच्च सांद्रता होती है, हालांकि अभी भी यह समतापमंडल में मौजूद अन्य गैसों के मुकाबले बेहद कम है. यह परत मुख्य तौर से समताप मंडल के निचले हिस्से में पृथ्वी से 20 से 30 किलोमीटर की उंचाई पर पाई जाती है. परत की मोटाई मौसम और भूगोल के हिसाब से अलग– अलग होती है.

ओजोन परत की खोज फ्रांस के भौतिकविद चार्ल्स फैबरी औऱ हेनरी बूइसा ने वर्ष 1913 में की थी. हालांकि, इसके गुणों को विस्तार से ब्रिटिश मौसम विज्ञानी जीएमबी डोबसन ने पता लगाया. डोबसन ने एक साधारण स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (द डोबसनमीटर) विकसित किया जिसका प्रयोग धरती से समताप मंडल में मौजूद ओजोन को मापने में किया जा सकता था. वर्ष 1928 से 1958 के दौरान डोबसन ने ओजोन निगरानी स्टेशनों का विश्वभर में नेटवर्क स्थापित किया जो आज भी काम कर रहे हैं. मौजूद ओजोन की मात्रा को मापने की सुविधाजनक इकाई – डोबसन यूनिट, का नाम उनके सम्मान में ही रखा गया था.

जी–20 समूह देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों का सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में संपन्न

17-SEP-2014

जी–20 समूह देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों का सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में 10-11 सितंबर को संपन्न हुआ. यह बैठक जी–20 के नेताओं की सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित की गई.

बैठक के दौरान, वंचितों, उत्पादकता में सुधार और विकास को बढ़ावा देने के लिए जी– 20 देशों के बीच रोजगार को बढ़ावा देने के मुद्दे पर चर्चा की गई. उन्होंने बैठक में व्यापार और कार्यस्थल पर खराब स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की वजह से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं की उच्च लागत पर भी की. 

महिला श्रम बल की भागीदारी की दर और उच्च युवा बेरोजगारी दो प्रमुख मुद्दे हैं जिससे जी– 20 अर्थव्यवस्थाएं जूझ रही हैं और ये दोनों ही मुद्दे इस बैठक में प्रमुखता से छाए रहे.

बैठक की समाप्ति पर, मंत्रियों ने श्रम, रोजगार और सामाजिक बदलावों का राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सामना करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया.इनमेंशामिलहै:
• श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और श्रम बाजार उत्पादों में लैंगिक खाई को पाटना.
• युवाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण एवं नौकरियां देने के लिए ठोस कार्रवाई करना. 
• असुरक्षित कार्यस्थलों और कार्य– संबंधित बीमारियों से जुड़ी पर्याप्त आर्थिक लागत को कम करने के लिए कदम उठाना. 
• संरचनात्मक बनते हुए बेरोजगारी और अल्प रोजगार को रोकने के लिए प्राथमिकता के आधार पर नीति बनाना और अच्छी नौकरियों का सृजन.
• अनौपचारिक रूप से कार्यरत श्रमिकों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाने के लिए रणनीति बनाना. 

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन, और विश्व बैंक ने मंत्रियों की चर्चा और घोषणाओं की सूचना के लिए रिपोर्टों की श्रृंखला तैयार की है. 

जी– 20 के सदस्य ब्रिस्बेन में होने वाली जी– 20 नेताओं की आगामी शिखर सम्मेलन में रोजगार योजनाओं और विकास रणनीति में योगदान को अंतिम रूप दिया जाना है. यह शिखर सम्मेलन नवंबर 2014 में आयोजित की जानी है.

जम्मू एवं कश्मीर में बाढ़ से राज्य की अर्थव्यवस्था को 5700 करोड़ रुपए का नुकसान:एसोचैम

16-SEP-2014

भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) ने जम्मू एवं कश्मीर में भारी बाढ़ के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था को 5,700 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान 14 सितंबर 2014 को व्यक्त किया.

अनुमानित नुकसान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है. इसके अलावा, बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित उद्योगों में बिजली, रेलवे और संचार की बुनियादी सुविधाओं के अलावा व्यापार, होटल, रेस्तरां, बागवानी, और हस्तशिल्प शामिल हैं.

एसोचैम ने अपने आकलन में राज्य की आर्थिक हानि को दो भागों में वितरित किया है और वे है.
लगभग 2630 करोड़रुपए:जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में होटल, व्यापार, कृषि- बागवानी, सड़कों और पुलों के नुकसान के कारण
लगभग 2700 से 3000 करोड़रुपए: उच्च लागत रेलवे, पहाड़ी इलाकों में बिजली और संचार के विनाश के कारण

हालांकि, एसोचैम ने कहा कि, जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था को वास्तविक नुकसान काफी अधिक हो जाएगा जो बाद के दिनों में सामने आएगा.

 

टिप्पणी:
पिछले 60 वर्ष में जम्मू एवं कश्मीर की सबसे भयानक बाढ़ ने केवल लोगों के जीवन को ही बाधित नहीं किया और रेलवे, संचार और बिजली जैसे बुनियादी ढांचे का भी नुकसान किया, बल्कि एक सवाल भी उठता है कि मानव द्वारा अपने फायदे के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का नतीजा आने वाली पीढ़ी के लिए एक चुनौती होगा.

जम्मू एवं कश्मीर में बाढ़ से राज्य की अर्थव्यवस्था को 5700 करोड़ रुपए का नुकसान:एसोचैम

16-SEP-2014

 

भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) ने जम्मू एवं कश्मीर में भारी बाढ़ के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था को 5,700 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान 14 सितंबर 2014 को व्यक्त किया.

अनुमानित नुकसान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है. इसके अलावा, बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित उद्योगों में बिजली, रेलवे और संचार की बुनियादी सुविधाओं के अलावा व्यापार, होटल, रेस्तरां, बागवानी, और हस्तशिल्प शामिल हैं.

एसोचैम ने अपने आकलन में राज्य की आर्थिक हानि को दो भागों में वितरित किया है और वे है.
लगभग 2630 करोड़रुपए:जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में होटल, व्यापार, कृषि- बागवानी, सड़कों और पुलों के नुकसान के कारण
लगभग 2700 से 3000 करोड़रुपए: उच्च लागत रेलवे, पहाड़ी इलाकों में बिजली और संचार के विनाश के कारण

हालांकि, एसोचैम ने कहा कि, जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था को वास्तविक नुकसान काफी अधिक हो जाएगा जो बाद के दिनों में सामने आएगा.

टिप्पणी:
पिछले 60 वर्ष में जम्मू एवं कश्मीर की सबसे भयानक बाढ़ ने केवल लोगों के जीवन को ही बाधित नहीं किया और रेलवे, संचार और बिजली जैसे बुनियादी ढांचे का भी नुकसान किया, बल्कि एक सवाल भी उठता है कि मानव द्वारा अपने फायदे के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का नतीजा आने वाली पीढ़ी के लिए एक चुनौती होगा.

 

जी–20 समूह देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों का सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में संपन्न

17-SEP-2014

जी–20 समूह देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों का सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में 10-11 सितंबर को संपन्न हुआ. यह बैठक जी–20 के नेताओं की सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित की गई.

बैठक के दौरान, वंचितों, उत्पादकता में सुधार और विकास को बढ़ावा देने के लिए जी– 20 देशों के बीच रोजगार को बढ़ावा देने के मुद्दे पर चर्चा की गई. उन्होंने बैठक में व्यापार और कार्यस्थल पर खराब स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की वजह से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं की उच्च लागत पर भी की. 

महिला श्रम बल की भागीदारी की दर और उच्च युवा बेरोजगारी दो प्रमुख मुद्दे हैं जिससे जी– 20 अर्थव्यवस्थाएं जूझ रही हैं और ये दोनों ही मुद्दे इस बैठक में प्रमुखता से छाए रहे.

बैठक की समाप्ति पर, मंत्रियों ने श्रम, रोजगार और सामाजिक बदलावों का राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सामना करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया.

इनमेंशामिलहै:
• श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और श्रम बाजार उत्पादों में लैंगिक खाई को पाटना.
• युवाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण एवं नौकरियां देने के लिए ठोस कार्रवाई करना. 
• असुरक्षित कार्यस्थलों और कार्य– संबंधित बीमारियों से जुड़ी पर्याप्त आर्थिक लागत को कम करने के लिए कदम उठाना. 
• संरचनात्मक बनते हुए बेरोजगारी और अल्प रोजगार को रोकने के लिए प्राथमिकता के आधार पर नीति बनाना और अच्छी नौकरियों का सृजन.
• अनौपचारिक रूप से कार्यरत श्रमिकों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाने के लिए रणनीति बनाना. 

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन, और विश्व बैंक ने मंत्रियों की चर्चा और घोषणाओं की सूचना के लिए रिपोर्टों की श्रृंखला तैयार की है. 

जी– 20 के सदस्य ब्रिस्बेन में होने वाली जी– 20 नेताओं की आगामी शिखर सम्मेलन में रोजगार योजनाओं और विकास रणनीति में योगदान को अंतिम रूप दिया जाना है. यह शिखर सम्मेलन नवंबर 2014 में आयोजित की जानी है

 

राष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार प्रदान किए

16-SEP-2014

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 14 सितंबर 2014 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार प्रदान किए.

इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार को इंदिरा गांधी आधिकारिक राजभाषा पुरस्कार के रूप में जाना जाता है जो 14 सितंबर को हर साल मनाया जाता है. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के सीएमडी मधुसूदन को संगठन में सर्वश्रेष्ठ हिंदी कार्यान्वयन के लिए प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड से सम्मानित किया गया.

इंदिरागांधीराजभाषापुरस्कारविजेताओंकीसूची
इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार योजना केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग द्वारा स्थापित किया गया था. यह पुरस्कार राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने में मंत्रालयों, विभागों और राष्ट्रीयकृत बैंकों की उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता हैं.

इंदिरागांधीराजभाषापुरस्कारयोजनाकेतहतनिम्नपुरस्कारदिएगएहैं:

  • भारत सरकार के विभागों/मंत्रालयों के लिए इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड.
  • राष्ट्रीयकृत बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड.
  • भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड.
  • केन्द्रीय सरकार के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए इंदिरा गांधी राजभाषा नकद पुरस्कार.
  • बोर्ड, स्वायत्त निकायों, ट्रस्ट, सोसायटी आदि के लिए इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड
  • नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के लिए इंदिरा गांधी राजभाषा शील्ड.

इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार पहली बार वर्ष 1986-1987 के लिए वर्ष 1988 में आयोजित किए गए.

अमेरिका ने एफआईबीए बास्केटबॉल विश्व कप 2014 जीता

अमेरिका ने 14 सितंबर 2014 को सर्बिया को हराकर एफआईबीए बास्केटबॉल विश्व कप 2014 जीता. विश्व कप मैड्रिड, स्पेन में आयोजित किया गया.

संयुक्त राज्य अमेरिका लगातार विश्व खिताब जीतने वाला तीसरा देश बन गया. अमेरिका 129-92 अंतर के कुल स्कोर के साथ नौ मैचों के माध्यम से 33 अंक की जीत अर्जित कर विजेता टीम बनी.

इसके साथ ही, अमेरिकी टीम किसी भी पिछले एफआईबीए चैम्पियनशिप में 20 से अधिक अंकों से जीतने वाली पहली राष्ट्रीय टीम बन गई. इसके अलावा, अमेरिका वर्ष 2002 के बाद से विश्व चैंपियन दोहराने वाली पहली टीम बन गई.

संयुक्त राज्य अमेरिका, यूगोस्लाविया के बाद एफआईबीए बास्केटबॉल विश्व कप जीतने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया. यूगोस्लाविया वर्ष 1998 में और वर्ष 2002 में लगातार दो बार विश्व चैंपियन बना. ब्राजील भी वर्ष 1959 और वर्ष 1963 में विश्व चैंपियन बना था.

फ्रांस ने 95-93 के अतंर के साथ लिथुआनिया को हराकर कांस्य पदक जीता.

शिक्षाविद् किरीट जोशी का निधन

16-SEP-2014

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शिक्षाविद् किरीट जोशी  का 14 सितंबर 2014 को 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह वर्ष 1976 में केंद्र सरकार के पूर्व शिक्षा सलाहकार थे. जोशी ने भारत और विदेशों दोनों में शिक्षा के विकास और एकीकरण के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

किरीटजोशीकेबारेमें
•    जोशी एक दार्शनिक थे. 
•    उन्होंने बंबई विश्वविद्यालय में कानून का अध्ययन किया.
•    वह वर्ष 1955 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हए थे लेकिन वर्ष 1956 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था 
•    किरीट जोशी को वर्ष 1958 में श्री अरबिंदो इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एजूकेशन का पहला रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया था. 
•    जोशी को वर्ष 1976 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा शिक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था. 
•    जोशी ने भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. 
•    जोशी को वर्ष 1983 में भारत सरकार के विशेष सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. वह वर्ष 1987-1989 के बीच यूनेस्को शिक्षा संस्थान, हैम्बर्ग के उपाध्यक्ष थे. 
•    वह वर्ष 2008-2010 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के औपचारिक रूप से शैक्षिक सलाहकार भी थे.

अगस्त 2014 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति घटकर 3.74 प्रतिशत पर आ गई

16-SEP-2014

अगस्त 2014 में सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम घटने से थोक मुद्रास्फीति की दर घटकर  3.74 प्रतिशत पर आ गई  है, जो लगभग पांच वर्षों में सबसे कम है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा यह आंकड़े नई दिल्ली में 15 सितंबर 2014 को जारी किए गए. आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जुलाई 2014 में 5.19 प्रतिशत और अगस्त 2013 में 6.9 प्रतिशत थी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं के वर्ग में मुद्रास्फीति अगस्त 2014 में उल्लेखनीय रूप से घटकर 5.15 प्रतिशत रह गई जो जुलाई 2014 में 8.43 प्रतिशत थी. इससे पहले मुद्रास्फीति का न्यूनतम स्तर अक्टूबर 2009 में था जब यह 1.8 प्रतिशत थी. 

आलोच्य माह में सब्जियों की थोक कीमतें वार्षिक आधार पर 4.88 प्रतिशत ऊंची रही. इसमें लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज हुई है. गिरावट का रुझान बने रहने से प्याज की कीमत वार्षिक आधार पर 44.7 प्रतिशत नीचे रही हालांकि आलू की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 61.61 प्रतिशत ऊंची रहीं जबकि इस बार जुलाई में आलू का भाव 46.41 प्रतिशत ऊंचा था. 

फलों की मंहगाई की वार्षिक दर अगस्त 2014 में 20.31 प्रतिशत थी. अंडा, मांस एवं मछली जैसे प्रोटीनयुक्त उत्पादों की कीमत घट गई जबकि जुलाई 2014 के मुकाबले दूध की कीमत 12.18 प्रतिशत और दाल की कीमतें 7.81 प्रतिशत ऊंची रहीं. 

अगस्त 2014 की खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 7.8 प्रतिशत रही जो जुलाई 2014 में 7.96 प्रतिशत थी. चीनी एवं खाद्य तेल जैसे विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति भी अगस्त 2014 में घटकर 3.45 प्रतिशत रह गई जो जुलाई 2014 में 3.67 प्रतिशत थी.

एलपीजी, पेट्रोल और डीजल समेत ईधन एवं बिजली क्षेत्र की मुद्रास्फीति घटकर 4.54 प्रतिशत रह गई जो जुलाई में 7.40 प्रतिशत थी.

संशोधित आंकड़ों में जून 2014 की थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति को बढ़ाकर 5.66 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि प्रारंभ में यह 5.43 प्रतिशत बताई गई थी. 

इस महीने में महंगाई दर में जो कमी आई है, उसका मुख्‍य कारण खाद्य मुद्रास्‍फीति में कमी होना है.

राष्ट्रीय आयुष मिशन को प्रारम्भ करने की अनुमति

16-SEP-2014

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission, NAM) को प्रारम्भ करने की अनुमति 15 सितंबर 2014 को प्रदान की.

इसके तहत आयुष स्वास्थ्य सेवाओं/शिक्षा के द्वारा देश में विशेष रूप से कमजोर और दूर दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के बीच के अंतर को कम करने के राज्य और केन्द्र शासित सरकारों के प्रयासों को मदद दी जायेगी.

राष्ट्रीयआयुषमिशनकामुख्यउद्देश्य
राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य इस तरह के क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति करना और उनकी वार्षिक योजनाओं में अधिक संसाधनों का आवंटन करना है.

मिशनसेनिम्नलिखितमददमिलेगी:
• उन्नत शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि के माध्यम से आयुष शिक्षा में सुधार.
• फार्मेसियों, दवा प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धि. 
• एएसयू व एच दवाओं के बेहतर उपयोग से उच्च गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (एएसयू व एच) दवाओं की उपलब्धता बढ़ाना.
• आयुष अस्पतालों और औषधालयों की संख्या में वृद्धि के माध्यम से आयुष सेवाओं तक अधिक लोगों की पहुंच, दवाओं और श्रमबल की उपलब्धता.
• आयुष दवा प्रणालियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल को निरंतर उपलब्ध कराना.

 

राष्ट्रीय आयुष मिशन को प्रारम्भ करने की अनुमति

16-SEP-2014

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission, NAM) को प्रारम्भ करने की अनुमति 15 सितंबर 2014 को प्रदान की.

इसके तहत आयुष स्वास्थ्य सेवाओं/शिक्षा के द्वारा देश में विशेष रूप से कमजोर और दूर दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के बीच के अंतर को कम करने के राज्य और केन्द्र शासित सरकारों के प्रयासों को मदद दी जायेगी.

राष्ट्रीयआयुषमिशनकामुख्यउद्देश्य
राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य इस तरह के क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति करना और उनकी वार्षिक योजनाओं में अधिक संसाधनों का आवंटन करना है.

मिशनसेनिम्नलिखितमददमिलेगी:
• उन्नत शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि के माध्यम से आयुष शिक्षा में सुधार.
• फार्मेसियों, दवा प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धि. 
• एएसयू व एच दवाओं के बेहतर उपयोग से उच्च गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (एएसयू व एच) दवाओं की उपलब्धता बढ़ाना.
• आयुष अस्पतालों और औषधालयों की संख्या में वृद्धि के माध्यम से आयुष सेवाओं तक अधिक लोगों की पहुंच, दवाओं और श्रमबल की उपलब्धता.
• आयुष दवा प्रणालियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल को निरंतर उपलब्ध कराना.

 

 

अगस्त 2014 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति घटकर 3.74 प्रतिशत पर आ गई

16-SEP-2014

अगस्त 2014 में सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम घटने से थोक मुद्रास्फीति की दर घटकर  3.74 प्रतिशत पर आ गई  है, जो लगभग पांच वर्षों में सबसे कम है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा यह आंकड़े नई दिल्ली में 15 सितंबर 2014 को जारी किए गए. आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जुलाई 2014 में 5.19 प्रतिशत और अगस्त 2013 में 6.9 प्रतिशत थी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं के वर्ग में मुद्रास्फीति अगस्त 2014 में उल्लेखनीय रूप से घटकर 5.15 प्रतिशत रह गई जो जुलाई 2014 में 8.43 प्रतिशत थी. इससे पहले मुद्रास्फीति का न्यूनतम स्तर अक्टूबर 2009 में था जब यह 1.8 प्रतिशत थी. 

आलोच्य माह में सब्जियों की थोक कीमतें वार्षिक आधार पर 4.88 प्रतिशत ऊंची रही. इसमें लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज हुई है. गिरावट का रुझान बने रहने से प्याज की कीमत वार्षिक आधार पर 44.7 प्रतिशत नीचे रही हालांकि आलू की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 61.61 प्रतिशत ऊंची रहीं जबकि इस बार जुलाई में आलू का भाव 46.41 प्रतिशत ऊंचा था. 

फलों की मंहगाई की वार्षिक दर अगस्त 2014 में 20.31 प्रतिशत थी. अंडा, मांस एवं मछली जैसे प्रोटीनयुक्त उत्पादों की कीमत घट गई जबकि जुलाई 2014 के मुकाबले दूध की कीमत 12.18 प्रतिशत और दाल की कीमतें 7.81 प्रतिशत ऊंची रहीं. 

अगस्त 2014 की खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 7.8 प्रतिशत रही जो जुलाई 2014 में 7.96 प्रतिशत थी. चीनी एवं खाद्य तेल जैसे विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति भी अगस्त 2014 में घटकर 3.45 प्रतिशत रह गई जो जुलाई 2014 में 3.67 प्रतिशत थी.

एलपीजी, पेट्रोल और डीजल समेत ईधन एवं बिजली क्षेत्र की मुद्रास्फीति घटकर 4.54 प्रतिशत रह गई जो जुलाई में 7.40 प्रतिशत थी.

संशोधित आंकड़ों में जून 2014 की थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति को बढ़ाकर 5.66 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि प्रारंभ में यह 5.43 प्रतिशत बताई गई थी. 

इस महीने में महंगाई दर में जो कमी आई है, उसका मुख्‍य कारण खाद्य मुद्रास्‍फीति में कमी होना है.

इलेक्ट्रोलक्स ने जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी की इकाई से 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया

15-SEP-2014

स्वीडन की कंपनी इलेक्ट्रोलक्स ने लुइसविल की जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी की इकाई से 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया. यह समझौता 8 सितंबर 2014 को किया गया.

यूरोमॉनिटर से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इलेक्ट्रोलक्स और जीई अप्लायंसेस बिजनेस के संयोजन से अमेरिका के प्रमुख अप्लायंस बाजार में इसका शेयर 26% से अधिक का हो जाएगा.

यह अमेरिकी बाजार में 25% से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले वर्ल्पूल को पीछे छोड़ देगा. इलेक्ट्रोलक्स ने कहा है कि वह जीई अप्लायंसेस के ब्रांड का इस्तेमाल करना जारी रखेगी.

जीई– इलेक्ट्रोलक्ससमझौता

  • जीई हेवी इंडस्ट्रील बिजनेस जैसे जेट इंजन, पावर टर्बाइन और तेल– क्षेत्र में सेवाओं पर ध्यान देने के लिए जीई अपने सभी छोटे व्यापार को बेच रही है.
  • यह सौदा डिश वाशर, वाशिंग मशीन और कुकर जैसे घरेलू उपकरणों के निर्माताओं के बीच है.
  • यह समझौता कंपनी को 40% के संयुक्त बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार के अग्रणी वर्ल्पूल के मुकाबले उत्तर अमेरिका के बेहतर बाजार स्थिति में पहुंचा देगा.
  • इलेक्ट्रोलक्स अप्लायंस क्षेत्र में तेजी से बढ़ते महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाएगी.
  • जीई अप्लायंसेस बिजनेस की खरीद में– प्रैशर कुकर, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और वाटर हीटर शामिल हैं– अमेरिकी बाजार में वर्ष 2013 हुई 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (31.9 बिलियन क्राउन्स) की तुलना में दुगने से भी अधिक हो सकता है.
  • इस सौदे के साथ इलेक्ट्रोलक्स उत्तर और दक्षिण अमेरिका दोनों में ही अच्छी तरह से अपनी पहुंच बनाएगी और अमेरिका में अपनी स्थिति मजबूत करेगी.

 

देश भर में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया गया

14 सितंबरहिन्दीदिवस

देश भर में 14 सितंबर 2014 को हिन्दी दिवस मनाया गया. इस अवसर पर नई दिल्ली  में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजभाषा के रूप में हिन्दी के प्रयोग में उल्लेखनीय योगदान के लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों को पुरस्कार प्रदान किये.

देश भर में हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि वर्ष 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को देश की राजभाषा का दर्जा दिया था.

हिंदी को राजभाषा बनाने का उपबंध संविधान में 14 सितंबर 1949 को जोड़ा गया था. उल्लेखनीय है कि राजभाषा संबंधी प्रस्ताव गोपालस्वामी आयंगर ने प्रस्तुत किया था, जोकि दक्षिण भारतीय थे.

संवैधानिकप्रावधान

26 जनवरी 1950 को लागू भारत के संविधान में अनुच्छेद 343 के उपबंध 1 के तहत देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी को भारतीय संघ की राज्यभाषा का दर्जा तो दिया गया, लेकिन इसी अनुच्छेद के उपबंध 3 के तहत यह व्यवस्था भी दी गई कि राजभाषा हिंदी के साथ सहभाषा के रूप मे अगले 15 वर्षों तक अंग्रेजी के प्रयोग का अधिनियम संसद बना सकती है.

वर्ष 1967 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने राजभाषा अधिनियम 1963 के खंड 3 (1) मे संशोधन कर अंग्रेजी को अनिश्चित काल के लिए भारत की सहभाषा बना दिया.

भारत में अंग्रेजी की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद आकड़ों के हिसाब से हिन्दी बोलने वालों की संख्या विश्व में तीसरे नंबर पर है. भारत को सही से जानने के लिए विश्व के लगभग 115 शिक्षण संस्थानों में हिन्दी का अध्ययन होता है.

संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं की सूची में हिन्दी शामिल नहीं है लेकिन कई भारतीय नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिन्दी में भाषण दिया है.

सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक-2014 का मसौदा: सड़क सुरक्षा की एक अच्छी पहल

 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने सड़क परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विधेयक-2014 का मसौदा तैयार कर लिया गया है. इसे लोगों के सुझाव हेतु सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर 13 सितंबर 2014 को डाल दिया गया.

सड़कों पर प्रतिदिन हो रही दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण नशे में वाहन चलाना, लापरवाह रहना और यातायात नियमों के उल्लंघन को माना गया है. इसको मद्देनजर रखते हुए इस विधेयक में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं. 
इस प्रावधान के तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर तीन लाख रूपए तक जुर्माना और कुछ खास प्रावधानों में कम से कम सात वर्ष की कैद की सजा का नियम बनाया गया है. विधेयक में लापरवाही से वाहन चलाने पर ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने और वाहनों की डिजाइन में खराबी पर प्रति वाहन पांच लाख रूपए जुर्माना व सजा का प्रावधान किया गया है.
मसौदे में यातायात नियम तोड़ने पर जुर्माने की राशि और जेल में रहने की अवधि को बढ़ा दिया गया है. स्कूल बसों के चालकों के लिए और भी सख्त प्रावधान विधेयक के मसौदे में शामिल हैं. 
विधेयक के मसौदे में पुराने और जर्जर हो चुके वाहनों को प्रत्येक पांच वर्ष में इनका फिटनेस टेस्ट अनिवार्य बनाया गया है. इसके अलावा प्रावधान यह भी है कि दोषपूर्ण वाहनों को कंपनियां अनिवार्यत: वापस लेंगी, साथ ही ऐसे वाहन निर्माताओं को भी सजा देने की बात है.
देश में खराब सड़कें भी कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनीं हैं. विधेयक में इस ओर भी ध्यान देते हुए व्यवस्था है कि यदि खराब सड़क की वजह से दुर्घटना में किसी की मौत हुई तो सड़क निर्माता को चार साल जेल तक की सजा हो सकती है.

मसौदे के तहत नाबालिगों को वाहन चालते हुए पाए जाने पर अभिभावकों की जवाबदेही भी तय की गई है. बच्चों के लिए हेलमेट पहनना और सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य किया गया है. सड़क हादसे में किसी बच्चे की मौत पर खास हालात में न्यूनतम सात वर्ष की सजा और तीन लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान है.

निजी वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या को भी हादसों की वजह मानते हुए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की बात मसौदे में कही गई है. मसौदे में किसी हादसे के तत्काल बाद ‘गोल्डेन टाइम’ में घायलों को जरूरी मेडिकल सुविधाएं मिल सकें, इस बात का भी ध्यान रखा गया है. दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक जांच का प्रावधान है. 

प्रस्तावित विधेयक में जो प्रावधान शामिल किए गए हैं वे बेहद कारगर और कड़े हैं तथा इसमें सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार समझे जाने वाले सभी कारकों का ध्यान रखा गया है. सड़क हादसों में लगातार बढ़ती हताहतों की संख्या को लेकर व्यापक चिंता प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों में दिख रही है.

यदि इसके द्वारा सड़क हादसों में हो रही वार्षिक मौतों की संख्या में कमी आएगी. इससे देश बड़ी जनहानि से तो बचेगा ही, व्यापक आर्थिक क्षति भी रुकेगी.

वित्त वर्ष 2014–15 में भारत की जीडीपी दर 5.6 प्रतिशत रहने का फिक्की का अनुमान

17-SEP-2014

फिक्की (भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ) का आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण 13 सितंबर 2014 को जारी किया गया. सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2014–15 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. आर्थिक आउटलुक सर्वे के जून 2014 के अंक में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

जीडीपी का अनुमानित विकास दर आशावाद के स्पष्ट वापसी को दर्शाता है और इस गति के साथ ही 2014–15 के दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों के जारी रहने की उम्मीद है.
आर्थिकआउटलुकसर्वेक्षणकीमुख्यबातें
• वित्त वर्ष 2014–15 में जीडीपी की न्यूनतम और अधिकतम विकास दर क्रमशः 5.3% और 6.0% रहने की उम्मीद का संकेत है.
• मॉनसून में हुई देरी के बावजूद कृषि विकास दर के स्थिर बने रहने की उम्मीद है.
• वित्त वर्ष 2014–15 में औद्योगिक क्षेत्र के 4.7% की विकास दर की उम्मीद है, जो कि जून 2014 के अनुमान से 1.6% अधिक है.
• सेवा क्षेत्र में विकास दर जून 2014 के अनुमान के जैसे ही रहने की उम्मीद है. 2014–15 में इस क्षेत्र में 69 प्रतिशत के विकास की उम्मीद है.
• पिछले वर्ष की तुलना में मुद्रास्फीति की दर में कुछ कमी आने की संभावना है और 2014–15 में वार्षिक औसत सीपीआई मुद्रास्फीति दर के 7.8% होने की उम्मीद है. हालांकि मुद्रास्फीति पर उल्टा दबाव बढ़ सकता है.
• घरेलू मुद्रास्फीति अपेक्षाकृत अधिक रहती है और आरबीआई को अपनी प्रमुख नीति दरों में कटौती के लिए मुद्रास्फीति दबाव के निश्चित संकेत का इंतजार करना होगा.
• निर्यात और चालू खाते का घाटा (सीएडी) में कोई आसन्न जोखिम नहीं दिखाई देता. 2014–15 के लिए सीएडी और जीडीपी अनुपात 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
• विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) प्रवाह साल के दूसरे हिस्से में भी बना रहेगा हालांकि इसकी गति कम रहेगी.
• प्राथमिकता के कुछ क्षेत्र पहचान किए गए हैं जिसमें विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा के निर्माण की जरूरत, गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली की आपूर्ति, श्रम संबंधित मुद्दों को हल करना और आसान भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर काम करना शामिल है.
• यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है कि केंद्र सरकार कहां विनिर्माण गतिविधियों के लिए अधिक अनुकूल माहौल सुनिश्चित कर सकती है जिस पर तुरंत काम करने की जरूरत है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में एमडी और सीईओ हेतु अधिकतम उम्र सीमा 70 वर्ष तय की

15-SEP-2014

भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशक (एम.डी.) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हेतु अधिकतम उम्र सीमा 70 वर्ष करने का फैसला 9 सितंबर 2014 को किया.

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 196 (3) के तहत, यह निर्धारित किया गया है कि कोई भी कंपनी 21 वर्ष से कम और 70 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके किसी भी व्यक्ति को बतौर प्रबंध निदेश, पूर्णकालिक निदेशक या प्रबंधक नियुक्त नहीं कर सकता.

हालांकि, बैंकों के व्यक्तिगत बोर्डों को बतौर आंतरिक नीति डब्ल्यूटीडी जिसमें एमडी और सीआओ भी शामिल हैं, के लिए न्यूनतम सेवानिवृत्ति उम्र निर्धारित करने की आजादी है. 
इससे पहले, उपरी उम्र सीमा निर्धारित नहीं थी और फैसले मामले के आधार पर किए जा रहे थे.

पी जे नायक समिति ने निजी बैंकों के सीईओ के लिए अधिकतम उम्र 65 वर्ष करने की सिफारिश की थी. समिति का गठन बैंकों के बोर्डों के शासन की समीक्षा के लिए किया गया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मई 2014 में सौंपी थी.पृष्ठभूमि
यह मामला इंडसइंड बैंक द्वारा सोबती के कार्यकाल को और तीन वर्ष बढ़ाए जाने के बाद सामने आया. सोबती इंडसइंड बैंक के एमडी और सीईओ हैं. हालांकि, आरबीआई ने कार्यकाल को सिर्फ एक वर्ष बढ़ाए जाने की अनुमति दी. इस कदम से अटकलें लगाई जाने लगी कि आरबीआई सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करना चाहती है.

सेवानिवृत्ति का यह मुद्दा सिर्फ निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए लागू होता है क्योंकि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति का आयु 60 वर्ष निर्धारित है. बैंकिंग में एक मात्र अपवाद आरबीआई के डिप्टी गवर्नर होते हैं जिनकी सेवानिवृत्ति की अधिकतम उम्र सीमा 62 वर्ष और गवर्नर की उम्र सीमा 65 वर्ष है.

रुस के हैकर्स ने जीमेल के पांच मिलियन पासवर्ड लीक किए

15-SEP-2014

रुस के हैकर्स ने 11 सितंबर 2014 को जीमेल के पांच मिलियन पासवर्ड लीक कर दिए.
गूगल अकाउंट का एक ही पासवर्ड गूगल के सभी उत्पादों जैसे जीमेल, ड्राइव, प्लस, यूट्यूब, मैप्स आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अकाउंट का विवरण ट्विस्किट नाम के एक यूजर ने बिटक्वायन फोरम के btcsec.com पर पोस्ट किया है. ट्विस्किट का दावा है कि इनमें से 60% पासवर्ड अभी भी एक्टिव हैं.

दूसरी तरफ गूगल ने इस दावे को खारिज किया है और कहा है कि सिर्फ 2% पासवर्ड ही अभी भी काम कर रहे हैं. गूगल ने दावा किया कि उसका ऑटोमेटेड एंटी– हाईजैकिंग सिस्टम ने कई लॉगइन प्रयासों को रोक देता है.

लीक होने की बात को स्वीकार करते हुए गूगल ने कहा है कि यह उसके सिस्टम में सेंध लगने की वजह से ही हो पाया है.

 

टिप्पणी
जिन कुछ लोगों ने वह सूची चेक की और अपना ईमेल एड्रेस उसमें पाया, ने रिपोर्ट किया कि उसमें उनका पुराना पासवर्ड दिया गया है और वैसे पासवर्ड हैं जो उन्होंने कई वेबसाइटों के लिए बार– बार इस्तेमाल किए थे. अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनके एड्रेस उन साइटों से चोरी की गई हैं जहां लोगों ने जीमेल एड्रेस को बतौर लॉगइन इस्तेमाल किया था.

 

सर्वोच्च न्यायालय ने सभी सरकारी नौकरियों में विकलांगों हेतु 3% कोटा निर्धारित करने का निर्देश दिया

सर्वोच्च न्यायालय ने 12 सितंबर 2014 को सभी सरकारी नौकरियों में विकलांगों के लिए 3% कोटा निर्धारित करने का निर्देश दिया.

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वर्ष 1995 में विकलांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम के पारित होने के बावजूद विकलांगों को पिछले 19 वर्षों से उनका हक नहीं मिला है. इस पीठ में जस्टिस कूरियन जोसेफ और रोहिन्टन एफ नरिमन भी शामिल थे.

दूसरी तरफ, सरकार ने यह दलील दी की आरक्षण ग्रुप ए से ग्रुप बी में पदोन्नति के मामले में नहीं दी जा सकती क्योंकि यह नियुक्ति का मामला नहीं है.

इसके अलावा, सरकार ने दावा किया कि विकलांग व्यक्ति अधिनियम विकलांगों को तीन फीसदी आरक्षण प्रदान करता है. हालांकि पीठ ने माना कि नियुक्ति एक व्यापक अवधारणा है और केंद्र इसकी संकीर्ण व्याख्या दे रहा है. इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों के सभी श्रेणियों जिसमें नियुक्ति, चयन, सीधी भर्ती, प्रतिनियुक्ति और पदोन्नति, में आरक्षण की अनुमति दी. पीठ ने यह भी कहा कि आरक्षण की सीमा पचास फीसदी से अधिक न हो, का सिद्धांत, विकलांगों को आरक्षण देते समय लागू नहीं होगा.

पीठ ने फैसला सुनाया कि संसद द्वारा परिकल्पित आरक्षण नीति का उद्देश्य विकलांगों को बिना किसी तकनीकी बाधाओं के लाभ पहुंचाना था. अदालत ने केंद्र सरकार की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें केंद्र और संघ लोक सेवा आयोग को आईएएस में विकलांगों की सीधी भर्ती और पदोन्नति में तीन फीसदी आरक्षण को लागू करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को केंद्र ने चुनौती दी थी.

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील संरक्षण पर नोटिस जारी किया

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील के संरक्षण और उसपर निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने का नोटिस 10 सितंबर 2014 को जारी किया. यह नोटिस प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने एमके बालाकृष्णन द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के बाद दिया था.

याचिका में कहा गया था कि भारत की एक तिहाई दलदल भूमि/झील खत्म हो चुकी है जिसमें से 38 फीसदी पिछले दस वर्षों में कम हुई है.

उसमें यह भी कहा गया था कि हर एक राज्य जिसमें बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात और केरल भी शामिल हैं, में, बड़े पैमाने पर विकास कार्यों, कचरों को फेंकने और संरक्षण की कमी ने भारत के कई बेहतरीन दलदल भूमि/ झीलों (वेटलैंड्स) पर खतरा पैदा कर दिया है.

दलदलभूमिझीलोंकेबारेमें
दलदल भूमि/ झीलों की परिभाषा – यह स्थलीय एवं जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच की संक्रमणकालीन भूमि है जहां पानी का स्तर आमतौर पर सतह या उसके करीब होता है या जमीन उथले पानी से भरी होती है. 

दलदल भूमि/ झीलों पर संधि 1 फरवरी 1982 को प्रभाव में आई. फिलहाल भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व वाली 26 दलदल भूमि/ झीलें हैं जिसके सतह का क्षेत्रफल 689131 हेक्टेयर है. 

स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में दलदल भूमि/ झीलें कई तरीकों  जैसे गर्मी के दिनों में वे जमीन की नमी बनाए रखती है औऱ बाढ़ के समय ये पानी को कम करने और मिट्टी को अपने पास रोकर जमीन में पोषक तत्वों को बढ़ाती है.

 

र्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील संरक्षण पर नोटिस जारी किया

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील के संरक्षण और उसपर निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने का नोटिस 10 सितंबर 2014 को जारी किया. यह नोटिस प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने एमके बालाकृष्णन द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के बाद दिया था.

याचिका में कहा गया था कि भारत की एक तिहाई दलदल भूमि/झील खत्म हो चुकी है जिसमें से 38 फीसदी पिछले दस वर्षों में कम हुई है.

उसमें यह भी कहा गया था कि हर एक राज्य जिसमें बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात और केरल भी शामिल हैं, में, बड़े पैमाने पर विकास कार्यों, कचरों को फेंकने और संरक्षण की कमी ने भारत के कई बेहतरीन दलदल भूमि/ झीलों (वेटलैंड्स) पर खतरा पैदा कर दिया है.

दलदलभूमिझीलोंकेबारेमें
दलदल भूमि/ झीलों की परिभाषा – यह स्थलीय एवं जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच की संक्रमणकालीन भूमि है जहां पानी का स्तर आमतौर पर सतह या उसके करीब होता है या जमीन उथले पानी से भरी होती है. 

दलदल भूमि/ झीलों पर संधि 1 फरवरी 1982 को प्रभाव में आई. फिलहाल भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व वाली 26 दलदल भूमि/ झीलें हैं जिसके सतह का क्षेत्रफल 689131 हेक्टेयर है. 

स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में दलदल भूमि/ झीलें कई तरीकों  जैसे गर्मी के दिनों में वे जमीन की नमी बनाए रखती है औऱ बाढ़ के समय ये पानी को कम करने और मिट्टी को अपने पास रोकर जमीन में पोषक तत्वों को बढ़ाती है.

 

र्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील संरक्षण पर नोटिस जारी किया

15-SEP-2014

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील के संरक्षण और उसपर निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने का नोटिस 10 सितंबर 2014 को जारी किया. यह नोटिस प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने एमके बालाकृष्णन द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के बाद दिया था.

याचिका में कहा गया था कि भारत की एक तिहाई दलदल भूमि/झील खत्म हो चुकी है जिसमें से 38 फीसदी पिछले दस वर्षों में कम हुई है.

उसमें यह भी कहा गया था कि हर एक राज्य जिसमें बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात और केरल भी शामिल हैं, में, बड़े पैमाने पर विकास कार्यों, कचरों को फेंकने और संरक्षण की कमी ने भारत के कई बेहतरीन दलदल भूमि/ झीलों (वेटलैंड्स) पर खतरा पैदा कर दिया है.

दलदलभूमिझीलोंकेबारेमें
दलदल भूमि/ झीलों की परिभाषा – यह स्थलीय एवं जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच की संक्रमणकालीन भूमि है जहां पानी का स्तर आमतौर पर सतह या उसके करीब होता है या जमीन उथले पानी से भरी होती है. 

दलदल भूमि/ झीलों पर संधि 1 फरवरी 1982 को प्रभाव में आई. फिलहाल भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व वाली 26 दलदल भूमि/ झीलें हैं जिसके सतह का क्षेत्रफल 689131 हेक्टेयर है. 

स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में दलदल भूमि/ झीलें कई तरीकों  जैसे गर्मी के दिनों में वे जमीन की नमी बनाए रखती है औऱ बाढ़ के समय ये पानी को कम करने और मिट्टी को अपने पास रोकर जमीन में पोषक तत्वों को बढ़ाती है.

 

यूएनईपी और डब्ल्यूएमओ ने साइंटिफिक असेस्मेंट ऑफ ओजोन डिप्लिशन-2014 नामक रिपोर्ट जारी की

15-SEP-2014

साइंटिफिक असेस्मेंट ऑफ ओजोन डिप्लिशन 2014 (Scientific Assessment of Ozone Depletion 2014) नामक एक रिपोर्ट 10 सितंबर 2014 को जारी की गई. इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने तैयार किया. रिपोर्ट में बताया गया है कि ओजोन की परत सही रास्ते पर है और आगामी कुछ दशकों में वह अपनी पहले जैसी स्थिति हासिल कर लेगा.

रिपोर्टकीमुख्यबातें
• 1986 में ओजोन परत को कम करने वाले मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ऑन सबस्टांस के तहत की गई कार्वारई ने ओजोन परत को 1980 के बेंचमार्क स्तर पर लाने में सक्षम बना रहे हैं.
• मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और संबंधित समझौतों ने कभी रेफ्रिजरेटरों, स्प्रे के डिब्बों, इन्सुलेशन फॉम और अग्नि शमन संबंधी उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले सीएफसी (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) और हैलोन्स जैसी गैस के वायुमंडलीय बहुलता को कम किया है. 
• 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में पूरे विश्व में कुल कॉलम ओजोन में गिरावट दर्ज की गई. वर्ष 2000 से, यह अपेक्षाकृत अपरिवर्तित बनी हुई है लेकिन हाल ही में इसमें कुछ सुधार के संकेत दिखाई दिए हैं.
• अंटार्कटिक ओजोन छेद लगातार बढ़ रहा है और इसके इस सदी में बढ़ने की संभावना है क्योंकि ओजोन कम करने वाले तत्वों के उत्सर्जन को रोकने के बावजूद वायुमंडल में वे मौजूद हैं. 
• साल 2011 की सर्दी या बसंत ऋतु में आर्कटिक समताप मंडल विशेष रूप से ठंडा था जो कि इन परिस्थितियों में उम्मीद के मुताबिक अधिक ओजोन रिक्तीकरण का काम कर रहा था.
• मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है.
• वर्ष 1987 में, ओजोन कम करे वाले पदार्थ ने करीब 10 गिगाटन्स C02 का योगदान किया जो हर वर्ष के उत्सर्जन के बराबर है. मॉन्ट्रिय प्रोटोकॉल ने अब इन उत्सर्जन को 90 फीसदी से अधिक तक कम कर दिया है. 
• ओजोन कम करे वाले पदार्थ में कमी जलवायु परिवर्तन के क्योटो प्रोट्रोकॉल में पहली प्रतिबद्धता अवधि (2008–12) के लिए वार्षिक उत्सर्जन कमी लक्ष्य से पांच गुना अधिक की है. 
• हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) फिलहाल 0.5 गीगाटन C02 के बराबर उत्सर्जन का योगदान प्रति वर्ष कर रहा है. ये उत्सर्जन हर वर्ष 7 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं. हालांकि एचएफसीएस ओजोन की परत को नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन उनमें से कई शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैस हैं.
• वार्षिक अंटार्किट ओजोन छेद ने गर्मियों में निचले समताप मंडल के ठंडे होने की वजह से दक्षिणी गोलार्ध की सतही जलवायु में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं जिसकी वजह से सतह के तापमान, वर्षा और महासागरों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ा है.
• उत्तरी गोलार्ध में, जहां ओजोन रिक्तीकरण कम है, वहां समताप मंडल ओजोन रिक्तीकरण और क्षोभमंडलीय जलवायु के बीच कोई मजबूत संबंध नहीं है.
• कार्बनडाइऑक्साइड, मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड की सांद्रता वायुमंडल के तीन सबसे अधिक समय तक रहने वाले ग्रीन हाउस गैस हैं जो वैश्विक ओजन स्तरों को बढ़ाते हैं.

केंद्र सरकार ने ई–फाइलिंग प्रणाली हेतु भुगतान मार्ग का शुभारंभ किया

15-SEP-2014

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारतीय बौद्धिक संपदा कार्यालय (आईपीओआई) की ई– फाइलिंग प्रणाली के लिए भुगतान मार्ग (न्यू पेमेंट गेटवे) का शुभारंभ 8 सितंबर 2014 को किया. इसका शुभारंभ औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव अमिताभ कांत ने किया.

इसके द्वारा अब दो बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग की अपेक्षा 70 से अधिक बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान किया जा सकेगा. इसकी वजह से पेटेंट और ट्रेडमार्कों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की दर 25 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगी. इससे पहले सभी फॉर्म बौद्धिक संपदा कार्यालय (आईपीओ) द्वारा उपलब्ध कराए जाते थे.

डीआईपीपीकेसचिवद्वाराआईपीओआईकेसंबंधमेंशुरुकीगईंअन्यपहलें

आईपीएक्सप्रेशंस: आईपी अभिव्यक्ति  (IP Expressions) का पहला अंक विमोचित किया गया. यह एक तकनीकी पत्रिका है जो आईपीओ अधिकारियों को अपने ज्ञान और बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में हासिल अनुभव को सबके साथ साझा करने का मंच मुहैया कराएगा.

आईपीओआईकाकार्यालयः नई दिल्ली में आईपीओआई के नए कार्यालय भवन का उद्घाटन किया गया. यह भवन आईपीओआई के कामकाज को पेटेंट कॉपरेशन ट्रीटी (पीसीटी– पेटेंट सहयोग संधि) के तहत अंतरराष्ट्रीय खोज प्राधिकरण (आईएसए) और अंतरराष्ट्रीय प्राथमिक जांच प्राधिकरण (आईपीईए) के तौर पर करने के लिए समर्पित है.

आईएसए/आईपीईए भवन का निर्माण बौद्धिक संपदा कार्यालयों के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण की योजना के तहत 30.2 करोड़ रूपयों की लागत के साथ किया गया है.

स्टॉकएंडफ्लोः यह आईपीओआई द्वारा पारदर्शिता की पेशकश के क्षेत्र में बिल्कुल नवीन सुविधा है. परिणामस्वरुप, यह सुविधा उन पेंटेंटों के लिए भी होगी जो पहले सिर्फ ट्रेडमार्क के लिए उपलब्ध थे. इस सुविधा के माध्यम से पेटेंट कार्यालय में होने वाले सभी काम पूरी दुनिया के सामने दिखाई देंगे.

विभिन्न स्थानों के पेटेंट कार्यालयों के स्टॉक एंड फ्लो वास्तविक समय के आधार आधिकारिक वेबसाइट पर नजर आएंगें. इसलिए, आईपीओआई बौद्धिक संपदा कार्यलयों के बीच इस प्रकार की परम पारदर्शिता हासिल करने वाला दुनिया का पहला कार्यालय है.

रिपोर्टकीमुख्यबातें
• 1986 में ओजोन परत को कम करने वाले मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ऑन सबस्टांस के तहत की गई कार्वारई ने ओजोन परत को 1980 के बेंचमार्क स्तर पर लाने में सक्षम बना रहे हैं.
• मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और संबंधित समझौतों ने कभी रेफ्रिजरेटरों, स्प्रे के डिब्बों, इन्सुलेशन फॉम और अग्नि शमन संबंधी उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले सीएफसी (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) और हैलोन्स जैसी गैस के वायुमंडलीय बहुलता को कम किया है. 
• 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में पूरे विश्व में कुल कॉलम ओजोन में गिरावट दर्ज की गई. वर्ष 2000 से, यह अपेक्षाकृत अपरिवर्तित बनी हुई है लेकिन हाल ही में इसमें कुछ सुधार के संकेत दिखाई दिए हैं.
• अंटार्कटिक ओजोन छेद लगातार बढ़ रहा है और इसके इस सदी में बढ़ने की संभावना है क्योंकि ओजोन कम करने वाले तत्वों के उत्सर्जन को रोकने के बावजूद वायुमंडल में वे मौजूद हैं. 
• साल 2011 की सर्दी या बसंत ऋतु में आर्कटिक समताप मंडल विशेष रूप से ठंडा था जो कि इन परिस्थितियों में उम्मीद के मुताबिक अधिक ओजोन रिक्तीकरण का काम कर रहा था.
• मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है.
• वर्ष 1987 में, ओजोन कम करे वाले पदार्थ ने करीब 10 गिगाटन्स C02 का योगदान किया जो हर वर्ष के उत्सर्जन के बराबर है. मॉन्ट्रिय प्रोटोकॉल ने अब इन उत्सर्जन को 90 फीसदी से अधिक तक कम कर दिया है. 
• ओजोन कम करे वाले पदार्थ में कमी जलवायु परिवर्तन के क्योटो प्रोट्रोकॉल में पहली प्रतिबद्धता अवधि (2008–12) के लिए वार्षिक उत्सर्जन कमी लक्ष्य से पांच गुना अधिक की है. 
• हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) फिलहाल 0.5 गीगाटन C02 के बराबर उत्सर्जन का योगदान प्रति वर्ष कर रहा है. ये उत्सर्जन हर वर्ष 7 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं. हालांकि एचएफसीएस ओजोन की परत को नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन उनमें से कई शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैस हैं.
• वार्षिक अंटार्किट ओजोन छेद ने गर्मियों में निचले समताप मंडल के ठंडे होने की वजह से दक्षिणी गोलार्ध की सतही जलवायु में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं सर्वोच्च न्यायालय का दिल्ली में सरकार के गठन पर 10 अक्टूबर तक प्रतिक्रिया देने का निर्देश

15-SEP-2014

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा दिल्ली सरकार के गठन की प्रक्रिया पर केंद्र सरकार को 10 अक्टूबर 2014 तक अपनी प्रतिक्रिया देने निर्देश दिया. 

यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक  पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिल्ली विधान सभा के विघटन की मांग के लिए दायर याचिका की सुनवाई के दौरान 10 सितंबर 2014 को दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर 2014 को निर्धारित की है.

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले को लंबित नहीं रखा जा सकता और केंद्र द्वारा राष्ट्रपति  के फैसले और उसके बाद के राजनीतिक विकास के बारे में सूचित किए जाने के बाद कोई फैसला किया जा सकता है.

इससे पहले 5 अगस्त 2014 को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दिल्ली विधान सभा को विघटित करने या किसी भी पार्टी के सरकार बनाने के लिए आगे न आने की वजह से उसे इसी प्रकार निलंबित रखने पर फैसला करने के लिए पांच सप्ताह का वक्त दिया था.

पृष्ठभूमि
दिसंबर 2013 में हुए दिल्ली विधान सभा चुनावों में भाजपा को 32 सीटें मिली थीं और वह 70 सीटों वाले सदन में सरकार बनाने के लिए जरूरी 36 सीटों से कुछ सीटें ही पीछे रह गई. परिणामस्वरुप, 28 सीट जीतने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाया.

हालांकि, 49 दिनों तक शासन करने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अध्यक्षता में आप सरकार ने फरवरी 2014 में लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया. तब से , दिल्ली विधान सभा निलंबित है और वहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.

दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बतौर सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने पर उनकी प्रतिक्रिया के लिए 4 सितंबर 2014 को एक पत्र लिखा. पत्र संवैधानिक परंपरा के तहत लिखा गया था और इसे लिखते समय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए किए जाने वाले हर संभव प्रयास की बात को भी ध्यान में रखा गया था.

जिसकी वजह से सतह के तापमान, वर्षा और महासागरों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ा है.
• उत्तरी गोलार्ध में, जहां ओजोन रिक्तीकरण कम है, वहां समताप मंडल ओजोन रिक्तीकरण और क्षोभमंडलीय जलवायु के बीच कोई मजबूत संबंध नहीं है.
• कार्बनडाइऑक्साइड, मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड की सांद्रता वायुमंडल के तीन सबसे अधिक समय तक रहने वाले ग्रीन हाउस गैस हैं जो वैश्विक ओजन स्तरों को बढ़ाते हैं.



सर्वोच्च न्यायालय का दिल्ली में सरकार के गठन पर 10 अक्टूबर तक प्रतिक्रिया देने का निर्देश

15-SEP-2014

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा दिल्ली सरकार के गठन की प्रक्रिया पर केंद्र सरकार को 10 अक्टूबर 2014 तक अपनी प्रतिक्रिया देने निर्देश दिया. 

यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक  पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिल्ली विधान सभा के विघटन की मांग के लिए दायर याचिका की सुनवाई के दौरान 10 सितंबर 2014 को दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर 2014 को निर्धारित की है.

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले को लंबित नहीं रखा जा सकता और केंद्र द्वारा राष्ट्रपति  के फैसले और उसके बाद के राजनीतिक विकास के बारे में सूचित किए जाने के बाद कोई फैसला किया जा सकता है.

इससे पहले 5 अगस्त 2014 को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दिल्ली विधान सभा को विघटित करने या किसी भी पार्टी के सरकार बनाने के लिए आगे न आने की वजह से उसे इसी प्रकार निलंबित रखने पर फैसला करने के लिए पांच सप्ताह का वक्त दिया था.

पृष्ठभूमि
दिसंबर 2013 में हुए दिल्ली विधान सभा चुनावों में भाजपा को 32 सीटें मिली थीं और वह 70 सीटों वाले सदन में सरकार बनाने के लिए जरूरी 36 सीटों से कुछ सीटें ही पीछे रह गई. परिणामस्वरुप, 28 सीट जीतने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाया.

हालांकि, 49 दिनों तक शासन करने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अध्यक्षता में आप सरकार ने फरवरी 2014 में लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया. तब से , दिल्ली विधान सभा निलंबित है और वहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.

दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बतौर सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने पर उनकी प्रतिक्रिया के लिए 4 सितंबर 2014 को एक पत्र लिखा. पत्र संवैधानिक परंपरा के तहत लिखा गया था और इसे लिखते समय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए किए जाने वाले हर संभव प्रयास की बात को भी ध्यान में रखा गया था

एचएस प्रणॉय ने इंडोनेशियन मास्टर्स ग्रां प्री. गोल्ड टूर्नामेंट 2014 का खिताब जीता

15-SEP-2014

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणॉय ने इंडोनेशियन मास्टर्स ग्रां प्री. गोल्ड टूर्नामेंट-2014 के पुरुष एकल का ख़िताब जीता. एचएस प्रणॉय ने फाइनल मैच में इंडोनेशिया के फिरमान अब्दुल खोलिक को 21-11, 22-20 से हराया. फाइनल मैच पालमबंग (इंडोनेशिया) में 14 सितंबर  2014 को खेला गया. इंडोनेशियाई मास्टर्स ग्रां. प्री. गोल्ड टूर्नामेंट की इनामी राशि 1,25,000 डॉलर है.

 

एचएसप्रणॉयसेसंबंधिततथ्य
• 22 वर्षीय एचएस प्रणॉय के करियर का यह पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब है.
• एचएस प्रणॉय को इंडोनेशियन मास्टर्स ग्रां प्री.  गोल्ड टूर्नामेंट-2014 के फाइनल के समय पांचवीं वरीयता प्राप्त थी. 
• एचएस प्रणॉय होचिमिंह सिटी में आयोजित 50000 डॉलर की ईनामी राशि वाले वियतनाम ग्रां प्री.-2014 में उप विजेता रहे थे.
• एचएस प्रणॉय ने वर्ष 2010 में युवा ओलिंपिक में लड़कों के एकल में रजत पदक जीता था.

केंद्र सरकार ने पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया

15-SEP-2014

केंद्र सरकार ने 2 सितंबर 2014 को पांच पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया. कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम चार सदस्यों की समिति के अध्यक्ष होंगे.

समिति के सदस्यों में पूर्व पर्यावरण मंत्रालय के सचिव विश्वनाथ आनंद, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एके श्रीवास्तव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केएन भट्ट होंगे.

पर्यावरण मंत्रालय ने समिति को दो महीने के भीतर पर्यावरण कानूनों के बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा.

समितिकीस्थापनाकेपीछेकारण

  • इसका उद्देश्य संशोधन के माध्यम से पर्यावरण मुद्दों से समझौता किए बिना आर्थिक विकास दर हासिल करने के लिए पर्यावरण कानूनों को वर्तमान आवश्यकताओं के स्तर पर लाने की है.
  • यह पैनल वर्ष 1971 और वर्ष 1986 के बीच अधिनियमित 5 महत्वपूर्ण पर्यावरण कानूनों की समीक्षा करेंगे- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974, एयर (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981.
  • संदर्भ की शर्तों के अनुसार, समिति उद्देश्यों के संबंध में अधिनियमों में से प्रत्येक के क्रियान्वयन की स्थिति का मूल्यांकन करेगी.
  • इन अधिनियमों से संबंधित विभिन्न अदालत के आदेश और न्यायिक घोषणाओं की जाँच और ध्यान रखेंगे.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पटना में 2015 तक काला अजार के उन्मूलन के लिए संशोधित अभियान शुरू किया

15-SEP-2014

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 सितंबर, 2014 को वर्ष 2015 तक भारत से काला अजार के उन्मूलन के लिए संशोधित अभियान शुरू किया.

नई रणनीति स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों और अधिकारियों को मिलाकर एक कोर ग्रुप द्वारा विकसित की गई. खाका दस्तावेज़ में राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उप जिला स्तर पर प्रयासों पर जोर दिया.

नई रणनीति में चार राज्यों के 54 प्रभावित जिलों में इस बीमारी के लक्षण से ग्रसित लोगों की सक्रिय खोज शामिल है. चार राज्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग हैं.

भारत में काला अजार के 80 प्रतिशत मामले बिहार में हैं. बिहार में तैंतीस, पश्चिम बंगाल के ग्यारह, झारखंड में चार और बिहार के पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिले कालाजार से प्रभावित हैं.

इसके अलावा, काला अजार रैपिड निदान परीक्षण किट का अनावरण किया गया. इस किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने विकसित किया. इन परीक्षणों का संचालन करना आसान हैं तथा यह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी किया जा सकता है और 10-15 मिनट में परिणाम प्रदान कर सकते हैं.

नईरणनीतिकीमुख्यविशेषताएं

  • नई रणनीति में प्रभावित जिलों में इस बीमारी के लक्षण से ग्रसित लोगों की सक्रिय खोज शामिल है.
  • चिकित्सकों, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. आशा कार्यकर्ताओं को रोगी को पहचानने और अस्पतालों में रोगियों को भेजने के लिए मौद्रिक प्रोत्साहन दिया जाएगा.
  • शीघ्र निदान और उपचार नर्सों द्वारा प्रशासित लिपोसोमल अम्फोटेरेसिन बी नामक एकल खुराक का उपयोग करके किया जाएगा. यह संक्रमण को कम करने में मदद करेगा.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मुफ्त दवा आपूर्ति करेगा.
  • नई रणनीति के हिस्से के रूप में, एक कीटनाशक, सिंथेटिक प्य्रेथ्रोइड , विशेष रूप से रेत मक्खी के निर्देश पर,जो 'काला अजार के वेक्टर स्रोत' नाम से जाना जाता  है,भी स्थानिक क्षेत्रों में घरों के दीवारों पर छिड़काव के लिए आपूर्ति की जाएगी.
  • काला अजार एक सूचनीय रोग घोषित किया गया है,जिसका अर्थ है,सभी डॉक्टरों, चाहे सरकारी या निजी सेवा में हों, आगे से वे राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को सचेत करने के लिए आवश्यक हैं जब भी उनका सामना रोग के लक्षणों के साथ एक रोगी से हो.

कालाआजारकेबारेमें
आंत लीशमनियासिस (वीएल), कालाजार नाम से भी जाना जाता है, काला बुखार, और दमदम बुखार लीशमनियासिस के सबसे गंभीर रूप है. लीशमनियासिस लीशमैनिया जीनस के प्रोटोजोआ परजीवी की वजह से होने वाली एक बीमारी है.

काला आजार के संकेत और लक्षणों में बुखार, वजन घटना , थकान, रक्ताल्पता, और जिगर और तिल्ली में पर्याप्त सूजन शामिल हैं.

अरबपतियों की संख्या के मामले में भारत विश्व में छठवें स्थान पर: वेल्थ-एक्स रिपोर्ट

18-SEP-2014

वेल्थ-एक्स रिपोर्ट के अनुसार, भारत अरबपतियों की संख्या के मामले में छठें स्थान है. देश में 100 अरबपति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 175 अरब अमेरिकी डॉलर (10500 अरब रुपये) है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में कुल अरबपतियों की संख्या 2325 हो गई है. इसकी घोषणा सितंबर 2014 के दूसरे सप्ताह में की गई.

 


वेल्थ-एक्स की 2014 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बीते साल के मुकाबले अरबपतियों की संख्या में कमी आई है. वर्ष 2013 में भारत में 103 अरबपति थे. इसके बावजूद भारत शीर्ष दस में अपने पूर्वर्ती छठें स्थान पर कायम है. अरबपतियों के मामले में शीर्ष 40 देशों में अमेरिका अपने पहले स्थान पर हैं. यहां दुनिया के सबसे ज्यादा 571 अरबपति हैं. इसके बाद चीन (190) और ब्रिटेन (130) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

वेल्थ-एक्स की 2014 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अरबपतियों की संख्या स्विट्जरलैंड, हांगकांग और फ्रांस से ज्यादा है. इस रिपोर्ट के अनुसार मुंबई 28 अरबपतियों के साथ दुनिया के शीर्ष 20 अरबपतियों के शहरों में शामिल है. इस सूची में न्यूयॉर्क पहले स्थान पर है, जहां 103 अरबपति रहते हैं.

इस रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2013 से जून 2014 के बीच भारत में अरबपतियों की संख्या तीन प्रतिशत कम हुई है, जबकि अरबपतियों की कुल संपत्ति पांच अरब डॉलर घटकर 175 अरब डॉलर रह गई है. हालांकि दुनियाभर की बात करें तो अरबपतियों की संख्या में ब़ढ़ोतरी हुई है. दुनिया में कुल अरबपतियों की संख्या 2325 हो गई है. 2013 के मुकाबले यह सात प्रतिशत अधिक है. 2014 में 155 नए अरबपति इस सूची में जु़डे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अरबपतियों की कुल संपत्ति में भी 12 प्रतिशत कि वृद्धि हुई. यह 73 खरब अमेरिकी डॉलर हो गई. 

इस रिपोर्ट के अनुसार, महाद्वीपों के मामले में यूरोप 775 अरबपतियों के साथ अव्वल है. इनकी कुल संपत्ति 23.70 खरब अमेरिकी डॉलर है. वहीं एशिया के अरबपतियों की कुल संपत्ति में बीते साल 18.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो अन्य महाद्वीपों की तुलना में सबसे ज्यादा है. अरबपतियों की कुल आय बढ़ोतरी में एशिया का योगदान 30 प्रतिशत का है. एशिया में अरबपतियों की संख्या में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस सूची में एशिया से 52 नए नाम जुड़े हैं, जिनमें से सर्वाधिक 33 चीन के हैं.

 

अमृता नारलीकर जर्मन इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल एंड एरिया स्टडीज (गीगा) की प्रमुख नियुक्त

18-SEP-2014

भारतीय मूल की कैब्रिज विश्वविद्यालय (ब्रिटेन) की प्रोफ़ेसर अमृता नारलीकर को जर्मन इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल एंड एरिया स्टडीज (गीगा) का प्रमुख नियुक्त किया गया. इसकी घोषणा सितंबर 2014 के प्रथम सप्ताह में कि गई. जर्मनी के विदेश विभाग ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी की. नारलीकर का कार्यकाल 1 अक्टूबर  2014 से प्रारंभ होगा.

 

जर्मनइंस्टीट्यूटऑफग्लोबलएंडएरियास्टडीज (गीगासेसंबंधितमुख्यतथ्य

‘गीगा’ एक समाज विज्ञान शोध संस्थान है. गीगा, विभिन्न पहलुओं पर शोध के जरिए सामाजिक नीति निर्माताओं को सलाह देता है. यह संस्थान पिछले 50 सालों से जर्मनी की विदेश नीति को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

विदित हो कि अमृता नारलीकर ने अपनी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय से पूरा किया.

भारत और चीन की दोस्ती, समय की एक मांग!

18-SEP-2014

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Suggested Readings: 2014 करेंट अफेयर्स सितंबर 2014 करेंट अफेयर्स

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भारत और चीन के मध्य ऐतिहासिक संबंध रहें हैं तो वहीं ऐतिहासिक विवाद भी. भारत और चीन की दोस्ती अगर समय की एक मांग है तो दोनों देशों के लिए एक जरूरत भी. इसी के मद्देनजर चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और ‘प्रथम महिला’ पेंग लियुआन तीन दिन की भारत यात्रा पर 17 सितंबर 2014 को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. अहमदाबाद हवाई अड्डे पर राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री आनन्दी बेन पटेल और उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों ने शी जिनपिंग की अगवानी की. हवाई अड्डे पर चीन के राष्ट्रिपति का ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ स्वागत किया गया.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी प्रमुख देश के पहले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिनकी सरकारी भारत यात्रा गुजरात से शुरू हो रही है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद स्थित हयात होटल में उनकी अगवानी की. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति ने आपस में परिचर्चा की. तत्पश्चात चीन के राष्‍ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थित में चीन और गुजरात सरकार के बीच तीन सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.

1. औद्योगिक पार्क को लेकर गुजरात सरकार के IEB और चीन विकास बैंक के बीच समझौता हुआ. यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और गुजरात में औद्योगिक पार्क बनाने को लेकर है. 
2. चीन के गुआंगदोंग और भारत के गुजरात के बीच ‘सिस्‍टर प्रोविंस’ (Sister Province) वाले रिश्‍ते कायम करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. 
3. ग्वांझाओ-अहमदाबाद नगर निगम के बीच ट्रेनिंग को लेकर समझौता. 
इन समझौता ज्ञापन के द्वारा गुजरात और चीन के बीच सेवा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ानी है.

दोस्तीकानयादौर
चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की यात्रा का जिस प्रकार से गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया. उससे तो यह स्पष्ट हो रहा है कि दोनों देश नए सिरे से दोस्ती का दौर शुरू करने जा रहे हैं.

दोनों देशों को एक दूसरे से काफी उम्मीदें हैं. दरअसल दोनों देश एक दूसरे की जरूरत बन गए हैं और ऐसे में देखना यह है कि दोनों किस तरह मिलकर आगे बढ़ पाते हैं? इससे इन्कार नहीं कि चीन आर्थिक रूप से एक बड़ी ताकत के रूप में उभरा है और उसके मुकाबले भारत कुछ पीछे दिखाई देता है, परन्तु यह भी एक सत्य तथ्य है कि एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में भारत को ही देखा जा रहा है. दोनों मिलकर विश्व की एक बड़ी शक्ति हो सकते हैं.

स्वयं चीन के साथ-साथ विश्व के बड़े देश भी यह मान रहे हैं कि भारत में एक बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में उभरने की प्रबल संभावनाएं हैं. यही कारण है कि विश्व के सभी प्रमुख देश भारत की ओर बड़ी उत्सुकता से देख रहे हैं और उससे अपने संबंध मजबूत करने को तत्पर हैं.

चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा एक ऐसे समय पर हो रही है जब उसकी आर्थिक प्रगति की गति स्थिर हो गई है और इसे गति देने के लिए उसे भारत में अनेक अवसर दिखाई दे रहे हैं. चीन अपने आर्थिक विकास की गति बढ़ाने के लिए भारत में निवेश करने को तैयार है तो भारत को भी विदेशी पूंजी निवेश की आवश्यकता है.

आशंकाएंभीकमनहीं
इस अनुकूल स्थिति के बावजूद इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि चीन भारत की चिंताओं को समझने के लिए तैयार नहीं दिखाई देता.

चीन स्वयं तो भारत के पड़ोसी देशों में अपना आर्थिक प्रभुत्व बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, लेकिन वह भारत को अपने पड़ोसी देशों में आर्थिक तौर पर सक्रिय होते हुए नहीं देखना चाहता और इसका ताजा प्रमाण है वियतनाम के साथ तेल संबंधी समझौते का विरोध.

चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कोई विशेष इच्छुक दिखाई नहीं देता. वह जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को नत्थी वीजा देने के मामले में भी अड़ियल रवैया अपनाए हुए है. वह यह तो चाहता है कि ताइवान और तिब्बत के मामले में भारत चीन का साथ दे परन्तु उसे भारतीय हितों की कोई परवाह नहीं.

आर्थिक संबंधों को बल देते समय भारतीय नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन की ही न चलने पाए. मित्रता में लेन-देन दोनों होता है. यदि चीन कुछ मामलों में भारत से लचीले रवैये की अपेक्षा कर रहा है तो ऐसी ही अपेक्षा भारत को उससे भी है.

बेहतर हो कि चीन यह समझे कि इस अपेक्षा की पूर्ति से ही दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा मिल सकती है.

भारत और चीन की दोस्ती, समय की एक मांग!

18-SEP-2014

भारत और चीन के मध्य ऐतिहासिक संबंध रहें हैं तो वहीं ऐतिहासिक विवाद भी. भारत और चीन की दोस्ती अगर समय की एक मांग है तो दोनों देशों के लिए एक जरूरत भी. इसी के मद्देनजर चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और ‘प्रथम महिला’ पेंग लियुआन तीन दिन की भारत यात्रा पर 17 सितंबर 2014 को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. अहमदाबाद हवाई अड्डे पर राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री आनन्दी बेन पटेल और उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों ने शी जिनपिंग की अगवानी की. हवाई अड्डे पर चीन के राष्ट्रिपति का ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ स्वागत किया गया.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी प्रमुख देश के पहले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिनकी सरकारी भारत यात्रा गुजरात से शुरू हो रही है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद स्थित हयात होटल में उनकी अगवानी की. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति ने आपस में परिचर्चा की. तत्पश्चात चीन के राष्‍ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थित में चीन और गुजरात सरकार के बीच तीन सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.

1. औद्योगिक पार्क को लेकर गुजरात सरकार के IEB और चीन विकास बैंक के बीच समझौता हुआ. यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और गुजरात में औद्योगिक पार्क बनाने को लेकर है. 
2. चीन के गुआंगदोंग और भारत के गुजरात के बीच ‘सिस्‍टर प्रोविंस’ (Sister Province) वाले रिश्‍ते कायम करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. 
3. ग्वांझाओ-अहमदाबाद नगर निगम के बीच ट्रेनिंग को लेकर समझौता. 
इन समझौता ज्ञापन के द्वारा गुजरात और चीन के बीच सेवा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ानी है.

दोस्तीकानयादौर
चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की यात्रा का जिस प्रकार से गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया. उससे तो यह स्पष्ट हो रहा है कि दोनों देश नए सिरे से दोस्ती का दौर शुरू करने जा रहे हैं.

दोनों देशों को एक दूसरे से काफी उम्मीदें हैं. दरअसल दोनों देश एक दूसरे की जरूरत बन गए हैं और ऐसे में देखना यह है कि दोनों किस तरह मिलकर आगे बढ़ पाते हैं? इससे इन्कार नहीं कि चीन आर्थिक रूप से एक बड़ी ताकत के रूप में उभरा है और उसके मुकाबले भारत कुछ पीछे दिखाई देता है, परन्तु यह भी एक सत्य तथ्य है कि एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में भारत को ही देखा जा रहा है. दोनों मिलकर विश्व की एक बड़ी शक्ति हो सकते हैं.

स्वयं चीन के साथ-साथ विश्व के बड़े देश भी यह मान रहे हैं कि भारत में एक बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में उभरने की प्रबल संभावनाएं हैं. यही कारण है कि विश्व के सभी प्रमुख देश भारत की ओर बड़ी उत्सुकता से देख रहे हैं और उससे अपने संबंध मजबूत करने को तत्पर हैं.

चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा एक ऐसे समय पर हो रही है जब उसकी आर्थिक प्रगति की गति स्थिर हो गई है और इसे गति देने के लिए उसे भारत में अनेक अवसर दिखाई दे रहे हैं. चीन अपने आर्थिक विकास की गति बढ़ाने के लिए भारत में निवेश करने को तैयार है तो भारत को भी विदेशी पूंजी निवेश की आवश्यकता है.आशंकाएंभीकमनहीं
इस अनुकूल स्थिति के बावजूद इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि चीन भारत की चिंताओं को समझने के लिए तैयार नहीं दिखाई देता.

चीन स्वयं तो भारत के पड़ोसी देशों में अपना आर्थिक प्रभुत्व बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, लेकिन वह भारत को अपने पड़ोसी देशों में आर्थिक तौर पर सक्रिय होते हुए नहीं देखना चाहता और इसका ताजा प्रमाण है वियतनाम के साथ तेल संबंधी समझौते का विरोध.

चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कोई विशेष इच्छुक दिखाई नहीं देता. वह जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को नत्थी वीजा देने के मामले में भी अड़ियल रवैया अपनाए हुए है. वह यह तो चाहता है कि ताइवान और तिब्बत के मामले में भारत चीन का साथ दे परन्तु उसे भारतीय हितों की कोई परवाह नहीं.

आर्थिक संबंधों को बल देते समय भारतीय नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन की ही न चलने पाए. मित्रता में लेन-देन दोनों होता है. यदि चीन कुछ मामलों में भारत से लचीले रवैये की अपेक्षा कर रहा है तो ऐसी ही अपेक्षा भारत को उससे भी है.

बेहतर हो कि चीन यह समझे कि इस अपेक्षा की पूर्ति से ही दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा मिल सकती है.

असम पुलिस के पूर्व महानिदेशक शंकर बरुआ का निधन

18-SEP-2014

असम पुलिस के पूर्व महानिदेशक शंकर बरुआ ने 17 सितंबर 2014 को आत्महत्या कर ली. उन्होंने गुवाहाटी में उजान बाजार स्थित अपने आवास पर .32 लाइसेंस रिवाल्वर से खुद को गाली मार ली.

उनकी आत्महत्या की खबर करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड मामले की जांच के दौरान सीबीआई द्वारा उनके निवास पर छापा मारे जाने के बाद सामने आई. सीबीआई ने 28 अगस्त 2014 को उनके घर पर छापा मारा था.

 

शंकर बरुआ 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और वह 31 जुलाई 2009 को असम के डीजीपी बने थे. उन्होंने जनवरी 2012 तक असम पुलिस के प्रमुख के रूप में राज्य की सेवा की.

चीन के राष्ट्रपति क्सी जिनपिंग ने ले यूचेंग को भारत में चीन का नया राजदूत नियुक्त किया

18-SEP-2014

चीनी राष्ट्रपति क्सी जिनपिंग ने 16 सितम्बर 2014 को भारत में चीन के नए राजदूत के रूप में ले यूचेंग को नियुक्त किया.

ले यूचेंग ने भारत में चीन के पूर्व राजदूत वी वी का स्थान लिया.

लेयूचेंग
•    ले यूचेंग जून 1963 में चीन के जिआंगसू प्रांत में पैदा हुए थे. 
•    ले यूचेंग ने वर्ष 1998-2001 के बीच संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के लिए सलाहकार के रूप में कार्य किया. 
•    ले यूचेंग ने वर्ष 2011-2013 के बीच चीन के विदेश मामलों के सहायक मंत्री के रूप में सेवा की. 
•    भारत के राजदूत के रूप में नियुक्ति से पहले वह कजाखस्तान में चीन के राजदूत थे.

असम पुलिस के पूर्व महानिदेशक शंकर बरुआ का निधन

18-SEP-2014

असम पुलिस के पूर्व महानिदेशक शंकर बरुआ ने 17 सितंबर 2014 को आत्महत्या कर ली. उन्होंने गुवाहाटी में उजान बाजार स्थित अपने आवास पर .32 लाइसेंस रिवाल्वर से खुद को गाली मार ली.

उनकी आत्महत्या की खबर करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड मामले की जांच के दौरान सीबीआई द्वारा उनके निवास पर छापा मारे जाने के बाद सामने आई. सीबीआई ने 28 अगस्त 2014 को उनके घर पर छापा मारा था.

शंकर बरुआ 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और वह 31 जुलाई 2009 को असम के डीजीपी बने थे. उन्होंने जनवरी 2012 तक असम पुलिस के प्रमुख के रूप में राज्य की सेवा की.

ललिता कुमारमंगलम राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त

18-SEP-2014

ललिता कुमारमंगलम को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कुमारमंगलम को एनसीडब्ल्यू का अध्यक्ष 17 सितंबर 2014 को नियुक्त किया. वह राष्ट्रीय महिला आयोग की आठवीं अध्यक्ष हैं.

नियुक्ति के समय, ललिता कुमारमंगलम भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य थी.

ललिताकुमारमंगलमकेबारेमें

  • ललिता 'प्रकृति' नाम का गैर सरकारी संगठन चलाती हैं. वह वर्ष 2004 और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव भी लड़ी लेकिन दोनों चुनावों में हार गई.
  • वह कम्युनिस्ट विचारक, राजनीतिज्ञ और ट्रेड यूनियन नेता मोहन कुमारमंगलम और कल्याणी मुखर्जी के यहां पैदा हुईं थीं.
  • वह सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में स्नातक और मद्रास विश्वविद्यालय से एमबीए है.

 

राष्ट्रीयमहिलाआयोगकेबारेमें
राष्ट्रीय महिला आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत जनवरी 1992 में एक सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था. राष्ट्रीय महिला आयोग ऐसी इकाई है जो शिकायत या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है.

राष्ट्रीयमहिलाआयोगकेकार्य
•    संविधान के तहत महिलाओं और महिलाओं के कानूनी सुरक्षा उपायों हेतु उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी मामलों की जांच, उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश, शिकायतों के निवारण की सुविधा और महिलाओं को प्रभावित सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह.
•    राष्ट्रीय महिला आयोग विशेष मुद्दों से निपटने के लिए विशेषज्ञ समितियों का गठन करता है जिसकी रिपोर्ट समय समय पर आयोग द्वारा मांगी जा सकती है.
•    राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, हिरासत में महिलाएं, विरोधी अरक आंदोलन, वेश्यावृत्ति, कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति, राजनीतिक और तकनीकी सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दें शामिल हैं.

चीन के चूंगचींग शहर में पहला मोबाइल फोन फुटपाथ लेन बनाया गया

मोबाइल फोन फुटपाथ लेन 15 सितंबर 2014 को बनाया गया. शहर के अधिकारियों ने पैदल चलने के दौरान फोन का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों और महिलाओं को यह 100 फुट का सेलफोन लेन समर्पित किया.

इस पहल का स्रोत वाशिंगटन संस्करण माना जा रहा था. जुलाई 2014 में, वाशिंगटन डीसी के 18 स्ट्रीट के फुटपाथ के एक हिस्से को पैदल चलने के दौरान अपना सेल फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए अलग से रंगा गया था जबकि दूसरा लेन तेज चलने वालों के लिए था. यह नेशनल जियोग्राफिक टेलीविजन के व्यवहार प्रयोग का हिस्सा था.

वर्ष 2013 में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला कि अमेरिका में विचलित पैदल चलने से होने वाली चोटों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. वर्ष 2005 में जहां यह 256 थी वहीं वर्ष 2010 में घायलों की संख्या बढ़कर 1506 हो गई.

अन्यसमाधान

  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने परिसर के आसपास चेतावनी पोस्टर लगाया है.
  • वर्ष 2012 में, यूटा ट्रांजिस अथॉरिटी ने विचलित पैदल चलने वालों पर 50 डॉलर का भारी जुर्माना लगाया.
  • इसके अलावा, कुछ अधिकारियों ने निष्क्रिय आक्रामक प्रतिरोध आंदोलन की तर्ज पर ठीक से व्यवहार करने के घटक के तौर पर एक अभियान का प्रस्ताव दिया.

 

रश्मि कुमारी ने कैरम विश्व कप चैंपियनशिप में महिला एकल का खिताब जीता

18-SEP-2014

भारतीय कैरम खिलाड़ी रश्मि कुमारी ने मालदीव में आयोजित कैरम विश्व कप चैंपियनशिप में 16 सितंबर 2014 को महिला एकल का खिताब जीता. रश्मि मूल रूप से पटना (बिहार) की रहने वाली हैं.

महिला एकल के फाइनल मुकाबले में रश्मि ने हमवतन कविता सोमांची को सीधे सेटों में 25-17, 25-22 से हरा कर तीसरी बार कैरम विश्व कप खिताब जीता. टूर्नामेंट की सबसे युवा खिलाड़ी काजल कुमारी ने जयश्री को हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया. इससे पहले रश्मि न

सेमीफाइनल में काजल को 25-0, 11-25, 25-14 से हराया. जबकि क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की एल चलानी को दो सेटों में पराजित किया.


गिलाद ने भारतीय दवा कंपनियों को सोफोस्बूवीर का जेनेटिक संस्करण बनाने के लिए स्वैच्छिक लाइसेंस दिया

18-SEP-2014

गिलाद ने भारतीय दवा कंपनियों को हेपिटाइटिस सी की दवा सोफोस्बूवीर का जेनरिक संस्करण बनाने के लिए स्वैच्छिक लाइसेंस 16 सितंबर 2014 को प्रदान किया. सोफोस्बूवीर दवा का पेंटेट अमेरिका के इस दवा कंपनी गिलाद के ही पास है.

 

इसके अलावा, गिलाद ने वंडर ड्रग (आश्यर्यजनक दवा) सोफोस्बूवीर के 24 सप्ताह के कोर्स को अमेरिका के 50.4 लाख रूपयों की तुलना में भारत में सिर्फ 1.1 लाख रूपये में उपलब्ध कराने का भी फैसला किया है.

समझौते के अनुसार, भारत की सात कंपनियों को इस सस्ती दवा को 91 विकासशील देशों में बेचने की अनुमति दी जानी है, लेकिन इन भारतीय कंपनियों को ब्राजील, रूस, चीन, थाईलैंड और कई अन्य मध्यम– आय (मिडिल–इनकम) वाले देशों में सोफोस्बूवीर को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
वे सात भारतीय दवा कंपनियां जिन्हें स्वैच्छिक लाइसेंस दिया गया है, वे हैं– कैंडिला हेल्थकेयर, हेट्रो लैब्स, मयलान लैबोरेटरीज, रैनबैक्सी लैबोरेटरीज, सीक्वेंट साइंटिफिक और स्ट्राइड्स एक्रोलैब.

इन कंपनियों को सोफोस्बूवीर के जेनरिक संस्करण और उससे संबंधित एक दवा को विकसित कर उसे 91 विकासशील देशों में बेचने का अधिकार होगा. 
इन कंपनियों को स्वैच्छिक लाइसेंस दिए जाने से इनके बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिसकी वजह से सोफोस्बूवीर के जेनरिक संस्करण की कीमत कम होगी और इस प्रकार विश्व स्तर पर रोगियों के बीच इसकी बेहतर पहुंच बनाने में भी मदद मिलेगी. 

टिप्पणी
हालांकि यह सौदा भारत के लिए फायदेमंद रहेगा क्योंकि करीब 18.2 मिलियन लोगों के हेपिटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित होने का अनुमान है. हालांकि, 29.8 मिलियन एचसीवी संक्रमित लोगों के साथ चीन पहले स्थान पर है. ब्राजील और यूक्रेन में क्रमशः 2.6 मिलियन और 1.9 मिलियन एचसीवी संक्रमित लोग हैं, लेकिन इन्हें व्यावसायिक बाजार मानते हुए दायरे से बाहर रखा गया है. 

थाइलैंड, मलेशिया, पेरु, अर्जेंटीना, इक्वाडोर और कोलंबिया जैसे कई अन्य देश हैं जहां एचसीवी से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन उन्हें भी समझौते के दायरे से बाहर रखा गया है.

समझौते में आमतौर पर गरीब देशों को शामिल किया गया है जहां संक्रमित लोगों की संख्या इतनी अधिक नहीं है. चूंकि ये देश पेटेंट प्रणाली का बोझ वहन नहीं कर सकते इसलिए इन्हें पेटेंट के दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है.

हेपिटाइटिससीकेबारेमें
• हेपिटाइटिस सी यकृत (लीवर) की एक बीमारी है जो हेपिटाइटिस सी वायरस की वजह से होती है. यह वायरस घातक और स्थायी संक्रमण दे सकता है जिसकी वजह से कुछ सप्ताह तक चलने वाली मामूली बीमारी से लेकर जीवन भर का गंभीर रोग हो सकता है. 
• हेपिटाइटिस सी वायरस रक्त जनित वायरस होता है और यह आमतौर पर असुरक्षित इंजेक्शन, कुछ अस्पतालों में चिकित्सीय उपकरणों की अपर्याप्त रोगाणुनाशन और खुले (अनस्क्रीन्ड ब्लड) रक्त और रक्त उत्पाद की वजह से फैलता है.
• विश्व भर में 130– 150 मिलियन लोगों को स्थायी (क्रोनिक) हेपिटाइटिस सी का संक्रमण है.
• इनमें से पुराने हेपिटाइटिस सी से संक्रमित लोगों में लीवर सिरोसिस या लीवर कैंसर विकसित होने की संभावना प्रबल होती है.
• हर वर्ष हेपिटाइटिस सी– संबंधित लीवर की बीमारी से 350, 000 से 500,000 लोगों की मौत हो जाती है.
• वायरस रोधी दवाएं (एंटीवायरल मेडिसिन्स) हेपिटाइटिस सी के संक्रमण का इलाज कर सकती हैं लेकिन रोग के निदान और उपचार तक पहुंच कम है. 
• वायरस रोधी उपचार की सफलता दर 50–90% है जो कि इस बात पर निर्भर है कि किस प्रकार का उपचार कराया जा रहा है और इससे लीवर कैंसर और सिरोसिस के विकास को कम करने में भी मदद करते पाया गया है.
• फिलहाल हेपिटाइटिस सी के लिए कोई वैक्सीन (टीका) नहीं है हालांकि इस क्षेत्र में अनुसंधान चल रहा है.

 

काठमांडू में सार्क देशों के गृह मंत्रियों का सम्मेलन प्रारंभ

17-SEP-2014

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानी सार्क देशों के गृह मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक 17 सितंबर 2014 से नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुरू हुई. 17 सितंबर 2014 से 19 सितंबर 2014 तक चलने वाली इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह हिस्सा लेंगे. बैठक में आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा, पाइरेसी, ड्रग और मादक पदार्थो की तस्करी के अलावा साइबर क्राइम और मानव तस्करी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. सार्क देशों का यह छठा सम्मेलन है, जिसमें भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.

विदित हो कि सार्क का पिछला सम्मेलन वर्ष 2012 में मालदीव में आयोजित किया गया था.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात सरकार की गरीब हितकारी पहल ‘स्वावलंबन’ अभियान का शुभारंभ किया

17-SEP-2014

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2014 को गांधीनगर (गुजरात) के महात्मा मंदिर में गुजरात सरकार की 11 नई गरीब हितकारी पहलों ‘स्वावलंबन’ अभियान का शुभारंभ किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने श्रमयोगियों, खासतौर पर महिलाओं और युवाओं के लाभ के लिए गरीब हितकारी पहलों की शुरूआत की है, ताकि वे गरीबी से लड़ने में सक्षम हो सकें. इसे ‘श्रमेव जयते’ की भावना के साथ अपनाना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में महिलाएं पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में आगे हैं. उन्हें इस योजना के माध्यम से लाभांवित और सशक्त बनाया जाएगा.

स्वावलंबनअभियानसेजुड़ेमुख्यतथ्य

  • जनजातीय समुदाय की पशुपालक महिलाओं हेतु दुधारू पशु और उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता.
  • महिलाओं की सहायता हेतु गठित सहकारी समितियों के लिए भूमि का मुफ्त आवंटन की व्यवस्था.
  • कम आय वाले परिवारों के लिए माँ वात्सल्य स्वास्थ्य योजना.
  • निर्माण मजदूरों के लिए स्वास्थ्य देखभाल के लिए वित्तीय सहायता कि घोषणा.
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय युवा उद्यमिता योजना की घोषणा.
  • आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं हेतु स्वरोजगार ऋण पर ब्याज सब्सिडी योजना.
  • निर्माण श्रमिकों के लिए श्री नानाजी देशमुख आवास योजना.
  • रोजगार सरलीकरण और विस्तार सेवाओं के लिए एक नया शीर्ष संगठन के गठन कि योजना.

 

विदित हो कि गुजरात सरकार की गरीब हितकारी पहल ‘स्वावलंबन’ अभियान का मुख्य उद्देश्य छोटे- छोटे कारोबार शुरू करने हेतु राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद देकर, राज्य में रोजगार को बढ़ाना है, जिससे राज्य के लोगों में आर्थिक-स्वावलंबन कि स्थिति आ सके. इस अभियान का मुख्य जोर गरीब महिलाओं पर है.

16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया गया

16 सितंबरःअंतरराष्ट्रीयओजोनपरतसंरक्षणदिवस

अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस 16 सितंबर 2014 को मनाया गया. वर्ष 1987 में आज के ही दिन ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया गया था. वर्ष 2014 का विषय रहा– ओजोन लेयर प्रोटेक्शनः द मिशन गोज ऑन (Ozone Layer Protection: The Mission Goes On).

इस दिन संयुक्त राष्ट्र ने प्रोटोकॉल के उद्देश्यों और उसके संशोधनों के मुताबिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपना एक दिन समर्पित करने हेतु विश्व के देशों को आमंत्रित किया.

अंतरराष्ट्रीयओजोनपरतसंरक्षणदिवस
वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की. इसके तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल  के अनुसार ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से कम करने के लिए कदम उठाए जाते हैं. इन कदमों ने ओजोन परत के संरक्षण में मदद की है और परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं को भी कम करने में मदद की है. ओजोन की परत को क्षति पहुंचाने वाली गैसें हैं– क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, हैलोन्स, कार्बनटेट्राक्लोराइड.

ओजोनपरतकेबारेमें
ओजोन परत गैस की एक कमजोर कवच है जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है. यह परत इस ग्रह के जीवों के जीवन की रक्षा करने में मदद करती है. यह पृथ्वी पर हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पहुंचने से रोक कर मनुष्यों के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करता है.

ओजोन परत में वायुमंडल के अन्य हिस्सों के मुकाबले ओजोन (O3) की उच्च सांद्रता होती है, हालांकि अभी भी यह समतापमंडल में मौजूद अन्य गैसों के मुकाबले बेहद कम है. यह परत मुख्य तौर से समताप मंडल के निचले हिस्से में पृथ्वी से 20 से 30 किलोमीटर की उंचाई पर पाई जाती है. परत की मोटाई मौसम और भूगोल के हिसाब से अलग– अलग होती है.

ओजोन परत की खोज फ्रांस के भौतिकविद चार्ल्स फैबरी औऱ हेनरी बूइसा ने वर्ष 1913 में की थी. हालांकि, इसके गुणों को विस्तार से ब्रिटिश मौसम विज्ञानी जीएमबी डोबसन ने पता लगाया. डोबसन ने एक साधारण स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (द डोबसनमीटर) विकसित किया जिसका प्रयोग धरती से समताप मंडल में मौजूद ओजोन को मापने में किया जा सकता था. वर्ष 1928 से 1958 के दौरान डोबसन ने ओजोन निगरानी स्टेशनों का विश्वभर में नेटवर्क स्थापित किया जो आज भी काम कर रहे हैं. मौजूद ओजोन की मात्रा को मापने की सुविधाजनक इकाई – डोबसन यूनिट, का नाम उनके सम्मान में ही रखा गया था.

 

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील संरक्षण पर नोटिस जारी किया

15-SEP-2014

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को दलदल भूमि/झील के संरक्षण और उसपर निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने का नोटिस 10 सितंबर 2014 को जारी किया. यह नोटिस प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने एमके बालाकृष्णन द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के बाद दिया था.

 


याचिका में कहा गया था कि भारत की एक तिहाई दलदल भूमि/झील खत्म हो चुकी है जिसमें से 38 फीसदी पिछले दस वर्षों में कम हुई है.

उसमें यह भी कहा गया था कि हर एक राज्य जिसमें बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात और केरल भी शामिल हैं, में, बड़े पैमाने पर विकास कार्यों, कचरों को फेंकने और संरक्षण की कमी ने भारत के कई बेहतरीन दलदल भूमि/ झीलों (वेटलैंड्स) पर खतरा पैदा कर दिया है.

दलदलभूमिझीलोंकेबारेमें
दलदल भूमि/ झीलों की परिभाषा – यह स्थलीय एवं जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच की संक्रमणकालीन भूमि है जहां पानी का स्तर आमतौर पर सतह या उसके करीब होता है या जमीन उथले पानी से भरी होती है. 

दलदल भूमि/ झीलों पर संधि 1 फरवरी 1982 को प्रभाव में आई. फिलहाल भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व वाली 26 दलदल भूमि/ झीलें हैं जिसके सतह का क्षेत्रफल 689131 हेक्टेयर है. 

स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में दलदल भूमि/ झीलें कई तरीकों  जैसे गर्मी के दिनों में वे जमीन की नमी बनाए रखती है औऱ बाढ़ के समय ये पानी को कम करने और मिट्टी को अपने पास रोकर जमीन में पोषक तत्वों को बढ़ाती है.

 

1846 नॉर्थवेस्ट पैसेज अभियान दल का जहाज कनाडा के आर्कटिक में पाया गया

13-SEP-2014

सर जॉन फ्रैंक्लिन का अभिशप्त 1846 नॉर्थवेस्ट पैसेज एक्सपीडीशन शिप (अभियान दल का जहाज) कनाडा के आर्कटिक में मिला. यह जहाज तस्मानिया के पूर्व गवर्नर सर जॉन फ्रैंक्लिन का था.

यह जहाज उन दो जहाजों में से था जो नॉर्थवेस्ट पैसेज एक्सपीडीशन (अभियान) के दौरान गुम हो गया था. जो जहाज थे एचएमएस एरिबस और एमएमएस टेरर.

 

पार्क्स कनाडा की सोनार छवियों से जहाज के अवशेषों का पता चला है. पानी के भीतर के वीडियो में समुद्र के तले में मलबा नजर आ रहा है.

हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मलबा दो जहाजों में से किस जहाज का है.

पृष्ठभूमि

सर जॉन फ्रैंकलिन एचएमएस एरिबस और एचएमएस टेरर नाम के दो जहाजों  के मालिक थे. ये दोनों जहाज नॉर्थवेस्ट पैसेज– एक समुद्री रास्ता जो आर्कटिक के जरिए अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ता है, की खोज के दौरान गुम हो गए थे.

फ्रैंक्लिन और कैप्टन फ्रांसिस कोजियर के कमांड में ये दोनों जहाज 19 मई 1845 को नॉर्थवेस्ट पैसेज की तलाश में इंग्लैंड से रवाना हुए थे. जहाज पर कुल 134 लोग सवार थे.

तब से, फ्रैंकलिन अभियान की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी. हालांकि, 1859 में फ्रैंकलिन की विधवा लेडी जेन फ्रैंक्लिन के पास किंग विलियम द्वीप पर एक संदेश आया था.

संदेश में लिखा था कि फ्रैंकलिन और चालक दल के 23 सदस्यों की मौत 11 जून 1847 को कुछ अनिश्चित हालात में हो गई. 22 अप्रैल 1848 को, जीवित बचे 105 लोगों ने ठोस जमीन तक पहुंचने के लिए जहाज छोड़ दिया लेकिन उनमें से एक भी जिवित नहीं बच सका. इसके बाद सभी नाविकों की मृत्यु हो गई. दो जहाज अंततः बर्फ से घिर गए.

सरजॉनफ्रैंकलिन

•    सर जॉन फ्रैंकलिन एक शाही नौसेना अधिकारी थे.

•    1837 से पहले उन्होंने कई आर्कटिक खोज अभियान संचालित किए थे.

•    1837 में, वे वान डाइमेन की जमीन के लेफ्टिनेंट गवर्नर बने, जिसे अब तस्मानिया के नाम से जाना जाता है. वहां उन्होंने 1843 तक अपनी सेवाएं दीं.

•    देश के फ्रैंक्लिन नदी का नाम उनके नाम पर  ही रखा गया है.

•    फ्रैंक्लिन के जहाज कनाडा के इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्सा थे. उन्होंने करीब 200 वर्ष पहले अपने खोजी अभियानों के जरिए कनाडा के आर्कटित संप्रभुता की नींव रखी थी.



मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कृति प्रदर्शनी 2014 का उद्घाटन किया

12-SEP-2014

कृति प्रदर्शनी 2014: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस-2014 समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 6 सितंबर 2014 को कृति प्रदर्शनी 2014 का उद्घाटन किया. यह प्रदर्शनी नई दिल्ली स्थित दिल्ली हाट में 6 सितंबर से 8 सितंबर 2014 तक जनता के लिए खुला था.

इस प्रदर्शनी का आयोजन 8 सितंबर को 2014 को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2014 समारोह के भाग के रूप में आयोजित किया गया. वर्ष 2014 का विषय “साक्षरता और सतत विकास” था. भारत के विभिन्न हिस्सों से 250 जेएसएस ने प्रदर्शनी में भाग लिया. उनमें से कुछ ने अपने लाभार्थियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया.